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धीरे से तू जो हमारा भारत देश है उसके अंदर काफी सारी ऐसी परंपराएं हैं काफी सारी ऐसी अजीबोगरीब परंपरा है जिसका हमें समझ नहीं आता यह करते ही क्यों है पर सबसे ज्यादा जो अजीब परंपरा मुझे लगती है वह फाइल फॉकिंग जो की विधि के नाम से भी जानी जाती है और यह परंपरा होती है तमिलनाडु में सबसे पहले तो यह होता है कि जो नीचे आग पर इसमें चलना होता है और यह परंपरा महाभारत से ली गई है और यह थी मेरी जो है एक परंपरा यह सेलिब्रेट करती है मैं रात 3:30 बजे के लिए एक फेस्टिवल है जो कि महाभारत में द्रोपती के बारे में फेस्टिवल सेलिब्रेट होता है जो कि पांडे वॉइस की फाइट थी हुआ क्या था कि जो भी जो भी कुरुक्षेत्र की जो बैठे हुए थे उसके बाद प्रॉपर्टी इन वो किया था एक फायर के बेड पर और उसके बाद वह प्रीति एक प्यार के रूप में तो फिर tv थी इसी कारण मनाया जाता है और यदि तमिलनाडु श्रीलंका सिंगापुर एंड साउथ अफ्रीका तक सीमित है
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देखिए वैसे तो मुझे यह लगता ही है कि भारत के अन्दर जितनी परंपराएं हैं वे बहुत सोच समझकर और उनके पीछे कोई ना कोई वजह जरूर है| जैसे कि अगर हम देखें करवा चौथ के व्रत से लेकर दिवाली तक जितनी भी परंपराएं हम मनाते है जितने भी त्यौहार हम मनाते हैं उनके पीछे कोई ना कोई वजह जरूर होती है| पर एक परंपरा जो देखी गई है वह मैंने यह देखी कि होली पर डंडे से मारते हैं लोग| तो मुझे समझ नहीं आता कि होली पर डंडे से मारने से क्या होता है? तो यह परंपरा मुझे थोड़ी विचित्र लगी, और मुझे यह पसंद नहीं आई| और देखा गया कि काफी लोग घायल भी होते हैं इस मार पिट से होली पर| फिर वंही पर एक और परंपरा का मैंने जीकर सुना है कि बच्चों को जो न्यू बोर्न बेबीज होते हैं उनको 50 फीट ऊपर से टॉस करके फैका जाता है और यह इसलिए किया जाता है ताकि उनकी उम्र बढे| तो मुझे यह भी नहीं समझ में आया कि फैकने से उम्र कैसे बढ़ सकती है बच्चों की? तो कुछ ऐसी चीजें है जिनके पीछे का लॉजिक मुझे तो नहीं समझ में आया| मुझे ऐसा लगता है कि इससे नुकसान ही हो रहा है तो इन परंपराओं के बारे में थोड़ा सोचना चाहिए| और मुझे लगता है कि अगर यह परंपराएं बंद हो जाएंगी तो ज्यादा अच्छा होगा क्योंकि यह परंपराओं से फायदा नहीं नुकसान ही दिख रहा है|
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हमारे देश में अगर अजीब परंपरा में से हमके ने यह जो परंपरा है यह बहुत अजीब होगी जो कि बारिश होने के लिए भगवान को खुश करने के लिए कि नहीं कि नहीं जगहों पर जो है जानवरों की शादी करवाई जाती है जी हां जैसे की हम ले ले आसाम और महाराष्ट्र जैसे जगह में बारिश के जो भगवान है देवता हैं उन्हें खुश करने के लिए मेंढक को की फ्रॉक की शादी करवाई जाती है और कर्नाटका में गधों की का शादी करवाई जाती है तो कुछ कुछ जगह पर ऐसी है कि जो है कुत्तों की भी शादी कराई जाती है ताकि बारिश की जो भगवान ने देवता है वह खुश हो और बारिश अच्छे से हो उसकी वजह से जिसकी वजह से खेती वगैरा मैं कोई इफेक्ट ना आए और लाइवलीहुड में कोई जो है नेगेटिव इफेक्ट ना आए
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दिव्या हमारे देश में बहुत सारी मस्ती तू कुछ ऐसा है कि अगर उनके पैरों में होते हैं उस लड़की को होता है एक बार तू वहां पर भेज देते हैं वहां पर हमारे यहां पर
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हमारे देश की जो सबसे अजीबोगरीब परंपरा है वह यह है कि जब हमारे यहां पर शादी होती है तो शादी के अंदर लड़कियों को कन्यादान किया जाता है और मां-बाप कन्यादान करते हैं और उसके पीछे जो 123 की कैसी लगती है कि कन्या जो है वह पराया धन होती है और पराया धन का मतलब है की प्रॉपर्टी है तो यह मैं समझता हूं कि बड़ी अजीबोगरीब परंपरा है कि हम अपने लड़कों को लड़कियों को बिल्कुल अलग तरीके से बड़ा करते हैं और लड़कियों को एक प्रॉपर्टी की तरह है या एक वस्तु की तरह उसको देख देख चुकी लड़के जो है हम उसको अपना मानते हैं और इसलिए लड़कियों को हमें पराया धन मानते हुए उसको हमें तरीके से दान कर देते हैं शादी के दौरान तो मैं समझता हूं यह बड़ी एक अजीबोगरीब परंपरा है जो कि हमारे देश में चली आ रही है और इस परंपरा को हमें किसी तरीके से उसको खत्म करने की जरूरत है क्योंकि लड़कियों को भी जो है वही सम्मान मिलना चाहिए जो कि लड़कों को मिलता है
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भीगी हमारे देश में जो कुछ अजीब परंपरा है जिनमें से कई सारे अजीब परंपराएं अगर हमसे कोई एक अजीब परंपरा बताए तो बच्चे को उछालना अगर हम और सोलापुर की बात करें जो कि महाराष्ट्र में आता है वह आपके पास जितने भी मां-बाप जो है वह मुझसे और उनके बच्चों को जो है 50 फुट टावर से बने और टॉस करते होने उछालते हैं और जो बच्चे होते हैं वह एक हीट में उन्हें पाया जाता है उनको देखने के बाद जो कि बाकी सारे गांव के लोग जो है उन्हें जमीन पर लगाए रखते हैं जो जितने भी मां बाप अपने बच्चों को फिर देखते हैं वह यह उनका यह मानना है कि इससे जो है उनके बच्चों को एकदम अच्छी और लंबी सेहत और जिंदगी मिलेगी और यह जो है यह ज्यादातर भारतीय मुस्लिम फैमिली भी करती है और कुछ हिंदू फैमिली भी करती है सिर्फ यही नहीं अगर हम और एक चीज की बात करें तो जिस प्रकार से जूता चुराई रसम जो होता है जो की बहुत सारी शादियों में होता है कि हम तो लेकर जो है जूते चुरा लेते हैं शादी के पहले और जो है उसे कुछ पैसे देने पड़ते हो जूते लेने के लिए तो यह खाना कहां पर पाया जाता है सिर्फ वही नहीं थी का गवार जो कि एक हफ्ते भेजो कि जोधपुर में बनाया जाता है चाहे जो लिख ली मतलब हम कह सकते हैं उसमें उम्र साइड होता है भगवान शिव का आशीर्वाद ही नहीं अगर मर भी चीज बात करें तो किस प्रकार से आ जाओ अगर हम कोई भी नई गाड़ी लेते हैं तो उसकी पूजा करते हैं नारियल फोड़ते हैं या फिर उस पर टिका लगाते और लिंबु लिंबु लगाते हैं तो यह सारी जो देश में हमारी अजीब परंपरा है
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हमारे देश की कुछ अजीब परंपराओं की बात करें तो सबसे पहली परंपरा तो यह है कि हम कोई भी अगर दलित है कोई भी अगर SC ST OBC है तो हम उसको गरीब मानते हैं उसको हम आज फिर मानते हैं और इस लिहाज से हम उसको वह सारी सुविधाएं देते हैं जो कि मतलब कुछ एक्स्ट्रा सुविधाएं देते हैं हर जगह हर दो हमें कैसे तय कर सकते हैं कि अगर SC ST OBC वर्ग का व्यक्ति है तो वह गरीब वालों के साथ बहुत बड़ा धोखेबाज है क्योंकि वह व्यक्ति जो कि पर बने किसी पद के लिए पोस्ट के लिए मैं क्या मेडिकल की सीट के लिए इंजीनियरिंग सीट के लिए कुछ भी हासिल नहीं हो पा रही है और जो व्यक्ति बिल्कुल बेकार है जो किसी लायक नहीं है क्योंकि केवल को एससी एसटी ओबीसी वर्ग का है तो कोटे के तहत उसे सीट मिल जाती है तो सबसे अलग परंपरा हमारे देश में आरक्षण की पहली दूसरी चीज सबसे खराब चीज हमारे देश में राजनीति तो है ही खराब थी लेकिन प्रतिज्ञा करना एक चीज की बात करूंगा उसमें जो जिस पर आरोप लगा हुआ है दागी उम्मीदवार है उसको भी टिकट मिल जाता है चाहे किसी भी पार्टी का हो तो होना चाहिए कि जिस पर भी आरोप लगाया जाए साबित हुआ नहीं हुआ जब तक आरोप साबित नहीं हो जाता है या अभी कसूर को टिकट नहीं मिल सकता किसी भी पार्टी दूसरी तीसरी सबसे गलत परंपरा है कि अगर कोई आरोप साबित हुआ है तो केस साबित होते होते 10 साल लग जाते तब तक सबूत मिल जाते हैं गोगामेडी आते हैं और 10:00 20 साल के सजा होने के बाद फायदा भी क्या है कहीं जाना तो बेकसूर साबित बहुत गलत परंपरा है
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