चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
कभी बढ़िया रणनीति थी और वह 5152 गंदे इसलिए खेल नहीं पड़ी पुजारा को क्योंकि उस पथ पर लूट कॉल का इंतजार कर रहा था आपको रन बनाने के लिए जो भी बात में रन बनाने के लिए गया वह आउट हो गया तो वैसे मैं पुजारा खराब गेंद का इंतजार कर रहे थे और वह खराब गेंद आते आते बहुत समय लग गया लेकिन उन्होंने आरोप रेस्टोरेंट का जो प्रदर्शन किया वह काबिले तारीफ था और वैसा मतलब बहुत कम ही आपको देखने को मिलता है आजकल T20 क्रिकेट के जमाने में कोई इतनी गंदे खेल रहे और घना बनाए बहुत ज्यादा मुश्किल है रंग बनाना आज के जमाने में रंगना बनाने से पहले से खेलने का जहां तक प्रश्न है कहीं मुश्किल नजर आता है तो मतलब अंजलि बल था वह मेरे हिसाब से टेस्ट क्रिकेट वही है 4 दिन में मैच फिर भी खत्म हो गया तो पुजारा की झोपड़ी थी इसलिए उनको पता था कि उस टेस्ट मैच में समय कोई फायदा नहीं है और उन्होंने उस हिसाब से चैटिंग की बहुत मजा आया मुझे
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वह बेहद अच्छा खेलता मतलब मैं उस मैच में उस वक्त मैं लाइव कमेंट्री करें कि मुझे याद है क्यों ने 51 गेंद खेलने के बाद अपना एक रन बनाया और जिस तरह से फ्रूट उन्होंने 51 गेंद खेली आप यकीन मानिए आज कल की क्रिकेट में आपको इस तरह का पेशेंट देखने को इस तरह टेंपरामेंट देखने को नहीं मिलेगा वह क्लास क्रिकेट टाइम मैं कहूंगी कि मैंने अपनी लाइफ में इतना क्लास क्रिकेट नहीं देखा हो जिससे शैली का वो खिलाडी है और दूसरे खिलाड़ी आज कल हमने क्रिकेट में देखे हैं और मुझे नहीं लगता कोई भी इतना टाइम पेमेंट अपना दिखा सकता है मेरे सामने की बात है और पुजारा जिस तरह से खेल जाते बहुत सही रणनीति थी उस वक्त हमें जरूरत थी वैसे खेल की एक बात मैं जरूर कहूंगी कि उस मैच में हमें जरूरत थी एक बड़ी पारी कि आपने क्या 1 गेंद खेली थी और आपने 1 रन भी नहीं बनाया था उसके बाद हमें जरूरत थी कि आप आ करके थोड़ी रन बनाते और एक बड़ी पारियों की हम पूजा का सही की उम्मीद रख सकते हैं लेकिन तू जा रहा था हालांकि वह पूरा नहीं कर पाए लेकिन उनकी क्या बना कर कमरे में जो किया वह मेरी लाइफ का बेस्ट था मैंने इतनी अच्छी बल्लेबाजी कभी नहीं देखी आपने सामने लाइव मैच में इस तरह से जब कोई और कि वह पिक इतनी खतरनाक थी हम सबके सामने की बातें जोहानसबर्ग की पिच की जरूरत थी उस वक्त भारत को कटिंग करके ले वरना हम वह आसानी से गवा सकते थे लेकिन देखी आखिरकार उसका रिजल्ट क्या निकला कि भारत और खेलकूद जीत जाता है भारत उस गेम को जीत जाता है तो वह मुझे लगता है कि टर्निंग पॉइंट पुजारा की वहीं रानी थी थी उनका वही टैलेंट है दोनों ने दिखाई थी अगर उस परथम जल्दी विकेट खो देते तो 247 आंसर नहीं बना पाते तो यह जरूरी था और वह हुआ सही रणनीति बिल्कुल सही रणनीति थी उसमें कोई बदलाव की जरूरत नहीं थी डिफेंस बुखार के लिए बहुत समय था अब आराम से गिरने लिए और परेशान किया सामने के गेंदबाजों को बिल्कुल राहुल द्रविड़
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दक्षिण अफ्रीका में हो रहे तीसरे टेस्ट मैच में जब चेतेश्वर पुजारा बल्लेबाजी कर रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि वह वहां पर रन बनाने की इच्छा को कर आए हैं ऐसा लग रहा था कि वह बस टाइम निकालने की कोशिश कर रहे हैं अपने विकेट को बचाने की कोशिश कर रहे हैं जो एक तरीके से सही भी था लेकिन इतना ज्यादा डिफेंसिव होना भी मेरे मुताबिक ठीक नहीं है क्योंकि आप अपने विकेट को अगर बचा कर रखते हैं और रन नहीं बनाते हैं तो यह टीम को कहीं से भी फायदा नहीं पहुंचाएगा हालांकि उन्होंने बाद में अच्छी बैटिंग की और रंग भी बनाए लेकिन सबसे पहला रन बनाने में उन्होंने 54 बॉल खेल लिए और सभी लोग काफी हंस भी रहे थे उनके इस प्रदर्शन पर कि उन्होंने इतना स्लो कैसे खेला 53 बोलूं तब तो उन्होंने एक भी रन नहीं बनाया और जो 54वां बॉल उन्होंने खेला उस पर उन्होंने रन लिया तो मेरे मुताबिक सही स्ट्राइक ऑफिस सही रणनीति होनी चाहिए थी कि चेतेश्वर पुजारा को शुरू से ही थोड़े रन बनाने की कोशिश करनी चाहिए थी ऐसा नहीं कि काफी अटैकिंग चलते लेकिन इतना ज्यादा डिफेंसिव खेलना भी सही नहीं है और अगर वह थोड़ी अटैकिंग खेलते जैसे शुरू में ही रन बनाते हो तो जो खराब गंध आ रही थी उन पर रन बनाते तो हो सकता है कि वह और ज्यादा रन बना सकते हैं और भारत की जो टोटल रंस थे उसमें और ज्यादा कंट्रीब्यूट कर पाते तो मेरे मुताबिक किसी भी बल्लेबाज को बहुत ज्यादा डिफेंसिव खेलने की कोई जरूरत नहीं है और उन्हें ज्यादा गंदी बर्बाद किए बिना थोड़े रन बनाते रहना चाहिए जिससे कि स्कोरबोर्ड आगे बढ़ता रहे
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