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क्या महात्मा गांधी हमारे स्वतंत्रता संग्राम सफल होने का असली कारण थे नहीं महात्मा गांधी हमारे स्वतंत्रता संग्राम सफल होने के असली कारण नहीं थे हां वह भी एक कारण थे स्वतंत्रता के लिए लेकिन इसमें असली नकली नहीं था क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम में बहुत से लोगों ने अपना अपना योगदान दिया है क्या वह सुभाष चंद्र बोस भगत सिंह हो महात्मा गांधी हो चंद्रशेखर जी बहुत से क्रांतिकारियों और बहुत से नेताओं ने लाला लाजपत राय बगैर उन्होंने अपने योगदान किया और किसी का योगदान छोटा नहीं था किसी का बड़ा नेता हां वह बात अलग है किसी को ज्यादा फेम मिला किसी को कम पर मिला लेकिन योगदान सबका ही बराबर था अकेले गांधी जी की वजह से कभी हम लोग को आजादी ना मिल पाती नहीं अकेले भगत सिंह की वजह से हम लोग आजादी मिल पाती सबका कुछ ना कुछ ही लोग कंट्रीब्यूशन था ही इसलिए कौन बड़ा है कौन छोटा यह इंपोर्टेंट नहीं है इंपॉर्टेंट यह है कि सब ने मिलकर देश को स्वतंत्र कराया है
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क्या महात्मा गांधी हमारी स्वतंत्रता संग्राम सफल होने का असली कारण जी ने स्वतंत्रता आंदोलन करने वाले महात्मा गांधी अकेले नहीं बहुत तेज नेता अखिल भारतीय कांग्रेस में थे यह सब नरम दल के नेता थे और गरम दल के नेता सुभाष चंद्र बोस इन उन्होंने आजाद हिंद फौज बनाई जो फौज में इतने सारे सेनानी दाखिल हो गए थे कि भारत सरकार को डर लगा था कि कहीं हमें यहां से हार कर भागना ना पड़े इसलिए उन्होंने महात्मा गांधी को हीरो बनाया और उनसे उनको सारी क्रेडिट थी और उनको फिर बाद में हम लोगों ने भी हीरो बना दिया क्योंकि वह राष्ट्रपिता उनको पदवी दे दी और आज भी उन्हीं का नाम लेकर सब राजनेता लोग शासन चला रहे हैं सब लोग कहते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी बहुत अच्छे थे और यह वह तो फिर उनकी हत्या क्यों हुई कहीं ना कहीं और संतोष को के सीमित था भारत और पाकिस्तान बनने का मेन कारण तो महात्मा गांधी से कौन सा नहीं कर सकता एक देश का विभाजन करने में कितने लाखों लोग के अध्याय हो कि लाखों बलात्कार हुए थे चारों तरफ मारकाट हुई थी इसके जिम्मेदार तो महात्मा गांधी खुद ही उसी से व्यथित होकर नाथूराम गोडसे ने उनको गोली मारी थी इसलिए अत्याचार हमको सही नहीं कर सकते थे नाथूराम को सही किया लेकिन असंतोष बहुत था लोगों में महात्मा गांधी जी के प्रति और हमें स्कूल में किताब में यही पढ़ाई गया कि महात्मा गांधी जी के कारण ही आजादी सिर्फ महात्मा गांधी जी के कारण नहीं मिली लेकिन सब अनामी और नामी नेता और कार्यकर्ता और जनता उस समय की जिसमें एक-एक नागरिक के मन में आजादी की आज तक रही थी और इसलिए वह सब अपना बलिदान देते गए और चाहे उनके साथ खुदीराम बोस बहुत लोग ने अपने प्राणों की आहुति दी है वह सब असली जगजीत के हक़दार हैं लेकिन फिर भी हम सिर्फ महात्मा गांधी जी के मकसद से ठीक है भले महात्मा गांधी जी को मोदी जी लेकिन उन सब लोगों को मैं कदापि नहीं बोलना चाहिए जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी वह सब वीर शहीद हुए इसलिए सब लोग को उन्हें याद करके नमन करना चाहिए और हमेशा उन सब को बहू मान लेना
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राम राम जी की थी कि आपका प्रश्न है क्या महात्मा गांधी हमारी सुनता का नाम सफल होने का असली कारण से यह नहीं गांधी जी महात्मा गांधी सफल होने का एक बड़ा कारण पीके गांधी जी कितने संत संग्राम में जो भाग गया भारतीय जनता को में नई चेतना जगाई भारत की जनता को जागरूक अंग्रेजी शासन के विरुद्ध तरीके आंदोलन चलाए भारतीय जनता में एकता की भावना पैदा हुई और उसी जनमत पड़ा कारण वह हिंसक विद्या मित्र की जो चंद्र शेखर आजाद भगत सिंह सुखदेव राजगुरु और ऐसे ही देखो क्रांतिकारियों ने अपना अमित पदाधिकारियों को भयभीत किया कि भारतीय एक और युद्ध किया इसमें भारतीय जनता के आधार पर जनमत अंग्रेजों के खिलाफ तैयार कर सकते हैं तो दूसरी ओर अत्याचारी अंग्रेजों का वध भी कर सकते हैं उनको मार भी सकते हैं उनके अत्याचारों का बदला अत्याचारों से ही इंसान की नजाकत और इसलिए हम ही कह सकती हैं कि महात्मा गांधी ने हमारी सुधा का नाम सफल होने का एक बहुत बड़ा कारण बना दी थी लेकिन जिस में चांद तारों ने अपने जान की बाजी लगाई अपने जान की कुर्बानी की शहीद बनी जो भारतीय संत संग्राम के मामले में उनका बलिदान भी अधिकार नहीं था और उन्होंने बुक पर्याप्त भी किया इसकी गांड में भारत छोड़ने पर सजी-धजी
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जी हां मैं इस बात को पूरी तरीके से मानता हूं कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम के सफल होने का सबसे बड़ा अगर दारोमदार किसी के ऊपर था तो वोह गांधीजी के ऊपर था l गांधीजी ही वह शख्सियत थे जिन्होंने कि देश के सारे लोगों को नार्थ, ईस्ट, वेस्ट, साउथ सब जगह के लोगों को जोड़ा, हर विचारधारा के लोगों को जोड़ा, गरीब से अमीर लोगों को जोड़ा और एक देश बनाया और अंग्रेजो के खिलाफ में आंदोलन शुरु किया l तो किसी भी राजनेता को अगर क्रेडिट मिलना चाहिए हमारी आजादी का तो उसमें गांधीजी से ज्यादा क्रेडिट किसी को नहीं मिलना चाहिए l किसी भी अन्य नेता जो है उसको गांधीजी के मुकाबले में बहुत ही छोटा कथा और वह गांधीजी की बदौलत थी वह किसी भी मुकाम पर वह पहुंचे थे l और गांधी जी ने जो रोले प्ले किया उसके लिए हमें हमेशा उनका धन्यवाद करना चाहिए और उनके बिना मैं नहीं समझता कि हम आजादी की जंग लड़ सकते थे l
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स्वतंत्रता संग्राम सफल होने का असली कारण सिर्फ गांधी जी नहीं गांधी जी के साथ अन्य नेता थी वह भी थी जिसमें से एक बहुत बड़ा चेहरा सामने आता है उनका नाम था और नेताजी सुभाष चंद्र बोस नेताजी सुभाष चंद्र बोस हो गए थे जहां दिन का मानना था कि हिंसा के थ्रू अंग्रेजों की अंग्रेजों किस को हटाने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ही हिटलर से जाकर उनकी सहायता मांगी थी एंड तक यू अंग्रेजों को भारत से जड़ से निकाल पाए तो सिर्फ इसमें गांधी जी को मैं स्वतंत्रा संग्राम का क्रेडिट देना चाहूंगा मैं उन्हें लोगों को देना चाहूंगा जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी स्वतंत्रता के लिए भारत भारत में कई तरीके के कई तरीके की आंदोलन की कितने लोगों ने अपनी जाने का भाई हर्ष सैनिक का हर उस बलिदान को मैं धन्यवाद देना चाहूंगा सलाम करना चाहूंगा जिन्होंने भारत के स्वतंत्र जिला में इतने बड़े मदद किस देश में सिम लेना बहुत गलत हो जाएगा क्योंकि इससे बहुत लोग जुड़े थे बहुत लोगों की सपोर्ट नहीं एकजुट होकर सपोर्ट ने हमें स्वतंत्रता दिलाई से कर आजा स्वतंत्र देशों की तरक्की की राह पर है तो 1 नाम बहुत गलत हो जाएगा स्वतंत्रा के पीछे से एक या दो नाम नहीं बल्कि वह हजारों लोग थे जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर रोड पर उतरे अंग्रेजों के नाक में दम कर दिए और अंग्रेजों का भारत छोड़ना पड़ा इसी के साथ मैं उन सबको धन्यवाद देता हूं जय हिंद
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मंगल पांडे के बाद उन्होंने ही शुरुआत करी थी मंगल पांडे तो एक जरिया था मंगल पांडे मंगल पांडे नहीं होता तो सुनता ही नहीं पहले तो हम तेरे मंगल पांडे को दे देना चाहते हैं
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मैं इस बात से इंकार नहीं कर सकता हूं भारत के सुंदर संग्राम में गांधीजी का सहयोग रहा है किंतु उनको इस सुदामा लीला के सुर संग्राम का असली हीरो को नहीं मानता मैं यह श्रेय हमारी उन शहीदों को देना चाहता हूं जब शहीदों की कुर्बानी हो को आज हम लोग भूलते जा रहे हैं उन शहीदों ने अपनी जिंदगी देकर अपने जीवन की परवाह ना करते हुए अपने परिवारों को चाटते हुए हमारे लिए शहीद हो गए यदि मैं इस बात को मानता हूं कि हमारे भाइयों का संग्राम के सफल होने में हमें स्वतंत्र कराने में सर्वाधिक से हमारे उन भारतीय शहीदों का रहा है
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छोटे छोटे छोटे कस्बों में हुआ एकजुट किया गया किया गया उनके नाम नहीं आए हैं यार जो बगैर आइटम नहीं लिखे हैं छोटे शहर की आते हैं नाम है पानी अली दरगाह
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देखिए मैं यह तो नहीं कहूंगा कि असली कारण नकली कारण और कोई भी राष्ट्र एक व्यक्ति से तो बना नहीं होता है और मैं शायद यह भी नहीं कहूंगा कि अगर गांधीजी नहीं होते तो हिंदुस्तान कभी आजाद नहीं होता शायद आजाद तो होता लेकिन पूरे स्वतंत्रता संग्राम में भारत की आजादी की लड़ाई में अगर सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति को ही था और केवल आजादी की लड़ाई में ही नहीं है देश को जो सामाजिक कुरीतियों से आगे लाने में जिन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया अगर गांधीजी के लास्ट के 20 साल का आप काम देखें तो उन्होंने देश में पॉलिटिकल इंडिपेंडेंस करें जितना काम किया है उससे ज्यादा काम उन्होंने सोशल इंडिपेंडेंस सामाजिक आजादी के लिए किया है कि हमारा समाज जिस तरीके से दबा हुआ था जिस तरीके से जातियों में जिस तरीके से धर्म में बटा हुआ था नीचे तबके के लोगों को दबाया जाता था हर चीज में उसके खिलाफ उन्होंने जो संघर्ष किया है वह उनकी महानता है आप गांधी जी आज के टाइम में गांधी जी पर बहुत सारे प्रश्न करने लगे हैं और वह लोग प्रश्न कर रहे हैं जिनका राजनीति में जिनका भारत के इतिहास में कहीं से कहीं तक कुछ खास योगदान नहीं है और वह यह कहने की कोशिश करते हैं कि सारे इतिहासकार झूठे थे जैसे कि यह लोग जो आज बोल रहे हैं यही एक सच्चे थे और सारी इतिहासकारों को क्या गांधीजी ने खरीद लिया था गांधी जी कौन थे वह गांधीजी राजनेता थे आम आदमी के नेता थे वह न तो कोई अंग्रेजों के पद पर बैठे हुए थे क्यों नहीं इतिहासकारों को खरीद लिया था और ना उन्होंने कभी कोई पद आजादी के बाद भी लिया वह ज्यादा टाइम जिंदा भी नहीं रह पाए तो गांधीजी की जो इतनी इज्जत इतना सम्मान और इतना नाम दुनिया में है देश में ही नहीं दुनिया में है वह उनके विचार उनके काम और उनकी वह एबिलिटी की वजह से है जो उन्होंने किया वह आजादी के लिए सबसे बड़े नेता निरंत
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जी हां हमारी स्वतंत्रता संग्राम में बहुत सीमा पुरुषों का योगदान रहा और महात्मा गांधी का योगदान सबसे महत्वपूर्ण था तुम आत्मा गांधी ने भारत के साथ जनता के लिए असहयोग आंदोलन चलाया था और भारत छोड़ो आंदोलन चलाने के बाद भी ब्रिटिश सरकार भारत के सामने झुक गई थी और उसके बाद ही संविधान सभा का निर्माण हुआ और हमने एक आदेश के रूप में हमें आजादी का जीवन जी रहे हैं और आत्मा गांधी को ईश्वर से राष्ट्रपिता कहा जाता है तो हमारे स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी का बहुत बड़ा योगदान था
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गांधी जी की आपने बात की हम उसको इग्नोर नहीं कर सकते लेकिन देश की आजादी में जो जाग जो बताना हमारे शहीदों ने पाया अंग्रेजों की सिर्फ गांधीजी के चरखा चलाने के लिए बकरी का दूध पानी से जाती है कि हमारे को जब हमारे अंकल आदि लोगों ने भगत सिंह राजगुरु व सुखदेव हुआ करता हुआ फिर हमारे विज्ञानिक बना देगी गोरी मारी सिरका इंग्लैंड में लड़की को जो मिलता है उसको थोड़ा समझ कर दो शादी गांधी जी की उनसे कुरबानी से हमारी कोई भी मिली है गांधी का रोल भी ठीक कर देखे बगैर मर जाती
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हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम को सफल करने वाले गांधी जी नहीं थे हमारे देश का जो स्वतंत्रता संग्राम था उसे सुभाष चंद्र बोस ने लड़ा था सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के माध्यम से हमारे देश को स्वतंत्रता मिली थी और महात्मा गांधी के वजह से कोई स्वतंत्रता नहीं मिली थी उन्होंने कुछ भी नहीं किया इन्होंने किया है मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि कुछ भी नहीं किया है यह नरम दल के नेता थे इनका भी कुछ थोड़ा बहुत योगदान रहा है लेकिन हमारे देश को आजादी आजाद हिंद फौज के माध्यम से मिली है आजाद हिंद फौज के डर से अंग्रेज हमारा देश छोड़कर गए थे धन्यवाद
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जी हां मैं इस बात से सहमत हूं कि गांधीजी स्वतंत्रता संग्राम में सफल होने के लिए उन्होंने बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया लेकिन असली कारण स्वतंत्रता संग्राम के सफल होने का केवल भारतीय एक भारतीय राजनेता नहीं जबकि मॉडरेट एक्सट्रीमिस्ट के रोल को हमें बिल्कुल नहीं भूलना चाहिए और साथ में रिवॉल्यूशन ए टेरेरिस्ट के बारे में हमें बिल्कुल याद दिला चाहिए कि जब तक मोटरसाइकिल पिक्स एंड प्रैक्टिस की राजनीति करते रहे उसके एक्सट्रीमिस्ट है उन्होंने कहा कभी पहले डिमांड करेंगे उसके बाद नहीं मानेंगे तो हम धरना देंगे ठीक है उसके बाद तीसरी विचारधारा ई पोथी रिवॉल्यूशन रिवॉल्यूशन ही टेरेस्ट जिनको हमने बोला टेरेरिस्ट क्रांतिकारी आंदोलन जिसको बोल सकते हैं उन लोगों की विचारधारा के तहत उन लोगों ने अगर कोई मांग रहा है मांग नहीं देते हैं तो वही उनको सीधी गोली मार दो ठीक है इन तीनों विचारधाराओं में अंग्रेजी तबके में जो भारतीय रह रहा था एक डर फैला हुआ था तो उसके बाद चौथी विचारधारा थी गांधी गांधियन विचारधारा ज्योर्थी उसके अंतर्गत मुख्य रूप से जो कार्य था वह यह था कि अहिंसा एवं शांति के साथ किसी की चीज की डिमांड करो अगर हम इस चीज का पूरा क्रेडिट गांधी जी को दे देंगे तो आप खुश सोचेगा कि कोई व्यक्ति मांगने पर अगर कोई किसी से मांग रहा है तो क्या मांगने पर आसानी से कुछ चीज मिल जब आसानी से कोई चीज मांगे मिल नहीं सकती तो यह तो आजादी थी स्वतंत्र संग्राम था यह मांगने पर कैसे मिल सकता था तो इसके लिए जो मैंने योगदान दे सकते हैं उसमें चारों से जिसको जाता है मोटर एक्स एक्स इमेज ट्रिपल सी टेस्ट गांधियन लेकिन गांधियन छोरी ने एक बड़ा मांस मूवमेंट इकट्ठा किया इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन उस मास मूवमेंट के खट्टा होने के लिए जो प्लेटफार्म तैयार किया था एक्स मिस्टर रिवॉल्यूशनरी टेरेस्ट ने खट्टा किया था क्योंकि अब बोलो इसमें क्रांति में आ चुके थे या फिर आंदोलन में आ चुके तो वही पूरा का पूरा गांधीजी समेट ले गए और गांधीजी जनता के द्वारा क्या संवाद हुआ अंग्रेजों का संवाद इसबगोल
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विकी मैं आपको तो गांधी जी को समझने के लिए हमको पहले सख्त की हो जाना पड़ेगा क्योंकि गांधी जी सत्य के रास्ते पर चलते आज के समय में गांधी को समझने वाले इसलिए नहीं है क्योंकि सत्य सत्य की राह पर हम चल रहे हैं अधिक खराब देश की जनसंख्या कितनी है सत्य की राह पर चल रही है लेकिन गांधी जी हमेशा सत्य की लड़ाई लड़ी है गांधीजी वह हमारे देश भक्तों ने एक लाठी एक धोती उस पर अपना डाटा और नमक नमक नमक को आज आयोडीन कहा जाता है जिसमें तमाम तरह के 10th के नमक नमक सत्याग्रह की लड़ाई राम बोलने वाले पौधे किस तत्व को समझने की अंकुश की राह पर चलना पड़ेगा और आज के समय में सत्य की राह पर पूरी नहीं कर सकता क्योंकि आज का जमाना ऐसा आ गया है कि आज तक तू हमेशा लोग प्रणाम करेंगे नहीं करेंगे इसके बारे में समझाना पड़ेगा सवाल उठता है कि 6 मीटर शक्ति के बारे में क्या समझेगा 6 महीने से वह 8 महीने का होगा 10 महीने का 1 साल का होगा डेढ़ साल का होगा लेकिन उसकी पहली पाठशाला घर रहेगी और मैं जब उसको हम सत्य के बारे में सत्य की राह पर चलना दिखाएंगे तभी वह गांधी जी को समझ पाएगा तभी गांधी जी के विचारों को चलेगा और तभी देश में वह कुछ पर कर पाएगा उड़ सकते कितनी विजय सत्य सच बोल के सत्य काम करने में मिलती है उत्तर की अब तक की जो है डीजे में उतना फल नहीं मिलता क्योंकि कहा गया है कि सत्य की जीत होती है वह बहुत लंबे समय तक स्थिति है सत्य की जीत है कुछ पल के लिए हम को दिखती है बड़ी मजबूत है लेकिन जब भरभरा कर गिरती है तो उसका कोई औचित्य नहीं देता इसलिए गांधी जी के बारे में कहा जाता है गांधी जी हमारे राष्ट्रपिता देव ने देश के लिए बहुत कुछ किया आदेश को हमारे युवा गांधीजी को समझ लेंगे तो आजादी बेरोजगारी अपराध यह सब समझ जाएंगे और हमारा दिखाओ जो देश है
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नहीं उठा देना मैं भगत सिंह बन कर आ गया उन्होंने उन्होंने किया है वह कहीं ज्यादा है
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लेकिन कोई भी एक आदमी स्वतंत्रता संग्राम की सफलता के लिए जिम्मेदार नहीं हो सकता कोई उसका असली कारण नहीं हो सकता कि सिर्फ एक आदमी था बस उसी की वजह से इसीलिए मुझे कुछ जैसे हो गाने हैं थोड़ा जो बचपन में सुने थे और थोड़ा सा थोड़ी आपत्ति होती है जो भी पढ़ लिया है तो के क्योंकि मुझे पता है कि अब मुझे पता है कि आजादी से ठीक पहले अंग्रेजों के खिलाफ नवीन स्ट्राइक कर दी थी तो अब मुझे पता है किसने क्या-क्या चीजें चल रही थी वर्ल्ड वॉर भी हुई थी और वर्ल्ड वर्सेस इंग्लैंड को बहुत सारा नुकसान भी हुआ था उसके पास इतना मतलब इतना परेशान थी कि वह अगस्त में भाग गई जबकि वह 48 में भागने वाली थी वह 47 अगस्त नहीं पाती इंडिया से तो यह बाद में पता चलता है उससे पहले आप सुन चुके होते हैं वह की दे दे दी हमें आजादी बिना खडक बिना ढाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल तो हां उनको ज्यादा श्रेय दिया जाता है ऐसा नहीं होना चाहिए सबको बराबर श्रेय दिया जाना चाहिए और सिर्फ यही कारण नहीं थे बहुत लोगों ने लड़ाइयां लड़ी है बहुत लोगों ने जाने दी हैं जाके शहजादी नहीं आई थी यह सच्चा चलकर से आजादी नहीं आई थी एक बहुत बड़ा बहुत बड़ी लड़ाई सुभाष चंद्र बोस जी उधर लड़ रहे थे और बहुत सारे लोगों ने तो जान दे दी 18 साल के खुदीराम बोस ने अपनी जान दे दी सोचिए 18 साल का लड़का तो बहुत लोगों ने जानती है बहुत लोगों के स्तर के बाद जाकर आजादी मिली है तो इसके लिए सिर्फ एक आदमी को श्रेय देना मैं सही नहीं मानता हूं हां मैं यह मानता हूं कि वह बहुत बड़ी बाइंडिंग पोस्ट है वही बहुत बड़ी पांडे फोर्स है या फिर मतलब लोगों को जोड़ने का काम उन्होंने बहुत अच्छा किया अब वह एक अच्छा काम था क्योंकि जो लोग थोड़ा एक्सट्रीमा डलहौजी के मतलब की मतलब जो कहते थे कि अंग्रेजों को लात मार के भगा देते हैं उनका हर कोई साथ नहीं दे सकता सच बात है क्योंकि हर कोई लड़ने को तैयार नहीं होता आपको हर जगह लड़ने वाले लोग नहीं मिलेंगे तो वह लोग जब गांधी जी ने सत्याग्रह की बात करी तो वह लोग गांधी जी के साथ चल रहा है तो बहुत बड़ा एक्शन के साथ आराम से चला गया क्योंकि उनको लड़ना नहीं था उनको प्रोटेस्ट करना था तो पेंडिंग फॉर थे वह बहुत सारे लोगों को उन्होंने अंग्रेजों के सामने रखा लेकिन फिर भी मैं यही बात कहूंगा कि किसी एक उससे देना सही नहीं है कि असली कारण महात्मा गांधी का नहीं बहुत सारी चीजें जो थी वर्ल्ड वॉर हुई उसकी वजह से इंग्लैंड कमजोर हुआ इतनी सारी दिक्कतें उसको हो रही थी वह इंडिया में और ज्यादा पैसे अपने जो लोग काम कर रहे हैं उनके लिए नहीं कर सकता था और उसको दिक्कत हो रही थी दर सुभाष चंद्र बोस इमेज जी की आर्मी जो मैंने बनाई थी वह वह भी लड़ रही थी उनसे भी ब्रिटिश सेना लड़ रही है तो उसको बहुत दिक्कत थी उस समय तो इंग्लैंड सिर्फ महात्मा गांधी जी की वजह छोड़कर नहीं गया यह अगर कोई एक कहता भी है तो वो एकदम गलत कहता है उसको हिस्ट्री पढ़ने की सख्त जरूरत है थैंक यू
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भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी जी की महत्वपूर्ण भूमिका थी लेकिन केवल यह कहना कि महात्मा गांधी के कारण जो है स्वतंत्र संग्राम सफल हुआ या वह स्वतंत्र संग्राम सफल होने का असली कारण बताइए दूसरे हमारे जितने भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे उनके साथ अन्याय होगा हमारे देश को आजादी कोई एक दिन के आंदोलन या किसी एक व्यक्ति के आंदोलन से नहीं मिली है यह लंबे संघर्ष का परिणाम रहा है हमारे देश को अंग्रेजों की 200 साल की गुलामी के बाद आजादी मिली है तो किसी एक व्यक्ति को इसका श्रेय देना मेरे विचार में अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अभी लगवाया उनको नजरअंदाज करना होगा इतना जरूर है कि महात्मा गांधी जो है प्रशासन नामांतरण के एक प्रमुख चेहरे के सामने अरुण ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एक अलग ही 29 अधिकारी के अहिंसात्मक तरीके से कैसे देश को आजादी दिलाई जा सकती है
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कृष्ण के माता मंदिर मल्लेश्वरम सफल होने का असली कारण तथा को बताएंगे कि महात्मा गांधी ने भारत की आजादी में योगदान दिया इस बात को हर एक की मानता है लेकिन अकेले वही एक ऐसा कारण थे जिसकी वजह से ज्यादा आजादी मिली तो ऐसा नहीं है आजादी के लिए हर एक व्यक्ति ने अपने स्तर पर जो भी जिससे बन पड़ता था उसने कार्य किया क्रांतिकारी लोग हो जय हो नेताजी सुभाष चंद्र बोस हूं चाहे वह दूसरे वल्लभभाई पटेल रहे हैं आपके दूसरा नेता रहे हो उन्होंने भी अपने स्तर पर कहा लाला लाजपत राय हैं और भी तमाम में इन दिनों आजादी के लिए प्रयास किया और यहां पर महात्मा गांधी के प्रयास भी अनुकरणीय है बहुत अच्छे हैं लेकिन अकेले वही अकारण रहे ऐसा नहीं है धन्यवाद
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क्या महात्मा गांधी हमारे स्वतंत्रता संग्राम को सफल बनाने के असली कारण थे तो महात्मा गांधी हमारी स्वतंत्रता संग्राम को असफल बनाने के असली कारण थे लेकिन इसमें मुख्य रोल महात्मा गांधी अर्थात नरम दल और भगत सिंह राजगुरु जैसे लोगों का गरम दल दोनों इसमें बराबर सहभागिता निभाएं हैं जहां कहीं पर भी नरम दल की आवश्यकता पर अर्थात जहां पर नरम बन के कार्य सिद्ध हो रहा था वहां पर नरम दल के लोग अर्थात गांधी जी आगे आए और यहां पर तोड़फोड़ करके मारपीट करके दंड देकर के जहां कार्य सिद्ध हो रहा था वहां पर भगत सिंह राजगुरु सुखदेव जैसे लोग अर्थात गरम दल के लोग शामिल हुए अर्थात नरम दल और हम दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और सभी संग्राम क्रांतियों आंदोलन के अगुआ महात्मा गांधी थे इसलिए महात्मा गांधी को स्वतंत्रता संग्राम के सफल होने का असली कारण कहा जा सकता है
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20 जून का सिस्टम है जो हम लोगों ने देख पड़ा है अकेले बगैर क्रांति के आजादी मिली
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वसंत भाग 1 संग्राम साहिब युद्ध और उसमें कितने लोग हमारे पार्टी में चले गए क्या हुआ भविष्य को देखिए गांधी जी का फोन उठा और बहुत ही इसमें आप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन से गुजरात में बारिश गांधी
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निश्चित रूप से महात्मा गांधी हमारे स्वतंत्रता संग्राम में के सफल होने के असली कारण थे क्योंकि वह स्वतंत्र आंदोलन में एक लाइक की जरूरत थी महात्मा गांधी से पहले जो सफलता आंदोलन चल रहा था वह अलग-अलग गुटों के अंदर बैठा हुआ था इसलिए अंग्रेज इसका फायदा उठाकर दमनकारी नीतियां अपना रहे थे और स्वतंत्र सेनानियों का दमन कर के स्वतंत्र आंदोलन को आगे नहीं बढ़ने दे रहे थे महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका से वापस आए और उन्होंने जनता आंदोलन की कमान संभाली तो सारे देश के स्वतंत्र आंदोलन में जो लोग हिस्सा ले रहे थे उन्होंने पूरी शिद्दत के साथ या हिंसात्मक लड़ाई शुरू की और अंग्रेजों का विरोध शुरू किया नतीजा यह हुआ कि एक लंबी लड़ाई के बात हमारा देश आजाद हुआ तो इसलिए महात्मा गांधी ने का बहुत बड़ा योगदान हमारे नितेश की सफलता में है
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आजादी में महात्मा गांधी की अहम भूमिका जरूर थी बट से उनकी अकेले भूमिका से देश आजाद नहीं हुआ ब्रिटिश वायसराय और प्रधानमंत्री ने बीयर बातचीत आ रहा था कि सुभाष चंद्र बोस से जो इंडियन नेशनल आर्मी का जो गठन था वह भी एक बहुत बड़ा डर पैदा किया था ब्रिटिश के मन में जो एक बहुत बड़ा ही इंपैक्ट था उनके पीछे हटने का और भारत को सौंप देने का भारतीयों को
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और क्या महत्व है जी हमारी स्वतंत्रता संग्राम सफल होने का असली कारण थे मैं हूं देखता हूं और मैं आपको इसका आंसर बताना चाहता हूं जी आप बिल्कुल महात्मा गांधी हमारी सूरत में संग्राम की सफल होने का असली कारण थे क्योंकि ऐसा के आधार पर ही होने से लोगों को संगठित किया क्योंकि मैं सौ पंद्रह से पहले लोगों को थे इतने पैसे नहीं थे राष्ट्रवादी भावनाओं में नाव ज्यादा उनका इंटरेस्ट नहीं था थी लेकिन बहुत कम थे लेकिन जब 1915 में दक्षिण अफ्रीका से महात्मा गांधी लौटे उसके बाद उन्हें तैयार है जो हिंसा पर आधारित था को स्थापित किया और इंसाफ की डगर पर चलते हैं उन्होंने कई आंदोलन किए जिनमें प्रमुख खबर हमने तो ऐसा ही हो सजनवा जानवर चुनाव कितने खेड़ा अहमदाबाद और और टेंपल रन कितनी आंदोलन के सफल हुए सकते हैं 1770 प्यारे थे बिक्री काफी लोगों ने से प्रभावित हुए राष्ट्रीय वाली भावना में गतिरोध के कारण अंग्रेजों को भी इनके सामने घुटने टेकने पड़े हो अंततः अंग्रेज़ों को भारत को स्वतंत्र करना पड़ा धन्यवाद
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गांधी जी ने मुल्तान में धीरे कर कि देश के बारे में बहुत अच्छा सोचा भूतिया स्थान
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जी नहीं मेरा मानना है कि महात्मा गांधी चाहिए पाकिस्तान बनने का असल कारण थे मेरा मानना है कि देश में चल शेखर आजाद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव सुभाष चंद्र बोस जैसे लोगों की हत्या उसके लिए गांधीजी असल कारण थे देश के आजादी को देर से आजादी मिली उसके लिए गांधीजी अचल कारण थे बिस्मिल्लाह को लोगों का नरसंहार हुआ उसके लिए गांधीजी असल कारण थे पाकिस्तान से लाखों ट्रेनों में भरकर हिंदू की लाश जाएगी उसके लिए गांधीजी असल कारण देश में जो आज जातिवाद का जहर है उसके लिए गांधीजी असर कारण है मैं तो ऐसा ही समझता हूं बाकी आप की जानकारी इंटरनेट से या सूचना के अधिकार से भी प्राप्त कर सकते हैं एक गांधी जी द्वारा किए गए कृतज्ञ को कैसे छुपाया गया है धन्यवाद
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आक्रोष लेगी क्या महात्मा गांधी हमारे स्वतंत्रता संग्राम सफल होने का असली कारण थी तो हमारे स्वतंत्रता संग्राम सफल होने का असली कारण शेखर आजाद भगत सिंह सुभाष चंद्र बोस लाल बहादुर शास्त्री सुखदेव बालस्वरूप लाला लाजपत राय उधम सिंह हार्दिक फेस
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दादी के लिए तो गांधीजी नहीं थे अब इसमें और मैं आपको पीछे ले जाऊंगा बोल्शेविक क्रांति की तरह आपको याद होगा कि जब जानकारी और बोल्शेविक क्रांति हुई तो अब यह ब्रिटेन को यह लग गया कि अब हवाई फोन शुरू नहीं किया जा सकता तो उन्होंने दुनिया के तमाम देशों को आजाद करना शुरू किया और हमें भी आजादी उसी क्रम में मिली है यह नहीं वह आपको दम होना चाहिए कि गांधीजी या किसी के चलते आप को आजादी मिली है आजादी एक भौतिक परिवर्तन था उस समय बोल्शेविक क्रांति के बाद अगर आप उसे पड़ेंगे आप ही में जाएंगे कई चीजों के उत्तर आपको मिलेंगे की बोल्शेविक क्रांति के बाद एक एक कदम यूं मुलाकात किया लेकिन इसको दूसरे ढंग से उन्होंने कैप्चर करने के लिए फिर यूएनओ बनना आपका जो है आज इस ग्रुप में आप देख रहे हैं डब्ल्यूटीओ देख रहे हैं या विभिन्न वैश्विक संगठन जिनके ऊपर टेबल जी का कब्जा है अमेरिका से लेकर के तमाम का आज कहीं ना कहीं हम भी उन के नियमों और दिशा निर्देशों में बन चुके हैं तो एक प्रकार के उन्होंने अब दूसरे तरीके से हमें गुलामी की जंजीरों में बात करने को हम आजाद हैं लेकिन कहीं ना कहीं हम राशन की नीतियों में बैठे हुए उनकी नियमों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व का एकमात्र संगठन है सिकंदर की गेहूं की मोनोपोली चलती है हमारी आप की नहीं चलती
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नहीं मेरी राय में महात्मा गांधी केवल महात्मा गांधी स्कूल की सफलता के लिए जिम्मेदार नहीं क्योंकि यह सभी लोगों का एक मिलाजुला स्वरूप था जिसके कारण है स्वतंत्रता आंदोलन सफल हुआ आप भी सुना दो केवल अहिंसा से केवल सत्याग्रह से आप कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकते जब तक आप को पूरा सहयोग सभी तरह के लोगों का नहीं मिल सकता
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देखिए गांधी जी जन नेता थे और लोकप्रिय नेता थे और पूरे देश के नेता थे गरीबों के अमीरों के सब लोग उन्हें मानते थे अपना नेता और वह थे उन्होंने निश्चित रूप से अपने जीवन काल में बहुत अच्छी तरीके से अंग्रेजों को निकालने के लिए निरंतर प्रयास किए गए आंदोलन चलाएं लेकिन कोई भी आंदोलन यह तो बहुत बड़ा आंदोलन का कोई छोटा-मोटा आंदोलन बिगर सफल होता है उसमें कई लोग शामिल होते हैं आप देखिए जब क्रिकेट टीम हमारी वर्ल्ड कप में करके आती है तो पूरे टूर्नामेंट में जो 11 के 11 खिलाड़ी रहते हैं 15 खिलाड़ी रहते हैं उन सब को अपना योगदान देना होता कभी आप नहीं देखोगे कि सचिन तेंदुलकर ने अकेले वर्ल्ड कप जीता दिया या विराट कोहली ने अकेले कुछ कर दिया या महेंद्र सिंह धोनी ने अकेले वर्ल्ड कप जीता दिया है ना यह लोग एक कैप्टन हो सकते हैं बड़े खिलाड़ी हो सकते हैं लेकिन जब पूरी टीम खेलती है एक साथ तभी एक अच्छा मैच जीता जाता है बालों को भी अच्छा करना होता है बिल्डिंग में भी लोगों को अच्छे कैच लेने होते हैं और रिंग करते समय भी तीन चार खिलाड़ियों को अच्छे स्कूल करने होते हैं ठीक उसी तरह से जब हमारा स्वतंत्र संग्राम चल रहा था तो कई नेताओं ने अपने अपने ढंग से योगदान दिया गांधीजी शांति प्रिय नेता थे उन्होंने शांति के साथ निकालने का प्रयास किया सत्य और अहिंसा पर चलकर तो दूसरी और के नेता थे जिन्होंने अपने अपने तरीके इस्तेमाल की जैसे भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु जो युवा नेता थे 22 23 साल की उम्र में जिन्हें फांसी मिल गई उन्होंने बम फोड़कर के अंग्रेजों को भगाने का प्रयास किया सुभाष चंद्र बोस नेताजी जो सबसे महान नेता जिनको मैं मानता हूं उन्होंने तो पूरी एक्सैना बना ली थी लेकिन उसमें धोखेबाज लोग निकल गए जिसकी वजह से फूट पड़ गई वह काम नहीं आया ठीक है इसी तरह से चंद्रशेखर थे युवा नेता थे गर्म जोश वाले इसी तरह से बहुत सारे नेता थे तो सबका योगदान रहता है हां लेकिन गांधीजी का योगदान नकारा नहीं जा सकता उनका भी बहुत बड़ा योगदान था लेकिन सारे जो क्रांतिकारी थे उनकी वजह से हमें आजादी मिली है
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