चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
दमाद अपने आप को के लिए काम करना है
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
कहां जा रहा है कि आप लोग समझने लगे इस तरह का जो पूरा खुल्लम खुल्ला आम जनता को भी लगने लगा है
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
दुश्मन के मीडिया पूरी तरह स्वतंत्र है और चैनलों और अखबारों पर सरकार के खिलाफ सरकार के पक्ष और विपक्ष में जातियां आती हैं तो 2 स्वतंत्र है और अपने व्यक्तिगत कारणों से किसी पत्रकार को शाम को बता दे मारी चौथ किया जा रहा है या किसी तरह की पहरेदारी की जा रही है लोगों को तो सरकार के खिलाफ तो अभी
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
भारत में मीडिया को चौथा स्तंभ कहा जाता है सवाल का जवाब बन ही रहना तुम भारत में लौह स्तंभ कहा जाता है पनर कहा जाता है औरत पटाने का भी जन्म हुआ है पिछले साल प्रधानमंत्री आने वाले कल में घटक काम करने जा रही है बताते हुए हैं लड़की से बात करके आया था तो हमको बहुत सारी गाइडलाइन लोगों ने सरकार विरोधी कोई भी खबर अगर प्रक्रिया पोर्टल पर आ रही है किसी का तो उसको मैडम तुरंत देखा जा रहा है यह पत्रकार के लिए यह भारतीय पत्रकारिता के लिए शुभ संकेत नहीं है कि साउथ कोरिया नहीं है या जो आलाकमान तक के पर मेरे और आप जैसे ही लोग निकलते हैं लेकिन आप पढ़ कर आएंगे अपने मां बाप को कितनी कठिन परिश्रम के होने पर आया था बहुत सारे लोग जिनके बाबा कौन है लिखता चला चला कर लगा लगा कर उनके बच्चे बने और वहां का तानाशाह बनेंगे और अपने आप को कंट्रोल नहीं कर मीडिया के हक और हुकूक को रोकने की कोशिश करी दबाने की कोशिश करी तो भारत में मीडिया के प्रभाव
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
कुछ वीडियो भेज दीजिए मैं बोल रहा हूं कि रोशनी बात कर रहा था वह मैडम को थोड़ा क्या किया जाता थोड़ा हमको लगा के अभी दिखाओ
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
आपको किसने क्या भारतीय मिली थी क्या आज भी उतने स्वतंत्र है तो आंख बना देंगे देखे मीडिया जो है स्वतंत्र तो है लेकिन मीडिया आजकल एक चीज जो मैं बन गई है वह टीआरपी कौन सी न्यूज़ दिखाने पर अधिक से अधिक दर्शक उनके साथ जुड़ेंगे कौन सा खबर दिखा कर या मसाला लगाकर दिखाई जाए तो ज्यादा अच्छी लगेगी यह सीरियस के दौर में होने लगी है जिससे कि पत्रकारिता को उतना ज्यादा विश्वसनीय नहीं कहा जाता है जितना आपसे कुछ दशक पहले तक कहा जाता था तो यहां पर भारतीय मीडिया को इस सब चीजों से ऊपर उबरना होगा टीआरपी काम छोड़ना होगा तभी वह अच्छी पत्रकारिता कर पाएंगे मैं शुभकामनाएं आपके साथ हैं धन्यवाद
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
क्या भारतीय मीडिया की स्वतंत्रता को बुरा भी लगता है आप पहले पूरी तरीके से संपन्न थी ना आज पूरी तरीके से स्वतंत्र आज तो बल्कि यह बोली की पूरी चौपट हो चुकी है मीडिया वालों से उनका पेपर का छपाई का कार्यालय पूछा जाता है फिर जीएसटी लगाया जाता है आपको एक एक पति का हिसाब देना है कहां कहां दे रहे हैं तो बढ़िया पूरी बर्बाद हो चुकी है लगभग घुटने टेक चुके बढ़िया ही अब चल रही है और कई बढ़िया अब खत्म होने के कगार मैया हो चुकी तुम बढ़िया के असफलता की बात तो छोड़ दीजिए बहुत जगह से मामू सही है कि मुझे को सफेद सरकार कभी इसे सुनकर देना नहीं चाहती मदीना है ना रहेगी क्योंकि अगर मुझे कुछ हो गया तो इनका जो चक्र है जहां चुनाव जीतने का वह खत्म हो जाएगा और वह यही नहीं चाहते इसलिए हर पार्टी की अपनी एक फर्जी बढ़िया है जॉन के लिए बहुत बड़ा और वह वहीं तक सीमित कर दिया तक ही सीमित रहें उन्हें बाकी मुझे और कोई काम नहीं अगर आपको बस दुआ यही है कि बहुत जल्द ही भारत में भी बढ़िया और सफलता दिया जाए तो धन्यवाद
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
मेरा मानना है कि आज के मीडिया स्वतंत्र है ही नहीं कहां स्वतंत्र पत्रकार चालू करते हैं जिस तरह पत्रकारिता होना चाहिए करते अगर सच में पत्रकार स्वतंत्र हो जाए तो देश की 9% आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी चाटुकार करते उससे भारतीय मीडिया स्वतंत्र नहीं हो सकती है जो राजनीतिक स्थिति है ऑफिस स्वतंत्र नहीं हो सकता है कभी क्या किया जाए
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
भारतीय मीडिया की स्वतंत्रता की बात आज के समय में थोड़ा सोचने को मजबूर करती है मीडिया दो प्रभु मन भर चुका है एक तो सत्ता पक्ष के साथ 1 सप्ताह के विरोध की लेकिन तमाम ऐसे पत्रकार हैं मीडिया घराने भी हैं जो आज जो आज बात निष्पक्षता की करना चाहते हैं लेकिन उनकी आवाज उच्च स्तर पर नहीं पहुंच पा रही है ओवरऑल देखें जो मीडिया की स्वतंत्रता आज उस लेवल पर नहीं है जहां होनी चाहिए विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में मीडिया की आजादी बढ़नी चाहिए बड़े स्कैम या बड़े लेवल पर घोटाले के उजागर होने चाहिए थे वह नहीं हो रहे हैं जिस तरह की सच्चाई सामने आनी चाहिए कि वह कई स्तर पर जान जा रही है ऐसे में हमें जरूरी है कि मीडिया स्वतंत्र बने सबसे बड़ी भागीदारी आम जनता की आम जनता क्या जानना चाहती है सच या झूठ या फिर घड़ी हुई कहानी अगर जनता सजाना चाहती है तो मीडिया को सपोर्ट करना चाहिए मीडिया कर्मियों को सपोर्ट करें और जहां पर 22 दिन लगता है जहां पर एक तरफा समाचार लगता है उसका पूरी तरह से खंडन करने के लिए उतर जाना चाहिए धन्यवाद
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
मीडिया स्वतंत्र नहीं है वीडियो के अंदर पैसा बहुत चलता है और यही कारण है कि सभी चैनल वाले आज मोदी सरकार की बढ़ाई करते हैं और मैं भी लगा उसी लड़के हैं लेकिन जाने वाले एक भी एक भी चैनल नहीं करते भी कांग्रेस ने यह काम अच्छा किया जो किया है करेगी लेकिन मोदी सरकार के सारे गाने बताइए फिल्मी
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
देखा जाए तो भारत का मीडिया जितना स्वतंत्र नहीं है क्योंकि आज हम देखते हैं कि पूरे भारत में कहीं ना के कुछ ना कुछ हो ही रहा है जो कि भारतीय सरकार की नीतियों के खिलाफ है तो इसके लिए तो चीजें होनी चाहिए अत वह लोग अच्छे तो भारतीय वीडियोकॉन का साथ देना चाहिए या तो बुरे हैं उनका नीति खिलाफ होना बेकार है तो सरकार को उनसे बात करनी चाहिए उन्हें समझाना चाहिए लेकिन आज हम देखते हैं कि मीडिया सिर्फ और सिर्फ यही गुणगान करता रहता है नरेंद्र मोदी जी ने काली नरेंद्र मोदी जी यहां जा रहे हैं नरेंद्र मोदी ने खाना खा रहे हैं नरेंद्र मोदी जी मतलब भारत में सिर्फ और सिर्फ एक नरेंद्र मोदी कि सब बेकार है भारतीय जनता जिनके आधार पर ने प्रधानमंत्री बनाया गया है आज उन्हीं की कदर नहीं करते आज हम देख सकते कि भारत में किस तरीके से पूरे भारत के अंदर कहीं आग लगाई जा रही है कहीं दंगे हो रहे हैं कितने लोग मर रहे हैं लेकिन सरकार अपने ऐसे काम पर ले बैठी हुई है जो जाति की से लागू ही होगा और लागू कर रखा है तो मुझे नहीं लगता कि भारतीय मीडिया स्वतंत्र दुनिया को दिखा सके लोगों को एकत्रित कर सके ताकि लोग एकत्रित होकर प्रशासन वापस मांग सके नरेंद्र मोदी से
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
BJP BJP कि केंद्र में सरकार आने के बाद चाहे कोई कुछ भी कहे लेकिन मैंने यह एक्सपीरियंस किया है कि भारतीय मीडिया उतना सुंदर नहीं रहा अंदरखाने जो भी हो जैसा भी हो यह हमें नहीं पता लग सकता है लेकिन दर्शकों के रूप में एक जनता आम जनता के रूप में जो मैंने एक्सपीरियंस किया है महसूस किया है कि भारतीय मीडिया केवल और केवल सरकार के अच्छे काम बना रहा है आजकल बहुत सारे चैनल इसमें शामिल है मैं नाम नहीं लेना चाहूंगा लेकिन क्योंकि सब लोग जानते हैं इसलिए लेना पड़ रहा है Zee TV खुलेआम सपोर्ट करता है भारत केंद्र सरकार का करना भी चाहिए लेकिन हर काम का नहीं करना चाहिए जो काम हो रहा है उसकी बुराई करनी चाहिए जैसे हाल ही में कुछ दिन पहले एक रिश्ता आया था NDTV चैनल ने केंद्र सरकार के किसी की आलोचना की थी जिसके कारणवश क्वेश्चन को 1 दिन के लिए बंद कर दिया गया था मीडिया के लिए काला धंधा को अवगत कराना सच्चाई से किसी की झूठी तारीफ नहीं करना तो इसलिए उनको स्वतंत्रता हमें आजादी मिलनी चाहिए उन पर किसी भी तरीके की बहुत टेंशन नहीं होगी
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
वीडियो कितना स्वतंत्र है यह एक बहुत बड़ा सवाल है और शायद इसका एक सटीक आंसर दे पाना बहुत मुश्किल है जितने भी लीडिंग मीडिया हाउस इन इंडिया में आप तो देखेंगे अगर उन की तह तक जाए तो आप को साफ दिख जाएगा कि उनका एक ना एक बड़ी पार्टी जो इंडिया में पॉलिटिकल पार्टी है उसके साथ कुछ न कुछ गड़बड़ है और वैसे मैं वह कितने स्वतंत्र हैं और कितने निष्पक्ष हैं इसका अंदाजा लगा पाना अपने आप के दम पर बहुत मुश्किल है लेकिन अगर आप टाइटंस फॉलो करें और उन को रिकॉर्ड करने की कोशिश करें तो आपको दिख जाएगा कि साफ तौर पर दो अलग-अलग धाराएं हैं और हर एक चैनल उनमें से किसी न किसी एक में आपको अधिक जाएगा तो वैसे मैं आप बहुत ज्यादा एक्सपेक्ट नहीं कर सकते हैं खासकर जो मेनस्ट्रीम मीडिया टेलीविजन और न्यूज़ पेपर्स उनसे मुझे लगता है कि बहुत ज्यादा स्वतंत्रता उनके अंदर और निष्पक्षता उनके पर हरमेश कि आप उम्मीद नहीं करें तो बेहतर
Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!