चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
सोशल फोबिया है समाज में मिलने में दिक्कत आती है तो इसके उपचार होती है मनोवैज्ञानिक उपचार होते हैं और यहां पर काफी हद तक मैंने जो सकता है इंसान उस उस समाज में अगर सुबह भीड़ को एड्रेस करने की बजाय एक व्यक्ति के साथ दो व्यक्ति के साथ धीरे धीरे एक से होता है इसमें नीचे से शुरू उसके उसके लेबल्स को बढ़ाएं के साथ जो व्यक्ति के साथ इक्वेशन में डार्लिंग भी नहीं हमारे यहां में वह कौशल नहीं हासिल हो पाएंगे
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का सवाल है कि क्या सामाजिक व उपचार योग्य है इस डर से कैसे दूर हो कर सकता हूं तो आप हमेशा सकारात्मक सोच ही सामाजिक समाज द्वारा और अगर आप सही है आप अपनी जगह पर ताप को डरने की कोई जरूरत नहीं है धन्यवाद
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श्री राम आपने पसंद किया क्या सामाजिक व उपचार योग्य है हां सामाजिक पर उपचार योग्य है क्योंकि ऐसा कोई चीज नहीं जिसका कोई उपचार ने हो डर मन की एक अवस्था है जिसे आसानी से व्यक्ति 1 महीने या 2 महीने या गंभीर अवस्था हो तो 1 वर्ष में बाहर आ सकता है परंतु डर की वजह से बहुत से लोग बहुत से खतरनाक रास्ते भी अपना लेते हैं इससे अच्छा तो यह है कि हमें इलाज के लिए प्रयास करना चाहिए देखो वैज्ञानिक पति से होने वाले उपचार आजकल इतनी ज्यादा विश्वसनीय नहीं रहे हैं और आध्यात्म में कोई विश्वास करता नहीं यही कमी है कि अध्यात्म में विश्वास नहीं करने की वजह से लोग आजकल सहानुभूति सहनशीलता जैसे यू चीजें हैं वह व्यक्ति में कम होगी और इसी के कारण ही ऐसे रोग उत्पन्न होते हैं अब आपको डर से कैसे निजात पाए देखो व्यक्ति को सदैव भगवत चिंतन करना चाहिए दूसरा गणेश जी जो बुद्धि के देवता उनको शाम सुबह और शाम बजना चाहिए माता सरस्वती को बजना चाहिए क्योंकि वह विद्या की गई है इसके अलावा हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए जिससे मन की नेगेटिविटी दूर होती है इसके अलावा ओमकार का जाप करना चाहिए ओमकार क्योंकि आपको पता है एक पॉजिटिव बीज मंत्र है जिसका आप 21 बार 51 बार 108 बार जाप करोगे तो आप 1 महीने के अंदर ही कितने इससे बड़ा से बड़ा डर क्यों नहीं सता रहा हो आप आसानी से उसे डर से निजात पा लोगे और ज्यादा से ज्यादा व्यक्तियों में आप उठना बैठना बोलना इंटर में बहुत हद तक सफलता प्राप्त होती है और हमें निजात मिलता है जय श्री राम
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अकेले सोते हो गया का पुस्तक एक चीज है जिसको हम ही कर पाते हैं क्योंकि वह काफी मुश्किल होता है तो कुछ लोग जो आप आते हैं हमारे पास हां मैंने कर पाते हैं वह चीजों से जब हम उनको बारे में कुछ टेक्निक बताते हैं या कुछ और को यह समझ समझ पाते कि उनको ऐसा क्यों हो रहा है तो नहीं कि वह लोग बाहर निकल पाते समझ पाते कि वह क्यों किस चीज से डर रहे हैं और इसके बाद पानी के बाहर निकलने का डर है तो मनुष्य के पास आप आना ही पड़ा क्या
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