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नमस्कार दोस्तों प्रश्न है क्या पेट की चर्बी कम करने के लिए वास्तव में योग प्रभावी है दोस्तों जब युवक का व्यस्त किया जाता है तो ना सिर्फ इस टाइप की पेट की चर्बी कम होती है बल्कि आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर इसका बहुत ही सकारात्मक असर पड़ता है विशेष तौर से हम यहां पर अभी बात करेंगे पेट की चर्बी को कम करने के लिए किस किस प्रकार के अभ्यास योग में किए जाते हैं सबसे पहले हम बात करेंगे आत्मा की पुस्तकों आश्रम में कुछ ऐसे स्ट्रेचेबल आसान है जिनका अभ्यास करने से सीधा सा असर हमारा पेट पर आता है जो एब्डोमिनल पार्ट से उस पर इसका विशेष खिंचाव पड़ता है तो इसमें विशेषता कुछ प्रमुख आसन होते हैं जैसे भुजंगासन हलासन है पश्चिमोत्तानासन उत्तानपादासन पवनमुक्तासन उष्ट्रासन चक्रासन तो यह कुछ ऐसे आसन है जिनका हम अभ्यास करते हैं उनका सीधा असर हमारे पेट पर आता है 8:00 पर आने से दोस्तों होता क्या है कि जब हम अपनों को परफॉर्म करते हैं तो एक विशेष प्रकार का खिंचाव होता है और फिर हमारा जो पूरा शरीर है वह सिकुड़ जाता है कंपैक्ट होता है और इसका असर पेट पर आने से पेट की जितनी में मांसपेशियां हैं जो छोटे-छोटे शूज हैं फेल है जितने भी हमारे इंटरनल ऑर्गन से हैं आप दोनों पार्टनर उनकी अच्छी तरीके से मसाज होती है इस प्रकार के आसन का अभ्यास करने से इन सब इंटरनल ऑर्गन तक ऑक्सीजन और ब्लड की बेहतरीन सप्लाई हो पाती है और जब ऐसा नियमित रूप से चलता रहता है होता है तो फिर यहां पर जितने भी टॉक्सिक जमा है जितना भी सेट है जितने भी दूषित पदार्थ यहां पर वर्षों से जमे पड़े हैं वह धीरे-धीरे ढीले होने लगते हैं और धीरे-धीरे हमारे शरीर से बाहर निकल जाते हैं तो यह बहुत ही अच्छा अभ्यास होता है हमारे पेट की चर्बी को कम करने का जब आप चक्र आसन का अभ्यास करते हैं तो आपका पूरा शरीर एक चक्र की भांति दोस्तों एक बर्तन जाता है और तंत्र दोस्तों इस माय कोड बनेंगे माना जाता चित्रकूट बेगम करते हैं तो इसका सीधा असर हमारे एडमिन पार्ट्स और आता हमारे पेट के ऊपर आता है विशेष प्रकार की क्या होता है तो ऐसा जब नियमित हम करते रहते तो पेट की चर्बी हमारी रिड्यूस होती रहती है करते हैं दोस्तों प्राणायाम की तो पूर्णिया में कुछ ऐसे प्राणायाम है जिनका विशेष तौर से असर हमारे चर्बी पर ही पड़ता है दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हम प्राणायाम का अभ्यास करते हैं तो हमारे शरीर में ऑक्सीजन इंटर करने की हमारी लसी के प्रति बढ़ जाती है और जब ऐसा होता है तो फिर संपूर्ण स्वास्थ्य पर इसका बेहतरीन और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है विशेष तौर से जब हम पेट की चर्बी को कम करने की बात करते हैं तो फिर इसमें हमें अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए क्योंकि अनुलोम विलोम प्राणायाम का जब हम अभ्यास करते हैं तो इससे हमारे शरीर में सूर्य और चंद्र नाड़ी का बैलेंस स्थापित होता है और दोनों जो अगर कोई ऐसे बातचीत कब से संबंध कोई बैलेंस हमारे शरीर में अगर बिगड़ गया है खराब हो गया तो संतुलित अवस्था में आता है अनुलोम-विलोम प्राणायाम का अभ्यास करते हैं तो हमारे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है ऑप्शन का स्तर बढ़ जाता है और कार्बन डाइऑक्साइड कम होने लगती है और जब ऐसा होता है तो सारे टोंक से हमारे शरीर से बाहर निकल जाते हैं शरीर में भी आती है हमारी जितनी भी गाड़ियां हैं उनकी शुद्धि होती है दोस्तों इसीलिए इसे नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहा जा पेट की चर्बी को कम करने के लिए विशेष तौर से दो प्रणब और अधिक महत्व रखते हैं पहला है सूर्यभेदी प्राणायाम और दूसरा है भस्त्रिका प्राणायाम तो यह दोनों ही प्रणब का जब हम अभ्यास करते हमारे बॉडी में हिट जनरेट होती है उस नेता की मात्रा बढ़ती है और जब ऐसा होता है तो जो एक्स्ट्रा फैट जमा है हमारी इन स्टमक पर हमारे पेट पर तो वह भी धीरे-धीरे से दूर होने लगता है इसके साथ है दोस्तों कुछ क्रियाएं हैं प्रिया में सबसे अच्छी क्रीम आती है कपालभाति जब कपालभाति क्रिया का अभ्यास करते हैं तो इससे हमारे मस्तिष्क की शुद्धि होने के साथ-साथ इससे हमारी जो शरीर की शुद्धि वह भी निश्चित बनती है इसका भी जवाब याद करते हैं ना हमारे शरीर में उष्णता की मात्रा बढ़ती है और जो टॉक्सिंस को सारे बाहर निकलते हैं इसी के साथ-साथ आप कुछ क्रियाएं और है जैसे आप कुंजल क्रिया का अभ्यास कर सकते हैं कुंजल क्रिया का जवाब अभ्यास करते हैं तो इससे आपकी जो स्टमक में जो एसिड है वह बाहर निकल जाता है और आपकी जो चमक की कार्य क्षमता है उसमें बहुत ही अच्छे तरीके से वृद्धि होती है आपका डाइजेशन सिस्टम इंप्रूव हो ता है और जब डाइजेशन सिस्टम होगा तो एक्स्ट्रा फैट जमने की प्रवृत्ति आपके शरीर में हो गई है उसे धीरे-धीरे को छुटकारा मिलेगा और जो सेट कर जमा हो गया है वह भी धीरे-धीरे बाहर निकलते अग्निसार क्रिया काफी दोस्तों इसमें अभ्यास किया जा सकता जब अग्निसार क्रिया का अभ्यास करते हैं तो विशेष तौर से इसका असर आपके पेट पर आता है और आपकी पेट की जो मांसपेशियां हैं उनकी एक्सरसाइज होती है उनमें से खेलती है उन्हें मजबूती आती है और जब ऐसा होता है तो जब तक डेट है वह हिसाब का दूर होता रहता है तो इस प्रकार से योग का अभ्यास करने के साथ-साथ आपको खंड पहन के तरीकों पर भी ध्यान देना होगा आपको डाइट पर विशेष तौर से ध्यान देना आपको शुद्ध सात्विक और हल्के भोजन का सेवन करना है जितने फ्रेश फ्रूट और वेजिटेबल है उनका सेवन करें खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ाई नारियल पानी किया जब आप योग करने के साथ-साथ आप एक शुद्ध सात्विक और हल्का भोजन करेंगे तो इससे आपकी जो पेट पर जमी चर्बी जमा है आपका जो मोटापा है वह बहुत ही तेजी से कम होने लगेगा धन्यवाद
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