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नमस्ते दोस्तों मेरी यानी डॉक्टर प्रिया झा के तरफ से आप सबको दिन की बहुत सारी शुभकामनाएं वैसे भारत भारत में ही क्यों यह हर जगह पर है यह शुरू से शेष को मान्यता दी गई है और यह सब का सिंपल सिंपल जो रूट कॉल यह बीच अकेला एम सो सॉरी रूट कॉज यह सब है कि हमेशा इंपॉर्टेंट जो है वह शरीर के स्ट्रेंथ को दी जाती है आप कितने मजबूत हो इस चीज को दी जाती है और यही चीज रहती है तो यह शुरू से चला जा चला रहा है तो पिपरिया कला कल वर्ल्ड मतलब लड़कों को ज्यादा माना गया है 10 मिनट लिए बहुत टाइम से यह सब जो चीज है वह सैटरडे लेकिन अभी भी जो प्रेफरेंस है लड़कों को ज्यादा मिलती है आल्सो लड़कियां काम में बहुत अच्छी होगी लेकिन फिर बाद में यह प्रेगनेंसी का चीज आ जाता बहुत सारी चीज़ें होते हैं आप समझ सकते हो ना तो एक सवाल इच्छा मिक्सचर ऑफ मैनी थिंग्स विथ अ मिक्सचर ऑफ बॉडी एंड व्हाट व्हाट आर द क्रिएटर और नीचे व्हाट ई वांट टू कॉल वॉटर बॉडीज हैव बीन मेड टू डू एंड व्हेन द सोसाइटी हाउ पीपल एक्टिविटीज का कॉन्बिनेशन है तो आई थिंक सबसे सब के सब चीज का बोल देना कि मोरल स्टोरीज जिसका बॉडी ज्यादा टिकाऊ है और जिसमें ज्यादा स्ट्रैंथ है तो ज्यादा वेट जो है ज्यादा भाग जो है वह उसी को मिलता है आएंगे व्हाट इस द रीज़न व्हाई लड़कों को ज्यादा माना गया है शुरू से एंड सिस्टर टाइम से यह मेरा थॉट प्रोसेस कहता है थैंक यू
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भारत में लोग हमेशा से लड़कों को ही ज्यादा मान्यता क्यों देते हैं आप इस बात को जानिए कि भारत एक हमारा ऐसा देश है जिसमें हमारी ज्यादातर सोच मान्यताएं हमारे संस्कार सब हमें मिलते हैं हमारे बिलीफ सिस्टम याने रिलीजन से अब बहुत सी चीजें क्योंकि यहां रिलीजन से निकलती है तो इसमें इस कारण ऑफ इनहेरिटेंस याने प्रॉपर्टी अगर डिवाइड होती है मेन जो घर के काम होते थे डिविजन ऑफ वर्क या फिर करता हूं द फैमिली तो यह सारी चीजें जिस तरह मजहब ने इसको डिवाइड किया है चाहे वह हिंदुइज्म इस्लाम हो या कोई और मजाक उस बिना पर क्योंकि उस बिना पर समाज के कुछ उसूल बने हैं जो 7 और भारत में फॉलो किए जाते हैं इस बिना पर लिखा गया है और यह पाया गया है कि लड़कों को ज्यादा मान्यता दी गई है लेकिन कहीं-कहीं कुछ ज्यादा ही दी गई है इस हद तक के जो लड़कियों की हक है उनकी अपने राइट हैं उनसे वह उन्हें पूरी तरह नहीं दिए गए हैं और प्रॉब्लम महा शुरू होती है वैसे अगर आप इसका कारण जानना चाहो तो आपको इसके लिए थोड़ा रिलीजन और सोसाइटी को पढ़ना पड़ेगा जिससे कि आपकी समझ आएगा कि यह चीज हमारे समाज में आई कहां से धन्यवाद
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जो हम कहते हैं कि भारत में हमेशा लड़कों को ही ज्यादा मान्यता दी जाती है तो यह सोच समझने की जरूरत है कि जो भी सोच है यह पुरानी जो सोच है उस से चलती आ रही है पुराने जमाने में जो है अभी ऐसा मोटे तौर पर देखा जाए तो अभी भी बहुत ज्यादा ऐसा होता है कि मैं उसको ज्यादा प्रेफरेंस दी जाती है हर सोच में मेल डोमिनेटेड कंट्री कहा जाता है इंडिया को कि उसमें न्यू शो है उनकी हर बात को रखा जाता है क्योंकि पहले से ऐसा चलता रहा है पुरुष प्रधान देश जिसे हम कहते हैं और वह अभी भी जो न्यूज़ है कहीं ना कहीं काफी काफी हद तक उस चीज को नहीं छोड़ना चाहते सूची अगर आपको कोई खुशी मिल जाए ठीक है और उस कुर्सी पर बैठने से आपको बहुत फायदे हो रहे हो जब से घर की आरामदायक कुर्सी है उस पर बैठने से आपको सबसे अच्छा खाना मिल रहा है तो क्यों छोड़ना चाहेंगे तो वही बात पुश पुरुष प्रधान देश को जाती है कि जब मैं उसको डबिंग मेल डोमिनेटिंग कंट्री पुरुष प्रधान देश होने के बहुत फायदे मिलते हैं उन्हें क्यों छोड़ना चाहेंगे लेकिन फिर भी बहुत लोग इस चीज का प्रोटेस्ट करते हैं महिलाएं प्रोटेस्ट करती हैं पूरी में प्रवेश करते की ऐसा नहीं होना चाहिए दोनों को ही लड़कों को और लड़कियों को समान मान्यता दी जानी चाहिए तो पुरानी हो चली आ रही है उनके फायदे जो है पुरुषों को मिल रहे हैं उन को छोड़ना नहीं जा रहे हैं यह चीज धीरे-धीरे बदल रही है मैं यह नहीं कह रही हूं बदल नहीं रही है बट जो है समय लग रहा है
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आप का सवाल है कि भारत में लोग हमेशा से लड़कों को ही ज्यादा मान्यता क्यों देते हैं मैं आपको बताना चाहता हूं सन 2014 के पहले हमारे देश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी और कांग्रेस पार्टी की सरकार में हमारे बीच में भेदभाव था लड़कों को ज्यादा मान्यता दी जाती थी जब की लड़कियां मल्टी टैलेंटेड होती हैं लड़के अगर टैलेंटेड होते हैं तो लड़कियां मल्टी टैलेंटेड होती हैं मोदी जी की जब सरकार बनी तो उन्होंने स्वच्छ भारत स्वच्छ भारत अभियान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान और महिला सशक्तिकरण के ऊपर ध्यान दिया और आज हमारे देश में महिलाओं के प्रति लोगों के मन में अच्छी भावना आई है लोग अपने बेटे को पढ़ा रहे हैं अच्छी स्कूल में तो अपनी बेटी को भी अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे हैं आज बेटियां बहुत आगे बढ़ रही हैं बहुत तरक्की कर रही हैं इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जाता है आइए हम सभी लोग 2019 के चुनाव में अपना महत्वपूर्ण वोट भारतीय जनता पार्टी को दें ताकि हमारे देश में बेटियों की संख्या बेटों के बराबर हो सके और बेटियां हमारे देश में तरक्की कर सके आईएस ऑफिसर बन सकते हैं प्रधानमंत्री बन सके मुख्यमंत्री बन सके और सांसद विधायक बन सके धन्यवाद
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भारत में लोग लोगों को मिशन की मान्यता देते हैं इसका सबसे बड़ा धन है भारत किस तारीख परिवारों के लोग चाहे वह किसी धर्म का परिवार को जय हिंदू समाज और मुस्लिम समाज वैदिक समाज चाहे जो सब परिवार के लोग भी हैं लड़कों को मान्यता देते हैं भारत के लोग में भारत के सभी धर्मों के परिवार के लोग लड़कों को मान्यता देते हैं तो यह स्वाभाविक है कि जैसे हम धर्म के में हर परिवार के लोग हैं लड़कों को मान्यता देते हैं तो उसके ऊपर से उनके पीछे हम बिल्कुल स्पष्ट शब्दों में कहे परिवार परिवारों का स्वार्थी पर है वह शॉपकीपर यह है कि वह परिवार यह समझते हैं कि लड़कियों की अपेक्षा जो है लड़के उनको विश्व में ज्यादा फायदा दे सकते हैं उसकी पढ़ाई तो अच्छी नौकरी मिल जाएगी जब अच्छी नौकरी मिल जाएगी तो वह घर में पैसा लगेगा तो वह ज्यादा पैसा में कमा कर देगा तो हर परिवार के पीछे कोई स्वार्थ की भावना है उसी कारणों को मान्यता देते हैं उनके पीछे स्वार्थ की भावना छिपी है अगर वह लड़कियों के लिए भी यही विचारधारा रखने की पिक्चर दे दो लड़की भी हमें जो है जिस तरीके से लड़के के लिए सोचते हैं कि लड़का में कमा कर देगा तो लड़कियों को लड़कियों का भविष्य अच्छा बना दे नहीं तो लड़कियां भी उनसे भी अच्छा पैसा कमा कर देंगे और एक बात बताते चलें कि लड़कों की अपेक्षा लड़कियां जो है असहयोग होती है और अडानी होती हैं और अभी जो है परिवार की मदद करने वाली होती है और दुख दर्द में अपना भला ना चाहकर अपनी अपने दुख तकलीफ को भूलकर परिवार के साथ गए हर मुश्किल में खड़ी रहती हैं जबकि यह स्थिति लड़कियों में नहीं है लड़कों को मां-बाप बढ़ाते हैं उनके बजा दो सारा पैसा खर्चा करते हैं और बाद में क्या होता है जब उनको एक अच्छी नौकरी मिल जाती है जब तक उनका विवा नहीं होता तब तक तो परिवार का साथ देते हैं और जवाब देते हैं वहां पर क्या कर रहे होते हैं तो उस समय जब उनकी शादी हो जाती है तो अपनी बीवी और बच्चों को ज्यादा तवज्जो देते हैं मां-बाप बोले हो जाते हैं उनकी उनकी तरफ ध्यान देना तो दूर की बात उनकी देखभाल करना तो दूर की बात है उनसे बात करना भी नहीं पसंद करती लड़की के मां बाप इतना पैसा खर्च करते हो शाम को देते हैं तो वह 1 दिन आने पर अपना बॉबी स्वार्थी पर दिखा देते हैं जैसा कि मां-बाप उनके लिए उनसे स्वाति पन रखते हैं कि यह पैसा कमा कर देना में दौलत कमा कर देंगे तो घर में पैसा आएगा इस हो सकता सेवा करें जो स्वार्थ की भावना मां-बाप लड़कों से किल्ली रखे होते तो वही लड़के उनको जवाब नहीं लड़के उनको देते हैं तो इसके बिना पर हमारे विचारधारा थे अगर लड़की को एक अच्छी से अच्छी शिक्षा दी जाए तो लड़की में यह स्वार्थी बहाना नहीं होती है लड़की उस बात की कदर करती है उसमें हमेशा यह भावना बनी रहती है कि मेरे मां-बाप ने मेरे ऊपर इतनी आला तालीम दिला दो कि जो मां-बाप उसके लिए बलिदान करते हैं सब पैसा खर्च करते हैं वह अपने अंदर उसको रखी रहती हो उनकी बहुत ज्यादा उसको कदर होती है वक्त आने पर चाय को उसका परिवार उसका भी परिवार बन जाता है लेकिन वह अपने परिवार की परवाना किए पर भी वह अपने मां-बाप के हर हाल में जिंदगी के लाभ अंतिम क्षणों तक वह अपनी मां बाप की सेवा के लिए हमेशा खड़ी रहती है और हमेशा गए उनका सहयोग करती है तो हमारी नजर से लड़कियों को अच्छी तालीम देना ही ज्यादा उसका ज्यादा जो है
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भारत के लोग हमेशा से लड़कों को भी ज्यादा मान्यता देते रहे हैं क्योंकि उन्हें यह लगता है कि बेटा जो होता है वह वंश को आगे बढ़ाता है और मृत्यु के बाद पिंड दान करता है जिससे आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है इसीलिए भारत के लोग लड़कों को ज्यादा मान्यता देते हैं
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नमस्कार ऐसा कुछ भी नहीं है मन तो उन्हीं लोगों को देना चाहिए जो चारित्रिक रूप से अच्छे हो और हमारी तफ्तीश में कोई इशू नहीं है अब वह लड़के हो या लड़की हो जो भी अच्छे हैं बस उसको मान्यता समाज में मिलनी चाहिए और अगर किसी पार्टिकुलर पर्सन को मिल रहा है बगैर किसी गुण के तो फिर यह गलत है यह नहीं होना चाहिए धन्यवाद
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