चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
चांदनी देखे तो क्या मतलब हुआ है कुछ कम हो जाए तो उसके लिए कोई दिक्कत नहीं है
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हेलो मित्र आपने पूछा है कि जनरल केटेगरी को आरक्षित के समकक्ष ओं के प्रणामी यूपीएससी में कम प्रयास क्यों दिए जाते हैं तो वस्तुतः इसके पीछे मूल अवधारणा यह हमारा संविधान में समानता का अधिकार देता है और समानता प्राप्त करने के लिए हमें कहीं-कहीं असमान नियम लागू करने पड़ते हैं समानता के लिए समान नियम सामानों में लागू होते हैं और सामानों में नहीं जो आरक्षित वर्ग हैं वह निम्न आय वर्ग का होता है सोशल स्ट्रेटिफिकेशन में भी उसके जगह नीचे हुआ करती है आगे बढ़ने के अवसर उसके पास कम हुआ करते हैं लेकिन इन सबके होने के बावजूद इसका अर्थ यह नहीं होता कि उनमें एबिलिटी नहीं है अगर उन्हें थोड़ा ज्यादा वक्त थोड़ा ज्यादा सहारा दिया जाए तो वह भी जनरल कैटेगरी के बच्चों की तरह से परफॉर्म कर सकते हैं और इसी मूल अवधारणा के आधार पर यह विभेद किया जाता है जो दरअसल समानता स्थापित करने के उद्देश्य से होता है आरक्षण के पीछे भी मूल अवधारणा यही काम करती है धन्यवाद
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नमस्कार आप ने सवाल किया है कि जनरल कैटेगरी को आरक्षित आश्रम कक्षों की तुलना में यूपीएससी में कम प्रयास क्यों दिए जाते हैं लेकिन इसमें आपका आसमा सकता हूं कि आपने अटेम्प्ट से संबंधित बातें पूछे जर्नल जहां तक की बात है तो जनरल कैटेगरी के लोग प्रत्येक तत्वों से वह सब बने होते हैं पर टेंपल के लिए पैसे से भी सक्षम होते में नेता के सारे चैनल कैसे से सक्षम होते हैं लेकिन एक और धारणा यह है कि जो जनरल कैटेगरी के लोग होते हैं वह ठीक ठाक आमदनी से होते हैं उनकी पढ़ाई लगभग अच्छी होती है उनके घर के लोग अच्छे होते हैं और अपनी यूपी असल में बात किया तो काफी अच्छा खासा इनकम होता है जनरल कैटेगरी का और जिसकी वजह से कम आने क्या जाता है सामान्य नहीं है लेकिन आज ओबीसी एससी एसटी ईडब्ल्यूएस तुम्हें नहीं कह सकते क्योंकि अभी बराबर होता है और पीएच होते हैं वह पार्सल विद डिस्टिक पार्क ऑफिस मिलिट्री जो है उसमें कुछ ऐसा है तो यह इनकी कमी असली होते क्योंकि यह उनको उतनी संसाधन नहीं मिल पाते जिसके वजह से दिया जाता है
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