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गुड़गांव का गुरुग्राम बनाने के बाद RSS अब तैयारी में है क्या हैदराबाद को कर्णावती बना दिया जाए जो Kick हिंदू राजा का नाम का कारण भेजो कि 11 सेंचुरी में रोलर हुआ करते थे उनके ऊपर अभी RSS से अहमदाबाद का नाम बदलना चाहती है RSS का मानना यह है कि हमारे देश के किस शहर है उनके कल्चर राठौर समाज जो सभ्यता है उसकी वजह से जानी जानी चाहिए ना कि जो दूसरे रूलर हमारे देश में आकर चुनाव देख कर गए हैं उसकी वजह से दे जानी जानी चाहिए यह कई यह जो चेंज हो रहे हैं कई तरह से एक पॉजिटिव वाइफ नहीं दे रहे क्योंकि हमारे इन नामों की वजह से हमारा देश कंट्री ऑफ डाइवर्सिटी एंड मल्टीप्ल करता है जो कि बहुत अच्छी बात है जो और हमारा देश गुस्से की वजह से ही जाना जाता है अचानक इस तरह से हर जगह का नाम बदल देना आ गई ना कि उस जगह की हिस्ट्री को मिटाने जैसा है जो कि मुझे यह पॉजिटिव साउंड नहीं करता
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देखिए अगर आप मेरी राय जानना चाहेंगे तो मैं यही कहूंगी मुझे नहीं समझ में आता है नाम बदलने का चक्कर पहले ग्रुप गुड़गांव का गुरुग्राम कर दिया पर लोग आज फिर से गुड़गांव के नाम से जानते चाहे वह का रेंज हो जाए वीडियो को किस जर्नल बोलिए वह तो गुडगांव ही रहेगी आने वाले और विष 25 साल साल में शायद नेट संदेशों से गुरूग्राम बोले लेकिन वह हमारे लिए तो गुडगांव ही रहेगा जो जो यह RSS वाले हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है यह चाहते हैं कि अब अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती हो जाए ऐसा करने की विधि तो कारण बताते हैं किस से इंडिया को जो कल्चर है वह हाईलाइट होगा और जो फॉर रनिंग ट्रेन से जो दूसरे देश का विदेशी जो वह हमारे ऊपर शासन है वह कम हो जाएगा पर RSS के इस काम में भारतीय जनता पार्टी उनका पूरा साथ दे रही है जो नाम है वह उसके हिस्ट्री प्रोस्टेट के हिस्ट्री कल्चर जुड़ा हुआ हो तो उसे हिस्टोरिक नाम दें और वह कहते हैं कि हम वही नाम उसका क्या जो जो इनवेटर से जींस फॉर रेंट रूल्स ने स्टेज पर राज किया वह नाम हम उन्हें देते हैं बड़े गलत है हमें हमारे अपने कल्चर के साथ सोने नाम देना चाहिए तो वह अहमदाबाद कर्णावती कर देंगे एक हिंदू किंग के नाम के ऊपर करण देव के ऊपर जिसमें इलेवंथ सेंचुरी में एस्टेट की स्थापना की थी फिर से संभाले नगरिया संभाजी कहा गया तुम मुझे तो नहीं लगता कि ऐसा कुछ नहीं करने से कोई फायदा हुआ विकी नाम में कुछ नहीं रखा हो तो इसे सेक्स करने का है तो उससे कल्चर कैसे दिखेगा यह मुझे समझ नहीं आता तो अब देखते हैं भाजपा कितना सपोर्ट करेगी और क्या पता शायद फिर और सीट के अर्जुन को किन किन नाम बदल जाए
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मैं गुडगांव में रहने वाली हूंl जैसा आपने देखा ही होगा मैंने गुडगांव बोला गुरुग्राम नहीं बोला तो यह बहुत कनफ्यूजन हो जाता है लोगों के लिए भी वहां रहते हुए कि वह गुड़गांव बोले या गुरुग्राम बोलेl मैं गुड़गांव में रह रही हो ,मुझे ऐसा कोई फर्क नहीं देखा सिर्फ साइन बोर्ड चेंज हुए है, कुछ लोग गुरुग्राम बोलते हैं कुछ लोग गुड़गांव ही बोलते हैं पर अगर अभी भी देखा जाय तो गुडगांव से ही प्रसिद्ध है यह जगह, गुरुग्राम फिर एक नया नाम ही लगता हैl तो अहमदाबाद का भी अगर नाम चेंज हो जाएगा बतलाओ हो जाएगा तो उससे कुछ इतना फर्क पड़ेगा नहीं, इस कन्फ्यूजन क्रिएट होगी थोड़ी बहुतl अभी भी अगर हम लोग काफी ऑनलाइन भी फॉर्म फील करते हैं कुछ भी फिल करते हैं तो वहां हर जगह गुडगांव ही लिखा आता है, गुरुग्राम अभी नहीं इतना चेंज हुआ है हर जगह परl मेरे हिसाब से नाम को सेम रखते हुए इस पे ना टाइम व्यस्त करते हुए लोगों को जो है डेवलपमेंट पे टाइम व्यस्त करना अपने आप को व्यस्त करना चाहिए, उन्नति देखनी चाहिए कैसे होगी क्यूंकि अहमदाबाद एक जाना माना नाम हैl सब लोग जानते हैं अहमदाबाद को एक नया नाम लोगों के लिए इस टाइम पे उसको याद करना नहीं चीज़ हो जाएगी, तो मेरे हिसाब से नाम ना ही चेंज करते हुए उसकी डेवलपमेंट पे ध्यान देना चाहिएl
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PK सरकार जो है वह अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती रखना चाहती है जैसे उन्होंने गुड़गांव का जो नाम है बदलकर गुरुग्राम रख दिया तो मैं नहीं समझता कि आखिर कितना डिफेंस आया होगा गुडगांव में है जब उसका नाम जो है वह बहुत से हटाकर गुरुग्राम कर दिया गया खाली + साइन बोर्ड द्वारा डायरेक्शन बोर्ड बदले गए होंगे और भेजो है वह गुड़गांव की जगह गुरुग्राम लिखा गया तो मैं नेता के नाम से किसी भी जगह किसी शहर पर कोई फर्क पड़ता है मैं समझता हूं सरकार को जो है वह वह से एरिया के उस जगह की उस राज्य के जो है वह डेवलपमेंट में अपना समय व्यतीत करना चाहिए ना कि यह सोचने में कि उसका नाम बदलकर यह रखा जाए या बुरा खजाना नाम कुछ भी हो लेकिन जगह सेम रहेगा उसमें डेवलपमेंट का जो स्कोप है वह हमेशा बना रहेगा और लोग जो है वह नाम को याद रखेंगे लोग जो सरकार ने डेवलपमेंट किया है उसको याद रखते हैं ना कि जो नाम है उसको तो वह कुछ भी रखेगा वही रहेगा और मैं तो नाम पहले से चले आ रहे हैं सदियों से जिस से नाम की अगर वह जगह फेमस है तो वही नाम उसको देना चाहिए बार-बार चेंज करने से लोग भी कंफ्यूज होंगे और नाम चेंज करके कोई फायदा भी मुझे पैसे की नजर नहीं आता
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मैं 1990 में अहमदाबाद मुंसिपल कॉरपोरेशन ने ग्रेजुएशन पास किया था जिसमें उन्होंने अहमदाबाद का नाम कर्णावती रखने की मांग की थी इतने सालों बाद भी उनकी यह मांग पूरी नहीं हुई है मुझे इसमें कोई शक नहीं दिखता है हमने अपने बहुत सारे शहरों के नाम बदले हैं मुंबई से मुंबई पांडिचेरी से पुडुचेरी मद्रास से चेन्नई तो कल स्कूल रोज बनाने बनाए रखने के लिए एक और नाम चेंज होने में कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए पेस्ट्री अगर वहां रहने वाले लोग भी यही चाहते हो तो प्रॉब्लम सिर्फ इस बात में आ जाती है कि यह मुद्दा फिर से RSS ने उठाया है जो ऐसे आक्षेप सोशल पॉलिटिकल डिस्टरबेंस क्रिएट करने के लिए करती है
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