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हर एक मां बाप को अपने बच्चों से इज्जत स्वयं अर्जित करनी पड़ती है, और अगर वह इज्जत के काबिल नहीं है तो उनके बच्चे उनकी कोई इज्जत नहीं करेंगे, यह जो एक परंपरा शुरू करने की चेष्टा की जा रही झारखंड सरकार द्वारा की पिता माता की पूजा की जाए, यह मेरे विचार से तो बिल्कुल उचित नहीं है और बहुत ही पुरानी रूढ़िवादी विचारधारा को उनकी दर्शाती है और आज के समय में जो बच्चे हैं वह काफी जागृत है और वोह माँ बाप की जरूरत करते हैं,लेकिन अगर वोह मां बाप उनकी इज्जत के काबिल हो तो और उनके पैर को धोने से और वो इस तरीके के जो दुनिया भर के रिचुअल्स करने हैं,यह सिर्फ एक पुरानी परंपरा को जन्म देते हैं और मैं इसके बिल्कुल ही समर्थन में नहीं हूं |
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एकदम सही है यह जो हो रहा है वह बहुत सही है हम कितने भी देवों को बुल्ले लेकिन जो साक्षात भगवान है हमारे जीवन में वह हमारे मां-बाप हैं और उनके पैरों को धोना और यह जो है ना क्या बोलते पर इतने प्रतीकात्मक चीज है कि यह हम लोग एक बार कर रहे हैं और अब ऐसी शिक्षा उन बच्चों को देनी चाहिए कि हर साल और हर बार हां बाबा के सपने अब उनके साथ में रहें
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देखा जाए तो यह माता पिता पूजन दिवस एक अच्छी सूचना है हमें सबको यह अपने माता पिता को प्रार्थना करेंगे कि अपने परिवार को हम खुश रखे और अपने माता-पिता के वजह से आज जो भी है जैसे भी है वह सब उनकी वजह से है अगर माता पिता हमारे पर अपनी कृपा नहीं पढ़ पाते तो आज हम ऐसे हालत में नहीं होते तो माता पिता दिवस मनाने योग्य पर किसी को फोर्स कर रहा हूं गलत बात होगी
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देखेगा तो झारखंड पिता माता पूजा दिवस रखे तो बहुत ही अच्छी बात है क्योंकि आजकल की जो यंग जनरेशन है वह पेरेंट्स को इतना महत्व नहीं देती है अपने फ्रेंड और घूमने फिरने में ज्यादा इंपोर्टेंस अपने पेरेंट्स को कल सुबह देखभाल नहीं करते तो इसी के चलते हैं झारखंड सरकार ने में कोई कदम उठाया और रिश्ते जो है सारे जंक्शन है अपने पेरेंट्स से जो है वह पे करना सीखेंगे और उनकी उनकी जो है हर बात मानेगी और उन को दुखी नहीं चलेंगे तो मैं कल से ही एक बहुत ही अच्छा कदम है झारखंड सरकार के द्वारा
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भारत सरकार ने जो इनिशिएटिव लिया है ,माता पिता पूजन दिवस, बहुत अच्छा और बहुत सुंदर सा इनिशिएटिव लिया है, क्युंकी आज की जनरेशन, जिस तेजी से हम भाग रहे हैं, जिसे तेजी से हम कैरिएर, एम्बिशन, यह सब पर फोकस जारा है , के समय इस तेज़ी से भाग रहा है की हम वोह जो समय है माता पिता को देना चाहिए, हम इतने उलज गए है की माता पिता को जो समय देना चाहिए हम नहीं दे प् रहे है| उन्होंने जो भी सक्रिफिस किये है, जो भी संस्कार दिए हैं हमें यहां तक पहुंचाने के लिए बदले में उन्होंने मांगा सिर्फ एक ही चीज हमारा प्यार और समय जो की कही ना कही ,इस दुनिया में हम नहीं दे पा रहे है | तोह येह इनिशिएटिव के कारण एक तोह जो वैल्यू है वह रेक्रेअट होगी इस जनरेशन में बच्चों में, फिर से वोह जो माता पिता को जो समय देना चाहिए, जो इंपॉर्टेंट देनी चाहिए,वह फिर से वापस आएगी और भारत ऐसा देश है जहां पर रिश्तो बहुत ज्यादा महत्व है, बहुत आप हर चीज हर त्योहार रिश्तो से जुड़े हुए हैं| कही ना कही येह जो दिवस है , बहुत अच्छा फॅमिली बांड फिर से रेक्रीअट करेगी, वह जो प्यार है और जो समय है वापस लेकर आएगी, जो की बहुत अच्छा इनिशिएटिव है |
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झारखंड राज्य ने जय सुरनायक दिवस पिता माता पूजा दिवस की जो घोषणा की है यह काफी अच्छा कदम दिखाई दे रहा है इससे तो पहली तो बच्चों के नजर में माता-पिता का कैसेट किस तरह से सम्मान करते हैं उसकी सीख भी मिलेगी और जो नए बच्चे हैं जो इस दुनिया में अभी भी कुछ सीख रहे हैं अब तक उनका दिमाग जो मंजूरे पूरी तरह से जो है $1 नहीं हो चुका है और उनके अंदर संस्कार बहुत अच्छी तरह से करेंगे कि किस तरह से माता-पिता का सम्मान किया जाता है यहां पर शायद प्रश्न में अपने पर लिखे हैं तो उनके इसका मतलब है कि उनके बच्चे अपने माता पिता के पैर धोएंगे अगर हम इस भारतीय संस्कृति को देखेंगे तो यहां पर भगवान के पैर धोए जाते हैं और इस दिवस में ऐसा करने से माता पिता को भगवान का स्थान दिया जा रहा है जो काफी जो एक सच्चाई है कि बच्चों के लिए माता पिता ही भगवान होते हैं तो काफी अच्छी है जो एक कदम उठाया गया है झारखंड में झारखंड के सरकार द्वारा
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जैसे की हम जानते ही हैं भारत के अंदर कोई भी त्यौहार होता है उसके पीछे कोई ना कोई कारण कोई ना कोई वजह जरुर होती है तो जैसे अगर हम एक छोटा सा उदाहरण लेते हैं राखी का जो त्यौहार होता है अगर यह भाई बहन का त्यौहार होता है अगर पूरे साल भी भाई-बहन लड़ते रहे उनमें लोग क्यों चले उनमें गिले-शिकवे रहे पर इस दे ना कर वे एकजुट हो जाते हैं पूरे साल भाई बहन बात ना करें पर राखी वाले दिन जरूर बात करेंगे वह एक अलग ही भावना होती है उस दिन अलग ही प्यार आता है अलग ही जिम्मेदारी आती है भाई बहन को एक दूसरे के प्रति तो इसी तरीके से आज हम देखते आ रहे हैं क्या आज की युवा पीढ़ी जो है उनको मां बाप की इतनी वाली औरत इंपोर्टेंट नहीं रह गई है जितनी पहले पीढ़ी को होती थी तो इसी इसी को देखते हुए मेरे को लगता है कि हां यह तो हार ना केवल झारखंडी है हर स्टेट में हर जिले में मनाना चाहिए क्योंकि चाहे पूरे साल हम उनकी भावना ना कर सकें पर ही 1 दिन के अंत हमें उनकी इतनी वाली इलाज हो जाएगी हम आने वाले साल में यह चीज ना भूले और उनकी वालियों कर सके तो हां मेरे सबसे इस मां पिता माता पूजा दिवस की घोषणा करना एक बहुत ही अच्छा कार्य है और यह ना ही केवल सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे भारत में मनाना चाहिए क्योंकि हमारी लाइफ अगर हम आज यहां पर हैं तो उनकी वजह से हैं और यह लाइफ करना हमें बहुत ज्यादा जरूरी और आवश्यकता है
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झारखंड में जो यह लोग ने घोषणा की है कि जो हम पिता माता पूजा दिवस की घोषणा है जहां बच्चे अपने माता पिता से प्रार्थना करेंगे और अपने पैरों को धो लेंगे तो मेरे राय से तो मेरे हिसाब से तो यह बहुत ही अच्छा यह है अच्छा टाइप किया है किसी इंपॉर्टेंट हो जाता है कि कल आज की जनरेशन के बच्चे बहुत ही थोड़े से सेपरेट है थोड़े बहुत ही सब डिस्ट्रिक्ट डिस्ट्रिक्ट है अपने पेरेंट्स है क्योंकि उन लोग आजकल फोन कांटेक्ट मोबाइल इंटरनेट की दुनिया में ज्यादा रहते हैं तो इससे थोड़ा भारत की संस्कृति का और डेवलपमेंट होएगा एंड माता और बच्चे लोग को भी हो एक रिस्पेक्ट जोर देना चाहिए माता पिता को पेरेंट्स को वह भी अंदर से ही आएगा क्योंकि यह हमारे पैरों से और इनको जो रिस्पेक्ट मिलनी चाहिए वह मिल
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मुझे लगता है कि झारखंड में जो घोषणा की गई है वह एक प्रशंसनीय कदम है हमारी भारतीय संस्कृति में संबंधों को बहुत महत्व दिया जाता है परिवार के आपसी रिश्तो की मजबूती और एक दूसरे से शेयर सम्मान के कारण ही आज भी भारत में समाज और सामाजिक मान्यताएं अच्छी स्थिति में है हमारे यहां माता पिता को ईश्वर के समकक्ष रखा गया है और कहा भी जाता है कि बच्चों की पहली पाठशाला उनके माता पिता और परिवार होता है हम फादर्स डे और मदर्स डे अलग अलग बनाते हैं अगर यह दिन हम दोनों को साथ रखकर मनाएं तो और भी अच्छा है मुझे लगता है कि आज की पीढ़ी के विचार थोड़े आधुनिक हो गए हैं लेकिन इसका यह मतलब पता ही नहीं है कि उन्हें माता पिता से प्यार नहीं है या उनका सम्मान नहीं करते हैं सिर्फ यह बदलाव आया है कि आज वह खुल कर अपनी बात पूरी स्वतंत्रता और विश्वास के साथ अपने पेरेंट्स को संत के समक्ष रखते हैं इसी आशा के साथ कि वह की बात को समझेंगे बस इसलिए मुझे लगता है कि यह एक सही कदम है
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झारखंड में पिता माता पूजा दिवस की घोषणा की है जहां बच्चे अपने माता पिता की प्रार्थना करें कृपया जाएंगे मेरे हिसाब से यह निर्णय झारखंड सरकार द्वारा लिया गया बिल्कुल सही है कि फिर देखा जाए तो भारत की संस्कृति ही ऐसी है कि हमेशा दूसरों को मान सम्मान देते हो अगर हमारे माता पिता कोई भी भारतीय हो उनके जिंदगी में उनके माता-पिता का बहुत ही बड़ा योगदान होता है और मुझे लगता है ऐसे दिवस हो कर हम उन्हें बता सकते हैं कि उनका मान सम्मान अमल कितने महीने रखता है और उन्हें कितना प्यार करते हैं हां यह बात सही है कि आज के जमाने में आज की युवा पीढ़ी की सोच विचारे लगे परंतु इसका लाभ यह नहीं है कि हमारे माता पिता को मान सम्मान नहीं देते अगर माता दिवस अलग हो सकता है पिता दिवस अलग हो सके तो मेरे हिसाब से माता पिता पूजन दिवस एक दिन होना ही चाहिए यह संस्कृति को दिखाता है भारतीय संस्कृति दिखाता है और इसमें बच्चों के मन में जो उनके माता-पिता के तरफ प्यार है वह भी दिखाता है
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किसान कि अगर मैं अपनी राय दें तो अब तो यह जो झारखंड सरकार ने बोला है माता पिता पूजन दिवस के लिए यह मेरे सब से बिल्कुल भी उचित नहीं है क्योंकि अगर एक बच्चा अपने मां बाप की इज्जत सुबह करता है आप उसको जबरदस्ती इज्जत करने के लिए या इज्जत नहीं करा सकते हो अगर माता पिता सही में इज्जत करने लायक होंगे तो बच्चा खुद ही इज्जत करेगा उनकी आप किसी को जबरदस्ती कोई काम नहीं करा सकते आपको क्या लगता है यह दिवस कराने के बाद जो बच्चे अपने माता पिता को नहीं पूछते हैं मुझे पूछा चालू कर देंगे बिल्कुल नहीं आप किसी से कोई जबरदस्ती काम नहीं करा सकते तो वैसे ही बोलूंगा यह जो झारखंड सरकार ने बुलाया यह मेरे समझ में तो उचित नहीं है और नहीं होना चाहिए
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देखो मुझे लगता है कि जो पेमेंट पर छुट्टी की घोषणा की गई है या कुछ लोगों ने इसकी डिमांड की है झारखंड के अंदर तो मुझे लगता है बहुत ही अच्छी डिमांड है एक दिन एसा जरुर होना चाहिए 365 दिन के अंदर एक दिन जरुर ऐसा होना चाहिए जहां बर्थडे माता पिता को अपना पूरा टाइम दे सके क्योंकि आज की लाइन बहुत ही ज्यादा बिजी हो गई है लोगों को अपने लिए टाइम नहीं होता तो जंगली वह प्यार जो है वह धीरे-धीरे कम होता जा रहा है तो मुझे लगता है कि अगर इस तरह का दिवस कब मनाया जाता हमारे देश में तो डिफरेंट इन लोगों को बहुत फायदा होगा एडमिशन एक दिन अपने माता पिता की सेवा में पूरा 1 दिन नहीं 24 घंटे अपने माता पिता की सेवा में दे सकेंगे ऑल दो हमारे हमारे संस्कार इस तरह करें हमारा जो इंडियन कल्चर है उसमें पेरेंट्स को भगवान से ऊपर रखा गया है तो डेफिनेटली हमारे लिए पेरेंट्स जो हमारे भगवान से भी बढ़कर होता तो अगर एक दिन मुझे लगता है कि 1 दिन ऐसा रखा जाता है जहां हम अपने माता-पिता की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं उनकी पूजा अर्चना करते हैं तो मुझे लगता है कि बहुत ही अच्छी डिमांड है इसको पूरा भी होना चाहिए
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देखिए वैसे तुम्हें बच्चे कई सबक सकते हैं लेकिन फिर भी झारखंड सरकार को लगता है कि सरकारी स्कूलों को संस्कार देने में थोड़ा इजाफा और करना चाहिए बच्चों में माता-पिता के प्रति भक्ति भाव जगाने के उद्देश्य से झारखंड के सरकारी स्कूलों में मातृ पितृ पूजन दिवस का आयोजन की योजना बन चुकी है कि राज्य की शिक्षा मंत्री नीरा यादव जी और उनके विभाग के प्रधान सचिव को चिट्ठी लिखकर इस कार्यक्रम के आयोजन का निर्देश दिया है उन्होंने एक इंटरव्यू में बोला कि जिस तरह की पूजा मंदिर में भगवान की होती है उसी भाव से बच्चे अपने माता पिता की भी पूजा करेंगे और मीडिया रिपोर्ट नहीं आया कि शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया है कि इस कार्यक्रम के आयोजन को साल में 1 दिन राज्य की सभी सरकारी स्कूलों में किया जाएगा हालांकि सुविधानुसार अलग-अलग दिनों में भी किया जा सकता है और उन्होंने बोला कि कार्यक्रम में छात्र छात्र अपने माता पिता के पैर धोएंगे उनकी आरती उतारेंगे और उन्हें गले लगाएंगे उनके मुताबिक एक कदम परंपरा और संस्कृति को बनाए रखने में मदद करेगा एक तेरे से यह बात सही भी है कि वह आ क्योंकि आज का जो जो न्यू जनरेशन आजकल के जो युवा पीढ़ी है जो बच्चे हैं वह कंप्यूटर मोबाइल में साधक हो रहे थे और माता पिता पर कम ध्यान दे पाते हैं इस समय में इस पहल का स्वागत करना चाहिए और यह एक प्रशंसक प्रशंसनीय कदम भी है झारखंड सरकार की तरफ से प्रदूषण में यह भी कहना चाहूंगी कि किसी को फोर्स करके आप किसी की रिस्पेक्ट नहीं करवा सकते भगवान की पूजा करने वाले राम रहीम जैसे लोग कैसे हैं हमें सब पता है तो यह फिल्म तो अंदर से आनी चाहिए बडा हो सकता है कि इस शुरुआत के बाद कुछ बच्चों में कोई चेंजेस आ जाएं और अपने माता-पिता से ज्यादा प्यार करने लग जाए तो बहुत अच्छी बात ही है
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