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जैसे मैंने कहा कि डिप्रेशन है अभी डिप्रेशन का एक लक्षण होता है उदास रहना लेकिन अक्सर जब लोगों को सूचना पर ज्यादा बढ़ जाता है या बढ़ जाता है कि लोग उसको बीमारी की तरह नहीं लेते उदासीन की तरह नहीं लेते हैं लेकिन डिप्रेशन में अक्सर उदास ना होकर चिड़चिड़ापन भी बढ़ जाता है कि लोगों को लगता है कि यह इंसान जो है बच्चे जुड़े हो गए हमसे बात करने का कोई फायदा नहीं है तो वह अंडा एक दोस्त है जाता है जो इनको डिप्रेशन है या इनवाइटी है या फिर कुछ लोग बात मतलब अकेले में रहने लगते हैं और कोई उनसे बात करें तो वह मना कर देते तो भी ठीक है अगर कुछ परेशानी होगी तो मैं खुद आकर बता देंगे तो इस तरह
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अब टाइम चीजें बदलने लग जाती है अभी मैं आपको रिटर्न एग्जाम प्रिडिक्शन का ही देती हूं पहले लोग एडिक्शन को अभी इंडिया बहुत दूर है हम लोग अभी बहुत ग्रास रूट लेवल पर ही हैं एडिक्शन के मामले में अभी भी आप कहीं बाहर गांव में या अर्बन एरियाज नहीं आ जाओ हम पढ़े लिखे लोग हैं हम कुमारी लक्ष्मी के रूप में देखने की एक पिटाई की कुटी में चालू करके गिरधारी नहीं खाना चाहता कोई एडिट पूछो कि क्या बोलेगा मैं उसका शरीर का साथ वीडियो
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देखिए अगर वह किसी मेंटल चलती स्टेशन के पास जाएगा तो उसका टाइम ऑफिस गोगा ही होगा वही है कि अगर परिवार वालों में आसपास के लोगों में जागरूकता हेतु मानसिक विकार जो है वो टाइम आउट हो गई होगा मगर नहीं है तो वह हटाया जाता है और काफी समय बाद बाद में पता चलता है कि मारी थी और इसका इलाज पूरी तरह संभव था जागरूकता के ऊपर टीवी चलती है आजकल तो शारीरिक बीमारियों का ही देखा जाता है किया जाता है साथिया वीडियो जानकारी नहीं मिल पाती घर वालों की कभी कभी
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यह जो जितनी भी एक मानसिक बीमारियां होती है इनका जो मेन कारण होता है हमारे बॉडी के हार्मोन इंबैलेंसस की वजह से होता है अगर हम किसी भी बीमारी को किसी भी तरह की मानसिक बीमारी कोई बैलेंस है और वह बैलेंस नहीं हो रहा है तो बैलेंस ना होने की वजह से और बिगड़ सकता है तो इसलिए हमें बिल्कुल ऐसे ही नहीं छोड़ देना चाहिए उसके काम करते रहना चाहिए कोशिश करते रहना चाहिए कभी-कभी तो एक ट्रीटमेंट का इलाज तो लंबा हो तो दूर हो सकता है पर एक बैलेंस की पोजीशन में एक समय के बाद पूरे चांस होते क्यों आएगा मतलब कंट्रोल हो सकता है वह
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आज आतंकी बीमारी अनजाने में छोड़ दी जाती लोगों को मानसिक बीमारी के रूप में कैसे करते हैं लोगों को कभी भी नहीं आता बापू तनाव के बीच में या तो मुंह संस्कृत में 8वीं के रिजल्ट के रूप में ईयर के रूप में उदय शंकर
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कई बार होता है लोग सोचते हैं कि जैसे छोटे बच्चों में और एबीएसटी से मैंने बताया attention-deficit हाइपरदेस्मो यह कई बार लक्षण होते हैं वह बहुत ज्यादा टीवी जैसे कोई मोटर लगी है किसी के अंदर और विश्वास होना बहुत जल्दी ध्यान भटक जाना बैठने में दिक्कत होना एग्जाम कैंसिल चेक करना समान छोड़ देना गुस्सा आने पर समाप्त होना और और चिल्लाना अपने साथ कि हम उनके बच्चों के साथ लड़ाइयां करना जल्दी और अपने मां-बाप को उल्टा जवाब देना झूठ बोल रहा हूं गुस्सा करना है कि सब ठीक है बहुत आजकल ज्यादा ए डी एच डी में होती हो लेकिन लोग सोचते हैं बहुत समय तक कई बार यह सोचते रहते बच्चा शैतान है हम कई बार सोचते हैं वह बोलते हैं आता कि हमें तो लगा था बच्चा नॉटी है बच्चा शैतान हैं यह शैतानियां तो सब करते हैं सब बच्चों में होता बुटीक के नहीं देख पाते सब बच्चों में होता है कि वह सामान तोड़ते हैं लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि नॉर्मल और एडमिन में एक तितली की रेखा का फरक है जो चीज जरूरत दादा को वह गलत है अगर तुम शैतान हैं तो अगर वह जरूरत से ज्यादा शैतान है तब चिंता का विषय है लेकिन लोग अक्सर उसको भी नॉर्मल शैतानी समझकर अन डायग्नोस्टिक छोड़ देते हैं क्योंकि वह ट्रीटमेंट के लिए कि नहीं आते हो हमारे पास बहुत ऐसे बच्चे आते हैं जो तब आते हैं जब उनकी पढ़ाई बहुत ज्यादा डिस्टर्ब हो जाएगा वह सेवंथ क्लास में आ गए हैं फिर भी पेन हो रहे हैं क्योंकि उनको यही लगता रहता है कि बसपा तो उसे शैतान है उसको हमको जरूरत नहीं है तो पेरेंट्स लापरवाही करते हैं तो अंडा इग्नोर कैसे रह जाते हो डिप्रेशन में भी कई बार और अंडा इग्नोर करते रहते हैं क्योंकि लोग सोचते हैं कि बस थोड़ा अकेलापन है या मेरे को काम पर भी नहीं जा रहे थे पैसे में आकर तब भी लोग कई बार अंडर-19 छोड़ देते हैं कि अगर हम डॉक्टर के पास जाएंगे तो लोग क्या कहेंगे तो यह जो एक डोर एंड लोगों में एक चीज को लेकर अपने मानसिक रोग को लेकर इस दर्द से कि कहीं वह थप्पा ना पड़ जाए कि मैं पागल हूं या फिर इस वजह से कि वह कई बार सोचते हैं कि यह कॉमेंट है याद कर हर किसी में मन उदास है तो वह डिप्रेशन से उसको कंप्लीट करना शुरू कर देते हैं कि डिप्रेशन का मतलब खाली मन उदास होना होता है कि डिप्रेशन में ऐसे बहुत सारे लक्षण है जो हमारे पास कर दिया होता है जिसके अकॉर्डिंग भीगी टाइम यूज़ किया जाता है कि मैं डिप्रेशन है या नहीं है
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आपका प्रश्न है क्या यह संभव है कि कुछ मानसिक विकारों को अनजाने में छोड़ दिया जाए छोड़ सकते हैं कोई दिक्कत नहीं लेकिन जो मानसिक विकार है आपको भी पता होता है कि आपने यह मानसिक विकार आया है आप एक्सेप्ट नहीं करते हो जब आप खुद एक्सेप्ट करोगे और उसके बाद छोड़ने का प्रयत्न करोगे तो जरूर छोड़ेगा और जब छोड़ने का प्रयत्न आप नहीं कर रहे हो तो वह मानसिक विकास और भी ज्यादा बढ़ता है मतलब जब भी आपके मन में लगता है कि आपको यह मानसिक विकार छोड़ना है कैसे छोड़ो सब किसी साइकोलॉजिस्ट के पास जाए वह जरूर आपकी मदद करेगी और स्टेप बाय स्टेप जैसे वह बोलते हैं वैसे उनसे मिलिए और मानसिक विद्यालय मानसिक विकार जो थे वह सुनाइए और जरूर छोटे लेकिन साथ ही साथ में आपका सहयोग होना भी जरूरी है तब जाकर मानसिक विकार छूटेगा आपका दिन शुभ हो धन्यवाद गुड नाइट टेक केयर बाय
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अवेयरनेस नहीं होती तो जिसे हम देख लो सी जाती है ना आप उसको कोई भी चीज का ब्लेम कर सकते हो और एग्जाम फिर ना पूछो तो सही बताती हूं आप जैसे मैं स्कूल में चाहती हूं हमारी बीवी रिशु थे एफर्ट कल स्कूल में बच्चे नर्सरी नहीं प्रकृति के पोस्ट किए थे इतना ज्यादा बच्चा ऑप्शन 58 ईयर का कहना नहीं मान रहा था ऑफिस कलेक्शन के लिए नहीं दे रही थी तो उसको एक दैवीय मतलब उस बच्चे को एक टांग दे दिया कि यह बच्चा तो यह भी ठीक नहीं है पेरेंट्स पर ध्यान नहीं रखते और इस को स्कूल से निकालो तो वह जब हमें बुलाया गया तो फिर डायग्नोसिस होकर निकला कि इसको ऑटिज्म है फिर हमने स्कूल की काउंसलिंग की टीचर की काउंसलिंग की सबसे पहले तो हमने पेरेंट्स को किया कि आप इतने करवा कर रहा है क्या आप उर्दू प्रॉब्लम आएगी आएगी
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