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लिखे जो न्यायालय में सीटें खाली हैं 400 से ज्यादा इसका असर तो लाजमी है पैसों में और अगर यह 400 लोग मान लिया Wanted होते हैं तो रोज कई सारे हजारों फैसले बोलोगे सकते थे और इसमें कोई दो राय नहीं है कि जो पेंडेंसी है वह काफी हद तक कम हो जाती तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि जो उच्च न्यायालय पर खा लिया को एक बहुत बड़ा कारण है कि नहीं अकेला कारण नहीं है इसके अलावा बहुत सारे कारण हैं जिसमें जो आपके जो बाकी लोग हैं जैसे आप के एडवोकेट सेवर जेल में लेते रहते हैं टाइम से आते नहीं हैं और जो एक न्यायालय की जो प्रक्रिया है वह बहुत ज्यादा कॉन्प्लेक्स है और उस चक्कर में भी बहुत सारी डिलीट होती हैं 2 सीटों को भरना बहुत जरूरी है लेकिन उसके साथ-साथ में उसमें जो गुणात्मक सुधार है और उसमें जो प्रक्रिया में सुधार है वह भी अगर हम चाहते हैं कि न्यायालय हैं उसमें तेजी से फैसले
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दोस्तों आपके द्वारा पूछा गया सवाल है 24 उच्च न्यायालय में 400 से अधिक न्यायाधीशों की सीट खाली है क्या इसी वजह से फैसला में गिरी होती है बिल्कुल आपने जो कहा यह बिल्कुल सही है क्योंकि जब न्यायाधीश ही नहीं होंगे कम न्यायाधीश होंगे और ज्यादा होंगे तो फैसले में देरी होगी ही
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माननीय उच्च न्यायालय के कई पद निश्चित रूप से खाली है और इससे न्याय प्राप्त करने में सबसे बड़ा बाधक उत्पन्न हो रहा है
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न्यायालय में सीटें खाली होने की सबसे बड़ी वजह है शिक्षा
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जी हां अगर हम देश के न्यायालयों की और वहां के जगत की बात करें तो भारत में बहुत सारे ऐसे ही जगह है जहां पर उच्च न्यायालयों में आयोजित की जगह खाली है और वहां पर न्यायाधीश नहीं है कोई भी जॉब भेजो कैसे इसका फैसला कर पाए और अगर हम देखें तो कुछ एक या दो लाख लोगों के ऊपर सिर्फ एक न्यायाधीश है बल्कि अगर एक एक या दो लाख लोगों की कैसे देखे जाए तो वह बहुत ज्यादा है परंतु उनका न्याय देने के लिए एक ही न्यायाधीश बैठे हुए हैं तो यह जो देश में हमारे न्यायालय में न्यायाधीश की जो कमी है उसकी वजह से हमारे देश में जो RSS के फैसले आते हैं वह बहुत देर में आते हैं और कई कई कई कई बार फैसला आने में इतनी देर हो जाती है कि वह इंसान खुद भी मर चुके होते हैं या फिर उनकी नई पीढ़ी आ चुकी होती है उस फैसले को लेने के लिए लेकिन वह पैसा तब भी नहीं आ पाता तो जो देश में न्याय लो मैं और जो न्यायाधीश की कमी है उसी की वजह से हमारे देश की न्याय व्यवस्था है वह अच्छे से काम नहीं कर पा रही और न्यायाधीशों की जो कमी है वह एक और चीज है जो देश में लोगों को एक विश्वास होता है न्यायालय पर उसको भी कहीं ना कहीं काम कर रही है क्योंकि अगर किसी भी इंसान को केस का फैसला नहीं मिल पा रहा है तो वह एक इरिटेशन की वजह से न्यायालयों से दूर होते जा रहे हैं उन पर भरोसा करना कम कर रहे हैं तो मेरे हिसाब से अगर न्यायाधीशों की जल्दी से जल्दी नियुक्ति की जाए और नए न्यायाधीश बनाया जाए चाहे वह उच्च न्यायालय हो या फिर छोटे न्यायालय उन सभी में तभी हम जल्दी यह फैसला कैसे दे पाएंगे और न्यायाधीश ढंग से पैसे कर पाएंगे और जितनी जो जनसंख्या है उस हिसाब से जल्दी से जल्दी करना पड़ेगा तभी जितने भी कैसे जब उनके फैसले में देरी से नहीं आएंगे
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ठीक है दोस्त मैं आपकी बात से पूरा सहमत हूं और जो आपने ध्यान दिया उस हिसाब से मैं सहमत हूं और जो कैसेट हमारे देश में काफी सालों से पेंडिंग पड़े हैं वह पेंडिंग ही रह जाएंगे जो न्यायाधीशों की 408 सीटें बैकेंड पड़ी है वह सिर्फ और सिर्फ हमारे भारत में करेक्शन और न्यायालयों की खामियों को दिखाता है लगभग आज भी हमारे भारत में तीन करोड़ के जस पेंडिंग पड़े इंडियन कोर्ट्स है जिसमें सिर्फ और सिर्फ 400002 4000064 हाईकोर्ट के हाथों से कितना बड़ा आंकड़ा है हमारी गवर्नमेंट को इस पर ध्यान देना चाहिए यह सिर्फ और सिर्फ 2:00 बजे से पहले रिज़ल्ट यह तो कैसे जितने ज्यादा है और जो न्यायाधीश हैं वह इतने कम इस द डिफरेंस है वह काफी ज्यादा है तो काफी ज्यादा टाइम लगता है एक केस को सॉल्व करने में जिसकी वजह से इतने सारे कैसे पेंडिंग रह जाते हैं पहले जिस दूसरी चीज हमारे भारत में कितने करप्शन है कि एक केस को इतना घुमाया जाता है उस पर इतनी बार इंक्वायरी की जाती है उसका भी कोई सलूशन नहीं निकाला जाता क्योंकि इंक्वायरी अभी देखी नहीं जाती तू दो न्यायाधीशों की सीटें अजूबे क्यों पड़ी है तो हमारी गवर्नमेंट को इस पर इंक्वायरी बतानी चाहिए हालांकि हमारी बेटी भी थी लेकिन कोई सलूशन नहीं आया और जो यह जो वैकेंसी पड़ी है उसको जल्दी से फुल करना चाहिए ताकि जो इतने सारे केस पेंडिंग पड़े हैं यह जल्दी से जल्दी सॉल्व हो क्योंकि हमारे देश का यह हाल है कि कुछ कैसे इसको तो 506 साल लग जाते हैं सर होने में और कुछ मैसेज तो 10:12 12 साल लग जाते हैं और उसके बाद भी इसका कोई सलूशन नहीं निकलता तो जो न्यायाधीशों की संख्या है उसको सही से बढ़ाना चाहिए और सही करना चाहिए और किन पड़ी है उसको ओपन करना चाहिए और हमारी सरकार को इन चीजों पर ध्यान देना चाहिए ताकि इतने सारे जो केस पेंडिंग पड़े सालों से जल्दी से जल्दी कम टाइम में 16 उपाय थैंक यू
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न्यायाधीशों की कमी यह तो एक बहुत बड़ा मुद्दा है जिसकी वजह से 30 मिलियन कैसे सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट और अदर्स बोर्डिंग कोर्ट के अंदर पेंडिंग है अगर मैं एक घड़ी की बात बोलूं तो लगभग 65000 कैसे सुप्रीम कोर्ट के अंदर 40 मिलियन के सॉरी फॉर मेल इन कैसे हाई कोर्ट के अंदर 30 मिलियन ओवरऑल आप देख सकते हैं लेकिन इसके अलावा भी बहुत सारे ऐसे कारण है जिसकी वजह से इतने सारे केस पेंडिंग पड़े हुए हैं और इनका जो डिसीजन है उसको आने में 20 से 25 साल लग जाते हैं लेकिन किसी भी दूसरे सरकारी संस्थानों की तरह नायक प्रणाली के अंदर ही भ्रष्टाचार है और उसको मना नहीं किया जा सकता क्योंकि कुछ दिन पहले हमने देखा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उन्होंने सीबीआई रेड चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा जी हैं उनके ऊपर एलिवेशन लगाए तो यह चीज दिखाती है कहीं ना कहीं सुप्रीम कोर्ट के अंदर चीजें ठीक नहीं हो रही है दूसरा मुझे लगता है कि पारदर्शिता की कमी आप को शायद पता होगा आरटीआई को कोई भी व्यक्ति कानूनी प्रणाली के अंदर नहीं लगा सकता है तो कहीं ना कहीं यह सारी चीजें ऐसी है जिसकी वजह से जिस केस का डिसीजन 2 साल में आना होता है उसको लगाते हैं 20 साल को 2 महीने में आना होता है उसको लगते हैं 4 या 5 साल तो यही वह कारण है जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट के अंदर ने कैसे स्पेंड देंगे जजों की तो बहुत ज्यादा कमी है 400 दिन से आपने बताया शायद इससे भी ज्यादा जजों की कमी है ताकि इतने सारे लोग इतने पेंडिंग केस ों को कॉल करने के लिए मुझे लगता है बहुत ज्यादा जजों की जरूरत होगी अपॉइंटमेंट कि हालांकि सरकार ने कॉलेजियम सिस्टम की बात क्यों उसको रिप्लाई भी किया लेकिन रिजल्ट ने सेट इस फैक्टरी नहीं रहे
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सेंडर स्टाफिंग हमेशा से एक प्रॉब्लम रही है बल्कि अन्य साथियों व स्टाफिंग दोनों ही प्रॉब्लम रही है गवर्नमेंट सेक्टर की अक्सर हमने देखा है कि कहीं कहीं पर जरूरत नहीं होती उससे ज्यादा लोग आ जाते हैं और कहीं नहीं पर पद खाली रहते हैं आए दिन आप किसी भी दुकान चले जाइए यहां पर इस तरह के फॉर्म कब मिलते हैं गवर्मेंट जॉब के फॉर्म मिलते हैं आपको हर जगह हर डिपार्टमेंट की कोई ना कोई पद भी मिलती रहेगी कि यह पद खाली हैं इतने खाली है इस नंबर में खाली है तो हर साल निकलती भी रहती है मिलता पुरानी है जो है वह भी चलती रहती है तो यह बहुत बड़ी प्रॉब्लम रही है जबकि हम सब जानते हैं कि पूरे इंडिया में कितना ज्यादा लोग को किस करते हैं गवर्मेंट जॉब की तरफ तिल उनके तैयारी को देखने के बावजूद उनको बराबर 91 नहीं मिलते हैं यार अगर मैं उसके आगे की पॉलिटिक्स की बात करूं तो कैंडिडेट तो मिलते हैं लेकिन उनके पास से पैसे नहीं आते हैं इसलिए उनको रखा नहीं जाता अदालत सिंह जो कि सामने आती हैं और यह शॉपिंग बिल्कुल आपने सही कहा कि यह फैसले में देरी की वजह हो सकती है क्योंकि उसने न्यायाधीश ही नहीं है याद आपकी जा कर देने वाले बना लीजिएगा न्यायाधीश नहीं होंगे तो फैसला सुनाएगा कौन और जितने हैं उन पर काम का प्रेशर है 5:00 फाइल है और प्लस वह जल्दी जल्दी उनके फैसला सुना भी नहीं सकते क्योंकि सही फैसला देना बहुत जरूरी है तो बहुत सारी चीज़ें आती है जाहिर है अभी से आधे से अधिक न्यायाधीश की सीट खाली है जिस में देरी होती है औरतों में देरी की वजह हो सकती है
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