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बॉलीवुड में जहां एक और बहुत ही घिसी पिटी और पुराने ढंग की फिल्में बनाई जाती हैं| वही मसाला फिल्म भी बनाई जाती हैं, जिनका कोई औचित्य आज के समय में नजर नहीं आता है| जिस प्रकार की फिल्में यूरोप के देशों में बनती है, व अमेरिका में बनती है, उस प्रकार की फिल्में शायद भारत में नहीं बनती है| तो इस प्रकार का जो एक नया दौर शुरु हुआ है, जिसमें बहुत ही प्रेरणात्मक और समाज सुधार से संबंधित फिल्में बनाई जा रही है| मैं उसका पूर्णत समर्थन करता हूं| विशेषकर जो ऐसा वर्ग है, जो पिछड़ा हुआ है, जिनको उतनी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है, या एक प्रकार से महिलाओं के लिए प्रतिदिन की समस्याओं को उजागर करने वाली व उनका निदान प्रदान करने वाली से प्रेरणा लेने वाली जो फिल्में बन रही है, वह बनना बहुत ही आवश्यक है| समाज में फैली हुई विषमताओं व समस्याओं को उजागर करके, उनका निदान करके, उनका एक परमानेंट सलूशन जो भी होता है, वह प्रोवाइड करने वाली जो फिल्में है, उनका बनना आज के समय में बहुत आवश्यक हो चुका है| तो इस विषय में बहुत से फिल्मकार आगे बढ़ कर आ रहे हैं सरकार को चाहिए कि वह उनकी मदद करे उनकी फिल्में बनाने में क्योंकि करदाता के पैसे से अगर आप बड़े बड़े उद्योगपतियों के ऋण माफ कर सकते हैं| तो क्या आप करदाताओं के मनोरंजन का भी इंतजाम नहीं किया जाना चाहिए करदाताओं के पैसों से| यह ज्यादा अच्छा रहेगा, कि हमारे लिए फिल्में बनाने के लिए सरकार सहयोग करें, अगर वह सरकार ऋण दाताओं के ऋण जो लेकर बैठे हुए हैं, बड़े बड़े उद्योगपतियों का रण माफ कर सकती है|
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जी बिल्कुल बॉलीवुड को ब्रैडमैन जैसी इंस्पिरेशनल प्रेरणात्मक इनमें बनाने की जरूरत है कि जिसको मतलब बॉलीवुड की पहले तो रिच बहुत दूर तक है बहुत सारे लोगों तक ही पहुंचे तो इस प्रकार की फिल्में जब बनना शुरू होंगे तो जो यूथ है जो 9 युवकों को पता चलेगा कि कितनी सारी चीजें ऐसी है कि जो हम लोग कर सकते हैं बस हमारे अंदर वह चाहत होनी चाहिए कि हमको करके ही दिखाना है तो इसके लिए जरूरत है ऐसी चीजें बनने की
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गुड मॉर्निंग फ्रेंड्स आप का क्वेश्चन है क्या बॉलीवुड को पैडमैन से सीने बढ़ाने की जरूरत है और क्यों हां बॉलीवुड को पैडमैन जैसी फिल्में बनाने की जरूरत है इस फिल्म से हमारे समाज को बहुत ही प्रभावित करते हैं और ऐसे हमारे समाज का बहुत अच्छा फरक पड़ता है और सभी के अभी के अच्छे अच्छे विचार बन जाते हैं इसीलिए बॉलीवुड कॉम पैड मींस देसी अधिक प्रेरणात्मक में बढ़ाने की जरूरत है
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जाट आपका प्रश्न है क्या बॉलीवुड को पैडमैन जैसी अधिकरण आत्मक जुड़े बनाने की जरूरत है अगर है तो क्यों बनाना चाहूंगी पहले तो बनाने की अब जरूरत नहीं है और अगर बनाते भी है तो फिर मैं कंटेंट और ज्यादा बैटर लीजिए जिससे हमारे समाज को एक नया तरीका मिल सके सोचने का अदर वाइज बनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि मैक्सिमम जी जो लोग हैं वह जो मूवी है से प्रेरित हैं तो आगे जाकर मुझे नहीं लगता जरूरत पड़ेगी क्योंकि हंड्रेड में से 99.9% लोग इस बात को समझ चुके हैं जो कि इस मूवी के द्वारा समझाने के लेखक जो भी है राइटर कोशिश करता हूं समझ चुके हैं अगर बनाते हैं तो बना ही क्योंकि कुछ लोग ऐसे हैं जिनको चीजें देखने के बाद भी नहीं समझ आती है मैसेज का मजाक उड़ाते हैं तो उसकी अकॉर्डिंग बनाने के बाद अगर कुछ समझदार लोगों का अगर हम नजरिया लेंगे तो हमें जरूरत नहीं है
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पहले वाले फिल्म में भारतीय में जो फिल्म बनता था पुराना सुनाइए और अभी के टाइम में फिल्म में बहुत अंतर है पहले स्क्विजर कपड़ा पहन के निकलती थी दिखने में तो अच्छी लगती थी अभी के तेल में जो है यह पूरा समाज को गंदा कर रहा आज की ट्रेन का फिल्म इसमें सुधार लाएं
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देखिए आज के समय में ही फिल्मी ही है जो भारत में एक बहुत बड़ा जरिया है कम्युनिकेशन का एक बहुत बड़ा मींस ऑफ कम्युनिकेशन है और बहुत सारे लोग फिल्में देखते हैं और उनसे इंस्पायर भी होते हैं तुझे पैडमैन जैसी मूवीस हमारे सिनेमा में बनाई जा रही है तो यह बहुत अच्छा मोटे है कि जो ग्राउंड रियालिटी सर जो सच्चाई हमारे देश की वह लोगों के सामने ताकी हमारे देश के प्रथम एंड के लिए काम किया जा सके लेकिन मैं किसी मूवीस के अगेंस्ट नहीं हो लेकिन मुझे लगता है कि जो कुछ ऐसी मूवीस होता है जिसमें सबकुछ अच्छा अच्छा ही दिखाया जाता है हीरो हीरोइन के पीछे भागता है रास्ता उसे मैं शादी और मूवी खत्म हो जाती कुछ गानों के साथ किस ससस एंटरटेनमेंट हो सकते को किसी कुछ टाइम के लिए आपके दिमाग पर यह कोई साथ नहीं छोड़ती और आप उससे कुछ बेहतर करने का सोचते भी नहीं तुझे अपार्टमेंट जैसी मूवी या फिर टॉयलेट एक प्रेम कथा ऐसी मूवी साथिया कांसेप्ट चाहते हैं तुम लोगों का दिमाग थोड़ी देर के लिए जरूर एक बार हिल जाता है और कुछ लोग ऐसे होते हैं जो उस उस समय में कुछ ना कुछ करने की ठान लेते हैं तुम्हें सर्वोच्च आऊंगी की ऐसी मूवीस भविष्य में आए और लोगों से देखें और सच में हमारे देश में बदलाव हो जैसे कि मूवीस में कहते हैं कि हम जब तक अच्छा एंड नो तब तक मूवी खत्म नहीं हुई तो जरुर जाओगे किस देश कि वह एक अच्छे एंडिंग के साथ ही कोई भी प्रॉब्लम का सलूशन निकले
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बॉलीवुड के लिए 5 घंटे से अधिक प्रेरणा ते फिल्म बनाना बहुत जरूरी हो गई है स्पेशली आजकल की सेंचुरी पर आप देखो तो इंसान जो सिटीजन सीनियर सिटीजन से वह टमाटर सॉस को रोल मॉडल सपना समझते हैं और उनके और देखा देखी बहुत जन करते हैं कि ताकि वह उनके जैसा बन सके और जब एक्टर ऐसी फिल्में बनाते हैं जो प्रेरणा तक है तो सिटीजन से इंस्पायर होकर वैसा ही कदम लेते हैं जो भारत की जो देश की डेवलपमेंट में काम आता है और यह भी बात की फिल्में पहले तो सिर्फ इंटरटेनमेंट के लिए बनती थी और आज कल फिल्म एजुकेट करती है अगर करती है और इन्फॉर्म करती है सेटिंग्स को अजब सिटीजंस ऐसे फिल्में देखते हैं तो वह और यह सब जो भी प्रॉब्लम से सोशल इश्यूज है उसके बारे में इंफॉर्मेशन और वह भी ट्राई करते हैं कि हम इसका सलूशन कैसे निकाले
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भेजो पैडमैन का मूवी है वह बहुत ही अच्छी मूवी है हमारा देश के महिलाओं के लिए तुझे ऐसा मूवी बनाना चाहिए और क्योंकि लोगों को पता चले जो एक से होता क्या है तो मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह बहुत विजिटेशन मूवी है इसमें शर्माने का कोई जरूरत नहीं है अक्षय कुमार ने बहुत अच्छा मूवी बनाएं
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जी हां मेरे ख्याल से बॉलीवुड को पेगनेंट जैसी अधिक प्रेरणात्मक फिल्में बनाने की जरूरत है और बहुत ज्यादा जरूरत है क्योंकि यह जब तक हम लोग किसी भी चीज को गलत समझ कर उसके बारे में बात नहीं करेंगे उस से बचते करेंगे तब तक वह चीज सामने नहीं आएगी और हम सब उसे साक्षात्कार नहीं कर पाएंगे और जैसा कि अपार्टमेंट में लड़कियों की मेट्रो लाइन के बारे में बताया गया है और खुद अक्षय कुमार उसको करके दिखाते हैं तो इससे जोस्टिक मेंस्ट्रुअल हाइजीन के ऊपर लगा हुआ है जिसकी वजह से लड़कियां इसके बारे में बात नहीं कर सकती इसके बारे में छुपा के रखती हैं यह सब चीजें थोड़ी दूर होगी और लड़कियां खुलकर उसके बारे में बात कर पाएंगे और नेशनल है जिनकी वजह से कई साल कई सारी लड़कियों की मृत्यु भी हो जाती रिंकू आप X नहीं यूज करने को मिल पाते हैं तो मेरे हिसाब से बॉलीवुड को इन सब चीजों में जरूर उन्नति करनी चाहिए और इन सब चीजों के बारे में मूवीस बनाने ताकि लोगों के लोगों की सोच इस चीज के ऊपर बड़े
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भैया जी हां मैं बिल्कुल समझ पाओगी बॉलीवुड को जो है वह पैडमैन जैसी अधिक प्रेरणात्मक फिल्में बनाने की जरूरत है क्योंकि लोग जो है वह फिल्मों को बहुत देखते हैं उनके बारे में जो मोटिवेशन फिल्म हूं पहली बार बनेगी ऐसा बॉलीवुड में बनते आ रहा है जैसे 3 Idiots हुआ भाग मिका भाग हुआ पान सिंह तोमर हुआ मैरी कॉम हुआ तो ऐसी फ़िल्में जो है वह बनती आ रहे हैं और ऐसी बनती रहेंगे डिपार्टमेंट भी एक बहुत ही अच्छी मूवी है जिसमें जो इनोवेशन के बारे में हमको पता चले जो सेनेटरी पैड्स लेडीस के बनाए जाते कैसे एक आदमी ने जो है उसको एनोवेट किया जो बहुत ही गरीब घर से था मुझसे सच्चे सेनेटरी पैड जो है वह लेडीस गले बनाना शुरु किया तो मैं समझ चुकी एक्सेस को बहुत मोटिवेट करेगा और उन लोगों को भी जो है अपना दिमाग खोलने का और अच्छे सोचने का मौका
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जैसे की हम जानते हैं कि मूवीस होगी जैसे चक दे इंडिया या ऐसी जो मूवीस होती है यह बहुत ज्यादा हमे प्रभावित करती है l मूवीस बच्चों तक को इंस्पिरेशन करती है l मुझे याद आते मैंने चक दे इंडिया देखी थी मैं फिफ्थ या सिक्स्थ क्लास में हूं मैं और मेरे को काफी ज्यादा इंस्पिरेशनल लगी जो मैंने अगले आनेवाले एग्जाम में बहुत मेहनत करी थी क्योंकि मेरे को भी कुछ करके दिखाना था l तो ऐसी मूवी नहीं केवल बड़ों को पर छोटे-छोटे बच्चों को भी बहुत उत्साह दिलवा दी है l अब अगर हमें चाहिए कि हमारा भारत का फ्यूचर अच्छा हो तो ऐसी मूवीस बनती रहनी चाहिए ताकि १-१ पॉइंट पर बच्चों को इस वैल्यूज समझ में आए lबड़ों को पता चले इंस्पिरेशन मूवीस बहुत जरूरी हैl आजकल देखा जाए तो जो मूवीस बन रही है उसे इंटरटेनमेंट पर्पस के लिए ही रह गई है l जहां पर सिर्फ इंटरटेनमेंट के लिए बिना कोई ढंग की स्टोरियां बिना कोई ढंग के प्लॉट के आजकल मूवीस बन रही है l उनकी वजह अगर ऐसी कोई मूवी आती है तो जो हमारे बड़े भी हैं और दो छोटे भी हैं उन दोनों को ही देखने में काफी मजा आएगा और ऐसी मूवीस नहीं केवल सिर्फ हमारा इंटरटेनमेंट पर्पस के लिए अच्छी होती है बल्कि यह जो मूवीस होती है हमारे जीवन पर भी प्रभाव डालती हैं और यह अपनी छाप काफी सालों तक छोड़ जाती है l जैसे कि अगर हम चक दे इंडिया की बात कर ले तो आज इतने साल हो गए हैं पर अगर अभी भी मेरे दिमाग में इंस्पिरेशनल सुनते ही प्रेरणात्मक सुनते ही पहला नाम चक दे इंडिया का है क्यूंकि उसने मेरे को बहुत ज्यादा और मेरी लाइफ में प्रभाव डाला l तो ऐसी ही ऐसी मूवीस होती है अगर हम पेद्मैन वगैरा की बात करें तो यह मूवीस बनते रहना चाहिए ताकि यह हमारी तरह लोगों के जीवन पर प्रभाव डाल कर उनका फायदा करा कुछ फायदा हो सके l
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बॉलीवुड को ज्यादा से ज्यादा ऐसी मूवी का निर्माण करना चाहिए जिसका ऑन लोगों पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़े उन्हें कुछ प्रेरणा मिले जैसे कि आजकल हम लोग देखते हैं कि ज्यादातर मूवीस ऐसी होती है जो कि इन लोगों को बस एंटरटेन करती है और लेकिन उसमें कोई खास कोई संदेश नहीं होता है तो अगर अक्षय कुमार की यह मूवी पैडमैन जो आ रही है आप लोगों को काफी प्रभावित करेगी और एक जो यह मूवी बनी है वह रियल लाइफ पर बनी है आज जिनका नाम है अरुणाचलम इन्होंने महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड का निर्माण कम दामों में किया और इसके फायदे भी गरीब महिलाओं या फिर ग्रामीण महिलाओं को बताए तो बॉलीवुड को ध्यान देना चाहिए की मूवीस जो है वह लोगों तक पहुंचने का एक बहुत बढ़िया माध्यम है और इसके जरिए लोगों को तक अच्छी चीजें या फिर कुछ सकारात्मक संदेश पहुंचाया जा सकता है
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