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दोस्तों आप ने सवाल किया है सरकार खा दाल चीनी के लिए अनिवार्य जूट पैकेजिंग का विस्तार करती है जूट इंडस्ट्री पर इसका क्या असर होगा जी इसका असर बहुत ही अच्छा होगा क्योंकि जब दूध पैकेजिंग का विस्तार सरकार कर रही है तो यकीन जानिए के जूते जूते इंडस्ट्री के बारे इसका असर जो है वह सकारात्मक होगा
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हां देखेंगे सरकार खदान और चीनी के अनिवार्य पैकेजिंग का विस्तार कर रही है तो इसे जो है झूठे इंडस्ट्री का फायदा ही होगा उसमें जा पाएगा क्योंकि अगर डिमांड ज्यादा होगी झूठ पैकेजिंग की तो वह हवा से बातें कि उसकी मैक्सिमम प्रोडक्शन प्रोडक्शन फैक्ट्री को मैं तो हमेशा ही अच्छी बात है अगर झूठ है पैकेजिंग के जोड़े को डिमांड बढ़ रही है तो उसका प्रोडक्शन और मैनुफैक्चरिंग भी पड़ी है जिससे लोगों को और जॉब आएगा और कंपनी को फायदा होगा
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सीसीईए आज कैबिनेट कमेटी ऑन इकनोमिक अफेयर ने जो जूट पैकेजिंग है फ़ूड ग्रेंस के ऊपर और शुगर प्रोडक्ट के ऊपर कंपलसरी कर दिया है जून २०१८ तक l और यह इसीलिए क्या है कि जो और डिमांड है जूट सेक्टर में वह खत्म ना हो वह बरकरार रहे और ऊपर से जो वर्कर्स है जो की जूट फैक्ट्रीस वगैरेस में जूट इंडस्ट्री में जो काम करते हैं जो वर्कर्स और फार्मर्स और जो किसी के ऊपर डिपेंडेंट है अपनी लाइवलीहुड के लिए स्पेशली जो स्टेट है आप ले लीजिए बिहार, वेस्ट बंगाल, आसाम, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा सो यह लोग बहोत डिपेंडेंट है यह पर्टिकुलर इंडस्ट्री के ऊपर l तो इसका जो कोर डिमांड बना रहेगा इंडस्ट्री के ऊपर लाइवलीहुड भी बनी रहेगी l और इससे वह कमा सकते हैं तो इसीलिए जो सीसीअनऐ कंपल्सरी कर दिया है इस चीज को l
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अगर ऐसा होता है तो झूठ इंडस्ट्री में काफी ज्यादा झूठ के डिमांड बढ़ेगी जिससे और ज्यादा फैक्ट्रीज खुलेगी झूठ की और वहीं पर और जो एंप्लॉयमेंट है बढेगी है, तो ओवरआल बहुत ज्यादा ही फायदा होगा इस चीज से तो बहुत सही डिसीजन है जो काफी ज्यादा क्षेत्रों को प्रभाव करेगा l जहां पर एंप्लॉयमेंट बढ़ेगी वहीं पर दूसरी तरफ और ऊपर से झूठ एक ऐसी चीज़ नहीं है जो हार्मफुल है तो हम इसको एजिली डिस्पोज कर सकते हैं l तो इसीलिए भी हमें कोई नुकसान नहीं हो पाएगा l इसकी पैकेजिंग वगैरा के अंदर जहां प्लास्टिक के अंदर हमें काफी ज्यादा नुकसान होता था तो वैसे ही इसके कोई हार्मफुल इफेक्ट्स नहीं होंगे, नेचर फ्रेंडली भी है तो इन सभी कारणों की जगह झूठ को अनिवार्य कर आ गया है और वही पर झूठ के काफी ज्यादा फायदे होने वाले हैं l तो मेरे हिसाब से बहुत ही ज्यादा सही डिसीजन रखा गया है l जितनी भी छूट कंपनी से उनकी सेल बढ़ेगी और उसी कारण तो उनकी भी और एंप्लॉयमेंट है वह भी बढ़ेगी वहां पर और यही फायदों के कारण यह है डिसीजन काफी अच्छा है l
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देखिए क्या आप नेट कमेटी होने का नाम ही काफी है रचने वाली स्त्री को 12 पास किया जिसमें लिखा गया की पूर्ण ड्रीम्स की रानी की खदान की जिंदगी की हो या फिर ऐसे जैसे और शुक्र प्रोडक्ट्स की आने की और चीनी से अधिक पर टैक्स की जो पैकेजिंग है झूठ पक्ष में ही होंगी जून 2018 तक जो कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स है उसने एक्सीडेंट किया है जो मिलिट्री पैकेजिंग नाम था 90 सेकेंड का झटका दिखे इस्लाम के मुताबिक यह कंपलसरी धातु 59932 फ़ूड ग्रेंस को बेस पसंद शुगर प्रोडक्ट्स को झूठ पार्क के अंदर तो इससे फायदा यह होगा कि देखिए जो और जूट इंडस्ट्री है वह मुस्लिम कमेंट पर ही डिपेंड करती है कि कि कॉमेंट से उनको करें 5500 करोड़ रुपए का मुहूर्त मिलता है हर साल तक जो भी एक्सीडेंट हो गया जब यह आता होगा तो ऐसी जो है वह मुझे झूठ से सेक्टर से लेकर जोकस है जो काम वर्ष है उनका लाइवलीहुड उनकी जीविका जो उनको पैसे मिलते हैं वह बढ़ेंगे और जो ईस्टर्न में आने की ईस्ट की तरह की याद नॉर्थ-ईस्ट की वीडियो है जिसे की वेस्ट बंगाल बिहार उड़ीसा असम आंध्र प्रदेश त्रिपुरा मेघालय यहां सबसे जो फेमस ऑटो फोकस है उनको थोड़ा ज्यादा रेट मिल जाएगा को सादा थोड़े पैसे मिल जाएंगे तो यह उनके लिए बहुत अच्छा है और अब तो दूसरे देशों में नेपाल बांग्लादेश में भी झूठ के कुल ट्रांसपोर्ट होने शुरू हुए हैं जिनसे कुछ पर्सेंट तक और इनबॉक्स के लिए थोड़ा काम बड़ा है और उनके थोड़ी सी जो पी जून को
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सरकार का ध्यान और चीनी के पैकेजिंग के लिए जूट बैग के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है और इसी क्रम में इकोनॉमिक ऑफ एयर की कैबिनेट कमेटी ने झूठ पैकेजिंग मटेरियल एक्ट 1987 को और आगे बढ़ाते हुए आया कहां है कि जून 2018 तक सभी खाद्यान्न और जो भी चीनी से बने प्रोडक्ट हैं उन्हें जूट बैग में ही तय किया जाएगा साथ ही साथ इस नए कदम से यह होगा कि की डिमांड बढ़ेगी किसान या फिर जो वर्कर या कारीगर हैं जो झूठ के कारोबार से जुड़े हैं उन की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा झूठ के ज्यादातर किसान और वर्कर भारत के पूर्वी और उत्तर पूर्वी राज्यों में रहते हैं खास करके जो राज्य हैं वह है बिहार वेस्ट बंगाल उड़ीसा त्रिपुरा मेघालय असम और आंध्र प्रदेश UP सरकार ने यह जरूरी कर दिया है कि 90% खाद्य पदार्थ और 20% चीनी से बनी सामग्री को जूट बैग नहीं पैक करना होगा हां सरकार ने यह भी बोला है कि टोटल हंड्रेड परसेंट और जूट बैग नहीं तय किया जाएगा अगर जूट इंडस्ट्री इतना झूठ प्रोड्यूस कर सकते तो लेकिन 90% और 20% चीनी के प्रोडक्ट तो करना ही पड़ेगा भारत में लगभग 3 पॉइंट 7 लाख वर्कर और एक किसान जूट सेक्टर से जुड़े हैं जिनका कि जो भी जीवन यापन के लिए पैसे कमाते हैं वह इस इंडस्ट्री से आते हैं तो सरकार के इस फैसले से उनका काफी फायदा होगा
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