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ध्यान की अवस्था है जहां बहुत ज्यादा है लेकिन जहान की स्थिति जो है तभी आप आएगी प्रत्याहार धारणा की ट्रेक्शन है एकदम ध्यान की अवस्था में तो बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है बीपी की समस्याएं को सबसे ज्यादा
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जो संपूर्ण योग है उसका एक बाय प्रोडक्ट है मेडिटेशन ध्यान जो जिसको पहले हम ध्यान वास्तव में जग्गू जैसे जैसे हमारा आसरा छूट जाएंगे प्राणायाम अच्छा होता जाएगा फिर हम जो संसद पर प्रत्याहार और यह कंसंट्रेशन की प्रैक्टिस करते जाएंगे पूरी तरह से अभी हमें पता नहीं होता कि ध्यान कोई स्टेज नहीं है चोली ध्यान इन सब बातों का एक बाइक रोड अक्टूबर जो आजकल के परिपेक्ष में चल रहा है कि ध्यान कितना आवश्यक है तू देखने के लिए एक अलग एक्सरसाइज ग्रुप में ध्यान तो सकते इंपोर्टेंट है जो आपको मेंटली फिजिकली हर तरह के तनाव से दूर करता है तू नींदों शुरुआती अभ्यासी हैं वह ज्यादातर ध्यान अपने आसन प्राणायाम और जो हमारी इंद्रिय शक्तियां हैं उनको प्रत्याहार के अभ्यास से रोलेक्स करें उनको कंट्रोल करें तो अपने आप ध्यान में जो उनको बहुत सहायता मिलेगी और तो बहुत अच्छी
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योगाभ्यास शादी कर लो और कोई होगा तो क्या होगा में अगर अष्टांग योगा देखो तो अष्टांग योगा k888 कैसे तीसरा और चौथा पाटिया सना प्राणायाम और फिर ध्यान ऐसी धारणाएं ऑफिस समाधि है तो अब निर्देशन में किया जाए आसमां से शुरुआत करें और फिर धीरे-धीरे उनकी तरफ करें तो आपको मैंने आपको समझ में आया कि मेडिटेशन इन नॉट मोर देन सेटिंग डाउन विद आइज क्लोज्ड प्राइमरी आप क्या हो वह आपको धीरे-धीरे की आरती आने लग जाती है क्या आपको क्या चाहिए लाइफ में तो मेडिटेशन करना चाहिए सबको लेकर मेडिटेशन से पहले थोड़ा अगर आप कर सकते तो उसके बाद आपका बॉडी रेडी होता है तो आप शांति से बैठकर 15:20 मिनट जितना हो सके आप अपनी प्रेस की तरफ ध्यान देकर एडिटेड कर सकते हैं
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मेडिटेशन इस द यूज़ पार्ट इन योगा मतलब मेडिटेशन ज्यादा करना चाहिए 7 परसेंट मेडिटेशन रोल करता है नाइस थॉट क्लीयरेंस में और जैसे कि हमारा मेंटल रिलीज हो जाता है मेंटल टेंशन स्ट्रेस अपने आप बॉडी के ऊपर किस हार्मोन बैलेंस होता है और अपने आप वेट लॉस या पूछ लिया कर और प्रॉब्लम से तो वह अपने आप की और करना शुरू होता है तो मेडिटेशन और मेडिटेशन टेक मोर वेटेज
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जान का न तो बहुत ही ज्यादा है मगर ध्यान का महत्व नहीं होगा तो सांस का सिंपल नहीं होगा तो अपनी वॉइस टैक्स पहले ध्यान और साथ दोनों मिलकर और पोस्ट पोस्टर यानी मुद्रा आसन की मुद्रा का कॉन्बिनेशन इन दोनों का तीनों का संगम है योग बनाता है तो ध्यान का महत्व बहुत अधिक है ज्ञान के लिए किया गया फाइनल पोस्ट पर है कोई आदमी कर रहे हैं तो ध्यान लगाने के लिए उसमें दो फायदे हैं एक फायदा है कि आपको कितना स्टार्ट करने में कितना बैंक आ गया तो वहां आपका ध्यान है आप के खिलाफ प्रदर्शन तो ज्यादा दर्द ना हो ज्यादा पीड़ा ना हो ज्यादा सेट ना हो जाए जैक लग जाता है कई बार मसूद की जाती है तोतले करते तो फिर बाद में पड़ता है तो आपका ध्यान होगा तो आप ऑन द स्पॉट उसी क्षण उसे ब्लॉक करने से अपने आप को रोक पाएंगे या नहीं होगा तो स्पीड में आप ने कर लिया जैसे कार चल रही है उसे अपने तेज स्पीड पर कर दिया गया तो अब देख लेंगे तो उतार कर जाएगा तब जाकर बाद में गाड़ी रुकेगी तब तक जो है ना वह गाड़ी उतर जाएगी नुकसान हो जाएगा तो चलेंगे पर ध्यान रखेंगे तो अच्छा रहेगा तो पानी पहुंच पर आपको ध्यान की आवश्यकता पड़ेगी और दूसरा ध्यान कर सकता है कि ध्यान लगा दे तो ध्यान लगाने पर क्रिया होती है कृपया होती है तो लाभ मिलता है
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यूके ब्राइटनेस ध्यान में तो पूरे ध्यान रखने योग्य स्थान में योगा है योगा का क्षेत्र में जो पाते हैं वह 8:00 है और उसमें जो ध्यान है वह आपका सेवक है उससे पहले आपको आसन प्राणायाम अपने यम और नियम इन चीजों का ध्यान रखना पड़ेगा 71 आपका ध्यान आता है ध्यान आपका तभी लगेगा जब आपकी बॉडी मिली होगी फ्लैक्सिबिलिटी होगी आपका अपने बिल्डिंग पर पूर्ण रूप से फोकस होगा कंट्रोल होगा आपकी जो पेंसिल से उस पर आपको पूरा कंट्रोल होगा तब जाकर आपका ध्यान लगेगा तो ध्यान बात की स्पेशल स्टार्टिंग हमेशा आपकी आंखों से होती है आंखों से आपकी बॉडी की टैबलेट फ्लैक्सिबिलिटी और दीदी जो है वह आपका एक आपकी बॉडी को एक हल्का पन महसूस कराता है उसके बाद आपकी बॉडी में एकाग्रता आती है और एकाग्रता आती अपनी-अपनी कंट्रोल करते हैं तब आपका ध्यान करते
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योगा करने से उनके माता-पिता को खुश करना चाहते हैं तो आप जानते ही हम कुछ कर सकते हैं अपने प्रिय जनों को और अपनी समस्या अपनी समस्या के बारे में आप जान लगाकर अपनी समस्याओं को दूर कर सकते हैं अपने आप
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डिग्गी ध्यान में जो है उसका महत्व 8 शब्दों में नहीं बताया जा सकता है लेकिन अनुभव करता है या हमारे आसपास की सराउंडिंग करते समय रहते हैं साथ में हमारी परेशान करता है आती है तो कैसा बनता है आध्यात्मिकता की ओर बढ़ता है शरीर से आत्मा की यात्रा
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ध्यान क्या है कैसी हो सकता है जब ना आप तो भविष्य में होते हैं ना भूतकाल ना होते हैं आप इस मूवमेंट में जनरल या आप अगर चेक करेंगे अपने आपको अपना अपने ऊपर ध्यान नहीं दें तो आपको लगेगा कि बहुत विचार चल रहे हैं तो आप लगे हमें ध्यान में बैठ नहीं सकता पर उन विचारों को देखना उनसे उनको कनेक्ट नहीं करना उनसे नहीं जोड़ना जुड़वा लग रहे उसको देख पाए तो सभी साथी ध्यान दें ध्यान से यह सब हमें मिलता है शाम को जानना कैसे हम कैसे हम सुने ध्यान ध्यान हम कोई भी चीज आप जॉब करते हैं आपने देखा होगा छोटे-छोटे बच्चे देखते हैं कि बड़े बूढ़े क्या कर रहे हैं यह देखना भी इस तरह का ध्यान हमने बाहर की तरफ लगाया लोगों को लगा लेते तो आपको अपने जो अपने भीतर चल रहा है वह दिखाई देने लगता है जब वह दिखता है तो उस अवस्था में अगर आप करते हो तो अवश्य ध्यान लाइट जैसी है उसको वैसे देखना अभी जर्नली हम विचार करेंगे हमारे भाव होते हैं तुम उसमें बहके हम चीजों को देखते हैं जो कुछ समझते जो जो ध्यान वाला बंदा होगा जो भी ध्यान ही होंगे तो वैसे नहीं समझेंगे चीजों को समझेंगे देखेंगे जानेंगे और तब फोन करेंगे अब ध्यान मैंने बताया आपको
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मेडिटेशन की सबसे अंतिम लक्ष्य थे लास्ट में सबसे अंत में जो हम पहुंचने की कोशिश करते हैं वह है हमारा मेडिटेशन क्योंकि जो हम अपने शरीर की शुद्धि करते हैं योग की क्रियाओं के माध्यम से आता है पावर योगा से करें आप बहुत योगा करें आपको एरोबिक्स करें या योगा तक लगाकर अपने शरीर की शुद्धि करें इसमें पंचकर्म भी आप लोग यूज़ करते हैं सभी लोग यूज़ करते हैं जो हम अपनी दुआओं के बल्लभगढ़ अपने शरीर को इस लायक बना लेते हैं कि हमारा मन सुनने की तरफ आगे बढ़ सके हम उस सूर्य को ईश्वर तो प्राप्त करने के लिए सबसे पहले अपने मस्जिद को शुद्ध करते हैं उसके बाद ही हम मेडिटेशन की ओर बढ़ पाते हैं मेडिटेशन 1 मिनट का अगर कोई व्यक्ति सही ढंग से कर लेता है तो मुझे लगता है कि उससे शरीर में कोई भी व्याधि अब बस पीली नहीं रहती ही नहीं है और मेडिटेशन के बहुत सारे आयाम होते हैं बहुत सारे तरीके होते हैं जब हम शक्ति करना चाहते हैं तो मेडिटेशन अलग होते हैं जो हम शांति पाना चाहते तो मेडिटेशन अलग होते हैं और मेडिटेशन एक ऐसी चीज है जब तक आप किसी अच्छे गुरु के सानिध्य में नहीं जाते तब तक उसे प्राप्त नहीं किया जा सकता धन्यवाद
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मेडिटेशन है वह हमारे मन की शक्ति को बढ़ाने के लिए मन को स्टंट करने के लिए उसका रोल है मन को स्टैंड मन का स्वाद को बढ़ाने के लिए मन का क्या मतलब है मन का मतलब है हमारे विचारों ने हमें डिसीजन लेने में हमें भावनात्मक शक्तिशाली बनाने में इन सभी कार्यों को हमें सकारात्मक बनाने के लिए और हमें जीवन को किस तरह डालना है तो वह जो विचार है उन सभी को हमें शक्तिशाली बनाने के लिए मेडिटेशन है वह सहायक हमारी साधना को ओल्ड सॉन्ग बनाने के लिए मेडिटेशन आवश्यक है हमें मेडिटेशन कर रखना चाहिए जिसमें हम अपने आप को एनालाइज कर सकते हैं हम अपने आप को देख सकते हैं मेरी क्या प्रोग्रेस है और मैं भी सो जा कहां तक पहुंचा हूं और हमारे पूरे दिन भर के लिए एक रिमाइंडर टेबलेट ही के लिए हम नंदिनी चैन खो जाते हैं पूरे डे के लिए प्रिपेयर हो जाते मेडिटेशन पार्टी सुशील पाठक व योगेश सिंह धन्यवाद
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अब तो प्रश्न है कि योग में ध्यान का कितना महत्व है तो मुझे लगता है जो यह योग है या चली ध्यानी है यह जो हम आसन कर रहे हैं यह एक बार जरा अगर मैं हंड्रेड परसेंट में अकाउंट करूं तो मुझे लगता है बस 1% या 2% आसन है उसके बाद हम धीरे धीरे धीरे धीरे बढ़ते हैं ध्यान की तरह आजकल कचरा गया होगा इधर कूद रहे लोग नाच रहे यह करने के लिए कितना जरूरी है योग में ध्यान उतना ही जरूरी है जितना कि शरीर में स्वस्थ जरूरी है जितना सांस लेना जरूरी है तो आजकल जो योग कराते हैं वह ध्यान नहीं कर पाते और पतंजलि ने जो नियम अष्टांग योगा अगर आप उसका स्तर दिखे तो वह समाधि समाधि समाधि में हमें पहुंचना कहां से आसमान सबसे जरूरी है राजस्थान को इंपॉर्टेंट के बारे में बताओ तो बहुत लंबा हो जाएगा लेकिन योग में ध्यान कितना जरूरी है जितना एक मछली के लिए पानी जरूरी है टीवी कराने के लिए उपयोग को सीमित रखना है सिंपल भाषा में बोला जाए या शब्दों में बताएं
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हिंदू धर्म में अष्टांग योग आता है जिसमें मेडिटेशन एक पाठ संदेश को कॉल करने का एक माध्यम है वैसे ही सबसे ज्यादा है अगर डेल्टा नहीं बिन चला गया तू बिल्कुल होगा और सब्जी अपने आप ही अच्छा होगा और बीटा भेजो साथ साइकिल पर सेकंड के आसपास होता है अगर उससे घटकर 12:00 पर सिग्नल क्रिएटिव होता है अगर बिंदा गंज स्टेशन है मंत्र जाप है शुभम मंत्र हो या फिर उसमें यह काम आया था मैं स्टेशन पर हमेशा फायदेमंद
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अब सुनिए करते हैं ताकि वर्तमान में आजा यू का तिथि फायदा है कि वह वर्तमान में ध्यान करते हैं स्वास्थ्य ध्यान लगाते हैं अपने शरीर पर ध्यान लगाते हैं उनका उच्चारण करते हैं ताकि अप्रैल में आ जाते हैं प्रणाम करते हैं लोकेशन करते हैं और फिर लास्ट में ध्यान करते हैं बहुत ही महत्वपूर्ण है युग का एक बहुत ही इंपॉर्टेंट पार्ट है जो कि शुरू में करना चाहिए और लास्ट में भी करना चाहिए ताकि आप वर्तमान में रहे और बेनिफिट ज्यादा से ज्यादा आशंका भी ज्यादा बेनिफिट होगा जब आप वर्तमान में रहेंगे तभी आपको आशंका भी बेनिफिट होगा परिणाम काफी बेनिफिट होगा तो ध्यान हमें वर्तमान में रहना सिखाता है वर्तमान में हम शुरुआत में आते हैं बाहरी दुनिया को छोड़कर जब योग स्टार्ट करना होता है तो 2 मिनट 5 मिनट का ध्यान लगाते हैं ताकि बाहरी दुनिया से जो अब इनकी किए हैं योग में आए हैं तो बाहरी टेंशन है वह कुछ देर के लिए भूल जाए 1 घंटे हैं तो आप टेंशन को भूल जाए सबसे पहला ध्यान ही आपको टेंशन को इस देश को दूर करने के लिए सबसे शुरुआत में ही कराया जाता है
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पहले तो योग्य में यह बताया जाता है कि ध्यान लोग आजकल के लोग कहते कि हम ध्यान करेंगे हम ध्यान करना चाहते हैं हम आप ध्यान पर आकर आती है क्या तो लोग तो पता हो गया है कि नहीं ध्यान भी कोई चीज है कोई ध्यान नहीं जो बांसुरी चाहिए वह प्रत्याहार हम लोग पहले प्रत्याहार गाते मन को एकाग्र मन की चंचलता है मन में जो अस्थिरता है स्थिर नहीं है मन मन हमारा हमेशा खुशी ढूंढता है एक किस पाने के बाद दूसरी चीज को मन बहुत चंचल स्थिर नहीं है मेरे पास है आजकल वह है फ्री में पूछने के लिए आदमी का मन होता है उस वस्तु को पाने के बाद लेकिन फिर भी मन चंचल होता है तो लोग कहते हमें ध्यान करें हमारा बहुत बहुत स्ट्रेस रहता बहुत तनाव रहता है हमारे लाइफ में हमारे साथ हमारे घर पर * समाज सभी क्षेत्र में जब व्यक्ति कौन था यस देश में जाता है तो कटे निशान की आवश्यकता है सबसे पहले प्रत्याहार उनका मन उनके मन को जो बाहर बाहर जो मन भटक रहा है उसे अपने अंदर लाने को जो प्रिया कल आती है उसे प्रत्याहार किया करते हैं यम नियम आसन प्रत्याहार क्रिया होती है तो प्रतिहार जो हमारा मन बाहर भटक रहा है मन बाहरी वस्तुओं से भटक रहा है लेकिन फिर भी मन खुश खुश नहीं है उसको प्रतिहार कृपया आप अपने अंदर झांक हमारी खुशी है हमारे अंदर है हमारे मन में हमारे भीतर हिंदू ढूंढ ही हमारी अंतरात्मा में उसके बाद जब परिहार की क्रिया जाती है मन हमारा जरिए का दौर शुरू हो जाता है तब आती है धरना दिया धरना में हम किसी भी वस्तु को किसी भी भगवान को किसी भी देवी देवता सूर्य को किसी चीज को जिसको हम मानते हैं उसका अवधारणा करके उनके स्वरूप बनना चाहते हैं धरना बनना चाह रहे हैं अभी बंद नहीं गए यार नानी बनने की कोशिश करना हम किसी भी भगवान का यह किसी का धरना क्यों करते हैं क्योंकि हम उनके जैसा उनके गुणों को लेना चाहते हैं उनके अंदर के जो गुण हैं कुछ गुण हमारे अंदर भी चले आए यही धारणा की चिड़िया होती और जब यह धारणा की क्रिया और उनकी से अवगुण व्यक्ति को क्यों न किसी राक्षस का या किसी और चीज का किसी ऐसे आदमी का क्यों ने जो जिसने उसके पास बुराइयां है उसका हम धारणा नहीं करती अगर हम उसका धरना करेंगे तो हमेशा ही बन जाएंगे एक आदमी बोला की सबसे प्रिय चीज क्या है तो वह बताएं कि हमारा प्रिय चीज हमारा जानवर है वह अपने जानवर का धरना करने लगे एक कमरे में कमरे में वह महीनों दो महीनों के बाद कमरे से नहीं निकल पाया क्योंकि उसके मन में धारणा बन गई कि हम जानवर बन गए हैं हमें सिंह हो गया है मैं 4:00 पर हो गया है यही धारणा होती है उसी प्रकार से अगर हम किसी भी सूरज का ध्यान करते हैं हमारा शरीर सूर्य के समान चमकेगा हम चंद्रमा के ध्यान करते हमारा मन शीतल होगा शांत होगा अगर किसी बात का किसी प्रभु का ध्यान करके उनके गुणों को हमारे हमारे अंदर आना शुरू हो जाएगा यह धार ना उसके बाद जब ध्यान बिक्री आती है जब यह दोनों क्रियाएं हो जाती है तब हम ध्यान करते हैं ध्यान में भी आता और ध्यान दोनों एक हो जाता है जहां पर हम और जिसका ध्यान करें दोनों एकाकार हो जाता है जहां हम अपने आप को भी भूल जाते हैं हम अपने आपसे पूछो उस अवस्था में पहुंच जाते हैं वह ध्यान किसी की आती है वहां पर हम हमारा स्ट्रेस तनाव दुख-दर्द सुख-दुख जो अनुभूति होती है वह सब होती है योगा जो शुक्रिया जो होती है वह संभव हो जाती है ना माशूक है ना दुख कष्ट है ना तेरे से नजर ना आए आए ना किसी से यहां अभियान की स्थिति में वहां हम जो पाना चाहते हैं वह सब पहली ताकि सी चीज से लोग सब चीज आदमी उस ध्यान की छुट्टी में समाप्त हो जाता है और मन हमारा स्थिर रहता है और हम जो ध्यान की वास्तविक स्थिति होती है उसको हम प्राप्त करते हैं यही ध्यान ठीकरिया कला की
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लेकिन मेडिकेशन का मतलब यह होता है कि आप मेडिटेशन पर डायरेक्टली नहीं पहुंच सकते हैं अगर मेडिटेशन में तो सबसे पहले ही होगा को समझना होगा इसके लिए सबसे पहले अष्टांग योग होता है जिसमें 8 लोग आते हैं यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान समाधि प्रत्याहार वाला पार्ट है इसके अंदर पहुंचते सबसे पहले आपको ऊपर को जो पार्ट्स नियम आसन प्राणायाम इनको फॉलो करना होगा तब जाकर आप उसको रिसीव कर पाएंगे रियलिटी मेडिटेशन के नाम पर तो आजकल लोग लूट 3 दिन पहले रहना मेडिकेशन करवा रहे बदले जाते ओम का मंत्र चालू कर देते आंख बंद करके ध्यान मुद्रा लगा कर बैठा देते हैं तो यह मैसेज नहीं हुआ हुआ पूरा माइंड आपकी कंट्रोल में हो जाएगा इसका जो फायदा होता है बेनिफिट जाओ बता सकते हैं कि इससे दुनिया से मतलब आप ऊपर जो लो एक नॉरमल पर्सन की बिल्कुल चेंज हो जाएगी आपको आपका सोचने समझने की क्षमता बहुत बढ़ जाएगी और फिर एक दूसरी चीजें जो मैंने जितना भी दिमाग ही प्रॉब्लम होती है इन में सब में सबसे ज्यादा मेडिटेशन फायदा करता है डिप्रेशन आजकल डिप्रेशन का कितना चल रहा है जिसको देखो उसको डिप्रेशन ज्यादा पैसा होगा तो डिप्रेशन कम पैसा होगा तो भी डिप्रेशन इन सब चीजों को कॉल करने के लिए मेडिटेशन के साथ में मतलब मेडिटेशन को जरूरी है ही साथ में की योगा भी करना चाहिए यह प्राणायाम आता है अनुलोम-विलोम प्राणायाम और यह बालासन हो गया सुन हो गया यह सब
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अपनी लाइफ में आप हम लोग डेली लाइफ में हम लोग का अध्यापक भी काम करते तो मन के साथ शरीर को जोड़ता है ध्यान करने से आप किसी भी फिल्में हो अब जो काम करते हैं तो वह काम अच्छी तरह से कर पाएंगे अगर आप रेगुलर ध्यान करेंगे तो यह ध्यान का मतलब
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योग के अभ्यास में ध्यान का बहुत बड़ा रोल होता है जो जैसा मैंने पहले बताया कि योग का जैसा लोग समझते हैं कि हम खुले आसमान के नीचे हमने थोड़ा हाथ पैरों को हिला लिया थोड़ा सा जंपिंग कर लिया थोड़ा सा और मत कर दिया यह नहीं चलाता है यानी कि वही अगेन में रिपीट करूंगी कि शरीर स्वस्थ मन को एक साथ एक लाइन में करना तो यह ध्यान से और बैटर हो पाता है जब मन शांत होता है इसकी रोता है हमको भी बहुत अच्छे से कर पाते हैं हमारा पूरा दिन बहुत अच्छा होता है अब डिसीजन ले पाते हैं बहुत अच्छे से बैटर काम जो भी हम कर रहे हो मार्केट में बैठा रिजल्ट मिलने लगता है ध्यान का एक बहुत बड़ा रोल है योगा के साथ
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योगा मेडिटेशन का बहुत बड़ा महत्व है ठीक है अगर आप मेरी जगह नहीं सेव करते हैं तो इससे ही आप सारी बीमारियों से लड़ सकते हैं अपने आप को इंप्रूव कर सकते हैं और अपनी लाइफ को बेटे के बेटे बना सकते हैं ठीक है इसलिए आपको गुस्सा नहीं आता है चिंताओं पर काबू करते हैं ठीक है हर छोटी छोटी चीजों में आप अपना मन लगाने लगते हैं यह मेरी कैसे का सबसे अच्छा तरीका होता है ठीक है मेरी जान अच्छे होते जाएंगे अपनी लाइफ और उसके बाद आप खुद को बिल्कुल बदला हुआ पाएंगे और लोगों से अलग पाएंगे और आपकी जो भी बातें होंगी वह लोगों से बिल्कुल अलग और सबसे कोमल और धन्यवाद
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योग योग में आप क्यों देख लीजिए कि ध्यान का जो है आपका योग यदि प्रेक्टिस करने लगेंगे तो ध्यान ध्यान जुड़े महत्वपूर्ण बन जाता है क्योंकि आप आप जब देसी ध्यान में बैठेंगे मन एकाग्र चित्त होगा इस प्रकार हमारे शरीर के सभी अंगों पर मूवी करने लगता है बीमारियां सुधारने लगता है तो आप आप क्यों मान लीजिए कि ध्यान का जो है इतना महत्वपूर्ण है कि आसन भी कर रहे हैं अभी जैसे तब ध्यान का पूरा टेस्ट में जाइएगा तो एचडी धारणा का व्यास है ध्यान में तो कुछ पता नहीं चलता है लेकिन सब लोग बोलते हैं और सजगता के साथ अभ्यास कर रहे हैं तो वह आपको योग ध्यान जो है बहुत ही महान है
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मेन चीज बड़ी है योग से ध्यान में ज्यादा थिंग इज ऑल अबाउट मेडिटेशन करते हैं लोगों ने आतंकवाद के टाइम पर सर्जिकल एक्सपेक्टेशन एक्सरसाइज नहीं है योगा योगा करते हुए आप योगा करते करते प्रेजेंट मोमेंट में आते हैं व्हाट इस कॉल्ड कमिंग मतलब इसको प्रेजेंट मोमेंट को हम क्या बोलेंगे वर्तमान में आना वर्तमान स्थिति में आना है पास में घूम रहा है प्रेजेंट में जीते हैं वर्तमान में तो हमारा ऑफिस कैपेबिलिटी अच्छा होने लगता है लाइफ का प्रिंट के बारे में सोच रहे हैं वह यूट्यूब में जाते हैं योगा करते हुए एक्सरसाइज करने के लिए रिप्लाई करना बहुत ज्यादा जरूरी है तो इस युवा अगर आप योगा कर रहे हैं तो मेडिटेशन इस मास्टर बाईजूस योगा का कोई भी नहीं है कोई भी मतलब नहीं है आपने जो इतना सारा एनर्जी ग्रहण किया या पढ़ाया उतारा बेस्ट हो जाएगा
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योग में बहुत महत्वपूर्ण पर योगासन करते समय पूरा हम योगा कोई भी आसन करते हैं तो हमारा पूरा ध्यान दो कि हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है तो बहुत जरूरी है डम योग करते हैं जस्टिस कमरिया मारी मेंटल से स्टार्ट होती है अब दुआ है हमारी जान करते हैं तो मेरा फोन तो हैंग हो जाता है तो ध्यान करना
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योग और ध्यान में कोई सारे खाते नहीं अभी जो भी हमारा खानकाही पाठ जैसे हम ध्यान लगाते हैं वह जोक्स ग्रुप है याचिकाकर्ता को बढ़ाता है अगर हमारी भी तरह तो ध्यान ऑटोमेटिक लगेगा अपनी अंतरात्मा अपने स्वरूप को जानने को योग और ध्यान कहा गया है योग और समय योग्य तो ध्यान दें ध्यान हेतु जो कुछ भी भिन्न नहीं है
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जान तो इतनी बड़ी चीज है कि संसार के व्यक्ति की समाज के और सृष्टि के पूरे यूनिवर्स की समस्याएं समाप्त हो जाते हैं इतनी बड़ी चीज है जान कोई ऑफिस का मूल्य
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ध्यान एक्चुअली मेडिटेशन मेडिटेशन पूरी बॉडी में लाना है तो डिपाजिट
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जैसा कि हम देखते हैं कि हमारे समाज में एक मानसिकता को लेकर जैसे मानसिक कृतियां होती है मानसिक बीमारियां होती हैं जैसे बाइपोलर डिसऑर्डर है जो किया है और मानसिक रूप में मनोरोग हैं तो हमें उसका कारण यही होता है कि जो हमारे थॉट्स होते हैं जो हमारे मन की क्रियाएं हैं वह बहुत तेज हो जाती हैं और हम अपने मानसिक स्तर पर अपने मन को अपने अपने अनुसार अपनी इच्छाओं के अनुसार उसे कार्यरत नहीं करा पा सकते तो हमें मेडिटेशन के द्वारा हम योग करते हैं योग मेडिटेशन ध्यान एक हिस्सा है जिसके संयोग में हम चाहते हैं यम नियम आसन प्राणायाम ध्यान ध्यान ध्यान धारणा समाधि सो मेडिटेशन कंपलसरी आई थिंग बेटा मैं यह कहना चाहूंगा कि जो मेडिटेशन है वह बहुत जरूरी है क्योंकि हम देखते हैं कि हमारा मानसिक अवसाद अवकाश पर ऐसी हमारी पश्चिमी सभ्यता में देखा गया है कि दिन-ब-दिन मानसिक अवसाद ओं की संख्या बढ़ती जा रही है मानसिक अवसाद ओके मरी है वह बढ़ते जा रहे बेटा धीरे-धीरे हमारे देश में भी आ रही है तो हमने ध्यान नहीं देना है कि हम कैसे अवसादो से छुटकारा पाएं तो इसके लिए सबसे चाटने की गई होगी कि हम मेडिटेशन करें हम मेडिटेशन को भी उसका हिस्सा दें ध्यान को उसका हिसाब है यह हमारे कार्य को भी बेहतर करेगा और हमारी जिंदगी में हमारे जैसा कि मैंने कहा है योगा एक जिंदगी जीने का तरीका है जीवन जीने की कला जीवन जीने की कला में धान का बहुत महत्व है अष्टांग योग में इसको मुख्यतः शाम को एक स्थान दिया गया धन्यवाद
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ध्यान ध्यान से उचित ध्यान हम अपने शरीर के बाहर कुछ भी नहीं है अगर आप दुख है तो भी अंदर है और खुशी है तू भी अंदर से है हम बाहर से हमें कुछ नहीं मिलता है तब हमारे अंदर से मिलता है रानी पत्ती शक्ति में जाति प्रथा पर मिल जाता है कि जो भी चीज आएगी उसे फिर करेंगे हंसते-हंसते कि हमें पटाखे तो सीरियल जो होना है वह फोन आया था आपकी मन और मन और दिमाग को शांत रखता है कि जो कनेक्टिविटी है उसे हम अपने देते ही नहीं है कोई बात नहीं कर सकता हूं अच्छा होगा - मई को क्या मिलता है फिर मिलता है हम उसे कोई भी खराब चीजें जो नाइट में थे उनको भी नहीं करते हो हमको छुपा सकते नहीं होने के बाद हम उसे जाकर खेसारी और अब और अच्छा होगा जो भी होगा माइंड लाइक और ऑपरेशन बैठते हैं आपके लिए बहुत अच्छा है कि मुझे कोई शिकायत होती ही नहीं है मुझे जो भी सब चीज खुश हूं इस्माइल फिर से मेरा और मैं सब चीज के लिए सक्षम है यह सब समझ में आती है उसको बाहर निकालने के बहुत अच्छा है कि हम अपने ध्यान में बैठे लोग बैठे चाहे वह कुछ टाइम के लिए बैठे बैठे हैं जितना आप देख सकते हो आपके विचार है विचार आ रहे जा रहे हैं उन्हें डिलीट करते हैं कि ठीक है जो भी आपको सुनने में ले जाओ उन्हें मत सोचो मत होने दो मन को शांत करती थी उसे कर पाते कि वह क्या कर रहे हैं
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एक तो होता है कि आप किसी क्रिया को कर रहे हैं तो आप ऊपरी तौर पर कर रहे हैं क्योंकि आपको आपकी आपके शरीर को हिलाया जा रहा है तो हमारा दिमाग कहीं और होता है जो कि जिंदगी लोग जितने भी करते हैं जिनमें उन्होंने 3 लोग एक्सरसाइज करते हैं उनका मोमेंट मोमेंट मोमेंट और काशी क्रंचीज वगैरह रहते हैं उसके अंदर सबसे ज्यादा जो तकलीफ क्या होती है इसलिए तो अपना काम कर रहा होता है पर आपका मन शांत नहीं होता है मन को शांत होना इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे जो हमारे अंदर जो शारीरिक और मानसिक तनाव है योगा का मुख्य लक्ष्य तनाव को दूर करना है तो तनाव दूर एक सर्जिकल एक्टिविटी से कभी भी नहीं हो सकता क्योंकि फिजिकल एक्टिविटी करते समय अगर हम अंदर से शांत नहीं है तो कहीं केमिकल रिलीज होते हैं अंदर से जो उसको और उत्तेजित करते हैं और जिसकी वजह से बाद में लेकर आऊं कभी साक्षर भी हो जाएंगे कभी खराब भी हो जाएंगे कभी एब्डोमिनल प्लान चेक करते हुए आपको इंटरेस्ट नहीं प्रॉब्लम सी हो जाती है उसका रीजन है क्योंकि मन आपका कहीं और है और बॉडी अंदर से कोई और अलग है stimu-let करता है कोई सीमा में काफी नुकसान होता है योगा का लक्ष्य है कि अगर हम को अंदर से तनाव से दूर रखना है और हमें अपनी मांसपेशियों के खिंचाव के दौरान जितना गर्म उसको मेरी टिप्पणी करते हैं तो इसके कई फायदे होते हैं कोशिश करके योगाभ्यास हमेशा सांसो की तरफ ध्यान रखते हुए और अपने शरीर और मन से जुड़कर करेंगे तो उसके विशेष फायदा जो कि हमें जिम में नहीं मिलते हैं
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वास्तव में प्रश्न आपने किया है जो और जान कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि योग और ध्यान एक ही है कुछ हद तक यह बात सही है योग जो ध्यान है वह योग का ही एक अंग है जो चूहे आठ अंगों में विभाजित किया गया है यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान यानी मेडिटेशन और समाधि समाधि का मतलब सिर्फ रिलाइजेशन हम आगे बढ़ते हैं आसन किया फिर प्राणायाम पर आए फिर प्रत्याहार की अवधारणा में गए उसके बाद शान होता है का जो सातवाहन है जो योगी सातवीं सीढ़ी है वह ध्यान और मेडिटेशन है जो लोग इतना ही समझ पाए हैं कि आज शंकर लिए प्राणायाम के लिए यह जोक हो गया ध्यान में जाने का एक आरंभिक अवस्था है बिना मेडिटेशन बिना हासिल किए बिना प्राणायाम किए आफ मेडिटेशन की उस अवस्था तक नहीं पहुंच सकते तो मेडिटेशन करने से पहले आपको यह नियम जो कुछ जीवन के लिए नियम निर्धारित किए गए हैं कि अहिंसा का पालन करना है किसी को दुख नहीं देना किसी को मारना नहीं है किसी की जीव हत्या नहीं करनी है यह अहिंसा होती है अहिंसा में आवश्यक अहिंसा किसी को शब्दों से भी बुरा नहीं कहना है वचनों से अगर आपने किसी को गलत बोल दिया तो यह वाचिक हिंसा हो जाएगी इस तरह सत्य मार्ग पर चलना है ज्यादा वस्तुओं का संग्रह नहीं करना है अपनी बॉडी का क्यों नहीं फिकेशन करना है और स्वाध्याय करना है कुछ रिलीजियस बुक्स भी पढ़ती रहना चाहिए सेल्फ स्टडी भी करना अपना ध्यान भी करें आप बाहर से कैसे हैं अंदर से आप कैसे हैं नियमों को यम नियम कहते हैं फिर उसके बाद थोड़ा आसन किए जाते हैं आसन से शरीर के अंगों में दृढ़ता आती है मजबूत होता है जब मजबूत हो जाएगा शरीर सिर्फ के बाद मन को हल्का करने के लिए प्राणायाम किया जाता है मन को हल्का करने के लिए प्राणायाम का अभ्यास किया जाता है उसके बाद प्रत्याहार की बात आ जाती है तो प्रत्याहार शरीर और मन को जोड़ने का एक साधन है इसमें इंद्रियों का निग्रह किया जाता है इंद्रियों का निग्रह करने के बाद धार ना फिर ध्यान पुस्तक मेडिटेशन की अवस्था में हम पूछते हैं तो इसलिए यह कहा नहीं जा सकता कि ध्यान योग से अलग है योग और ध्यान एक ही है बिजली व्यवस्था जो कही जा सकती है और योग की आरंभिक अवस्था से हम धीरे-धीरे आगे बढ़ते बढ़ते मेडिटेशन के लेवल पर पहुंचते हैं
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