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धर्म से धर्म कभी अलग होता ही नहीं धर्म होता है सत्य धर्म होता है शाश्वत धर्म होता है चिरंतन धर्म अलग नहीं हो सकता इस दुनिया में आप जितने भी जानते हैं वह सब धर्म है ही नहीं आप जो भी कहीं पर भी लिखते हैं कहीं पर आप बोलते हैं कहीं आप स्टेटस लगाते हैं राजनीतिक हो या शिक्षण संबंधी हो बिल्कुल गलत है नहीं हिंदू कोई धर्म है ना ही मुस्लिम कोई धर्म है ना ही इस आई कोई धर्म है ना जैन कोई धर्म है ना बुध कोई धर्म है नासिक कोई धर्म है ना पारसी कोई धर्म है कोई धर्म है ही नहीं धर्म तो है चिरंतन सारस्वत और धर्म सिर्फ एक है सनातन धर्म और कोई धर्म है ही नहीं यह सब संप्रदाय हैं यह सब बनाए हुए हैं लोगों के धर्म तो सास्वत है और वह सनातन धर्म के नाम से जाना जाता है वह इस पृथ्वी पर का एकमात्र और एक ही धर्म है बाकी जो भी आए हैं जिन्हें आप धर्म कहते हैं वह सब संप्रदाय हैं वह सब जाति से ऊपर संप्रदाय एक समूह हैं यह सब संप्रदाय कहलाते हैं आप इंग्लिश और हिंदी के व्याख्या में पढ़ेंगे तो घबरा जाएंगे इसीलिए आप उसे धर्म मान बैठे हैं इंग्लिश के पास धर्म के लिए शब्द रिलीजन है जबकि धर्म के लिए इंग्लिश शब्द गलत है धर्म होता है स्पिरिचुअलिटी आध्यात्मिकता उससे जुड़ी बात वह नहीं है किसी के पास रिलीजन शब्द उठा लिया गया है रिलीजन का मतलब जाति होता है जो धर्म बना दिया गया है कष्ट जो कहा जाता है जाती वह नहीं है इंग्लिश और हिंदी में पढ़ेंगे तो बर्गर बर आ जाएंगे पाश्चात्य संस्कृति हमारे देश की संस्कृति को बुरी तरह खराब किया है और एक एक बच्चा आज का यही जानता है मैं हिंदू हूं तो मैं मुस्लिम हूं कौन धर्म के हो तो कल आने धर्म के हैं यह सब धर्म है ही नहीं धर्म सिर्फ एक है सनातन धर्म बाकी जो भी हुआ संप्रदाय हैं धर्म नहीं है धर्म कभी नहीं टूटता धर्म टूटी नहीं सकता है धर्म सत्य होता है और सख्त कभी खंडित नहीं होता सत्य परेशान हो सकता है सत्य को देरी हो सकती है लेकिन सत्य कभी भी खत्म नहीं होता सत्य कभी टूटता नहीं सत्य कभी हारता नहीं उसके टुकड़े किया ही नहीं जा सकते टुकड़े असत्य के होते हैं झूठा सत्य होता है और यह सब दुख रहे हैं आप जिसे बहुत कहते हैं जिसे जैन कहते हैं जिसे मुस्लिम कहते हैं जिसे ईसाई कहते हैं यह सब दुख रहे हैं संप्रदाय हैं टुकड़े हैं इसीलिए तो लड़ते हैं इसीलिए तो भेदभाव है इसलिए तो मन में जॉब है इसका है जलन है पाक मिला लेने की कृति है यह सब इसलिए है चुकी है धर्म नहीं है धर्म या नहीं कहता जो सनातन धर्म को मानते हैं वह इंसान में पढ़ते ही नहीं तो पहली बात आपको यह कहानी जरूरी थी क्योंकि यह सब धर्म है ही नहीं आपने जिस बौद्ध और जैन धर्म की चर्चा की है 1 धर्म है ही नहीं वह संप्रदाय है हां आपने जो यह पूछा है कि अब किस से अलग हुआ है तो बिल्कुल आप समझ चुके होंगे कि सनातन धर्म से इस दुनिया का एकमात्र धर्म सनातन धर्म है और यह पृथ्वी के प्रारंभ से है और हमेशा रहेगा जब तक यह धरती रहेगी तब तक वह धर्म रहेगा उसे कोई मिटा नहीं सकता क्योंकि सत्य मिटता ही नहीं मिटाने से आदमी के बस की बात नहीं है कि वह सत्य को मिटा दें तो सनातन धर्म कभी खत्म होने वाला नहीं नहीं आती अब पढ़ना सुनना बंद करेंगे कभी और ना ही कभी मिटेगा यह हमेशा रहेगा आप भले गुजर जाएं फलित अब तक सात जन्म ले ले लेकिन यह धर्म कभी ना मिटेगा और बाकी जो है उसे मिटाना है क्योंकि वह बनाया गया है इसलिए उसे मिथुन आता है इसलिए बौद्ध धर्म जिस देश की धरती पर बुद्ध ने जन्म लिया जिस देश की धरती पर महावीर ने जन्म लिया वहां से बौद्ध और जैन लगभग खत्म होने की कगार पर है दूसरे देश के पड़ोसी भूटान नेपाल चीन तिब्बत ताइवान बर्थडे स्पन गए जापान यह सब बात देश बन गए लेकिन भारत में बौद्ध खोजने से आपको एक करोड़ भी नहीं मिलेंगे क्या कारण है यह सब संप्रदाय हैं मैं उन्हें नीचा नहीं कह रहा बिल्कुल भी नहीं कारण था इसलिए हुआ कारण थे समय समय परिस्थिति बस कुछ चीजें होती हैं जिसे दूर करना जरूरी होता है जब परिस्थितियां बदलती है जब लोग बदलते हैं स्थितियां बदलती हैं तो कुछ परिवर्तन करनी जरूरी होती है जिस तरह संविधान में समय-समय पर संशोधन जरूरी होते हैं उसी तरह अगर कुछ परिस्थिति वश जरूरी हो परिवर्तन तो करनी चाहिए या नहीं होने पर जो बिच्छू पैदा होता है एक दूसरा दंड पैदा होता है और अभी के लिए जो परिस्थिति अनुकूल है वैसा कुछ जब महापुरुषों को लगता है तो वही अपने संप्रदाय का निर्माण करते हैं और इसी सब इसी से यह जन्मा है बौद्ध धर्म या जैन धर्म या सिख धर्म पारसी धर्म ईसाई धर्म मुस्लिम धर्म इस्लाम यह सब जन में है समय-समय पर एक अलग संप्रदाय के रूप में
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