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भेजो फिलिस्तीन है जिसको पैलेस टाइम भी बोला जाता है पहले इस टाइम का जो झगड़ा है वह है जरा हल के साथ जो वहां की वहां का जो एरिया है उसके बारे में यूएन में 2 स्टेट सलूशन दिया गया था कि मतलब दोनों स्टेट्स अलग-अलग देश बन जाएंगे लेकिन इस्राएल ने अपने आप को देश बना लिया और उसको क्योंकि उसे मेजॉरिटी कंट्रीज जो थे वह मेरिका के सपोर्ट वाले थे तो उन सब ने उसको रिकॉग्नाइज भी कर लिया तो अब अब पुलिस टीम के साथ दिक्कत यह है कि फिलीस्तीन को बहुत सारे लोग सपोर्ट नहीं करते हैं और है जीवन का सदस्य प्रॉपर होने के लिए आपको जो वह है मेंबर से उनका सपोर्ट बिजी होता है और उसमें भी जो यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल हाई कोर्ट परीक्षा जो है उसके भी किसी का भी तो नहीं होना चाहिए तो जो वह है यूएसए है वह इस्राएल का बहुत बड़ा सपोर्टर है तो अगर फिलिस्तीन के उसके बारी आएगी की फिलिस्तीन का आएगा कि जो जलाल का एरिया भूमि मूवी मेरा ही है और मुझ को मान्यता दी जाए कंट्री के तौर पर तो अमेरिका नहीं देखा सीधी सी बात तो कर सकता है और अमेरिका भी तो कर देगा तो वह हमेशा रिजेक्ट हो जाएगा इसलिए अभी तक फिलिस्तीन युक्त राष्ट्र नहीं उसमें एक सदस्य नहीं बन पाया क्योंकि उसको ऐसे स्टेट एंट्री रिकॉग्नाइजिंग करते बहुत सारे लोग बहुत सारे कंट्रीज जो है एक मैसेज नहीं करते हैं लेकिन आपको सपोर्ट चाहिए होता है जब कश्मीर रोटी सपोर्ट होता तब आप जाकर एक दावेदारी पेश करते हैं फिर आपके सामने यूनाइटेड नेशन सकते काउंसिल में अगर कोई विरोध नहीं करता भी तो नहीं करता तब आप एक्सेप्ट कर लिया जाते हैं तो यह दिक्कत है फिलिस्तीन के साथ और फिलिस्तीन में इसलिए भी बहुत ज्यादा विरोध रहा है लेकिन बेस्ट कंट्री इज वेस्ट जो कंट्रीज है वह अगर आप हथियार उठा लेते हैं और स्पेशली उनके साथ 40 घंटे इसके खिलाफ तो वह लोग बहुत हॉस्टल हो जाते हैं मतलब फिर वह आप को आड़े हाथों लेते हैं जैसे ईरान ईरान के साथ अमेरिका की ठीक चल रही थी लेकिन जैसे ही ईरान में जो क्रांति आए उसके बाद वह इस्लामिक एजेंडा आगे उनके अंडर तुरंत अमेरिका के लिए वह दुश्मन जैसा हो गया और फिर इस इजरायल के ऊपर हमला करने की बात कर दी गई रामसेतु इस्राएल को तो बहुत अच्छा दोस्त मानता है मेरे को तो फिर उसके पूरे विरोध में आ गया आज रात और अमेरिका की पूरी दुश्मनी आप बताइए तो यह चीजें बहुत मैटर करती है और यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल के सुरक्षा परिषद के 2 मेंबर हैं वह बहुत मैटर करते हैं इंडिया अभी यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल का मेंबर इसीलिए नहीं बन पा रहा है क्योंकि चाइना है उसमें चाहे रसिया इंडिया को हां कर देगा बाकी सब खा कर देंगे लेकिन चाइना में कभी नहीं करेगा इंडिया को यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल मेरी बन पाएगा क्योंकि वहां पर भी वही चीज आ जाएगी जैसे फिलिस्तीन के लिए मेंबर बनने में दिक्कत है हमारे लिए यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल बाद जाने में दिक्कत है कि उसमें भी जो मेंबर से यूनाइटेड सिक्योरिटी काउंसिल इन यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल उनकी ऊंचाई होती है उसमें जो हमेशा कर देगा को नहीं आने देंगे तो फ्री हो ही नहीं सकता थैंक यू
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