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मैं विक्रमण तिवारी अयोध्यापुरी से हूं और अध्यात्म का विद्यार्थी हूं आप मुझे आध्यात्मिक गुरुओं कुछ भी कह सकते हो यह सवाल है मैं 45 मिनट के लिए ध्यान यानी मेडिटेशन करता हूं क्या मेरे लिए कुछ पान मानसिक शक्ति का अनुभव करना सामान्य बात है जी जो आपका सवाल है कि 45 मिनट तक गिन के ध्यान और मेडिटेशन करते हैं कुछ मानसिक शक्ति का अनुभव करना सामान बात है तो मैं यहां खूब बहुत साफ साफ शब्दों में बताना चाहता हूं कि ध्यान आप किस लिए कर रहे हैं अगर आप ध्यान कर रहे अपना मानसिक तनाव भगाने के लिए या मोटिवेटेड होने के लिए या फिर मानसिक शक्ति का अनुभव करने के लिए तू हर चीज के लिए ध्यान पद्धति या अलग-अलग होती है अगर आपको मानसिक शक्ति का अनुभव करना है तो वह 45 मिनट के ध्यान में नहीं आएगा 21 जान लीजिए यह मैं सत्य बोल रहा हूं 45 मिनट अगर आप दसवीं साल से भी करते हो 20 साल से भी करते हो अगर आप मन से नहीं कर रहे हैं ध्यान ध्यान को ध्यान कितने नहीं कर रहे हैं तो कोई मतलब नहीं है ध्यान का अर्थ होता है ध्यान लगाना ध्यान लगाने का अर्थ होता है रिश्ता करना चेस्टर का मतलब किसी चीज को एक बैरियर होता है तोड़ होता है एक जैसे पुलिस का नाका बंदी चेक पोस्ट होता उसको तोड़ना तो वह टूटना आम बात नहीं है और मैं आपको कुछ नहीं ध्यान पद्धतियां बता दे रहा हूं जिसके फलस्वरूप आप अपने कुछ मानसिक शक्तियों को अनुभव एक कर पाएंगे लेकिन वह भी उसके ऊपर होता है कि आपको यह चीज मन से करनी पड़ेगी और ध्यान लगाकर ध्यान को ध्यान लगाकर करना पड़ेगा मन नंबर 1 के मन को भटकने नहीं देना है सब ध्यान करने आप बैठते होंगे तो मन आपको भटकता होगा तो अगर आपको मानसिक शक्ति का अनुभव करना है तो यह सामान्य से अब दो-तीन ध्यान पद्धति है मैं आपको बता दे रहा हूं नंबर एक अपनी आंखों को बंद कर ले आंखों को बंद करने के बाद आप सोचे कि आप हिमालय पर्वत या कहीं भी कोई प्राकृतिक जगह गए हैं खूब अच्छा वातावरण खूब सुगम में वातावरण है उसको आप अगर आप ध्यान कर रहे हैं लगाता तो आप 15 मिनट तक या 5 मिनट तक जितनी देर भी आप उसको मन से कर सके 1 मिनट भी आधा मिनट भी लेकिन जो आप करें वह आप करें उसमें नकारात्मक विचारों का कोई विचार ना आए कुछ ना आए मन एकदम याद हो जाए तो वह आधा मिनट कहीं हो उसको दम खुद देर तक उसमें जाएं तो आधा मिनट के लिए अगर आपका ध्यान लग ही जाता है तो वह समझ लीजिए आपके बैठने से और वह सब करने से वह आधा मिनट का ध्यान आपको परम शांति की ओर लेकिन लेकर जाएगा यह करें फिर इसके बाद मानसिक शक्ति का अनुभव कराने के लिए आप क्या करें दीपक दीपक हमारे घरों में जलता है दीपक न हो तो मोमबत्ती ही हो उसके लव के अग्रभाग को ध्यान से देखें देखते जाओ देखते जाओ तो उसमें थोड़ी आंखें भी दर्द होती है तो क्या करें उसको ठंडे पानी से धोते जाए जब उठे यह सब करके जमा कर दर्द पानी निकलने लगे तो आंखों को ठंडे पानी से धो लें और फिर उसके बाद लव को देख कर दो तीन चार पांच तक जब तक ध्यान से देख पाए देकर फिर आप अपने आपको को बंद कर ले और यह सोचे दो भाइयों के बीच जो शंकर जी का त्रिनेत्र जहां जो तीसरी आंख उनकी होती है सूची बोल रही है वहीं पर वह लोग है वही जल रही है तो आपको एक ऐसा अनुभव होगा जब यह आप ध्यान से अगर इसको मंच अगर इसको आप आधा मिनट भी कर ले जाएंगे या आठ 10 सेकंड भी कर ले जाएंगे तो आपको एक अलग मानसिक शक्ति एक अलग मानसिक सुख 11 लाख गिरधर सुख का अनुभव होगा तो जो अतुलनीय रहेगा सुख मिलेगा आपको शर्म आनंद का मिलेगा तो धीरे-धीरे आप फिर ईश्वर की ओर बढ़ने लगेंगे ध्यान का अर्थ होता है कि पहले हम अपने मन को शांत करें कि धीरे-धीरे ब्रह्म जिज्ञासा की ओर यह बड़े ब्रह्म जिज्ञासा का अर्थ होता है ईश्वर को जानने ईश्वर को जानने के लिए आपको पता अपने आप को जानना पड़ेगा मैं कौन हूं कहां से आया हूं मेरा कौन है यह शरीर क्या है तो इन सब विषयों का अध्ययन करने के लिए यह जरूरी है तो आप जिस दिन आपके अंदर ब्रह्म जिज्ञासा जाग जाएगी वह आधे आधे एक 2 मिनट का ध्यान भी आपके लिए पर्याप्त होगा तो आप यह दोनों उठान एक करें मन लगाकर इतना चाय आधे आधे मिनट के लिए करें और आज में टकरा ध्यान अब आपको जो सवाल है कि 50 मिनट तक ध्यान मुझे तंग करता हूं मोमाजी शक्ति का अनुभव करना सामान्य बात तो करा पता नाटक करते हैं बाबू मानसिकता नहीं कर रहे हैं हेलो सुलेशन का अनुभव कर रहे हैं अन्य आप अपने दिमाग में एक विचार बना लिए हैं कि इतने देर तक ध्यान लगाने से कुछ हमें अनुभव होता तो जो भी अनुभव हो रहा है वह आपका मन आपको यह कह रहा तो उसे मानसिक शक्ति का अनुभव नहीं हो पाता मैंने जो दो पद्धति आपको बताइए आप यही करें धन्यवाद में विक्रमण तिवारी अयोध्यापुरी सिंह और राजगुरु
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मेडिटेशन या ध्यान करना मन की शांति के लिए बहुत अच्छा ऋषि-मुनियों द्वारा अनुभूत उपाय है इसलिए दिया 45 मिनट तक ध्यान करते हैं तो बहुत अच्छी बात है इसके द्वारा आपकी मानसिक शक्तियां जागृत होंगे कुछ समय करने के बाद आपको यह दिव्य अलौकिक शक्ति का अनुभव होगा और आपकी स्मरण शक्ति भी बढ़ेगी सोचने समझने की क्षमता भी बढ़ेगी
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जी हां आपका 40 मिनट ध्यान करते हैं तो मानसिक शक्ति का अनुभव करना यह साधारण सी बात है कॉमन सी बात के बाद अगर आप बहुत लंबे अभ्यास करते करते आप देखेंगे कि आपके मन में से जो नफरत होती है वह खत्म हो जाएगी आपको सब से प्रेम होगा यह बहुत अच्छा लक्षण होता है आयोग ध्यान करने से आपको सब के प्रति प्रेम का भाव आएगा किसी से द्वेष नहीं होगा ऐसा नहीं होगी आपके अंदर लोग खत्म हो जाएगा जो लालच होता है जिसकी वजह से लोग अपराध करते हैं और इंद्रियों के बड़ा कंट्रोल हो जाता है और जिससे कि आप संयमित व्यक्ति और बहुत अच्छे इंसान के रूप में समाज के लिए साबित होंगे कंटिन्यूड रखिएगा धन्यवाद
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45 मिनट में स्टेशन करते हैं यह बहुत ही शुभ संकेत है यदि आप 45 मिनट समय इसमें देते हैं तो आप एक विहंगम योग की पद्धति है उस पद्धति से आप ध्यान करके देखें आपके शरीर में हर आहट और कम पाया जाएगा वह योग योग नहीं है जिस युग के करने के बाद आपके शरीर में थकावट और कंपनी आप ध्यान करने के लिए एक सिद्धांत की पुस्तक है जो एक औरत होती है लेकिन प्रचार की दृष्टि से उसे 550 में दिया जाता है जिसका नाम स्वर्वेद है उसे हम युग के संविधान के नाम से जानते हैं जिसके रचयिता सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज है और उन्होंने यह पुस्तक हम लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए जनमानस के लिए इस देश के लिए इस विश्व के लिए एक धरोहर के रूप में दिया है आप इस पुस्तक को प्राप्त करने के लिए संपर्क कर सकते हैं 70043 18121 पर तब तक के लिए कुमार कार्तिक को वर्कर वीडियो से विदा दीजिए नमस्कार
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45 मिनट का ध्यान आप करते हैं या अच्छी बात है मगर जहां तक आपने कहा कि 45 मिनट के ध्यान में मानसिक शक्ति का कुछ अनुभव होगा या नहीं इसके विषय में कहना पड़ेगा पहले आपको यह बताना पड़ेगा कि ध्यान में आप क्या करते हैं बिना यह जाने कि ध्यान आप कैसे हो और क्या करते हैं यह प्रश्न का उत्तर पूरा नहीं मिल सकता है अभी फिलहाल सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि यदि आप अपने ध्यान में संतुष्ट है मस्तिष्क में ध्यान बाप के मस्तिष्क की जो तरंगे हैं वह पहले अधिक रहती है ध्यान में जवाब बैठते हैं तो 45 मिनट बाद आपको ऊर्जा एहसास होता है एक अजीब गहरी शांति महसूस होती है तो कोई भी ध्यान है आप करते रहिए आगे चलकर प्रगति होगी और यदि 45 मिनट तक भरते हैं बैठने के इसके बाद उठने के बाद आपको कोई मानसिक शांति या हल्का पर या कोई ऊर्जा का एहसास नहीं होता है तो कहा जाएगा कि 45 मिनट बेकार जा रहे हैं तो पहले समझना पड़ेगा कि ध्यान करते क्या है जान की हजारों विधियां हजारों तो कौन सा ध्यान करते हैं कई ध्यान ऐसे होते हैं कि जिनको करने से पूरे दिन सर भारी रहता है कई ध्यान ऐसे होते हैं जिनको करने से कुछ भी नहीं होता मैं सोच शरीर में कई ध्यान ऐसे होते हैं जिनको करने से पूरे दिन सर दर्द बना रहता है ऐसे होते हैं कि जिनको करने से बुरे दिन हल्का रिलैक्स महसूस होता है कई ध्यान ऐसे होते हैं जिनको करने से बड़ी आनंददाई स्थिति महसूस होती है जिसे हल्के होकर के मस्त होकर की हवा में डोल रहे हो और कई ध्यान ऐसे होते हैं कि ध्यान करने के बाद पूरे दिन व्यक्ति बिल्कुल शांत और चुप बना रहता है तो जब तक यह ना पता चले कि कौन सा ध्यान करते हैं तब तक यह कहना मुश्किल है कि ध्यान में आपकी प्रगति होगी इतना कहा जा सकता है कि यदि आप अपने ध्यान करने में संतुष्ट हैं तो ठीक है कहीं कोई ध्यान में असंतोष है कहीं कोई ऐसा महसूस हो रहा है कि समय को बेकार कर रहे या कोई अनुभव नहीं हुए अभी तक देखे 90 दिन तक तो कोई अनुभव हो नहीं सकते कैसा भी ध्यान ध्यान का कोई भी अगर आपको अनुभव लेना है तो किसी भी प्रक्रिया को किसी भी ध्यान को 90 दिन तक रेगुलर करना आवश्यक है इसके बाद निर्णय लिया जा सकता है तो कुल मिलाकर के मैं आपके लिए ही कहूंगा कि अगर आपको अच्छा लग रहा है अनुभूतियां हो रही है तो ठीक है पार्टी ब्रेस्ट है पार्टी पिता की ओर चलते हैं सकारात्मक सोच की ओर चलते हैं ध्यान के प्रति तो ठीक रहेगा यदि ध्यान में आपको कुछ नेगेटिव बंद हो रहे हैं अनीश जी अनीश जीनियस महसूस हो रही है अच्छा नहीं लग रहा है फिर भी कर रहे हैं या ध्यान सीखना चाहते हैं ध्यान कोई नई विधि जानना चाहते हैं उस विधि से संतुष्ट नहीं है अच्छा नहीं लग रहा है तो आप संपर्क कर सकते हैं मेरा व्हाट्सएप नंबर है 98 9772 7441 और मैं आपसे फिर कह रहा हूं कि देहात कूप मंडूक मत बनिए गा यानी जो जानते हैं वही सिर्फ जगत में है और कुछ नहीं एक बार अगर संतुष्ट पहले हमने कहा कर कर संतुष्ट हो तो ठीक है अगर जरा सा भी असंतोष है कुछ जानने की इच्छा है ध्यान के विषय में आगे की विषय में गति के विषय में तो हम व्हाट्सएप पर जुड़िए 90 दिन तक केवल प्रयोगों को करिए 90 दिन में अगर आप 90 दिन करने के बाद अपने पूर्व अनुभव और इन अनुभव को नए अनुभव को तुलना कीजिए एक तराजू लेकर के दोनों के दोनों तुलनात्मक दृष्टि से देखिए इसके पश्चात जो भी अच्छा लगे तो उस पर लग जाइए ना अच्छा लगे फिर आगे चलिए एक कहावत कही गई है कि मनुष्य का जीवन बार-बार नहीं मिलता है अगर मिला है और आपको ध्यान की रुचि है तो इसमें पूर्ण हो करके ही संतोष लीजिए भले एक नहीं हजार जगे आपको मत्था टेकना पर एक हजार जगह दरवाजा कुंडी खटखटा नहीं पढ़े हजार जगह पूछ ना पड़े इसकी फिक्र छोड़िए मगर पूर्णता लेकर के उतरी है अक्सर मैंने सुना है यह चौपाई जो मैं कहीं नहीं जा रहा हूं बहुत सुंदर है कहा गया है जब तक गुरु ना मिले सांचा तब तक एक रोया करो पचासा क्योंकि जीवन बार नहीं मिलना है एक बार मिला है इसका प्रयोग करना है ऑफिस में दिक्कत क्या है मैं अक्सर लोगों से कहता हूं कि 23 घंटे संसार के लिए एक घंटा केवल अपने लिए तो जो अपने लिए एक घंटा लगा रहा है अपने आप ही के लिए अपने ध्यान के लिए अपने निजी अनुभव के लिए लगा रहा है तो फिर ईमानदारी से लगाए उसका परिणाम भी मिलना चाहिए उसके लिए कितने भी ग्रंथ पढ़ने कितने भी गुरुओं के पास चले जाए कितनी भी विधियों का अमल कल सब कर लेना चाहिए सब करने के बाद निष्कर्ष के तौर पर एक अपनी विधि बनानी चाहिए कि अब हमें इस बिंदिया यह विधि हमको अच्छी लगी थी इस विदेशी है मेरे अंदर ध्यान में क्रांति हो सकती है ध्यान में मुझे मानसिक शक्तियों का अनुभव हो सकता है फिर जीवन भर सब छोड़ कर के फिर पद्धति गुरु पुस्तकें विधियां सब छोड़ करके उसी विधि में जीवन पर्यंत लग जाना चाहिए धन्यवाद मेरे लिए कोई सहायता हो कोई सेवा हो तो बताने की कृपा करें यदि आप संतुष्ट सपने में तो ठीक है नमस्कार
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बिल्कुल 45 मिनट के ध्यान से नियमित रूप से इस अभ्यास को जारी रखें निश्चित ही अद्भुत मानसिक शक्तियों का अनुभव होगा और यह बैठक धीरे-धीरे जैसे ही जैसे कालावधि में पुष्ट होती चली जाएगी कालावधि में पूछने सिकंदर गया मारा कि जैसे-जैसे अब बैठती जाएंगे जैसे से कुछ महीने कुछ वर्ष गुजरेंगे तो अंदर के मस्तिष्क के ज्ञान केंद्र सक्रिय हो जाएंगे और जैसी वह ज्ञान केंद्र सक्रिय होंगे वैसे ही आपको दिव्य अनुभूतियों होने लगेगी आपके ज्ञान केंद्र के सक्रिय होने पर इस ब्रह्मांड की सुप्रीम एनर्जी है वह आपसे कम्युनिकेट करने लगेगी और आपको अनंत प्रकार के सुखद अनुभव होंगे धन्यवाद
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दोस्त आपका दोस्त आपका योगा फ्रेंड इसलिए बोला और आपके पास है क्या मैं 45 मिनट अगर मेडिसिन करता हूं मानसिक शक्तियां महसूस करना एक सामान्य बहुत अच्छी होती है आपका माइंड टोटल पॉजिटिव हो जाता है जिसकी वजह से बहुत ही करते रहे आपको एकाग्रता करने में मेडिसिन करने में ध्यान करने में आसानी होगी योग करें स्वस्थ रहें मस्त रहें और मेडिसिन भी करते रहेंगे धन्यवाद
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आपका प्रश्न है मैं 45 मिनट के लिए ध्यान यानी मेडिटेशन करता हूं अच्छी बात है क्या मेरे लिए कुछ मानसिक शक्ति का अनुभव करना सामान्य बात है सबसे पहले दो बातें आपने यह नहीं बताया कि आप कौन सा मेडिटेशन करते हैं मेडिटेशन करने के अनेक विधियां है और दूसरा अपने दिखा मानसिक शक्ति का अनुभव इससे आपका अभिप्राय क्या है कि आपको किस तरह की मानसिक शक्ति का अनुभव होता है यह खराब बताएंगे तो आपकी बात पर टिप्पणी करना ज्यादा आसान होगा फिर भी जितना मैं आपके प्रश्न से समझ पा रहा हूं उसके बारे में ही बात कर लेते हैं मेडिटेशन हम मानसिक शांति के लिए करते हैं हम हम तनाव से मुक्त होने के लिए मेडिटेशन करते हैं और हम आनंद का अनुभव करने के लिए मेडिटेशन करते हैं मेडिटेशन करने से हम दिन भर के कार्य चाहे वह पढ़ाई हो चाहे किसी भी तरह का कार्य हो उसको अच्छी तरह से संपादित कर पाते हैं मेडिटेशन करने के दौरान हम दो बातों का ध्यान रखते हैं और इन गुणों को विकसित करते एक है सजगता इसको अंग्रेजी में कहते माइंडफूलनेस या अवेयरनेस हम जैसे हैं हमारे आसपास का वातावरण कैसा है उसको यथारूप देखते हैं वास्तव में वह जैसा है वैसा देखते हैं ना कि कल्पना के अनुसार दूसरे हैं समता भाव सुख-दुख में गर्मी सर्दी में एक जैसा भाव न सुख में बहुत सुखी होना मैं दुकान बहुत दुखी होना इस तरह का समता भाव हम विकसित करते हैं सजगता और समता मेडिटेशन से यह 2 गुण हमारे विकसित होते अगर यह गुण विकसित होते हैं और हम कुछ देर तक ध्यान करते हैं तो हम बहुत रिलैक्स महसूस करते हैं और कोई भी निर्णय सही ढंग से ले सकते हैं हम अपनी मानसिक शक्तियों का बहुत भली भांति और संपूर्णता में उसका उपयोग दिन भर के कार्य में लगा सकते हैं अगर आपको ऐसा लगता है कि मेडिटेशन के बाद आपकी जो मानसिक ऊर्जा है वह काम करने में अच्छी तरह से लगती है अच्छी बात है इसमें किसी तरह की कोई खराबी नहीं है मेडिटेशन का अनुभव हर किसी के लिए अलग अलग होता है और मेडिटेशन करने के बाद हर कोई अलग अलग महसूस करता है कोई यह महसूस करता है कि वह बहुत शांत हो गया है उसमें क्षमता भाव आ गया है उसमें अन्य प्राणियों के प्रति प्रेम और करुणा का भाव जाग गया है वह कोई भी निर्णय निष्पक्ष ढंग से कर सकता है और शांति पूर्वक अपने काम का संचालन कर सकता है आपको लगता है कि आपकी मानसिक शक्ति बढ़ गई है आप ज्यादा निर्भीकता से और ऊर्जा के साथ काम कर पा रहे हैं निर्णय ले पा रहे हैं अगर ऐसा है तो यह अच्छी बात है तथागत आपका कल्याण करें आपका खूब मंगल हो
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अपने 40 मिनट के लिए ध्यान या मेडिटेशन करते हैं तो यह बहुत ही अच्छी बात है क्योंकि इतना देर तक मेडिटेशन बैठना यह साधारण आदमी के बस में ही नहीं होती ना तो आप अगर 45 मिनट तक ध्यान में बैठते हैं यह सबसे बड़ी बात है अगर आप 40 मिनट तक ध्यान में बैठ पाते हैं और इसको सही तरह से कर भी पा रहे हैं तो इसमें आपको कोई दो राय नहीं कि आपको बहुत सारा फायदा मिलती होगी और आपको उसको खुद महसूस भी करते होंगे इसमें आपका मन तो बहुत शांत रहती है और आपका सूझबूझ का तरीका जो है वह भी बदल जाती है आपको दुनिया को आप की दुनिया को देखने का जो नजरिया है उसमें बदलाव आती है और अब धीरे और शांत हो कि हमेशा हर काम को करने की कोशिश करते हैं और इसमें आपने पूछा है कुछ मानसिक शक्ति का अनुभव होता है क्या यह सामान्य बात है इससे बड़ी स्टेशन के वजह से आपका मानसिक शक्ति में बदलाव आने का आपको आभास मिलती है और आपके आसपास जो लोग हैं वह भी आप क्या जो यह बतला उसको मैसेज करते हैं तो मैं तो कहूंगा कि इसमें जरूर आपका मानसिक शक्ति का विकास होता है और उसमें बदलाव आता है धन्यवाद
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करते हैं उसको करने का जो तरीका है किस लग्न साबुन करते हैं वह आपका जो होता है उसे आगे आपका ज्यादा होगा और आपको जरूर उसका प्यारा मिलेगा और लोगों के मुकाबले आपको ज्यादा मानसी का ज्ञान करने के लिए
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