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भारत-पाकिस्तान के बीच में पहला युद्ध स्वतंत्रता के तुरंत बाद शुरू हो गया था कश्मीर को लेकर पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर दिया था 22 अक्टूबर 1947 को और यह युद्ध 5 जनवरी 1949 तक चला उस समय जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री थे और जनरल करिअप्पा हमारे सामने अध्यक्ष थे शुरू में भारत ने कश्मीर की सहायता नहीं की क्योंकि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं था पर जब राजा हरि सिंह ने भारत में ब्लैक मंजूर कर लिया फिर भारत ने अपनी सेना भेजी और दो तिहाई कश्मीर को आजाद करा लिया पर एक तिहाई कश्मीर बचा था तभी युद्ध विराम हो गया और वह जो एक तिहाई कश्मीर है वही पाकिस्तान के पास में है पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर है वह जिसको पाकिस्तान आजाद कश्मीर बोलता है पर असल में वह पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर है इस युद्ध में हमारे 11 जवान मारे गए पाकिस्तान के 6000 जवान मारे गए हमारे 3200 घायल हुए पाकिस्तान के 14000 घायल हुए और यह समस्या अभी तक बनी हुई है उसके बाद में 1965 का युद्ध हुआ तब पाकिस्तान को लगा कि 1962 में हम चीन से बुरे तरीके से हारे थे तो हम कमजोर हैं और उसी समय नेहरू जी की मृत्यु हुई थी शास्त्री जी नए-नए प्रधानमंत्री बने थे तो उनको लगा कि गेम अच्छा मौका है कश्मीर पर हमला करके उसको जीत लिया जाए तो अगस्त से सितंबर 1965 तक चला और उसमें 3000 भर्ती सैनिक मारे गए 5800 पाकिस्तानी सैनिक पाकिस्तान में अयूब खान राष्ट्रपति थे हमारे लाल बहादुर शास्त्री पर अंतरराष्ट्रीय दबाव में फिर युद्ध विराम हुआ और फिर उसमें ताशकंद में जाकर समझौता किया गया 10 जनवरी 1966 को और उसी रात को संदेहास्पद स्थिति में लाल बहादुर शास्त्री जी की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई उसके बाद सबसे निर्णायक युद्ध में लड़ा था 1971 में जब बंगला देश को आजाद कराया यह युद्ध 3 दिसंबर 1971 से 16 दिसंबर 1971 तक लड़ा गया खाली 13 दिन लेकिन इसमें हमारे 10000 सैनिक घायल हुए 3:30 हजार सैनिकों की मृत्यु हुई पाकिस्तान के 25000 सैनिक घायल हुए और 9000 की मृत्यु हुई लेकिन हमने 90000 पाकिस्तानी सैनिकों को युद्ध बंदी बनाया युद्ध बंदियों में ईस्टर्न कमांड के जो हटते लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी उनको भी हमने युद्ध बंदी बनाया उन्होंने भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह के सामने डाल दिए उस समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आया कांड थे परंतु युद्ध के पश्चात शिमला में भूत और इंदिरा गांधी के बीच समझौता हुआ और हमने युद्ध बंदी छोड़ दिए उसके बाद चौथा युद्ध 1999 में हुआ जब अटल बिहारी वाजपेई भारत के प्रधानमंत्री थे और परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे कारगिल में होता क्या था सर्दियों के मौसम में बहुत सर्दी पड़ती थी तो भारतीय सेना कारगिल की चोटी से नीचे आ जाती थी सर्दी के बाद में हम अपनी पोजीशन ले लेते थे तो जब भर्ती से नीचे आई उस समय परवेज मुशर्रफ ने अपनी सेना भेजकर कारगिल पर कब्जा कर लिया लेकिन भारतीय सैनिकों ने 3 मई से 26 जुलाई तक करीब पौने 3 महीने युद्ध कर कारगिल को मुक्त करा लिया हालांकि इसमें हमारे 527 जवानों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और 14 घायल हुए जबकि पाकिस्तान के 453 लोग लोगों को ही अपनी जान से हाथ धोना पड़ा क्योंकि उनकी पोजीशन हमारे से बहुत अच्छी थी वह पहाड़ की चोटी पर थे इसलिए हमारे जो है ज्यादा जवानों की मृत्यु हुई परंतु जवानों ने जान हथेली पर लेकर युद्ध लड़ा और कारगिल को मुक्त कराएं धन्यवाद
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