चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
क्या यह सच है कि आप एक निश्चित व्यक्तित्व के साथ पैदा होते हैं और आप वास्तव में इसे बदल नहीं सकते इसका जवाब नहीं देना चाहूंगा कि हम हमारे व्यक्तित्व को बदल सकते हैं पहले तो यह जान लीजिए कि व्यक्तित्व का अर्थ क्या होता है हमारे अनुभव के ऊपर से हम आपको बताना चाहेंगे कि व्यक्तित्व मतलब कि आप लोगों के साथ किस प्रकार से बात करते हैं आप लोगों से मिलते हैं तो आपका कम्युनिकेशन करने का तरीका कैसा है जब आपको ग्रुप के सामने बोलने की जरूरत पड़ती है मतलब कि पब्लिक स्पीकिंग करने की जरूरत पड़ती है तो आप लोगों के सामने कैसे बोलते हैं इसे व्यक्तित्व कहा जाता है के लिए व्यक्तित्व हो सकती है लेकिन हमारे हिसाब से व्यक्तित्व के अंदर जो सबसे ज्यादा रोलप्ले करती है वह चीज होती है हमारी कम्युनिकेशन स्किल तो हम हमारे व्यक्तित्व के अंदर परिवर्तन ला सकता है अब मैं आपको बताना चाहूंगा कि व्यक्तित्व के अंदर परिवर्तन लाने के लिए क्या करना चाहिए हम आपको दूर टिप्स देंगे कि जो 2 टिप्स की मदद से आप अपने व्यक्तित्व के अंदर परिवर्तन ला सकते हैं उनमें से सबसे पहले टिप है ट्रेनिंग लीजिए अगर आप अपने व्यक्तित्व के अंदर परिवर्तन लाना चाहते हैं तो ट्रेनिंग लीजिए ट्रेनिंग आप किसी व्यक्ति से ले सकते हैं फेस टू फेस या फिर ऑनलाइन ट्रेनिंग या फिर अगर आप ट्रेनिंग भी देना चाहेंगे और उन फ्री रिसोर्सेज की मदद से आप अपने आपके अंदर इंप्रूवमेंट लाते हैं नई-नई चीजें सीखते हैं और इंप्रूवमेंट लाते हैं तो यह भी एक माध्यम होता है खुद को ट्रेनिंग देने का खुद को सिखाने का तो अपनी पर्सनालिटी में अपने व्यक्तित्व को बदलने के लिए ट्रेनिंग की जरूरत पड़े नया सीखना पड़ेगा और फूल सीखी हुई जो नई चीजें हैं उन्हें अपनी लाइफ में फॉलो करनी पड़ेगी बुक्स से सीखना चाहे तो बुक से सीख सकते हैं अगर आपको वीडियो देखकर सीखना चाहे तो वीडियो देखकर सीख सकते हैं अगर आप आर्टिकल पढ़ना चाहें तो आर्टिकल्स पढ़कर भी सीख सकते हैं तो सीखने के बहुत सारे रास्ते होते हैं तो पहला जो हम कह सकते हैं कि रास्ता जो हमारी पर्सनल को डिवेलप करने का जो होता है होता है कि ट्रेनिंग ले नॉलेज गईल करें और उन चीजों को अपनी लाइफ में फॉलो करें तो व्यक्तित्व को बदला जा सकता है बदलने के लिए पहले ट्रेनिंग खुद को देने की जरूरत पड़ेगी यह पहली और दूसरी टिप है वह हमारी फेवरेट टीम है वह है कि जो आपने सीखा है उसे फॉलो करने का दृढ़ निश्चय आपको करना पड़ेगा तो वह दृढ़ निश्चय कीजिए अब होता यह है आप में से बहुत सारे लोगों के केस इसमें यह होता होगा कि आप कुछ सोच लेते हैं करने की और उस चीज को आप करना शुरू करते हैं उस दिन तक आप उसे करते हैं लेकिन long-term उस चीज को नहीं कर पाते हैं उन चीजों को नहीं कर पाते हैं तो यह long-term तक करना बहुत आवश्यक होता है अब ऐसा हो सकता है क्या करें लेकिन आपको कुछ दिनों के बाद ही अपनी हार मान ले और उस चीज को कंटिन्यू ना करें हमारे अनुभव के ऊपर से आपको बताना चाहूंगा कि किसी भी चीज के अंदर अच्छे होने के लिए किसी भी चीज के अंदर अच्छे होने के लिए आपको लॉग के लिए मेहनत करनी पड़ेगी अगर आप ऐसा एक्सपेक्ट करते कि शॉर्ट में आपको रिजल्ट मिल जाएगा तो ऐसा बिल्कुल नहीं होगा लॉन्ग टर्म के अंदर आप को रिजल्ट मिलेगा आपको कंसिस्टेंसी मेंटेन करनी पड़ेगी आपको वह दृढ़ निश्चय करना पड़ेगा कि मैं हर रोज हर कुछ दिनों के बाद ही किस करूंगा या करूंगी तो यह जो दूसरी टेप है उसे फॉलो करना है और लोगों को जो दिक्कत आती है कि लोग इसे फॉलो नहीं कर पाते तो बोलो लॉन्ग टर्म के लिए करना है long-term के लिए करेंगे तो रिजल्ट जरूर मिलेगा क्योंकि लोग ऐसा मानते कि रिजल्ट नहीं मिल रहा है इसलिए यह चीज नहीं कर रहे या फिर नहीं होता इसलिए नहीं करनी मैं तो लॉन्ग टर्म पर के लिए करना पड़ेगा और उसके लिए जबरदस्ती में शुरुआत में है वह आपको उस चीज के लिए समय देना पड़ेगा फ्रेंड तो हमने आपको यह टोल टैक्स बताएं कि जिनकी मदद से आप अपने व्यक्तित्व को बदल सकते हैं आप अपनी पर्सनैलिटी को चेंज कर सकता है और आप एक अच्छी पर्सनालिटी बन सकता है इस ऑडियो को इस आंसर को कंप्लीट करने से पहले आपको बताना चाहूंगा कि हमने कौन-कौन सी दो टिप्स आपको दी पहली टिप कि आपको खुद को ट्रेनिंग देनी है या फिर किसी को कहना है कि वह व्यक्ति आपको ट्रेनिंग ट्रेनिंग लेनी है और दूसरी टेप है कि दृढ़ निश्चय के साथ लॉन्ग टर्म इन चीजों को फॉलो करते रहना है अगर आप अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स और पब्लिक स्पीकिंग स्किल्स को इंप्रूव करना चाहते हैं आप अपने पति को अपने व्यक्तित्व को डेवलप करना चाहते हैं तो आप हमारे ट्रेनिंग प्रोग्राम को अटेंड कर सकते हैं हम आपको ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम से ट्रेनिंग दे सकते हैं आप हमारा संपर्क कर सकते हैं हमारा नंबर है 95868 35484 इस नंबर के ऊपर हमारा संपर्क कीजिए हम आपको हमारे ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में सारी जानकारी प्रोवाइड करेंगे अगर आपको आंसर अच्छा लगा हो तो इसे लाइक भी कीजिएगा और इसे लोगों के साथ शेयर भी कीजिएगा अपने व्हाट्सएप ग्रुप के अंदर आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं ताकि आपको इसी प्रकार के आंसर से मिलते रहे और आप अपने डेवलपमेंट के अंदर अच्छे से सारी चीजों को फॉलो कर सके और नई चीजों को सीख सकें हम आपको यह जवाब अच्छा लगा होगा फिर मिलेंगे एक नए जवाब के साथ तक के लिए थैंक यू
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आपका प्रश्न यह है कि क्या यह सच है कि आप एक निश्चित व्यक्तित्व के साथ पैदा होते हैं और आप वास्तव में इसे बदल नहीं सकते लेकिन निश्चित व्यक्ति के साथ धर्म जो है उसमें हम पैदा होता है वह नहीं चेंज हो सकता ठीक है क्योंकि रूल्स रेगुलेशन सब कुछ हम बचपन से हमें सिखाया जाता है और उस हिसाब से हम चलते भी है लेकिन हमें अच्छाइयां भी सिखाई जाती है इस हिसाब से हम चलते हैं ताकि अच्छाइयों का हम साथ दें और बुराइयों का नाश करें तो कभी चेंज नहीं हो सकता बाकी जो बुराइयां है उसे चेंज करके अच्छाइयों में बैठे तो वही बेहतर होता है ठीक है आपका दिन शुभ हो धन्यवाद
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यह बिल्कुल गलत बात ना किया में स्थित व्यक्ति के साथ पैदा होते हैं पैदा होते हैं तो हमारा कोई व्यक्ति होता ही नहीं हम बहुत छोटे होते हैं और वह समय होता है जब हम अपनी पर्सनालिटी को बना सकते हैं शुरुआत बचपन से ही हो जाती है परंतु जैसे-जैसे बड़े होते हैं में अलग-अलग तरह के एक्सपीरियंस मिलते हैं माहौल मिलता है अलग-अलग तरह के लोगों से हम मिलते हैं तो जितने भी एक्सपीरियंस एस होते हैं कहीं ना कहीं हमारी पर्सनालिटी बनाते हैं इसलिए मेरे साथ से व्यक्ति एक दिल है जो जीवन में कभी भी बेहतर किया जा सकता है हमारे जो धारणाएं होते हैं उसके ऊपर यह व्यक्ति खड़ा होता है अगर आप अपनी भावनाओं को बदलने लगोगे तो आपको लगता है कि यही चीज गलत चीजों में अब तक मान रहा था समझ रहा था यह समझ ले कि जैसे अपन धारणाओं को बदलने लगेंगे आपके व्यक्तित्व विकार अपने आप हो जाएगा कहीं ना कहीं एक राशनलिटी के साथ लेकर चले चीजों को कैसे देखे जैसे वह वाकई हैं ना कि अपने सिर्फ अपने नजरिए से हम सब का नजरिया जाते हैं कोशिश करें कि आपका अलग अलग नजरिया से उस चीज को देखना शुरू करें और जहां अपने चीजों को अलग अलग नजरिए से देखा शुरू किया वहीं आपका व्यक्तित्व अपने आप विकसित होता रहेगा क्योंकि आप चीजों को अलग अलग तरीके से देख पाओगे सिचुएशन को बेटर हैंडल कर आओगे तो कोशिश करें कि ऐसी धारणा ही ढूंढे जो आपको रोक रही हैं तीनों को एक नए रूप में देखने के लिए उन धारणाओं को जैसे ही आप बदलेंगे आप देखिएगा आप लगेगा क्या आपका व्यक्तित्व विकसित हो रहा है और आप चीजों को बेहतर तरीके से समझ पा रहे हैं हैंडल करता है धन्यवाद
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यह झूठ है कि आप निश्चित व्यक्तित्व के साथ पैदा होते हैं और आशिया बदल नहीं सकते बिल्कुल आप बदल सकते हैं क्योंकि मनुष्य जन्म आपको इसीलिए मिला होता है कि आप अपनी पुरानी आदतों से पुराने विकारों से मुक्त होकर के नए बन सकें अगर बदल नहीं सकते की संभावना होती तो यह जन्म ही नहीं मिलता आपको धन्यवाद नमस्कार
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हर इंसान जब पैदा होता है तो वह एक पर्सनालिटी एक व्यक्तित्व लेकर आता है यह सही है परंतु वही व्यक्तित्व उसका हर समय आखिर तक रहे यह सही नहीं है इंसान का व्यक्तित्व उसकी परिस्थितियों के हिसाब से बनता है उसके आसपास के लोगों का बहुत अभाव होता उसके ऊपर लालन-पालन किस अवस्था में हुआ है उसका एक्सपीरियंस क्या है लाइफ का उसके आसपास कैसे लोग हैं एक कहावत मैन इज नोन बाय हिस कंपनी यह कहावत बनी थी इसलिए है क्योंकि हम जिन लोगों के साथ रहते हैं उनका हम पर प्रभाव पड़ता है उसके साथ जो हमारे जीवन में घटनाएं घटती हैं उसका भी हमारे व्यक्तित्व पर बहुत प्रभाव पड़ता है कुछ घटनाएं कुछ चैलेंज हमें स्ट्रांग कर जाते हैं और कुछ हमें तोड़ जाते हैं कुछ हमें नई सीख दे जाते हैं और कुछ हमें कुछ पीछे धकेल लेते हैं हमारा आपने विश्वास तोड़ देते हैं तो हमारा व्यक्तित्व तो है जन्म से मगर हमें आसपास इन्वायरमेंट क्या मिला वाया हमारा एक नेचर है हमें नर्चर के सहा से मिला है उससे हमारी पर्सनालिटी पर बहुत फर्क पड़ता है तो हम यह नहीं कह सकते कि जो व्यक्तित्व हम लेकर पैदा हुए हैं वही व्यक्तित्व हमेशा हमारे साथ रहेगा क्योंकि वह परिस्थितियों के हिसाब से बदलता रहता है हमारी बेहतरी के लिए
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जी हां यह बात बिलकुल और 100% सच है कि आप एक व्यक्तित्व के साथ पैदा होते हैं निश्चित व्यक्तित्व शब्द में नहीं करूंगी व्यक्तित्व सचिव करना चाहूंगी बिकॉज कोई भी एक मनुष्य अपने पैरेंट्स उनके बारे में अपने फोरफादर्स इन सारी जींस का एक मिक्सचर ओके हर एक मनुष्य बिना है उनकी हर एक क्वालिटी बी एड फिजिकल बीएड इमोशनल अभी 1 मिनट के अंदर आती ही आती है तो एक व्यक्तित्व आप लेकर इस धरती पर आएंगे पर उस व्यक्तित्व को आप चेंज नहीं कर सकते यह बिल्कुल गलत बात है ह्यूमन एक ऐसी रचना है जिसके पास यह पूरा पावर है कि वह अपने सोचने के तरीके अपने दे टुडे एक्टिविटीज के तरीके अपने आई नो अपने किसी भी चीज की तरफ अप्रोच को लेकर हर एक चीज वह बदल सकता है हर एक चीज की यदि आप गांव को देखेंगे आप कोई भी एनिमल को देखेंगे पेड़ पौधों को देखेंगे तो जिस तरीके से बनाए गए हैं जिस तरीके से सृष्टि ने उनकी रचना कीजिए उससे अलग कुछ नहीं कर सकते पर मनुष्य हमारे पास ही पावर है कि हम किसी भी दिन किसी भी समय अगर हम दृढ़ निश्चय कर ले और अपने दिमाग में एक संकल्प ले ले तो हम अपने व्यक्तित्व को हमेशा अच्छाई की तरफ और और बेटा बना सकते हैं
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जी बिल्कुल नहीं है एक इंसान इग्निशन व्यक्ति के साथ पैदा नहीं होता और आप उसको बिल्कुल बदल सकते हैं हर इंसान का अपना अपना व्यक्तित्व होता जरूर है लेकिन विधवा एमेंट्स हमारे आसपास के लोग हैं हमारी सोसाइटी है हमारा कल्चर है उससे हम चीजों को बदल सकते हैं सवाल यह आता है कि बदलना क्या चाहते हैं किस तरीके से बदलना चाहते हैं जब आप को यह बात पता चल जाएगी तो बदलना तो कोई मुश्किल बात नहीं है बस आपको देखना है कहां कैसे और कब
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सारी चीजें हैं जो हम यह बात तो सही है पर मैं क्या करूं करूं या अपनी कमी ना करूं तो मेरी पसंद की चीज होती है कुछ लोग बहुत ही पता नहीं मिलते मिलते हम कमेंट कहते हैं वही रहती है पर टपोरी कंपनी बनाती है जो अंदर जो एक्शन होता है सर निकलने की
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इसमें 2 दिन होती है इसमें होता है 131 होता है स्टेट स्ट्रीट होता है जो इंसान एक बच्चा पैदा होता है उसकी कुछ ना कुछ तो बैंक लोडिंग होती है लेटर बट नॉट जस्ट में स्थित एक इंसान का एक प्लेट है प्लेट है मेरे बड़े होते हैं मेरी मम्मी ने कहा है मेरे पापा कॉलेज गया पानी पीता है कहना है और चाबी क्या है 2 तारीख की बैठक में हो रही आज का रेट में मेरे अपने हैं रिपोर्ट और 1 जून की बताइए
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विज्ञान का जो रिजल्ट है उसमें एक विशेष व्यक्ति डॉक्टर ने काटा क्या आप मुझे बता दो और आप मुझे कहो आप उसे क्या बनाना चाहते हो ना यह शक्ल आर्टिस्ट का उद्घाटन उसका हिसाब से बंटा कोई बात नहीं है वही काम करता है कि पुलिस वाले बच्चे का एक्सपोजर के लोगों के साथ हुआ उसका देखे की बहुत सारी देश है जहां पर आजकल ज्यादा नास्तिक बाद अमृत है बहुत धार्मिक नहीं हो जीवन को बदल दिया के लोगों की सोच को समझ को बदल दिया उनके घर वालों को भी कुछ कम्युनिटी में दो अलग-अलग प्रभाव रोबोट पर पड़ता है आपकी माहौल से पैदा होती तो आप बदलना पड़ेगा
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ऐसी कोई बात नहीं है व्यक्ति अपने आप को बदल सकता है और भूतपूर्व काल में भी देखें तो ऐसे बहुत सारे उदाहरण हमें मिलते हैं कि रत्नाकर डाकू महर्षि वाल्मीक बन गए गौतम बुध के संपर्क में आने के बाद बहुत बड़े-बड़े दुर्दांत हत्यारे भी साधु हो गए तुलसीदास जी बहुत कामुक व्यक्ति थे वह कितने बड़े संत बन गए इस तरह व्यक्तियों के बदलने की बहुत सारे किस्से हम जानते हैं व्यक्ति चाहे तो क्या नहीं कर सकता सतत अभ्यास से और मन की प्रेरणा से हर कोई बदल सकता है
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हां जी हां मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूं कि हर इंसान एक निश्चित व्यक्तित्व के साथ ही पैदा होता है थोड़ी बहुत चेंज होते हैं जीवन में जो हम ज्ञान के सहारे सीखते हैं चीजों को और उसे अपने व्यक्तित्व के बढ़ावे में इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन जो बेसिक नेचर होता है वह कभी नहीं चेंज होता वह हमेशा आपका वैसा ही रहेगा दिखावे के लिए थोड़ा बहुत ऊपर से चेंज कर सकते हैं लेकिन जो असली स्वभाव होता है हमारा वह कभी नहीं बदलता
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बच्चों में आपसे सहमत भी हूं व्यक्त को बदला जा सकता है अब आपको मैं छुट्टी उदाहरण दे रहा हूं एक इंग्लैंड का बच्चा जो अंग्रेज दंपत्ति से पैदा हुआ है उसको अपने भारत के वर्तमान में पाले तो वह बच्चा मदर टंग हिंदी के रूप में किसी के का धीरे-धीरे हिंदी सीखता हुआ चला जाएगा और बुड़बक बोलने लगे हमारी तरफ लेकिन इसी तरह हमारे जो हिंदी का वातावरण है यहां के दंपतियों का एक बच्चे को अपने इंग्लैंड लिया कर रखें तो वहां पर इंग्लैंड की जो अंग्रेजी है उसको सीखेगा तो धीरे-धीरे अंग्रेजी का बहुत अच्छा नष्ट हो जाएगा अंग्रेजी को छुआ बोलेगा तो बच्चों को सब्जी को बता सकता है इन्वायरमेंट के द्वारा आज के हम जो देख रहे हैं शिक्षा पद्धति उसके अंतर्गत शहरों के बच्चे गांव के बच्चों से अधिक आगे कारण क्या है कि शहरों में जो माता पिता होते हैं उनका क्वालिफाइड फैमिली होती है मां भी पढ़ी लिखी है पिता भी पढ़ा लिखा है चाचा भी पढ़ा लिखा है चाचू पढ़ी लिखी है दादा भी पढ़े-लिखे दादी भी पढ़ी लिखी है सभी सदस्यों में करते हैं इसलिए उन बच्चों को क्वालिफाइड इन बाहों में मिलता है अच्छी भाषा का प्रयोग मिलता है इसलिए वह उनसे भी पढ़ो सहायता ले लेते हैं मुंह से पढ़ाते भी हैं जबकि ग्रामीण वातावरण को देखिए हम तो ग्रामीण बच्चा है इसलिए पिक्चर हो जाता है क्योंकि उसे बताओ नहीं उसके पास घर में जो बोलते हैं वह जिस तरह की ग्रामीण भाषा होती है उसी का प्रयोग करते हैं बच्चा सिर्फ स्कूल में पढ़ कर आता है और लाकर की किताबों को पर रख लेता है तो उसको बातों पर नहीं मिल पाता है इसलिए वह बच्चे शेयरों के बच्चों की तुलना में पिछड़ जाते हैं तो व्यक्तित्व को बदला जा सकता है लेकिन उसको
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ऐसी साइंटिफिक एस्पेक्ट वैज्ञानिक प्रदेश में कहें या यह वास्तविकता हुई है रियलिटी है कि जो चाइल्ड या कोई बच्चा या हम पैदा होते हैं जन्म लेते हैं उस समय जो पैरंट्स होते हैं माता-पिता के जो जींस हैं वह बच्चे में ट्रांसफर हो जाते हैं जो मां बाप की याद योर ग्रैंडफादर की जो अनुवांशिकी है तुझी से बच्चे के अंदर ट्रांसफर हो जाते हैं और उन जींस में जो भी सूचनाएं होती है वह भी ट्रांसफर हो जाती है बच्चे एनी की जो मां बाप की ट्रेस होते हैं जो लक्षण होते हैं विशेषताएं होती जिन के माध्यम से बच्चे में प्रवेश कर जाती हैं कुछ कुछ हद तक वह भी वेरी कर सकता है कि वह मां की विशेषताएं ज्यादा ही बचे कंदरिया पिता की विशेषताएं आई तू जिस की विशेषता यह दोनों की मिक्स होकर आए तुम अगर पिता गुस्सा करता है तो हो सकता है कि बच्चे के अंदर भी आगे चलकर गुस्से जैसे लक्षण देखने मुझे यामा अगर मां का लक्षण है हो सकता है उसके अंदर प्यार के लिए छोड़ा जा तू अब उसके देवगन से जैसी बच्चे पैदा हुआ वैसे ही वह अब दुनिया में आ चुका है दुनिया में वही प्रवेश से उसके चारों ओर से एक सराउंडिंग से घिर चुका है उसके आसपास जो भी चीजें को देखता है सुनता है यह समझता है या सुनता है उन सब चीजों से पूछे जो जो भी सीखेगा उसी हिसाब से उसकी पर्सनालिटी उसका उसका व्यक्तित्व बनता जाएगा व्यक्तित्व ऐसा नहीं बदलेगा नहीं हमें अभी बदलता ही जाएगा अब वह व्यक्ति जैसा चाहे वैसा बना सकता है ऐसा देखा गया है कि जैसे किसी के पेरेंट्स रूढ़ीवादी होते हैं पुरानी विचारों की होते हैं लेकिन उनका बच्चा जो होता है वह मॉडर्न विचारों का होता है तार्किक विचार का होता है विज्ञान नजरिए का हो तो वैज्ञानिक नजरिए का होता है तो अभी पेरेंट्स की जींस में जो सूचनाएं हैं उनको भी बदला जा सकता है लेकिन आराम से अभ्यास से होता है यानी कि उसकी अब रिंग कैसी है उसका वह कैसे उसका पालन-पोषण हुआ है उस
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नहीं इंसान सिर्फ एक आवाज के साथ पैदा होता है और वह रोने की आवाज व्यक्तित्व इंसान का पालन पोषण बनाता है आपने बहुत बार देखा होगा एक ऐसा इंसान जो चाहे बहुत ही गरीब परिवार में पला बढ़ा हूं लेकिन अगर उसका उसकी संगी साथी अच्छे हो उसके परिवार वालों की सोच अच्छी हो तो गरीबी गरीबी अमीरी वहां मैटर नहीं करती आप किस इंसान के साथ सबसे ज्यादा समय बिताते हैं यह बहुत मैटर करता है क्योंकि आप उनकी सोच को अपनी सोच के अंदर बसा लेते हैं इसलिए व्यक्तित्व बनाया जा सकता है यह बदला जा सकता है थोड़ा मुश्किल होता है कठिन होता है पर नामुमकिन नहीं होता क्योंकि कोई भी स्कूल है वह सीखी जा सकती है स्कूल की परसेंटेज में जरूर पाक रहेगा किसकी रचना की होगी तो आपके पास अगर नहीं है तो आप 5% 10:00 10% 15:00 20% उसको सीख पाएंगे लेकिन आप इसको बदल सकते हैं
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कोई भी व्यक्ति जन्म से मां नहीं होता है बल्कि अपने कर्म से महान होता है जो भी महापुरुष में अपने महान त्याग से माल कम से मान हुए हैं मां इतिहास का बाहर महाकाल के पीछे किसी ना किसी कर्तव्य निष्ठा समर्पण की भावना सच्चाई के मार्ग पर चलने वाले गुण होते हैं तभी बेईमान होते हैं और वे सफल होते हैं इसलिए कोई व्यक्ति निश्चित 327 पैदा नहीं होते बल्कि व्यक्तित्व समाज के संस्कार से मिलता है परिवार के संस्कार से मिलता है और अच्छी शिक्षा का सलून पर पड़ता है अच्छी शिक्षा से बच्चे में संस्कार आते हैं परिवारिक माहौल अच्छा होता है तो उस पर्चे में अच्छा सोचता रहता है पता हम यह कर सकते हैं किसी भी व्यक्ति में अच्छे गुण होने के लिए उसके घर का माहौल उसकी अच्छी शिक्षा और शिक्षा शिक्षा का माहौल जरूरी है अच्छे शिक्षा से अच्छी शिक्षा से व्यक्ति अच्छे पद पर पहुंचते हैं
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यह सच है कि हर आदमी एक निश्चित व्यक्तित्व के साथ पैदा होता है लेकिन यह सच नहीं है इसे बदला नहीं जा सकता बदला जा सकता है बदलने के लिए आप जिस माहौल में है जहां है वहां से बाहर निकलना पड़ेगा जिंदगी में बदलाव स्वाभाविक है लेकिन डिपेंड करता है कि आप कहां रहते हैं किन के साथ रहते हैं कैसे विचारों में रहते हैं विचार बदलने पर जिंदगी बदल जाती है आप जिस व्यक्तित्व के साथ आए हैं जिस घर में जिस माहौल में जिस गांव में वहां की आबोहवा वहां का माहौल जिस तरह का है उस तरह के विचार हमारे जीवन पर ज्यादा प्रभावी होते हैं और यदि हम उन्हें बदलना चाहते हैं तो हमें उस जगह को छोड़ना पड़ेगा उस माहौल को छोड़ना पड़ेगा उस विचारों से बाहर निकलना पड़ेगा बदल सकते हैं क्योंकि अगर ऐसी बात होती तो रामायण में लिखा है कि स्तर सुधरे सत्संगति पाई पारस प्रस्तुत हो जाए बदला जा सकता है अलीबाग
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मुझे लगता है कि इस बात में थोड़ी सच्चाई कम है मतलब मैं मेरा पर्सनल एक्सपीरियंस है कि हम एक निश्चित व्यक्तित्व के साथ पैदा होते हैं लेकिन हम इसे बदल सकते हैं क्योंकि कई बार कि हम बहुत चाय नेचर के रहते हैं लेकिन जब धीरे-धीरे बड़े होते हैं और हमको वातावरण ऐसा मिलता है या समाज में दोस्त हैं या आसपास के पड़ोसी है या हमारा रहन-सहन इस तरह का है तो धीरे-धीरे हम वह हमारी वह जो शायद नेचर है वह धीरे-धीरे अलग हो जाता है तो मेरा एक्सपीरियंस है कि मैं बचपन में मतलब काफी थोड़ा सा डरपोक जैसे बोल सकते हैं किसी से बात करने में जी चढ़ती थी ऐसे लेकिन धीरे-धीरे मुझे ऐसा वातावरण मिला कि मतलब अब मैं मुझे जैसे डर बोलकर ऐसे कुछ नहीं लगता है जिसको हम बोल सकते हैं कि नहीं अभी मेरे सभा में बहुत चेंज है मतलब अगर कोई बोल सकता है कि बचपन वाली वो बात नहीं है तू यह हमारे ऊपर है कि हम उसको चेंज कर सकते कभी कभी कोई बहुत प्राउड रहते बचपन में लेकिन जब उनको पता चलता है कि यह नेचर हमारा अच्छा नहीं है और इससे लोग हर्ट तुम चेंज कर सकता है अपने आपको क्योंकि मनुष्य ही ऐसा है प्राणी जिसको विवेक मिला है और अच्छी गाइडेंस है अगर कोई अच्छे टीचर है कभी-कभी अच्छी काउंसलर भी है उनसे सलाह मशवरा करने से हम आप अपने आप को चेंज कर सकते हैं थोड़ी मेहनत जरूर लगती है लेकिन बशर्ते हम को चेंज करने की इच्छा शक्ति हो अगर हम अपने आपको इच्छा शक्ति है कि मेरे में कोई ऐसी गंदी आदत है कई लोगों में क्रोध करने की बहुत गंदी आदत रहती है तो वह अपने आप को अच्छे-अच्छे लेक्चर सुन के आदर्श लोगों का देखकर की बेल कैसे किलो कई लोगों ने अपने इस विकार पर विजय पाई है तो चेंज कर सकते हैं इस चीज से सहमत नहीं हूं कि हम एक निश्चित व्यक्तित्व के साथ पैदा होते हैं और हम आप को बदल नहीं सकते मेरे ख्याल से अगर कोशिश करने से वह अपने आप को बदल सकते हैं थोड़ी कठिनाई होती है लेकिन नामुमकिन नहीं है मुमकिन है यह अजब मुमकिन है तो फिर सफलता भी मिल जाती
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हाय फ्रेंड्स हिमांशु वर्मा कोच वर्मा शुक्रिया कहता हूं आप सभी का धन्यवाद देना चाहता हूं आप मेरे हम सब को लाइक कर रहे हैं उसको फॉलो कर रहे हैं और मेरे आंसर से कमेंट करके मुझको एनर्जी प्रोवाइड कर रहे हैं कि मैं सही आंसर आपको पहुंचा सकूं आपके सवालों का सही आंसर दे चुके दोस्तों आज हमने क्वेश्चन लिया है क्या यह सच है कि आप एक निश्चित व्यक्तित्व के साथ पैदा होते हैं और आप वास्तव में से बदल नहीं सकते हैं देखिए इसमें जो आप सवाल है कि आप एक निश्चित पर्सनैलिटी के साथ पैदा होते हैं निश्चित पर्सनैलिटी के साथ पैदा होते हैं यह कहां तक सही किया आप का जब जन्म होता है आप जिस दिन आप जहां भी आप जन्म ले रहे हैं जहां भी आप पैदा हो रहे हैं तो आप किस परिवार में जन्म ले रहे हैं और उस परिवार का क्या लाइफ़स्टाइल है जीने का उस परिवार में जो शख्स हैं जो आपके साथ जुड़ने वाले हैं तक उनका लाइफ स्टाइल कैसा है किस तरीके से अपने जीवन को व्यतीत कर रहे हैं किस एसोसिएशन में हो रहे उनकी पर्सनैलिटी किस तरीके से काम कर रही है वह किस तरीके से अपनी पर्सनैलिटी को इंप्रूव कर रहे हैं या किस पर अपनी पर्सनैलिटी को किस दिशा में लेकर काम कर रहे हैं इसी को ध्यान में रखते हुए इन्हीं सब चीजों के साथ आपका व्यक्तित्व जो है वह निखरता है या आपको बनता है ठीक है अब वह जो व्यक्ति ताप का बना है उस व्यक्तित्व को आप सही तरीके से मायने में तब समझ पाएंगे जब आप उस व्यक्तित्व के साथ अपने को कंपैरिजन करेंगे किसी और व्यक्तित्व के साथ तब आपको उस चीज का समझ में आएगा कि मेरा जो व्यक्ति तो है जो मेरी पर्सनैलिटी है जो मेरी पर्सनैलिटी परवरिश में मुझको मिली गज्जू परवरिश मेरे साथ करी गई उसकी जो मेरे को पर्सनैलिटी डिवेलप हुई और जो पर्सनैलिटी मेरे को चाहिए या जो मेरी सोच है या जिस पर्सनैलिटी के लिए मैं बना हूं वह दोनों में जवाब कंपैरिजन करने के लिए तात्पर्य कंपैरिजन करने के लिए आप कैपेबल हो जाएंगे तब उस चीज को आप एनालिसिस कर पाएंगे कि क्या मैं राजू पर्सनैलिटी है वह मेरी वास्तव में पर्सनैलिटी है या नहीं या मैं जिस पर्सनैलिटी कि मेरे को परवरिश दी गई है जिस पर्सनैलिटी की परवरिश करके प्राप्त किया हूं वह पर्सनैलिटी मेरे लायक है भी या मैं उसको अपनी पर्सनैलिटी को करना पड़ेगा चेंज करना पड़ेगा इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखते आप अपनी पर्सनैलिटी को 100% बदल भी सकते हैं अगर आपकी जो पर्सनैलिटी आपको मिली है पैदाइश के वक्त उसमें आप संतुष्ट नहीं है तो धन्यवाद दोस्तों शुक्रिया
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एक निश्चित व्यक्तित्व के साथ पैदा होते हैं और वास्तव में से बदल नहीं सकते नहीं बिल्कुल गलत है क्या होता है हम जब धीरे धीरे बड़े होने लगते हैं हमारे सोसाइटी स्कूल कॉलेज फ्रेंड्स रिलेटिव्स सभी का बहुत ज्यादा इंश्योरेंस होता है बहुत ज्यादा और सभी कुछ ना कुछ आप में देखना चाहते हैं सभी लोग आपको एक फोटो कॉलेज फ्रेम में फिट करना चाहते हैं तो क्या हो जाता है आप क्या चीज है जो है अच्छा न लगती हुए भी आप इनवाइट कर लेते हैं या ने अपने आप में डाल देते हैं लोगों के अनुसार जैसे तू भी गुण अच्छे बने रहने की कोशिश क्योंकि लोगों को यह बहुत पसंद है लड़का या लड़की बहुत लोगों का सपोर्ट करते हैं आपके मन में होता नहीं है लेकिन फिर भी आप करते हैं और अपना नहीं बोल पाते हैं क्योंकि आप को नीतू भी गुट के तले दबे हुए हैं अच्छे बनने की कोशिश तो यह सारी चीज जो है आपकी पर्सनालिटी को चेंज कर देती है पर जो पर्सनालिटी है वह है अपने आप को पहचानना अपने आप को स्वीकार करना जैसे आप है ना की किसी से प्रभावित होना और हर पल आपके व्यक्तित्व जो है बदलते जाती है क्योंकि बचपन में आपने जो एक्वायर किया है टीचर से यह कई लोगों से उन को खुश करने की कोशिश में धीरे-धीरे होने लगते हैं उसकी वैल्यू आपको समझ में आता है और धीरे-धीरे जोगा उतारने लगते हैं पर उतारने चाहिए और कॉन्फिडेंट पर्सनैलिटी के लिए जाना बहुत जरूरी है अपने आप को पहचानिए आगे बढ़िए
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लिखे ब्लू के साथ ऐसा होता है जैसे उनका जन्म किसी स्कूल में हो गया तो वह अपने कुल को मर्यादा कुल की मर्यादा को रखने के लिए ओ मतलब अपनी मौज मस्ती कम करना पड़ रहा है और बहुत सारी परेशानियां होती है जिंदगी जीने की प्रणाली को अलग कर देते हैं
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देखिए यह बात बिल्कुल भी सच नहीं है कि आप एक निश्चित व्यतीत के साथ पैदा होते हैं व्यक्ति से जाने की भव्य जब हम इंसान होते हैं तो आपने भी देखा होगा एक बच्चा इंदौर बहुत ही बहुत ही अच्छा एक्टिव होता है आउटसाइडर वर्ल्ड के पीछे तो जैसे जैसे लोगों से मिलते जाते हैं जैसे-जैसे इन्वायरमेंट का अक्षरों से पड़ता जाता है वैसे वैसे उसका बिहेवियर चेंज होता जाता है हम कहते हैं ना बहुत से लोगों की अरे यह तो बचपन में ऐसा था लेकिन आज ऐसा नहीं है तो यह जरूरी नहीं है कि किसी बंदे का जो बिहेवियर है उसके बचपन से ही शिक्षा आफ्टर दी टीनएजर्स उनके माइंड चेंज होते रहते हैं बहुत से ऐसे स्टेज आती है लाइफ में जहां पर एक बंदे की मेंटालिटी पर बहुत गहरा फर्क पड़ता है और वह अपनी बीवी और मैं बहुत बड़ा चेंज लाता है बहुत सी ऐसी कंडीशन होती हैं जहां उसे अपने अपने अनुसार वातावरण को डालना पड़ता है या फिर खुद वातावरण के अनुसार डालना पड़ता है तो आई थिंक सो देवताओं की किसी भी बच्चे का या किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके इन बोनफिक्स हो जाता है यह चेंज होता रहता है और लाइफ में कई बार चेंज होता है उस व्यक्ति के ऊपर निर्भर है कि वह कितना सोसाइटी से कन्वर्ट होता है उसे कितना कनेक्ट रहता है
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इसमें उत्तर यही रहेगा कि हम सब लोग जो भी पर्सनालिटी के साथ से जो भी हमारा जो भी हम बुंदिया कोई खराब हमारे में बात है उसके साथ हम सब आते हैं दुनिया में और हम सब जो हैं अपने सराउंडिंग के प्रोडक्ट होते हैं मेरा मानना है मतलब आपके घर में जो भी वातावरण है आप मेरे घर में जो वातावरण है हमारे पास जरूर है लेकिन जैसे-जैसे आप बड़े हो रहे हो एक घंटे का टाइम होता है 13 साल के बच्चे की जान लेने में प्रॉब्लम हो रहा है यानी की बात करते हैं या फिर बात करते हैं रोटी बनाने में रुकावट पैदा करता है तो आपको यह पता चल जाएगा कि मेरे में ऐसी क्या बात है जो मुझसे दूर भाग रहे हैं लाइफ में आगे बढ़ो भी मेरी मजबूरियों परेशान कि मैं खराब की गई वही तो होता नहीं आऊंगी हटा लूंगा तभी मेरा अच्छा होगा तो मेरे हिसाब से हमेशा इंपॉसिबल है और अपनी में आप दुनिया से अच्छी-अच्छी चीजें डाल सकते हो जो कि आप लेकर आए हो ऐसा देश को भ्रष्ट कर देगी आपको प्लस तब सब कुछ नरम और अच्छा होना चाहिए कभी भी दूसरों को चोट नहीं पहुंचाना चाहिए कि आप आपका समझ आता होना चाहिए मेरे को पलटन बिल्कुल बोलो
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अपनी मेहनत से इंसान कुछ भी कर सकता है अस्तित्व अस्तित्व को बदलने की क्षमता इंसान के अंदर है बस उसे सही राह दिखाने वाला होना चाहिए
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