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चार वेदों के अंदर आपका सवाल है कि कोरोनावायरस का क्या रोग निदान करेंगे तुझे आयुर्वेदा के अंदर तीन चीजें होती हैं बागपत और कब दूसरे को बंद करके रखते हैं और इनसे सीखिए जनपद एडवांस चल रहा है अभी जो कोरोना वायरस एलिफेंटा में कंडीशन है और इसके अंदर देशकाल यह सारी चीजें भी मायने रखती है जो पंद्रह बताए गए हैं जो भी हो रहे हैं तो इसका रोगनिदान ऐसे ही हो सकता है कि इससे यह है जो संस्कृति पर बैठकर है तो इसमें कफ दोष प्रधान हैं वैसे ही अपनी दोस्त शादी है लेकिन इसमें कफ दोष प्रधान माना गया है और इस कारण संप्राप्ति इस तरह की है कि यह सबसे पहले आपको कांटेक्ट में होते हैं इंफेक्शन के कोंटेक्ट में आते हैं फिर आप मैदान परिमार्जन नहीं करते जैसे कि आपका खाना पानी है सब ले रहे हैं और सारे मैदानों का सेवन कर रहे हैं उसके पश्चात ही आपके मुख में रहता है मुख्य द्वारा गले में कफ जम आता है गले के द्वारा यह सांस नदीम के अचूक लम्हे जाता है और वहां के शोषण का विरोध करता है फिर यह पूरे शरीर में उसमें बुखार होता है सेंटर में चाहते हैं तो उसकी संप्राप्ति कह सकते हैं
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आपने पूछा है कि आयुर्वेद में कोरोनावायरस का क्या रोग निदान करेंगे नमस्ते मैं डॉक्टर सुनील के वैदिक आपके प्रश्न का समाधान करने के लिए आज पर उपस्थित हूं आपने जो प्रश्न पूछा है उस संबंध में केवल आपको रोग निदान याने की डायग्नोसिस के बारे में जानना है या फिर कि उसके उपचार के बारे में अगर डायग्नोसिस के बारे में आप जानना चाहते हैं तो यह समझ ले कि कोरोना वायरस एक प्रकार का संक्रामक रोग है आयुर्वेद में से संक्रामक रोग की श्रेणी में रखा गया है यह विभिन्न प्रकार के जन समुदाय में एकत्रित होकर के किसी एक व्यक्ति से किसी दूसरे व्यक्ति में पैदा होने वाला एक संक्रमित रोग है ऑलरेडी किसी व्यक्ति को कोई रोग लगा हुआ है उस रोका उसे संक्रमण है और किसी दूसरे में यह उसके हाथ लगाने का स्नेह चिकन्या किसी भी प्रकार के शारीरिक संपर्क में आने से यदि सही जाता है तो उसे संक्रामक रोग कहते हैं कोरोनावायरस उसका एक प्रकार है कई प्रकार के अन्य भी संक्रामक रोग पूर्व में हुए हैं भूतकाल में इतिहास में हुए हैं केवल भारतवर्ष में नहीं बल्कि विदेशों में भी कई देशों में भी समय-समय पर युगों युगों में कई शताब्दियों में यह हुए हैं अभी हाल ही की एक स्टडी में यह बताया गया कि लगभग हर 100 वर्ष में एक बार वैश्विक स्तर पर महामारी के रूप में एक संक्रामक रोग फैलता है हालांकि इस बात की पुष्टि कई लोगों ने अभी तक कई चिकित्सकों ने अभी तक पूरी तरह से नहीं की है लेकिन फिर भी यह एक धारणा एक सिद्धांत माना जा रहा है अब यदि इसकी चिकित्सा की बात करें तो हम सभी जानते हैं हम सभी आजकल दूरदर्शन पर और टीवी चैनल्स पर कई प्रकार के वीडियोस जो बन रहे हैं उसमें एक स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट बताया जा रहा है या स्टैंडर्ड को बताए जा रहे हैं उसको करना तो हमें जरूरी है ही स्टैंड प्रोकेयर प्रिकॉशंस में जैसे हमें मास्क लगाकर चलना या कहीं भी हम बाहर जाते हैं और बाहर जाने के बाद में अगर वहां से आते हैं तो हाथ धोना साबुन से हाथ धोना और इसके अलावा कपड़ों को किसी अलग गुप्त जगह पर रख देना और उससे बात किए बिना आपसे नहीं पहनना और इमरजेंसी कंडीशंस में ही बाहर जाना यह सभी स्टैंडर्ड सेफ्टी प्रिकॉशंस है ऐसे तो हमेशा करना ही है लेकिन अगर बात करें हम चिकित्सा की तो क्या आयुर्वेद में इसकी कोई चिकित्सा है जैसा कि मैंने बताया कि आयुर्वेद में जहां निदान विभाग है जहां से संक्रामक रोगों की श्रेणी में रखा गया है वहीं इसकी संक्रामक रोगों की कैसे चिकित्सा हो इस संबंध में भी बताया यहां मैं आपको बहुत ही सरल तरीके से किस प्रकार से इस कोरोनावायरस कि हम चिकित्सक कर सके सहज रूप से मैं आपको बता रहा हूं तुझे समझ नहीं कि अगर हम को रोना संक्रमित व्यक्ति को जलनेति कराएं उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक डालकर के नीमजल के साथ में जो जल नेती हो नीम जल के साथ में हूं प्रतिदिन नियत से दो बार जलनेति कराएं इसके अलावा उसे वाष्प का आस्वादन दे याने की एक बॉल में पानी डालकर के उसमें अजवाइन का सत पुदीने का सत कपूर देसी और नीम का साथ और नीलगिरी का तेल डालकर के थोड़ा सा इसकी वास प्ले इन हिल करें 10 मिनट तक प्रतिदिन दो बार और फिर साथ ही साथ पांच पत्ते तुलसी के 2 पत्ते नीम पांच पत्ती मीठी नहीं आधा इंच अदरक का टुकड़ा आधा छोटा चम्मच आमा हल्दी आधा इंच मुलेठी का टुकड़ा 1 इंच गिलोय पांच दाने कालीमिर्च एक लोंग डिड गिलास पानी में उबाल ते हुए एक गिलास रहते हुए छानकर मधुमेह रोगी को छोड़कर के एक चम्मच पुराना गुड़ लगभग 20 ग्राम और 15 में नींबू का रस प्लस एक ग्रीन टी बैग यह सब 5 मिनट के लिए छोड़ दें तो उसके बाद ग्रीन टी पैक को 20 25 * डीप करके उसे अच्छी तरह निचोड़ कर उसमें 10ml सेब का सिरका मिलाकर चाय की भांति दिन में दो बार जरूरी है ध्यान रखिए सब चीजों को उबालकर के और बाद में ही इसमें पुराना गुण और नींबू का रस और ग्रीन टी बैग और सेब का सिरका या ने प्रदर्शनी का डालना है ऐसा दिन में दो बार करना है इसके अलावा प्रत्येक 20 मिनट के अंतराल पर 50ml गरमा गरम पानी उसकी लेते हुए पीना है प्रत्येक बार एक बूंद अमृतधारा डालकर जरूर पिएं सरसों का तेल प्लस नीम का तेल एक-एक बूंद दोनों मिलाकर दाएं और बाएं नाक में दिन में दो बार जरूर डालें अमृतधारा की दो से तीन बूंदे पुणे गले और सीने के मध्य भाग पर दिन में दो बार मने भोजन में फलों को खट्टे पदार्थों को दूध से संबंधित सभी उत्पाद सब्जियों में बैंगन कैरी टमाटर भिंडी गोंडा आदिल इससे एवं चिपचिपा पदार्थ ठंडा जलियां कोई भी पेय पदार्थ प्लस सलाद उड़द की दाल चावल आइसक्रीम तले हुए हैं चिकने तथा बाहर के भोजन को छोड़ दें भोजन में क्या लेना है अंकुरित मूंग मोठ आदि को व्हाट्सएप में पकाकर खाएं जो की रोटियां सब्जियों में लौकी तुरई टिंडा करेला पालक अधिक साहस चना पीली मूंग हरी मूंग की दाल प्लस सब्जियों का सूप प्लस फलों में केवल सिर्फ परंतु वह भी खट्टे ना हो आदि का सेवन कर सकते हैं या फिर नारंगी और नींबू आदि के रस को गर्मा गर्म पानी में डालकर उसको भी पी सकते हैं यदि किसी कारण से बुखार का स्तर कम ना हो 102 डिग्री के ऊपर बनने लगे तो ही एलोपैथिक इमरजेंसी सेवा लें अन्यथा 102 डिग्री के पहले पहले तक वाले बुखार में पानी की ठंडी पट्टियों से शरीर पर सेट करें प्राणायाम में कपालभाति 15:15 मिनट सुबह शाम अनुलोम-विलोम 15:15 मिनट सुबह शाम जालंधर बंध के साथ में भामरी प्राणायाम पांच-पांच मिनट सुबह शाम आसन में केवल सिंहासन 33 चक्र करने हैं योगनिद्रा या फिर चेतन क्रिया सुबह-शाम करनी है और जितना हो सके यह ध्यान रखिए कि आपको विश्राम करना है यदि आपको रोना शंकर में क्या किसी भी प्रकार के संक्रमण से पीड़ित हैं तो विश्राम एक बहुत ही अच्छी औषधि के रूप में आपका काम करेगा ध्यान रखी अपनी एबिलिटी आने रोग प्रतिरोधक क्षमता को आप जितना अधिक विकसित करेंगे उतना शीघ्र आप इस संक्रामक बीमारी से बाहर निकलेंगे केवल कोरोनावायरस प्रकार की संक्रामक बीमारी में आप इस प्रकार की प्रक्रिया को अपना सकते ध्यान रखिए श्वसन संबंधी संक्रामक रोग है श्वसन संबंधी संक्रामक रोग की मैंने ही आपको चिकित्सा बताइए इसे आप पूरे विश्वास के साथ करें और ध्यान रखिए आप जितना हो सके बार-बार अपने मन में इस बात को धो रही है कि यह एक सामान्य रोग है जो कि शरीर में किसी विकृति के कारण से हुआ है मैं इसे ठीक करने के लिए अपना प्रयास कर रहा हूं मैं सरलता से ठीक हो जाऊंगा जिस प्रकार रात के बाद दिन आता है सुबह होती है ठीक इसी प्रकार के पास रोक के पश्चात स्वास्थ्य भी उपलब्ध होता है तो पूरे सकारात्मक भाव के साथ इस चिकित्सा को करते रहिए और यदि किसी प्रकार के आपातकाल की स्थिति हो तो ही एलोपैथिक चिकित्सा लीजिए अन्यथा आप आयुर्वेद के माध्यम से इस संक्रामक महामारी से निपट सकते हैं आपका शुभ हो इसी आशीर्वचन के साथ नमस्ते
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आयुर्वेद में हमारे यहां जो हर्बल औषधि आए हैं उनसे अपना जीवन सिस्टम आपको कोरोनावायरस प्रसार हो ही नहीं पाएगा आप करो ना आपको होगा ही नहीं
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नमस्कार दीदी आयुर्वेद में करो ना वायरस जो है वह अगर आप देखे तो हो एक कम्युनिकेबल डिसीज तो है जिसे आयुर्वेद में नाम दिया गया है जनपद हरदोई जनपद के पानी और ज्यादा लोगों को मारती है तो ज्यादा लोग जिस से मरते हैं उसे जनपद हम कैसे कह सकते हैं वह होती है इंसान की खुद की गलतियों की वजह से जो कि यह भी है कि जो चीजें नहीं खानी है वह खाई जाए तो फिर बात से बताया जा रहा है कि उससे इन्फेक्शन आया है तो करो ना तो उसे लक्षण तो हम सबको पता है हाई ग्रेड फीवर रॉक रनिंग नोज और यह ऑफ रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम है सांस लेने में दिक्कत आ रही है कुछ लोगों को सिर में ज्यादा दर्द है इस चीज से आयुर्वेद में जो बचा जा सकता है इसमें अभी तक तो कोई भी दुनिया में अभी तक का यह चीजें तो इस बीमारी का इलाज तो नहीं बताया गया लेकिन इससे बचा जरूर जा सकता है प्रॉपर हाइजीन का मेंटेन करके और बाहर ना निकला जाए क्योंकि हवा से ही तालरिया बाहर अगर आप जाते तो उससे कह रही है तो अब जितना हो सके अपने घर में रहें और स्वस्थ रहें और एक और जो चीज है जिससे कि बीमारी जो जिन लोगों की म्यूजिक कम है या जो जो जो एल्डरली पीपल है जिनकी मिनट कम हो जाती है उसकी वजह से यह प्रॉब्लम उनको ज्यादा दिक्कत आ रही है उनको सरवाइव करने में प्रॉब्लम हो जा रही है उनको अगर कोरोना वायरस का इंफेक्शन हो भी जाता है तो उसके बाद भी और रिकवर करने में दिक्कत आ रही है तो बैटर है अगर आप अपनी मिर्ची बढ़ाएं प्रॉपर अनुलोम विलोम कपालभाति और भरतरी का प्राणायाम अगर आप करते हैं प्रॉपर दिल्ली में तो उससे क्या होगा कि जो इनकी बढ़ेगी और आपका जो वफा पर यह शरीर है तंदुरुस्त मतलब गुनगुना पानी जो है उन्हें टीपॉट्स गुनगुना पानी उसमें नमक डालके रिपोर्ट से अगर आप जल्दी करते हैं रोज सुबह खाली पेट बुक करनी होती है तो वो एक बहुत अच्छा यह है अगर कोई इंफेक्शन है नाक में या कुछ भी है तो वह जो हमारे रेस्पिरेट्री प्रॉब्लम्स जो होती है वह सारी उससे चली जाती है तो जल्दी थी बहुत अच्छा काम है जो कर सकते हैं उन्हें जरूर करना चाहिए और जो आयुर्वेद में इसको इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जो चीज बताई गई है वह उसने जैसे जोगी लॉय है वह मुस्लिम हर घर में पाई जाती है वह है एक तुलसी का जो पौधा है वह हर घर में पाया जाता तुलसी के पत्ते का जरूर करें और यह हमारा पुदीना जो है वह उसने बहुत अच्छे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं वह यूनिटी बढ़ाने में काम कर ले तुलसी गिलोय और पुदीना और काली मिर्च एंड एक और नीम के पत्ते जो है वह सारे एंटी बैक्टीरियल एंटी वायरल और एंटी फंगल का काम करते हैं यह चीजें जो है अगर आप पर डेली बेसिस पर अपनी और अपने खान-पान में या काढ़ा बना कर लेते हैं जिनके पत्ते भी खा लेते हैं तो बहुत अच्छा है यह क्योंकि यह आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाएंगे आपके शरीर को तंदुरुस्त करेंगे एंटी ऑक्सीडेंट प्रॉब्लम है जो एंटीबैक्टीरियल का काम करते हैं तो आपके शरीर को अच्छा तंदुरुस्त बनाने में हेल्प करेंगे और एक और जो चीज है वह दूध में अगर आप हल्दी डालकर लेते हैं तो वह बहुत हेल्दी है क्योंकि दूध में जो हमारी गलती है वह बहुत अच्छा एंटी बैक्टीरियल एंटी फंगल एंटी वायरल का काम करती है तो गलती भी इम्यूनिटी बढ़ाने का काम कर तो इम्यूनोबूस्टर का काम करते हैं यह चीजें जो है वह अपने डैडी खाने में इस्तेमाल करें और लहसुन है वह दिल्ली अपने खाने में इस्तेमाल करें अदरक जो है वह भी बहुत अच्छा होता है तो इंटरप्लेनेटरी एंटीवायरस आईडी अपने खाने में प्रयोग करें तो अपने-अपने हेल्थ का अच्छा यह रखेंगे और इनकी बढ़ाएंगे तो कोरोना वायरस का जो इंजेक्शन अगर बाई चांस हो भी जाता है तो उसमें भी वह इसलिए आपको रिकवर करने में हेल्प करेगा थैंक यू सो मच
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आयुर्वेद में कोरोनावायरस का क्या रोग निदान है आयुर्वेदिक के अंदर अगर आप देखें तो आपने गिलोय का नाम सुना गागरो तो गिलोय घनवटी आती है गिलोय का रस आता है इसके साथ में गिलोय तुलसी काली मिर्च दालचीनी का एक काढ़ा बना ले उसको अगर आप सुबह शाम पीते रहेंगे तो फिर आप देखेंगे कि आपको जनरल दिक्कतें भी नहीं आएंगे सारे शरीर की बनती बढ़ जाएगी आंकड़ों में से कफ आना बंद हो जाएगा दूसरा आप चमनप्रास रेगुलर बेसिस पर खाएं तो आप देखेंगे कि धीरे-धीरे यह आपकी उन्नति बढ़ती जाएगी मतलब शरीर में जो एलर्जी है वह बाहर हो जाएंगे नाक के अंदर आप तेल या फिर कोई ना कोई आ थोड़ा सा घी देसी घी डालें उसका भी बहुत फायदा होगा और धन्यवाद
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करुणा भारत का जो निदान अभी तक समझ में आया है उसके अनुसार है कि यह बात कफन कफन पिता में बंद प्रॉब्लम है यानी कि तू तो सच तो है ही यह नीचे से लेकिन सबसे पहले बात फिर कब और फिर इतने का अनुबंध हो रहा है और इसी के चलते सरकार ने जो गाइडलाइन भी जारी किया है इस इंसान को ध्यान में रखते हुए ट्रीटमेंट प्रोटोकोल सेट किया गया जिसमें की बात के संबंध के लिए उन्होंने अश्वगंधा को रखा है पिता के अनुबंध को तोड़ने के लिए वहां पर औषधि के रूप में भूसी का प्रयोग किया है और आयुष की एक कॉमिनेशन का प्रयोग किया है यह तीनों कॉमिनेशन एक साथ यूज़ करने के बाद उसमें पेशेंट्स रिजल्ट भी अच्छे आ रहे हैं तो अभी तक की जो स्थिति है उसके अनुसार इंसान बन रहा है वह यही है कि बात का फर्क पिता निबंध और यह यही अनुबंध की संप्राप्ति इसकी अभी तक तो यही पता चला अब आगे जाकर के यदि रोग में परिवर्तन आता है या प्रकृति विकृति के अनुसार जी को इस चिंतन से आ रहे हैं तो उसके निदान आगे कंफर्म की जाएगी लेकिन फिलहाल की स्थिति में इसी मैदान पर काम किया जा रहा है
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मुस्कान आपकी आयुर्वेद में करो ना वायरस का क्या रोग निदान करेंगे इस पर काम चल रहा है इसमें थोड़ा समय लगता है आयुर्वेद अभी काम शुरू हुआ यह के द्वारा इसमें टाइम लगेगा लेकिन नहीं होगा जरूर
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आयुर्वेद में कोरोनावायरस का क्या रोग निदान करेंगे बताना चाहूंगा आयुर्वेद में करो ना वायरस का निदान नहीं है कि हम नीति वाला जो मटेरियल से जो फूड प्रोडक्ट्स है उनको खाना होगा लाइक एलाइची है बट मेरे साथ दालचीनी हैं और इन सब चीजों को का सेवन अधिक करना होगा
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