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मुझे पूछा जा रहा है भाभी जी आपको लगता है कि भारत में आरक्षण अभी भी पर मैं कहना चाहूंगा देखिए पहली बात तो सवाल आपने पूछा तो आपको मालूम होना चाहिए आरक्षण की शुरुआत से देखिए पूजनीय महात्मा गांधी जो हमारा देश के महात्मा और के मारे गए आरोपों का भी आरक्षण के जो सुबह कि उनके द्वारा हुई है कि आरक्षण जो है इसके पीछे जाकर आपको देखना पड़ेगा क्यों हुआ चालू कैसे हुआ कहां पर है आरक्षण की वजह से इंग्लिश में डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर जी को स्वतंत्रता शिवजी की स्वतंत्रता में क्या निकलता है कि स्वतंत्र गूगल लोडिंग करेंगे एक कैंडिडेट कैन दे दो उसमें से आने वाला क्या उड़ान गीत सॉन्ग दोस्तों से अनशन चालू करके उन्हें पेंशन के माध्यम से बाबा अंबेडकर साहब मैं तो मेरा खुद का मुझे रखने का आपने बताया है कि वह क्या लगता है आपको जरूरी है क्या उसको मैं बोलूंगा अब तक 4 शब्दों में बोलूंगा कि देखो यह कष्ट यूसी देने के बाद दो वापस ली गई उसके बदले में आरक्षण जो है आरक्षण की शुरुआत की है पर मेरा ऐसा मानना है कि आरक्षण से देश का नुकसान हुआ बाबा साहेब का कहना था कि उन लोगों को स्वतंत्र मतदार संघ दिया गया स्वतंत्रता की गई वह अपना विकास स्वयं अपने समाज का अपने लोगों का अपने बिरादरी का गरीब समाज का हो गरीब आदमी अब उनका बराबर साहब सिद्धेश्वर से हो गया कि हम जाके वासियों की ताकि उनकी चिंताएं और वहां जाकर हमने तो कल परसों में उन लोगों की क्या उन्नत चाहिए कहां है बोलो ईश्वर से सच्चे बादशाह अंबेडकर के शब्दों में चाहिए इस पर ध्यान दें यदि उनको अपने बराबर में तरक्की कर सकते थे हमने उनसे मिलने के बाद हम उनके मतदार संघ में क्या कर रहा है देश का नुकसान हुआ यूनो का विकास तो हुआ नहीं हम लोगों ने उनके साथियों से भी जाकर गवर्नमेंट से उनके नाम से जो भी रकम निकलना है जो स्कीम निकाला जोधा निकालना है हमने योजना का फायदा किसान में आपका जो सवाल था उसका जवाब मिल गया था मुझे लगता है
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क्योंकि लोग बहुत हैं पीछे जिनको जरूरत है देश हमारा आजाद हुआ मिशन कि अगर जब जिस दिन देश हमारा आजाद हुआ अगर उसी दिन से वह कोटा पूरा कर दिया गया होता जिसने देश आजाद हुआ उसी दिन को उसी दिन का कोटा कर दिया गया होता जो आरक्षण दिया गया है संविधान में चाय के लिए चाय पी के लिए ओबीसी के दिया है तो वह 10 साल में वह लोग बहुत बराबरी पर आ गए हो 10 साल के बाद उसकी आवश्यकता नहीं पड़ती लेकिन दुख की बात यह है कि आज 75 साल के बाद में कोटा पूरा नहीं हुआ है चल सेंटर में हो और चाहे वह स्टेट में हर जगह पर ऑडियो कोटा खाली पड़ा हुआ है चाहे वह ऐसी का है 24 टीका जो भी सिखाए तो मुझे लगता है कि जब तक पूरा फुल सीन ना हो जाए और एक याद रख कर इस को फुल तब उसको हटाना है उससे पहले मुझे लगता है कि
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आरक्षण का मुद्दा बन गया है जो से छुटकारा नहीं हो सकती है
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हेलो दोस्त नमस्कार देखिए आपका बहुत ही अच्छा सवाल है आपने पूछा है क्या आपको लगता है कि भारत में आरक्षण अभी भी जरूरी है हां बिल्कुल जरूरी नहीं है संविधान के अनुसार और सरकार के अनुसार अंबेडकर के संविधान के अनुसार देश के संविधान के अनुसार जिस प्रकार से धारा आर्टिकल 370 एक टेंपरेरी आर्टिकल था उसी प्रकार से आरक्षण पिंपरी 10 साल के लिए अवस्था थी जो कि आज 70 साल तक चली जाइए इसके दुष्परिणाम क्या-क्या आरक्षण देने का बजे यह था नीचे को न थी ऊपर नीचे धकेलना अब समय आया है इसके जरिए को योग्य व्यक्ति को टैलेंट देसी खत्म प्रतिभाग खत्म योग्यता की कोई कदर नहीं आवश्यकता तो आज यह है कि शिक्षा में आरक्षण दो किसी भी गरीब बच्चे को अच्छी शिक्षा दिला दो दिला दीजिए और इसके बाद नौकरियों में फाइट करके भगवान को पास करें और नौकरी को पाए उदाहरण के लिए आपको बता दूं अगर कम अंकों वाला अगर अनपढ़ कोई टीचर बनेगा तो शिक्षा का स्तर नीचे जाएगा गड्ढा अनपढ़ आएगा तो आपका इलास्टिक्स नहीं होगा अगर कोई ऑफिस रिजर्वेशन वाला आएगा तो आप आपका सारा सिस्टम खराब हो जाएगा अन्य देशों में जिस प्रकार संयोगिता की कदर होती है आवश्यकता यह है पूरा देश एकजुट होकर के और आरक्षण को पूर्ण रूप से समाप्त करने का संकल्प ले और इसका विरोध करें हालांकि विश्व जनवरी 2020 में पूर्व में दिया हुआ आरक्षण गुणों से समाप्त हो रहा है अब आगे से नहीं बनाया जाना चाहिए इस पर हम सबको पहल करना चाहिए
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मुझे चाहिए सॉन्ग चाहिए लोगों को बेवकूफ बनाने के तरीके
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देखे भारत में आरक्षण की जरूरत नहीं है और हमारा देश आज पीछे है विकासशील देश के नाम से जाना जाता है क्योंकि हमारे देश में आरक्षण आरक्षण ने हमारे देश में ऐसा जहर फैलाया है कि हमारे देश की स्थिति खराब हो चुकी है प्रधानमंत्री मोदी जी जब से आए हैं तब से स्थिति अच्छी हो रही है नेशनल लेवल पर और वर्ल्ड लेवल पर देखिए आरक्षण जिस दिन खत्म होगा उसी दिन हमारा देश आगे बढ़ेगा क्योंकि आरक्षण के माध्यम से 35 35 नंबर पाने वाला व्यक्ति आईएस बनता है 90 नंबर पाने वाला कुछ नहीं बन पाता है तो इसलिए आरक्षण को खत्म करना चाहिए आरक्षण के माध्यम से एक कलेक्टर जो होता है वह अपने बेटे का फीस नहीं भरता है और जो साउंड जाति के छोड़ जाती कभी चपरासी होता है उसे फीस भरना पड़ता है तो आरक्षण नहीं होना चाहिए आरक्षण किसी जाति के आधार पर नहीं होना चाहिए आरक्षण गरीबी क्या आरके होना चाहिए आरक्षण होना चाहिए लेकिन गरीबी के आधार पर होना चाहिए धन्यवाद
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आरक्षण तो मैं मानता हूं कि यह होना चाहिए कि नहीं उसका डाटा उठा कर देखो उसमें गरीब आदमी है गरीब तबके के लोग इंसान है जो परिवार है और गरीब है और पूरी परिवार को कहां से कहां पहुंचा दिया तो मैं समझता हूं अपने टैलेंट को अपनी अगली की को जो इस देश के लिए काम में ना सके तो समाज को मजबूत करने में लगे तो मैं समझता हूं कि आर्थिक आधार पर आरक्षण की जरूरत है सामाजिक आधार पर जाति के आधार पर आरक्षण की धमक नहीं है लेकिन एक बहुत महत्वपूर्ण चीज है अगर हम आर्थिक आधार पर आरक्षण देते हैं क्या हमारी नियत भी हमारी मानसिकता जी क्या ईमानदारी से काम करेंगे हम उस पर ईमानदार नहीं आएंगे तो हमको तो सबसे पहले अपनी मानसिकता को बदलना पड़ेगा हम को मानना पड़ेगा कि हम देश के नागरिक हैं और हमारा पहला करतब देश को मजबूत करने का है समाज को मजबूत करने का है जो नेता हमारे जो देश को चला रहे हैं उनके बच्चे की सोच की विचारधारा से हटके काम करना पड़ेगा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण होता है तो कहीं ऐसा ना हो कि आर्थिक आधार पर जो है आरक्षण तो हो जाए और हम जो आर्थिक आधार पर मजबूत बैठी हो उस उसी को जो है ना हम आरक्षण देने लगे डॉक्यूमेंटेशन के आधार पर तो अगर कोई मजबूत है आर्थिक रूप से मजबूत है और कोई डॉक्यूमेंट ले आया कि हमारी इंटरव्यू तो हमने तो उस पेपर के आधार पर जो है वह हमने फैसला कर लिया ऐसे कैसे आएगा तो मुझे लगता है ना अपनी सोच को साफ करना पड़ेगा और क्या कर दो
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अजीत जी आपका जो आरक्षण का मुद्दा तो है लेकिन उन लोगों पर लागू होना चाहिए जिन्हें यह हमारा देश जो है पड़ेगा कि करिए यह हो गई है कि सरकार जो है आरक्षण का विरोध होता है कहीं आरक्षण की मांग होती है उसको लेकर किन लोगों को देना चाहिए कि क्यों नहीं देना चाहिए इस पर अधिक कोई तो है नहीं करता है तो मुझ मुझे लगता है कि कहीं ना कहीं सरकारी मुद्दा रखना चाहिए चौथे या नहीं इस पर काफी राय होनी चाहिए
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मेरे हिसाब से रिजर्वेशन का कोई जरूरत नहीं है ठीक है जिसमें काबिलियत है वह अपने आसपास क्रिएट कर लेता यह तो वोट बैंक की राजनीति से रिलेटेड रिजर्वेशन होना नहीं चाहिए पर्सनल मेरा यह सोच
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माय डियर फ्रेंड आपको क्वेश्चन है क्या आपको लगता है कि भारत में आरक्षण अभी भी जरूरी है हां दोस्तों बिल्कुल जरूरी है क्योंकि अभी भी लोग उसी निगाह थे उसी तजुर्बे से मान रहे हैं लोगों को छुआछूत जात पात को लेकर मजहब धर्म को लेकर तो अभी भी उनको दिए जाने चाहिए खत्म होता है तो शारीरिक की जरूरत ना पड़े तो अच्छी रहेगी और अभी भी बहुत ही सिला के पिछड़े हैं जो वहां अभी भी है छुआछूत जात पात की भेंट को लेकर टोपी भी मिलना चाहिए थैंक यू
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देश में आरक्षण पिछड़ों को संविधान ने दिया है और इस वक्त के हालात की बात करें तो देश के अंदर आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए मेरी यह राय है कि आर्थिक आधार पर अगर आरक्षण मिलेगा तो उसमें वह किसी भी जाति का व्यक्ति हूं जो गरीब है वास्तव में गरीब है उसको लाभ मिलना चाहिए बहुत से लोग ऐसे हैं जो नीचे जो हमारी कास्ट से पिछड़ा वर्ग है जो अल्पसंख्यक हैं या sc-st है उनको जो आरक्षण का लाभ मिलता है उनको अगर आप और आपके आसपास कहीं देखा होगा इस तरह के कोई लोग रहते हैं तो अपने आप में कुछ संपन्न हैं उन्हें सरकार से आरक्षण की जरूरत नहीं है तो मेरा यही मानना है कि जो लोग गरीबी रेखा से ऊपर हैं उनके लिए आरक्षण को बंद करना चाहिए और आर्थिक आधार पर ही आरक्षण लागू हो इसका लाभ उन सभी लोगों को मिलेगा वह किसी भी धर्म किसी भी जाति के हो जो गरीबी रेखा में जीने को मजबूर हैं
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जी मुझे नहीं लगता कि भारत में आरक्षण अभी भी जरूरी है क्योंकि भारत में बदल गया आप जो भारत है उसे विकसित भारत भी कह सकते हैं क्योंकि विकास की तरफ बढ़ रहा है और भारत आगे बढ़ भी सकता है क्योंकि इसकी नागरिक 31 अगस्त सकते हैं जिनको अपने पर विश्वास है कि वह कुछ भी कर सकते हैं और भारत आज का युवा हर एक नागरिक पर लिखा है वह चाहे तो अपने दम पर कुछ भी हासिल कर सकता है बस उसका इरादा और टारगेट बस खाली सेट होना चाहिए ऑल आरक्षण की बात रही आरक्षण उन्हीं को दिया जाता है जिनके हाथ पैर नहीं है जो अपने लिए भोजन प्राप्त नहीं कर सकते तो आरक्षण की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए कि किसी भी बैसाखी की जरूरत उसी को पड़ती है जो उसके लायक हो आप सशक्त आपके हाथ पैर हैं तो आप काम कर सकते हैं आपका मस्तिष्क सही है तो आप आगे बढ़ सकते हैं आरक्षण की जरूरत आपको पड़ेगी
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प्रश्न है क्या आपको लगता है कि भारत में आरक्षण अभी भी जरूरी है बेशक जरूरी है भारत में आरक्षण अभी भी जरूरी है क्योंकि जैसे कि आप सब जानते हैं कि भारत गांवों का देश है गांव में 70 परसेंट संख्या निवास करती हैं और आप जानते हैं कि जो भी डेवलपमेंट होता है जो विकास होता है शहरों में होता है शहरों से नजदीक जो बसे गांव होते हैं उनमें डेवलपमेंट होता है और एक डेवलपमेंट की छाया मात्र पहुंचती है गांव में ऐसा मैं नहीं कहूंगी गांव में डेवलपमेंट नहीं हो रहा है विकास नहीं हो रहा है गांव में भी विकास हो रहा है लेकिन हंड्रेड में से 25% अजब वहां से बच्चे निकल कर जाते हैं उन्हें उन बच्चों को अनेक कठिनाइयों परेशानियों का सामना करना पड़ता है रही बात इस मुद्दे पर आते हैं कि आरक्षण क्यों जरूरी है आरक्षण इसलिए जरूरी है कि आप आरक्षण दे या ना दे जो जनरल क्लास के बच्चे हैं मेहनत करते हैं निकलते हैं आरक्षण के बावजूद भी जनरल क्लास वालों के रिजल्ट अच्छा आता है की जनसंख्या ज्यादा है क्यों क्योंकि वह पढ़ते हैं वह आरक्षण मिले या ना मिले वह करेंगे लेकिन जब बात होती है क्या आरक्षण बंद करने की तो नींद कुछ लोग जो अपने नीचे तबके से मेहनत अर्निंग कोठी में जो अच्छी पोजीशन पर है तो वह तो उन्हें अर्चन की कोई जरूरत ही नहीं पड़ती है वह अपना छोड़ देते हैं लेकिन तबके से आते हैं उन्हें अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जो गांव से आए हैं अपने सामाजिक सामाजिक नेता जो है उनका सामान समाज से लड़के आते हैं अपने आर्थिक कठिनाइयों से लड़के आते हैं राजनीतिक शक्ति से उभर कर आते हैं ऐसे लोगों को मेहनत वह करते हैं आरक्षण होता है तिनके का सहारा साबित होता है ऐसा नहीं कि दिव्यांग जो होते हैं वह सिर्फ आरक्षण के बलबूते पास कर जाते हैं जिसे कहते हैं सब चीज तैयार है बस उसमें थोड़ी सी टीम के की सहारा चाहिए तो आरक्षण वही काम करता है अगर वह भी आरक्षण बंद कर दिया जाए तो यह पिछले वाले हैं जो पिछड़े वर्ग के हैं वह पिछड़े ना जाएंगे और आगे वाले आगे बढ़ते रह जाएंगे इस खाई को कम करने के लिए आरक्षण आज भी जरूरी है आज सरकार ने 100 वर्ष यानी जनरल वालों के लिए 10 परसेंट आरक्षण किया है वह बहुत सही है ऐसा होना चाहिए क्योंकि मैं यह नहीं कहती कि वह पिछड़ा वर्ग में सिर्फ दलित है ओबीसी एससी एसटी या पिया जाता है ऐसा नहीं उज्जैन अलवर के लोग जो गांव देहात दूरदराज के इलाकों में बसे उन्हें भी यही कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है उनकी आर्थिक स्थिति की देनी है उन्हें सामाजिक सामाजिक दबाव उन पर भी राजनीतिक शक्ति से वह भी जिनकी राजनीतिक सकती वह भी बहुत ही अच्छी पहल है
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देखो मेरा मानना है कि मुझे लगता है कि भारत में आरक्षण अब भी जरूरी है सबसे ज्यादा से ज्यादा आरक्षण हुआ तो देश सफल और आगे बढ़ पाएगा तो हमारे यहां हर साल जीने एजुकेशन बच्चे स्टूडेंट हैं उनके लिए कुछ ना कुछ जॉब निकलती नहीं चाहिए जिससे अपने कार्यों पर अपने पदों पर पहुंच जाएं और छोटी-मोटी बेरोजगारी है बेरोजगारी आ रही है तो खत्म होती है
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देखें भारत में आरक्षण जरूरी है लेकिन जातीय वर्ग एआधार पर ना होकर आर्थिक स्थिति के आधार पर यदि हो तो आरक्षण से देश के लोगों को फायदा मिलेगा
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बिल्कुल भारत में आरक्षण बिल्कुल जरूरी है शैक्षणिक और सामाजिक आधार पर हम लोगों को दलित को रिजर्वेशन दिया गया था और समाज में आज भी आत्मा तब जातिवाद पूरे तरीके से फैली हुई है जब तक देश में भंगी चमार जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग बंद नहीं होगा तब तक रिजर्वेशन होना बहुत जरूरी है और नरेंद्र चलना चाहिए आज जातिवाद खत्म करने की वह लोग बात कर रहे हैं और वहीं पर जातिसूचक शब्दों से लोगों को अपमानित करते हैं तो वहां
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डॉक्टर अंबेडकर नेजर आरक्षण की बात थी क्योंकि उस टाइम टेबल में कुछ कईबो ने किया था कि जब तक जो दबे कुचले लोगों को बराबर भी आती इतनी देर से आज हम सब लोगों को जो उनकी डिमांड करते आप काम करो अभी रक्षण की जरूरत नहीं है अभी हमारे को दो चीजें इमीडीएटली हमारी शिक्षा एजुकेशन सेक्टर इन मेडिकल हमारे कुछ दूर थी गेट फ्री ऑफ कॉस्ट मिल जाए हमारे बच्चों की कहानी तो गरीबों का भी रिजर्वेशन कितनी पड़ेगी सरकार जो देने के 55 टन सिर्फ सो सरकार सूची भी हमारी अधूरी छूट मिल गई मैं सुरक्षित रखने के लिए जब मारी थी उतनी देर तक आरक्षण का जो हमारा डबल बच्चा रहेगा लेकिन मैं आपको यह भी बता दो दो चीजें एजुकेशन मेडिकल दो चीजों का सरकार दम डूबा कर दें कि रोजगार की शबनम खुद ढूंढ लेंगे हमारी खूब फ्री एजुकेशन हो जितना भी पढ़ना टिप्पणी उसको पी एजुकेशनल आरक्षण की जीवनी
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आरक्षण क्योंकि अभी कोई इस तरह से जो आरक्षण लागू किया था कि जब तक कोई सामान समानता नहीं होगी तब तक आरक्षण लागू होने के लिए आरक्षण गरीबी
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सबसे पहले तो मैं यह क्लियर कर दूं आपको कि आरक्षण क्यों दिया गया था देश आजादी के टाइम पर आरक्षण देने का बेसिक पीजी मुद्दा था इस समय जो देश के लिए जो वर्क के इंसान थे उस में जो हुआ गरीब थे जो बेसिकली ज्यादा व्यापारी आंखें भी पढ़ लिख नहीं सकती थी उसमें बहुत अनपढ़ थे या कह सकते हो कि उस समय शिक्षित नहीं थे उनके लिए आरक्षण दिया गया था आरक्षण देने का जो कहीं हद तक उस समय पर जो देखा गया था वह बेसिक लिए था कि और जो नीचे जाते हैं जब ऐसे के लिए हमारे अल्पसंख्यक लोग भाई लोग हैं या अपराधी के रूप में या ऐसी ऐसी ऐसी एक्ट्रेस जो भी जो भी आते हैं उनको देखकर जग में दिया गया था लेकिन अब भारत देश के देश के लिए कुछ ऐसे हो गए हैं सत्ता से 70 साल बाद की बहुत ही - लोग पैसे बचे हैं जो आरक्षण के लायक है और रही बात आरक्षण देने की स्किन को दिया जाना चाहिए आरक्षण देना वहीं सरकार को मैं यह नहीं कहता कि आरक्षण बिल्कुल बंद कर देना चाहिए नहीं आरक्षण बंद नहीं करना चाहिए जो कभी हमारी व्यवस्था समाज की जो शिक्षित समाज की अवस्था है वह भी इतनी हायर नहीं हुई हम आरक्षण बंद कर दे तो आरक्षण दिया जाना चाहिए उन लोगों को जो बेसिकली गरीब हैं एक सर्वे होना चाहिए प्रॉपर तरीके से की गरीब को हैं कौन एचडी में गरीब किस कोमा - किस को माना जाए कि इसके पास जमीन कितनी ज्यादा दो वह एक पिक दो पहले इतना टाइप करे निकाला गया था सर्कुलर दोस्त ने परेड की कितनी जमीन होनी चाहिए उसके आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए थोड़ा चेंज कर देना चाहिए 70 साल हो गए हैं देश आजाद हो गया है और चीज डेवलपर हो गई है बहुत लोगों का जो मेथी पढ़ी-लिखी भी नहीं है लेकिन गुडगांव जैसे बड़े शहर में दिल्ली जैसे बड़े शहर में बेंगलुरु से बड़ी शार्क मछली पिक्चर जीवन यापन कर रहे हैं तुमको भी एक्शन नहीं दे सकते तो पढ़ी-लिखी नहीं है तो इसका यह मतलब आरक्षण जाति के आधार पर सुनील काजू का सबसे बड़ा जो मूल्यांकन जो सबसे बड़ा फिल्म रखवाला खजांची वह दिखाइए गरीब जा रहा था उसमें जात पात धर्म या ब्राजील कुछ भी नहीं दिखा जान सके फिलहाल जो स्थिति है वह जात-पात वाली स्थिति नहीं रही अब जो स्थिति है वह गरीब दबे कुचले इंसानों की है और जाति के आधार पर आरक्षण दिया जाता है तो कहीं हद तक कहीं अब तक जो दूसरी आती अदर जोक आफ थे जो अगर दूसरी बिरादरी rs.1 हुई है आज पूरे या बाबा ऑडी कार ऐसे लोग हैं जो पैसे बुरा मान जाते हैं और खत्म कर देना चाहिए अब ऐसा नहीं है कि हमारा संध्या सीनियर सन देना चाहिए लेकिन फिर भी गरीबी व्यवस्था को ध्यान रखते हुए धन्यवाद
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देखिए आरक्षण पर इस देश में बहुत पहले से पहचानी आ रही है तब भी जब यह व्यवस्था हमारे बीच में शुरू की गई थी इस अवस्था को शुरू करने के पीछे अगर हम देखे तो डॉक्टर बी आर अंबेडकर जो कि देश के पहले कानून मंत्री थे और संविधान समिति के अध्यक्ष थे उनकी मांग पर व्यवस्था देश में शुरू की गई थी इस व्यवस्था का मकसद वैसे यह था कि जो पिछड़ा हुआ समाज है जो जातिवाद की जो भावना है उससे समाज पिछड़ा हुआ है उन्हें कैसे लाया जाए तो इसलिए हर प्रकार से सरकारी नौकरी में आरक्षण की जो बात है वह रखी गई थी आरक्षण दिया गया था लेकिन कुछ समय से इस हटाने की मांग की जा रही है और यह भी कहा जा रहा कि आप जाति के आधार पर नहीं लेकिन फाइनेंशियल एड के आधार पर आरक्षण हो और आपने पूछा कि क्या आरक्षण आरक्षण किस देश में जरूरी है नहीं है यह सवाल तो थोड़ा बात का है मैं भी पूछने में किस देश में जातिवाद जरूरी है कि नहीं है क्योंकि हमारा जो आरक्षण न्याय है या सभी के लिए जो आरक्षण देश में लाया गया है खासकर पिछड़ी जातियों के लिए तू किस वजह से वह किसकी देन है वह जातिवाद की रेट है जातिवाद की खराब सोचना ही देश में आरक्षण का आईडिया रखा है जिस दिन जातिवाद स्टेट से हट जाएगा जिन जाति प्रथा इस देश से आ जाएगी कुप्रथा देशाचा कि उस दिन तारीख को मतलब नहीं रहेगा इसलिए सबसे पहले भी यह बात उतनी जी की जाति प्रदेश के लिए जरूरी है कि नहीं है हम एक ऐसे युग में जहां समाज विकसित हो रहा है हम शिक्षित हो रहे हैं हमारे अंदर जागरूकता आ रही है और हम जानते हैं कि जातिवाद की जो सोचो उन व्यक्तियों की सूची जो अंधविश्वासी थे उन लोगों की सोच थी जिन्हें उस समय समाज में मेहनत मजदूरी गुलामी लगती थी और वह खुद को ही ज्ञानी मानते थे तो जातिवाद के प्रश्न तो वहां से शुरू हुई थी तो सबसे पहली बात तो यह उम्मीद है कि आरक्षण जरूरी नहीं है इससे पहले तीन कि जातिवाद जरूरी है कि नहीं है जिस दिन जातिवाद इस देश आ जाएगी आरक्षण भी स्वयं इस देश से हट जाएगा जब तक जातिवाद की प्रथा इस देश से नहीं होती है तब तक तो आरक्षण का हटना अमेरिकन संरक्षण अगर आरक्षण मांग लिया क्या किस देश से हार जाता है तब भी जो जातिवाद की सोच रखने वाले लोग हैं वह मेरे ख्याल से नीचे जो अल्पसंख्यक का है उसे दबा कर रखेंगे
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ब्रिटेन से आरक्षण तो होना ही नहीं चाहिए बिल्कुल भी नहीं किसी के लिए भी नहीं होना चाहिए
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भारत में आरक्षण जरूरी नहीं है अगर आरक्षण दिया जा रहा है तो आर्थिक स्थिति के अनुसार सभी को आरक्षण दिया जाए जातिवाद पूरी तरह से भारत में खत्म कर दिया जाए
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अभी तो मुझे लग रहा है मैं वादा करता हूं अभी जो भारत की स्थिति है आने वाले 50 साल तक रिजर्वेशन की जरूरत पड़ेगी भारत में 50 साल तक जब तक नीचे के लोगों पर नहीं आएंगे जब तक डिस्क्रिमिनेशन होगा तब तक रिजर्वेशन की जरूरत है आप जाति व्यवस्था हो जाएगा एक लॉजिक देखिए सिंपल सा है इस देश में की जाती है जब तक यह जाति को लेकर भेदभाव रहेगा तब तक रिजर्वेशन की जरूरत इस देश में है
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जी नहीं मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है भारत में आरक्षण शुरू से लोगों को पीछे ही धकेला है और आगे भी रखैल रहा है इसलिए भारत में आरक्षण खत्म होना चाहिए सबको समानता का अधिकार मिलना चाहिए सबको बराबर रखना चाहिए
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जी हां अभी भारत में जो आरक्षण है वह बहुत जरूरी है लेकिन सरकार को चाहिए कि जो आरक्षण का लाभ ले चुके हैं उनको दोबारा से इसका लाभ ना प्राप्त हो और जो इस आरक्षण के लाभ से दूर है उनको इस आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए वैसे तो सरकार को भी चाहिए कि वह आरक्षण को आर्थिक आधार पर लागू करें तो उससे जितने भी लोग हैं जो आर्थिक तौर पर पिछले हुए कोई भी अति सुंदर ऐसी हो उनको इस आरक्षण का लाभ मिले तो अच्छी बात है
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हां हमें लगता है भारत में अक्षर अभी भी जरूरी है
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भारत में अब आरक्षण की कोई आवश्यकता व जरूरत नहीं है केवल सरकार चाहे तो आर्थिक स्तर पर आरक्षण दे सकती है लेकिन देश में राजनीति चलाने के लिए कुछ संगठनों द्वारा आरक्षण पर जोर दिया जाता है उसकी पक्षपात नीति अपनाई जाती है
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देखिए जहां तक कि आरक्षण की बात है जो कि एससी और एसटी के लिए सामान्य रूप से लागू होता है तो वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए आरक्षण इस आधार पर किया जाना चाहिए कि उस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कैसी है अगर उसकी आर्थिक स्थिति इतनी सक्षम नहीं है तो आरक्षण उसे मिलना चाहिए जो कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पहल करी थी लेकिन एससी एसटी वालों की कह सकते हैं कि मतलब एक जबरदस्ती की लालसा के कारण से उन्हें उनका हक जबरदस्ती में दिया जा रहा है वह उनका हक नहीं है क्योंकि ऐसा होता था कि जो पहले जनरल वाले लोग या ओबीसी वाले लोग हैं वह पहले सक्षम हुआ करते थे और एससी-एसटी बहुत ज्यादा उनकी हालत ऐसे ही सोशल इकनोमिक देखते थे तो उनके ऐसी नहीं होती थी लेकिन आज वो सप्तम हो चुके हैं और अपने पैरों पर खड़े हो चुके हैं तो मुझे नहीं लगता भी एससी एसटी को आरक्षण देना चाहिए ऐसी एप्स टी का अर्थ चल समाप्त करके आरक्षण आर्थिक स्थिति के हिसाब से मिलना चाहिए
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