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इस समय दुनिया में कोई 195 देश है उसमें से 193 देश संयुक्त राष्ट्र संघ के मेंबर हैं आखरी सदस्य जो संयुक्त राष्ट्र संघ का मेंबर बना वह दक्षिणी सूडान था जो 193 मेंबर बना संस्कृत संघ का मेंबर बनने के लिए देश का स्वतंत्र होना आवश्यक है उसके पश्चात संत राष्ट्र की महासभा उस प्रस्ताव का अनुमोदन करती है कि वह सदस्य बनाया जाए और उसके पश्चात सुरक्षा परिषद भी उसमें सहमति देती है सुरक्षा परिषद के 5 सदस्य होते हैं जिनके पास वीटो पावर होती हर एक के पास अगर एक सदस्य ने भी अध्यक्ष लिया तो सदस्य देश सुरक्षा परिषद संगठन का सदस्य नहीं बन पाएगा अभी तक केवल दो ही देश ऐसे हैं जो संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य नहीं है उसमें एक तो है वेटिकन सिटी में जहां तुम रहते हैं हालांकि वह एक सिटी है है और छोटा बहुत छोटा सा एरिया है लेकिन उसको एक स्वतंत्र देश का दर्जा प्राप्त है उन्होंने कभी अप्लाई भी नहीं किया उनको जरूरत भी नहीं है दूसरा है ताइवान ताइवान की स्थिति थोड़ी अलग है ताइवान संस्थापक सदस्यों में था संस्कृत संघ के पर 1949 में चीन में क्रांति होने के बाद में जो मुख्य चीन है उसमें कम्युनिस्टों का फैशन हो गया और वह जो चीन के जा सकते हैं वह ताई मनदीप में सिमट कर रह गए परंतु उसके पश्चात भी ताई 1 को ही असली की समझा जाता रहा 1949 से लेकर 1971 तक वह केवल संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य था वह सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी था उसके पास में वीटो पावर भी थी और जब उसको वीटो पावर खत्म करके जिनको देने की बात चल रही थी उस समय अनौपचारिक रूप से अमेरिका ने एक बार भारत को भी नेहरू जी के समय में पूछा था कि क्या भारत उसका स्थाई सदस्य बनना चाहेगा कि तब भी वह आसान नहीं होता क्योंकि सोवियत संघ और चीन के संबंध बहुत घनिष्ठ है और सोवियत संघ ऐसे कृत्य किसी प्रस्ताव को वीटो कर देता जो चीन से सूरत क्या परिषद की सदस्यता लेकर भारत को देता परंतु नेहरु जी ने उस समय चीन का ही समर्थन किया था तो 1971 के पश्चात ताइवान की सदस्यता खत्म हो गई और उसको उसके बदले चीन को संयुक्त राष्ट्र संघ का घर से भी मना किया और सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य भी माना गया सबसे ताइवान कोशिश करता रहता है संयुक्त राष्ट्र संघ का दर्द सदस्य बनने के लिए परंतु चीन का कहना रहता है कि वह चीन का ही हिस्सा है और चीन भी तो कर देता है इसलिए वह सैराट संघ का सदस्य नहीं बन पाता है वैसे जब संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई थी उस समय चार देश ऐसे थे जो स्वतंत्र नहीं थे और संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थापक सदस्य थे वे थे बेलारूस भारत फिलिपींस क्रेन परंतु उसके पश्चात किसी राष्ट्र को संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य नहीं बनाया गया है अगर और स्वतंत्र ना हो धन्यवाद
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