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आपका प्रश्न है कोरोनावायरस मुसलमान लोगों को ज्यादा होता है या हिंदुओं को तो मैं आपको बताना चाहूंगी जिसे आप कोरोनावायरस कहते हैं मैं उन्हें मोनिया तहसील जिसमें नाक से पानी देता है सूखी खांसी उठती है सिर में दर्द रहता है गले में दर्द रहता है सीने में दर्द रहता है और सांस लेने में दिक्कत होती है यह सारी समस्याएं निमोनिया के अंदर होती हैं जो एक एलर्जी से संबंधित वायरस है जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हो जाता है और जब हम संत आवरण में अधिक समय तक रहते हैं तब भी हमें यह शिकायत हो सकती है और निमोनिया गंभीर रूप धारण कर लेता है जब सोनिया के साथ कोई और भी बीमारी साथ में हो डायबिटीज ब्लड प्रेशर हो या कोई अन्य कोई वायरस हो जब वायरस के साथ भारत तो कोई भी बीमारी हो गंभीर रूप ले जाती है और उसने जान भी जाने का खतरा होता है तो यह कोरोनावायरस है इसे ही मोनिया मैं कहती हूं क्योंकि कोरोना वायरस चीन में नाम दिया है बीमारी को लेकिन हमारे भारत में तो जिससे जो बीमारी में आती है हम उसे वही बीमारी जानते हैं जिसकी लक्षण निमोनिया जैसी हैं तो मैं तो यही जानती हूं कि यह निमोनिया संबंधित रोग है जिसमें क्या कहते हैं ऐसी दवाइयों का पीको का प्रयोग किया जा रहा है जिन बीमारियों का कोई इलाज नहीं है वह वाले ठीक है और दवाइयां इस निमोनिया जैसी बीमारी तक एक किए जा रहे हैं इसके यह बीमारी और भी बढ़ती चली जा रही है और ऐसा नहीं बोल रहा है कि जो लक्षण दिखाई देते हैं उन लक्षणों का इलाज किया जाए उनकी दवाई दी जाए ताकि जो बच्चा है वह खत्म हो तो कोई और नाम दिया जा रहा है उसका नाम हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो जाए मगर ऐसा नहीं हो रहा है नाम रखे एलर्जी से संबंधित रोग को रोना बारिश नाम देकर उससे लोगों को डराया जा रहा है ताकि उस लो धरती मर भी चुके हैं और अभी भी कुछ लोगों की लेकिन मैं आपको बताना चाहूंगी कि यह निमोनिया से संबंधित है यह लड़की होती है यदि एक बार किसी को निमोनिया हो जाता है चाहे इसकी शुरुआत बचपन से ही होती है उसके बाद हम जब भी इससे संबंधित वातावरण में आते हैं तो यह हमारे जीवन पर्यंत तक हमारे साथ रहती है इसका कारण संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना और संक्रमित वातावरण में संस्कृत भाषा बदन होता है जिसकी हम संपर्क में आ जाती हैं नहीं कई बार होती रहती है और जब एलर्जी से संबंधित व्यक्ति का कोई दूसरा भारत में जाता है तो वह यह निमोनिया संबंधित बीमारी है यह हमारे लिए खतरनाक साबित हो जाती है हमारी जान भी जा सकती है और जो यह एलर्जी होती को भी हो सकती है मैं कोई हिंदू और मुसलमान देखकर किसी को एलर्जी नहीं होती है इसका कारण को जो भी चाहे हिंदू हो या मुसलमान हो जो भी संक्रमित वातावरण के संपर्क में आएगा उसको यह समस्या हो सकती है और कोई भी संक्रमित व्यक्ति हो या हिंदू हो या मुसलमान हो उसके भी उसके भी संपर्क एलर्जी हो सकती है और यह एलर्जी ठीक भी हो जाती है लेकिन अगर जो धारण होता है और व्यक्ति होते हैं यदि हमारा फेल होता है तो यह लड़की हमें दोबारा से हो सकती है बस मुझे इतना पता था उतना मैंने आपको बताया सपना शर्मा जय हिंद जय भारत आपका दिन शुभ हो
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