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देखें जब पहली बार नीतीश कुमार जी बिहार में मुख्यमंत्री बने थे 2005 में बने थे 45 में जब फर्स्ट एनडीए का जो सरकार हुआ था 6 मैसेज बने थे तो उसमें एनडीए के सरकार के बनने के बाद बिहार में प्रोग्रेस का बाढ़ आ गया था अच्छा-अच्छा रोड बन रहा था क्राइम दम जीरो लेवल पर चल गया था अनइंप्लॉयमेंट को जो पहले था वह अभी भी है बिहार में पॉलिसी के कारण से ही पूरे बिहार के लोग पूरे भारत के कोने-कोने में फैले हुए हैं यह एक बहुत बड़ी असफलता है बिहार सरकार के लिए यह बिहार सरकार को मानना चाहिए और जब दूसरी बार जब फिर से नीतीश कुमार जी हमारे यहां आए तो थोड़ा मोड़ा काम थोड़ा मोड़ा यह आप किसी से भी पूछ सकते हैं कोई भी आपको कर सकता सकता है थोड़ा मोड़ा सेकंड पार्ट में बिजली का काम हुआ हां फर्स्ट बाद में जब इंडिया की पहली बार प्रकार बनी वहां पर तो बकायदा काफी अच्छा स्कूल पर भी काम हुआ काफी अच्छा रोड पर भी काम हुआ काफी अच्छा पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन को संभालने का भी काम हुआ क्राइम जो है वह घटकर शून्य पर आ गया पहले किडनैपिंग वगैरह होता था यह सब का बहुत ज्यादा जो आरजेडी की कॉमेंट तो उसमें बहुत ज्यादा यह सब होता था बट यह घाटा रिड्यूस हुआ कहीं ना कहीं अच्छा एक इमेज बना बिहार का 2000 6 7 8 में बिहार का इमेज पूरे भारत के पूरे भारत के नक्शे पर पूरे भारत के अलग राज्य में एक अच्छा इमेज बना लेकिन फिर नीतीश कुमार धीरे-धीरे होते चले गए पता नहीं कहां खो गए तो अब इतनी अच्छी नहीं है जिस तरह से पहले हुआ करते थे पहले नीतीश कुमार टक्कर में थे भारत के प्रधानमंत्री बनने लायक ऐसा एक्सपोर्ट बोलता था कि नीतीश कुमार जो है वह नरेंद्र मोदी के पैनल एक खड़े नेता हैं यानी कंपटीशन में और अभी देखे नरेंद्र मोदी कहां चले गए हैं अभी देखिए नीतीश कुमार कहां चले गए हैं पहले इन दोनों का कंपटीशन हुआ करता था कि भाई यह सुशासन बाबू अब उनका भी ऑडियोलॉजी कांसेप्ट जो है इनके द्वारा लिया गया इनके द्वारा पीएम मोदी के द्वारा लिया गया लेकिन पीएम मोदी काफी आगे चले गए नीतीश कुमार काफी पीछे छूट गई तेज कुमार में एक और बात है यह अपने रहते हुए किसी एक ने किसी को उभरने नहीं देते दिखे लीडर किसको बोलता लीडरशिप क्वालिटी क्या होता है क्वालिटी है क्या आप अपने नेतृत्व में एक नया लीडर जो है पूरे देश को देकर जाएं पूरे राज्य को देखे जाएं यह होता है लीडरशिप क्वालिटी आप खुद का काम मत कीजिए लेकिन आप काम करवाइए अभी ऐसे काम नहीं है डिक्टेटरशिप्स ऐसा नहीं कहा आप ऐसे ही लिख लीजिए ऐसे काम करवाइए जो जिससे कि आपके बैंक में यानी आप अगर फ्रंट में खड़ा है तो आप को समझना चाहिए कि हम चले भी जा तो मेरे पीछे जिसको हम तैयार किए हैं वह है मेरा मानना यही है तो घर में बीजेपी के कारण शासन काल से अब तक की राजनीति में क्या परिवर्तन है तो यही परिवर्तन हुआ ओवरऑल देखा जाए तो मेरे समझ से जितना परिवर्तन होना चाहिए उतना परिवर्तन नहीं हुआ ठीक है मा फर्स्ट में ज्यादा काम हुआ बहुत ज्यादा परिवर्तन हुआ सेकंड में हुआ था मैं आपसे फिर वही चैन सिंह निराला बोल सकते हैं जो चैनिंग हुआ मानव सिंगला जिसको बोलेंगे हेमंत जैन जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बना एक चीज वह हुआ कुछ प्लेसिस पर घोषित हुआ वह चीज हुआ और एक शराबबंदी जो कि मेरे समझ से कोई खास बात है नहीं शराबबंदी से बिहार सरकार का ही रे बिना न्यू घटा इससे अच्छा होता कि आप आराम से कैंपेनिंग करते अभी कोरोनावायरस का कैंपेनिंग चल रहा है कि भैया घर में रहिएगा तो आप दूर रहिएगा उसी तरह से खराब को प्रोडक्शन पर का शराब का होता सब काम करते हैं लेकिन सिर्फ यह होता है कि आप कैंपेनिंग करते कि बाय आईआईटी जूलियस टू आवर हेल्प तो एडिट फुल्ली अप टू यू कि आप इट इज योर चॉइस इट शुड बी योरचॉइस ताकि सीवान टू डिंग डांग यू कैन ड्रिंक अदर वाइज इट इज वेरी डेंजरस टू आवर है
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