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वर्तमान शिक्षा को नैतिक शिक्षा के साथ-साथ रोजगार उन्मुख की बनाकर हम जीवन से जोड़ सकते हैं अर्थात हम किताबों के माध्यम से वही पढ़ें जिससे अपने जीवन में उतार सके और उसका आचरण कर सकें इसके लिए हमारे शिक्षाविदों को शिक्षा पद्धति और पाठ्यक्रम में आमूलचूल परिवर्तन करना होगा और अपने पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर एक सार्वभौमिक सार्वभौमिक और सर्वमान्य पाठ्यक्रम तैयार करना होगा जिसमें सभी वर्गों और बातों का समुचित स्थान हो और बच्चों की ग्राहक क्षमता उनकी अवस्था को ध्यान में रखकर प्रत्येक वर्ग व उम्र के बालक बालिकाओं के लिए एक सार्वभौमिक पाठ्यक्रम तैयार करने की आवश्यकता है जिसे विधि बढ़ाकर हम शिक्षा को जीवन से जुड़ने की सार्थक पहल कर सकते हैं
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आपका प्रश्न बड़ा महत्वपूर्ण है स्वागत है वर्तमान शिक्षा को जीवन से कैसे जोड़ें तो वर्तमान शिक्षा क्या है शिक्षा का चयन तो आपको ही करना है ना आपको किस क्षेत्र में जाना है इसका चयन तो करना है तू जोड़ने के लिए मैं यही कहूंगा कि यह कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना वाला काम ठीक नहीं होगा आदमी का दिल कहीं और हो दिमाग कहीं और हो तो सारी जिंदगी है खेतान बनी रहे आप दिल में कुछ और चाहते हैं लेकिन कैरियर की वजह से दिमाग में कुछ और भरे बैठे हैं तो वर्तमान शिक्षा को जीवन से जोड़ना है तो अच्छा होगा जो चीज दिमाग में हो जो आपको फ्री हो उसी विषय के ऊपर आप आगे बढ़े आपके दिल में कला के प्रति प्यार है और आप पर सब्जेक्ट विज्ञान लेते हैं क्योंकि कैरियर मिलेगा दोनों में खींचातानी रहेगी आपके दिल में अज्ञात में आप सब्जेक्ट गणित चुनते हैं तो जो चीज आपके दिल में है जिससे आप प्यार कर सकते हैं उसी को दिमाग में स्थापित करें या नहीं उसी को शिक्षा का क्योंकि अभी तो चैन है ना आप कर सकते भाई विषयक आपको करना है ना तो विषय का चयन कैरियर की दृष्टि सामने रखकर न करें विषय का चयन अपने दिल के मुताबिक अपनी इच्छा के मुताबिक अपने-अपने हो कि मैं यह कहूंगा अपनी जो हॉबी है उसी को वर्क बना दे उसी को शिक्षा तो आपकी जो आते हैं जो इच्छा है उसी के अनुरूप अगर आपकी शिक्षा हो जाएगी तो सफल होंगे पीपल पूजन में गई कुल अपने की लाज में पीपल पूजा और हरि मिले तो एक पंथ दो काज जो मुझे अच्छा लगता था उसी को मैंने शिक्षा में जोड़ा और उसी के अंदर में भेजी गई तो फिर मेरे दो विचार नहीं रहे दिल और दिमाग दोनों को एडजेक्ट करने की जरूरत नहीं है क्योंकि दिल में जो चीज है दिल की सुनो दिमाग की कम दिमाग स्वार्थ वश में आकर गए नौकरी जल्दी मिल जाएगी इसे पैसा ज्यादा मिल जाएगा ऐसे व्यक्ति के जीने के कुछ अलग अलग मापदंड होते हैं कुछ लोग होते हैं जो पैसा कमाने के लिए जीते हैं कुछ लोग होते हैं जिनको नाम और यश चाहिए कुछ लोग होते जब जिनको समाज सेवा ही चाहिए उनको नाम और यश और पैसा भी नहीं चाहिए समाज सेवा ही चाहिए आपको मालूम है हमारा जो नर्मदा आंदोलन जिन्होंने चलाया वह आईएएस अधिकारी थी फोन को कलेक्टर पद भी नहीं चाहिए था अब उनके लिए समाज सेवा बड़ा उन्होंने समाज सेवा के लिए सब कुछ त्याग कर दिया छोड़ दिया 2 मिनट में अभी जो चीज आपका दिल में हो वही चीज आपके दिमाग में हूं के बीच में संतुलन रहना चाहिए नमस्कार
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आज की जो शिक्षा प्रणाली है सर्वप्रथम तो मैं यह कहना चाहूंगा कि अध्यापक और छात्र के बीच संबंध नहीं रहे छात्र सोचता है कि अध्यापक एक वेतनभोगी यानी हम उसे पैसा देते हैं और वह हमें ज्ञान देता है जब तक इस विचारधारा को हम निकालेंगे नहीं और गुरु के प्रति एक सच्चा आदर नहीं प्रस्तुत करेंगे उसके प्रति अपने को समर्पित नहीं करेंगे और शिक्षा का मतलब यह नहीं होता है कि हमारे परीक्षाओं को पास कर लिया हम एजुकेटेड हो गए शिक्षा का मतलब होता है कि दिव्य अपने अंदर कितना खून और उसके अंदर विकसित हुआ है अगर हटके प्रयोगात्मक
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वर्तमान शिक्षा को जीवन से जोड़ने के लिए आपको जीवन की अच्छी समझ होनी चाहिए के साथ साथ ही ध्यान रखेंगे शिक्षा का मतलब केवल धन बीमा योजना नहीं है स्पेशल मींस नॉट ओनली जयपुर डेवलपमेंट बट इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ शिक्षा का महत्व आर्थिक विकास का सर्वांगीण विकास शिक्षा को आप अपने जीवन से इस तरह जुड़ सकते हैं कि उसका मूल्य आपके जीवन में हो शिक्षा जो ग्रहण करते हैं उसका आपके जीवन में उपयोग होगा रात को दुनिया को जोड़ सकते हैं
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जैसे हम छोटे बच्चे को सिखाते हैं कि आपके मुंह में 32 दांत है और आप उन बातों का 32 बार भोजन चबाने में प्रयोग करें एक कोर को लेकर 32 बार चलाएं पर बच्चा समझ नहीं पाता अगर हम उसे यह बेसिक बात समझाएं कि सारी स्वाद ग्रंथियां जो खाने की है वह आपके मुंह में जो भी खाने का स्वाद आप निकाल सकते हैं वह स्वाद सिर्फ जीप और जी पर जो तंतु हैं उनसे ही ले सकते हैं तो जितनी देर भोजन को अपने मुंह में रखें उतना बेहतर है उतना मसाले आप भोजन का अधिक से अधिक जल्दी-जल्दी मत खाएं यह न सोचे कि साहब जल्दी खत्म हो जाएगा कोई और ले लेगा कोई और मुझे नहीं देगा आप पहले पोषण डिवाइड कर दें उनके सामने पोषण रख दें कि यह तेरा ही है उसको विश्वास दिला दें कि यह सिर्फ तेरा जितना तुझे खाने का मन होगा आराम आराम से खाना कोई जल्दी नहीं है खाने की हम जल्दी-जल्दी कहते हैं सुबह ब्रेकफास्ट करो जल्दी जाओ जल्दी जाना है हम पहले उठ जाए समय का नाम सितंबर आएं ऐसा तो उसको क्या होगा कि वह मुंह में अधिक देर तक भोजन को रखेगा और मैं आपको बताता हूं कि हमारी आहार नाल हमारे शरीर से 6 गुना लंबी है तो जवाब आ रहा नाल इतनी लंबी को क्यों है क्योंकि पचाने में बहुत अधिक समय लगे क्योंकि हम जल्दी खा रहे हम जितनी जल्दी भोजन को अंदर करेंगे उतनी ही देर लगेगी उसको पचाने में तो यह बात हमें उस बच्चे को समझाने के लिए उसे समझाना है कि तुम इस स्वाद लोग अपनी नाक से सुन लो अपनी आंख से भोजन को देखो है ना वह बहुत अच्छे से उसको मुंह में ही मजे ले लो जो भोजन के मजे हैं वह सिर्फ में उसके बाद भोजन में कोई मजा नहीं है आपके गले से नीचे भोजन गया और आपको उस भोजन का स्वाद नहीं मालूम देगा संतुष्टि आपको तब मिलेगी जब आप अधिक देर तक उस भजन को ना रहेंगे उस भोजन को आड़े हाथों से उठाएंगे हम लोगों से उठाते हैं विदेशों में वह काटे जाते अगर हम उसे यह समझाएं बात और समझाने के लिए हम उसे कहे कि देखो तुमने यह आलू के चिप्स खा रहे हो गया तुम्हें मैगी खा रहे हो 2 मिनट में बंद हो गई है और खाने में टाइम लगा लो खत्म करके उसको कोई संतुष्टि नहीं मिलेगी उसको समझाओ इसे कैसे ले कर के कांटे से रोल बनाए उसको चूस ए उससे मजा ले भोजन का मजा ले जितना भोजन का मजा लेगा जितनी देर तक वह मुंह में कब आएगा भोजन को इतनी देर तक उसको यह सब बात समझ में आएगी अगर समझ में आ गई तो भोजन चबाना जो हम उसे सिखा रहे कि 32 बार चलो यह बात उसके गले में उतर जाएगी और हमेशा के लिए बात मान लेगा वह
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शिक्षा को अच्छी तरीके से जोड़ा जा सकता है जैसे डिजिटल तरीके से या अन्य शिक्षक जोड़ा जा सकता है
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शिक्षा को वर्तमान जीवन से जुड़ना एक बहुत अच्छा प्रश्न है और इससे जुड़ने के लिए महत्वपूर्ण है कि जो हमारी शिक्षा प्रणाली हैं उसका व्यवहारिक बनाया जाए विशेष रूप से हमारी शिक्षा प्रणाली में जरूरत इस चीज की है कि केवल किताबी गुनाहों को स्थान दिया जाए जैसे नैतिक मूल्य महत्वपूर्ण हो सकते हैं पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी चीजें महत्वपूर्ण हो सकती हैं इसके अलावा घर में जो हमारे संस्कार होते हैं वह हमारी शिक्षा पद्धति में आनी चाहिए यह कुछ ऐसे महत्वपूर्ण हो सकती है शिक्षा पद्धति को वर्तमान जीवन से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण हमारे पास है कि बच्चों को प्रायोगिक रूप से समझाया जाए ग्रुप से तात्पर्य हमारे पास है कि ऐसे हम किताबी ज्ञान प्राप्त करते हैं तो किताबी ज्ञान के साथ-साथ आम व्यवहारिक चीजों के मालिक पहलुओं का भी ध्यान रखें मान लीजिए हम इतिहास पढ़ा तो इतिहास को केवल हटाना चाहए बल्कि इतिहास का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है उसका सामाजिक प्रभाव हमारे पास क्या है राजनीतिक प्रभाव हमारे पास क्या है पान परिपेक्ष में उसको कैसे समझा जा सकता है यह हमारे पास महत्वपूर्ण हो सकता है उसी प्रकार से मान लीजिए आप विज्ञान से जुड़ी हुई चीजों को पढ़ा रहे हैं तो विज्ञान से जुड़ी चीजों को पढ़ा रहे हैं तो उसमें प्रायोगिक होना निश्चित रूप से महत्वपूर्ण होने प्रायोगिक करके समझाया जा सकता है इसके अलावा हमारी शिक्षा प्रणाली में नैतिक मूल्यों को प्रशासनिक क्षमताओं को ईमानदारी ओं को उचित स्थान प्रदान किया जाए
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वर्तमान शिक्षा जीवन कौशल को ही सिखाती है जीवन से जोड़ने के लिए और व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्तमान शिक्षा है और इसे हम कैसे अपने आप को और कौशलपुर बनाकर अपना व्यक्तित्व को विकसित कर सकें यह हमें देखना है इसलिए वर्तमान शिक्षा वेबसाइट शिक्षा को ज्यादा जोर देती है और हमें वेबसाइट के लिए प्रेरित करती है जिसके कारण हम जीवन से से जोड़ सकते हैं
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हेलो नमस्कार वर्तमान शिक्षा को जोड़ने के लिए वर्तमान शिक्षा को जीवन से जुड़ने के लिए हमें चिंतन करना होगा और वर्तमान शिक्षा को जीवन के संदर्भ में लेना होगा किताबी ज्ञान आभारी किया दोनों जब अलग अलग हो जाते हैं तो शिक्षा का उद्देश्य बदल जाता है शिक्षा को हम अपने जीवन से जोड़कर देखें तो हर जगह हमें उस में अवैध संबंध दिखाई देगा तो हम उदाहरणों द्वारा और संदर्भ द्वारा वर्तमान शिक्षा को अपने जीवन में चिंतन कर और जीवन के प्रक्रियाओं को प्रवृत्तियों का अध्ययन कर उसे जोड़ सकते हैं यह बहुत मुश्किल काम नहीं है या बहुत ही आसान काम है लेकिन हर दौर की दुनिया में हम अपने आपको देखी नहीं पाते हैं हम अपने आप से जुड़े हुए सवालों को बाहर ढूंढने का प्रयास करते हैं तो हमें कुछ सवालों को पहले अपने आप ढूंढने की कोशिश करनी है और जो भी हम शिक्षा के द्वारा प्राप्त करते हैं वह हर चीज हमारे अंदर हैं उस कसौटी पर उस चीज को ढूंढना आवश्यक हो जाता है अगर उस कसौटी पर उसे ढूंढा जाए इस तरह से हम अपने जीवन से धन्यवाद
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आपने प्रश्न क्या है वर्तमान शिक्षा को जीवन से कैसे जुड़े वर्तमान शिक्षा को जीवंत से हम जोड़ सकते हैं यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है और इसको अगर मैं समझो तो काफी लंबा डिबेट्स पर होना चाहिए एक्चुअल में जो वर्तमान शिक्षा पद्धति है उसको अपने जीवन में हम विभिन्न प्रकार से विभिन्न आयामों से जुड़ सकते हैं जिसमें पहला है कि एक व्यक्तित्व की मूलभूत रचना शिक्षा आपके जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए होता है तो आप अपने शिक्षा में क्या चीज अर्जित कर रहे हो जिससे आपका व्यक्तित्व में निखार आ रहा है यह देखना जरूरी है दूसरा वर्तमान शिक्षा में जो टेक्निकल एजुकेशन है उसको अधिक से अधिक ग्रहण करने का प्रयास करें क्योंकि यह पूरा विश्व आर्थिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ रहा है अर्थ का साम्राज्य है और साइंटिफिक तरीके से विश्व आगे बढ़ रहा है तो जो टेक्निकल चीजें हैं उसे अधिक से अधिक ग्रहण करने का प्रयास करें और अपने जीवन को और बेहतर बनाएं तीसरा कि हम यह देखें कि वर्तमान शिक्षा में कंप्यूटर से रिलेटेड जो ज्ञान है विज्ञान से रिलेटेड जो ज्ञान है उस पर हम कितना फोकस कर पा रहे हैं प्रैक्टिकल एजुकेशन पर ज्यादा से ज्यादा हमें ध्यान देना होगा ताकि आगे चलकर लाइफ में हम उसको उतार सके और उसे फायदा उठा सकें तीसरा वर्तमान शिक्षा में जो सबसे बढ़िया चीज है जहां तक हमारे कमेंट में भी इन सब चीजों पर ध्यान दिया है कि स्किल एजुकेशन अपने स्किल को बढ़ाना पहले आप यह देखें कि आप किन चीजों में योग्यता रखते हैं वरीयता रखते हैं जिसमें आपको लगता है कि आप कुछ बढ़िया कर सकते हैं पाप जिस चीज में अपने आप को बढ़िया समझते हैं आप उसी विषय की तरफ अपना ध्यान दें और अपने आप को आगे बढ़ाएं आपके लिए महत्वपूर्ण होगा तो से वर्तमान शिक्षा पद्धति मॉडर्न शिक्षा पद्धति है वार्डन शिक्षा पद्धति में एक विशेष बात यह है कि अब हम बहुत सारी चीजों को इंटरनेट के माध्यम से गूगल के माध्यम से अपने इस बोकल क्लास के माध्यम से भी कर सकते हैं आप किसी भी तरह की प्रश्न की जानकारी ले सकते हैं आपके मन में कोई भी शंका हो तो आप उस संख्या का निवारण कर सकते हैं तो अधिक से अधिक आप इन सारे आयामों का इन सारे तरीकों का उपयोग करें और अपने किसी भी क्वेश्चंस को किसी भी प्रश्न को आप पूछे हैं और जाने और अपने लाइफ में अपने वर्तमान जीवन कमाल कर सके तो दोस्तों इस तरह से कई और भी चीजें हैं हम लोग आगे चर्चा करेंगे अभी इतना ही आगे भी आप अपने प्रश्न पूछ सकते हैं
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देखिए शिक्षा जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है जिससे हमारे जीवन का निर्माण होता है शिक्षा से ही वर्तमान शिक्षा को जीवन से जोड़ना हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि है जिस चीज से हमें ज्ञान मिलता है हम उस कार्य की ओर सहयोग व्रत का निर्णय करने की क्षमता शिक्षा से प्रदान होती है वही लेने हमारे जीवन को अत्यधिक शोला और शबनम फूल बनाने की संभावना को दर्शाता है वहीं शिक्षा है क्षमा जीवन की बहुत बड़ी संघर्षपूर्ण जीवन है बहुत बड़ी चुनौती है
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आपका सवाल है वर्तमान शिक्षा को जीवन से कैसे जोड़ें वैसे तो वर्तमान शिक्षा बहुत अच्छी चल रही है बहुत सारी कमियां है बहुत सारे अच्छी बातें भी हैं हमें उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए वर्तमान शिक्षा को अपने जीवन के अंदर उतारने के लिए कुछ नैतिक मूल्यों का भी हमें संग्रह करना चाहिए नैतिक मूल्यों पर विचार करना चाहिए और उसको अपने जीवन में उतारना चाहिए और उसके अनुसार ही हमें अपनी शिक्षा पद्धति को आगे बढ़ाना चाहिए
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नमस्कार वर्तमान शिक्षा को जीवन से कैसे जोड़ें तो इस शिक्षा को आप अगर जीवन से जुड़ना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत आप अपने फैमिली से भी कर सकते जो भी चीजें आपने सीखी है अपने बच्चों में अपने घर में अपने आसपास इसको आप प्रसारित करें इसका प्रचार करें और आप अपने जीवन में इसको अगर फॉलो करते हैं तो इस शिक्षा के एक समूह का नेतृत्व करें आपकी शिक्षा किस स्तर की है उस स्तर के उच्च स्तर से थोड़ा आप नीचे के लोगों को आप अपने शिक्षक को प्रसारित करें और इस शिक्षा से आप ज्यादा लोगों को लाभ वंचित करें जैसे अपने जो जानकारियां आपकी हैं उसको आप ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसको बताएं ताकि यह आपकी जो चीजें हैं वह चीजें और लोगों तक प्रकाशित हो और लोग इससे लाभान्वित हो तो इससे आपका सामाजिक स्तर बढ़ेगा आपका सामाजिक उत्थान होगा धन्यवाद आपका दिन शुभ हो
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देखिए वर्तमान शिक्षा प्रणाली भी जीवन से जुड़ी हुई है उसको इग्नोर बिल्कुल नहीं किया जा सकता है जो जीवन से जुड़ी हुई है बिल्कुल जीवन से जुड़ी हुई है अब डिपेंड करता है यह शिक्षा प्रणाली को अपने जीवन में आप कैसे इमेंट करते हैं उसी के सब कोई टिकट करता है
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वर्तमान शिक्षा को अधिक से अधिक व्यावहारिक बनाकर जीवन से जुड़ा था जा सकता है जैसे हम अधिकतर शिक्षा किताब भी रूप में ग्रहण करते हैं जबकि हमको किताबी शिक्षा के साथ-साथ वोकेशनल शिक्षा की भी आवश्यकता है जिससे हम किसी कार्य को पढ़ाई के दौरान सीख सकें और एक स्किल डेवलप कर सके जो हमारे रोजगार में आने में सहायक हो
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वर्तमान शिक्षा को जीवन से कैसे जुड़े इस प्रश्न का उत्तर है प्रचार प्रसार के माध्यम से
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वर्तमान शिक्षा को जीवन से कैसे जुड़े बहुत ही बेहतरीन सवाल आज आपने पूछा मेरे दोस्त उसकी वजह है मैं कहना चाहूंगा कि वर्तमान शिक्षा में यदि आप जीवन से जोड़ना चाहते हैं तो उसमें होने वाले जो भी टॉपिक हैं उनके एग्जांपल यथार्थ में अपने लाइफ में देखें कहां-कहां पर ही चीजें हो रही हैं पॉज करो मैं आपसे बात करूं प्रोटेक्शन की प्रोटेक्शन क्या ग्राम बात करते हैं तो आज हमें प्रोडक्शन का नाम सुनते ही कोई भी चीज है जो हमें प्रोटेक्ट करती है उसको प्रोटेक्शन कहते हैं तो आपको सैनिक दिखाई देने चाहिए आपको रेलवे क्रॉसिंग पर खड़ा रेलवे क्रासिंग का बंदा दिखाई देना चाहिए जो रेलटेल के आते ही बंद कर दे रहे हो अपने पुलिसमैन सीआरपीएफ बीएसएफ के जवान दिखने सी के जवान आपको दिखाई देने चीज द डे टुडे मैं आपको प्रोटेक्ट कर रहे हैं आपको आपका फादर दिखाई देना चाहिए जिसने आज तक आपको हर चीज के लिए प्रोटेक्ट किया आपके मदर आपको दिखाई देनी चाहिए जो आपको हर वक्त आती है गलती आपकी तो अपनी लाइफ एग्जांपल है जो आप एक प्रोटेक्ट से ढूंढ रहे हैं आप की स्टोरी में आपके एजुकेशन में जो भी एग्जांपल आते हैं जो भी टॉपिक आता है उस टॉपिक से रिलेटेड एग्जांपल यदि आप जवाब नहीं दे पाओगे कि वह आपके जीवन से सार्थकता के साथ जोड़ रही है और जितना पजेशन को आत्मसात करोगे जितना अपने सार्थकता से जोड़ पाओगे तो उतना ही उसको यूज कर पाओगे फिर चने और यदि उसका अर्थ सिर्फ और सिर्फ एजुकेशन का अर्थ सिर्फ और सिर्फ एग्जांपल रखते हो तो आप वह भी अच्छी बात है एग्जाम के बाद उसको वाइप आउट करोगे और आपके पास कुछ भी नहीं बचेगा तो कुछ भी बसने के लिए आपको चाहिए कि आप उसको ट्रांसफार्म करे शर्ट शर्ट एंड शर्ट ठीक है इमेजेस में और अपने पास कॉल करें सिक्वेंस में उसके बाद उसको इमेजेस को सटेरा एग्जांपल बनाएं और क्रिस्टल बनाएं तो आप आओगे कि वह चीज आपके लिए परमानेंट होगी जय हिंद जय भारत आपका दिन शुभ रहे
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हम वर्तमान शिक्षा को शिक्षा से इस तरह जुड़ सकते हैं कि व्यवहारिक शिक्षा दीजिए और प्रयोगात्मक सिखाइए बच्चों को आम बजाय इसके कि किताबों को हटाया जाए जो भी आप कर रहे हैं उसको व्यवहार मिलाकर सिखाइए जैसे कि कोई स्विच लगाना भी है यदि अगर हम उस में लिखकर बताएंगे तो बच्चों को इतना समझ में नहीं आएगा यदि हम अपने सामने उनको लगा कर दिखाएंगे और फिर उन्हें कहेंगे कि यह तुम लगा के दिखाओ यह स्विच कैसे लगाना है तो ऐसी शिक्षा जो है ना वह जरूरी है चोरी की वजह जो है प्रैक्टिकल अधिक होना चाहिए बच्चों को बच्चों की शिक्षा में
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वर्तमान शिक्षा को शिक्षा से जोड़ने की बात सच्चाई तो यह है शिक्षा को जीवन में अडॉप्ट करना शिक्षक को जीवन में उतारना और इसे आत्मसात करना जो अनुशासन और जो जीवन के लिए निष्ठा और जो विश्वास शिक्षा के साथ जुड़ी हुई है उसे हमें जीवन में भी उतारना एकमात्र उद्देश्य होता है और जब हम इसे जीवन में उतारते हैं तो एक अच्छे इंसानियत की ओर बढ़ते हैं माता की ओर अग्रसर होते हैं समाज के साथ एडिट करते हैं और उसके साथ-साथ पारिवारिक बैकग्राउंड भी हमारा एडजेस्टेबल हो जाता है और एक मनुष्य जो शिक्षा प्राप्त करता है उसे अनेक लोग लाभान्वित होते हैं तो इसे शिक्षा से जोड़ने का मतलब यह होता है कि जीवन में शिक्षा को आत्मसात करना कैसे जोड़ा जा सकता उसके मूलभूत उद्देश्यों को जीवन में उतारी है मात्र लेक्चर देने से किसी भी चीज के बारे में जानकारी प्राप्त करने से मनुष्य मनुष्य नहीं होता उसके साथ साथ जानकारी के साथ साथ जो हमें और भी कुछ मिलता है जैसे हमने विश्वास की बात की शिक्षा की एक अनुशासन की बात की एक मानव जीवन के मूल्यों को समझने की बात की उससे मुझे कोई जोड़ना होता है शिक्षा अगर हम जोड़ सके तुम मुझे ऐसे ही जोड़ना चाहिए जैसे हमने आपको पता है
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भोजपुर वर्तमान शिक्षा को जीवन से कैसे जुड़े आपको इस प्रकार की शिक्षा ग्रहण करें जो आपके व्यापार या आपके सुजीत को पाचन में सहायक सचिव शिक्षा ग्रहण करें जो आपको आर्थिक उन्नति और होशियार बनाएगा इससे आपको इस समाज में आपको आज छुट्टी मिलेगी आप लोगों का भला कर सकेंगे धन्यवाद
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वर्तमान शिक्षा को जीवन से कैसे जोड़ें आज की जो शिक्षाएं यह किताबी शिक्षा यह शिक्षा हमारी व्यवसाय शिक्षा माध्यमिक शिक्षा में हमारी जान की चूत चाहिए हमारे ग्रुप की शिक्षा नहीं है इसलिए कहते हैं कि हमारी वर्तमान जो सिर्फ है यह बहुत ज्यादा उन्नतशील हो बहुत ज्यादा सफल हो तो उसके लिए हमें क्या करना होगा वर्तमान स्थिति को बदलना होगा क्योंकि वित्त आयोग नहीं बदलता बीते युग के वर्तमान युग बदलता है हमारी शिक्षा हमारे जीवन से जुड़ जाती है तो जीवन भी शिक्षित हो जाता है आनंद नहीं हो जाता है कि वह टूट जाता है और जीवन सफलता का आधार चेतन अपनाकर शिक्षा का प्रचार करके लोगों को संघर्ष की शिक्षा अधिकारी जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव आने पर किस दिन कुछ माना जाता है यह वास्तव में शिक्षा का जीवन से नजदीकी रिश्ता होता है जहां इंसान जगत की तरफ बढ़
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वर्तमान शिक्षा को आम जीवन से अर्थात P1 से जोड़ने के लिए हमें निश्चित रूप से भारत की पुरातन शिक्षा पद्धति गुरुकुल की ओर जाना ही पड़ेगा अर्थात जो आज हम प्रैक्टिकल 12 प्रश्न करते हैं और बाकी सारी काग्नी पढ़ाई करते लेकिन जब हम सारा प्रैक्टिकल व्यवहारिक कार्य जो है वह धन वापस ऐड करेंगे आप तो परसेंट ही काबिले काम करेंगे 2% ही काबिले काम करेंगे खाना प्रथम व्यापारिक रूप से कुछ भी सीखेंगे तो निश्चित रूप से हम लोग शिक्षा पद्धति को जीवन से जोड़ सकेंगे चाहे वो बीजेपी का अधिकारी कितना भी बड़ा क्यों ना हो उसको भी आधा पौना घंटा सड़क पर या फिर मजदूरों की तरह काम करना ही होगा और पढ़ाई में यह सिखाना ही होगा तब जाकर के हम लोग अपनी इच्छा को जीवन पत्ती से जोड़ सकती है अन्यथा अगर एक मजदूर के लिए शॉकअप्सर हम उस पर रखेंगे तो निश्चित रूप से यह ना तो अच्छी पद्धति है और ना ही अच्छी सी क्या है तो ऐसी ऐसा मेरा सोचना है
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नमस्कार दोस्तों वह करते आप सभी मित्रों का स्वागत है आपका प्रश्न है कि वरदान शिक्षा पद्धति शिक्षा को जीवन से कैसे जोड़े की माता शिक्षा पद्धति जीवन से जुड़ा हुआ है लेकिन संपूर्णता के साथ नहीं हुआ वह एक केवल और एक ही विषय जुड़ा हुआ है कि सहवाग कोई शिक्षा प्राप्त कर लीजिए और उसको उसके बाद आपको रोजी रोटी कमाने के लिए रास्ता मिल जाए लेकिन कोई स्वस्थ चिंतन उसमें नहीं है कि अच्छा मानव कैसे बनेगा और जब तक अच्छा मानव अच्छा चिंतक अच्छा पुत्र अच्छा पुत्री अच्छा पिता अच्छा माता-पिता यह सब चीज संपूर्णता के साथ नहीं आएगी अच्छा चरित्र तो कोई भी पद्धति का संपूर्ण और इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट नहीं होगा और ना उसका काम आएगा अब क्या है कि अपने जमाने में पुराने जमाने में हैंडसेट काल में जो शिक्षा प्रणाली थी मनुष्य को संपूर्ण मनुष्य बनाती थी उसको सारी बातों का पता था कि साहब हमको एक नागरिक होने के नाते क्या-क्या करना चाहिए और क्या क्या नहीं करना चाहिए क्या-क्या पुत्र होने के नाते हमारा कर्तव्य है क्या-क्या एक पिता होने के नाते कर्तव्य क्या शिक्षक होने के नाते कर्तव्य इन सारी चीजों का उसको बखूबी ज्ञान वह शारीरिक और मानसिक रूप से इतना स्वस्थ और मजबूत हुआ करते थे कि जीवन यापन के लिए कोई भी काम कभी भी किसी मत कर सकते उनको यह डर नहीं था कि चाय हमको कंप्यूटर नहीं आता है तो किस तरह से जिएंगे उनको यह डर नहीं था कि साहब हमको यह काम करना पड़ेगा तो कैसे करेंगे उनको सब कामों के बारे में शिक्षा दी जाती थी उनका अहंकार उनके रखा जाता था कि समाज की कुरीतियों से अपने के लिए अनुकूल बना है उनको मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बनाया जाता था इतना चरित्र और चरित्रवान बनाया जाता था कि वह जहां भी हो जिस काम में हाथ लगाते थे तो संपूर्णता के साथ सफलतापूर्वक उसको संपन्न करते थे आज के डेट में कोई बहुत अच्छा ही नहीं है लेकिन वह सामाजिक तौर पर घूसखोर है तो आप उस ने घूस लेकर कोई पुल बनवा दिया ठेकेदार अरुण 3 महीने बाद को लेट करके उसके दिमाग में यह कभी आया नहीं कि पुल टूट जाएगा तो कितनी बड़ी जनहानि होगी देश का कितना नुकसान होगा समाज का कितना नुकसान होगा यह मास्टर क्वेश्चन उसके सामने आया नहीं यह हमारी शिक्षा पद्धति का दोष है इसको दूर करना है कि कोई भी इंजीनियर अच्छा तुम अच्छा है जब वह चरित्र से भी अच्छा है अपने उत्तरदायित्व भी अच्छा है अपने इमानदारी से भी अच्छा इन सारी बातों का इनपुट आज के युग एक्शन ना होने के कारण विश्व में में देश में ही नहीं भारत में नहीं पूरे विश्व में एक विचित्र तरह का आपाधापी है जहां कुछ सही नहीं कुछ गलत नहीं ऐसा हो रहा है और यह सही और गलत समय अनुकूल उसका जस्टिफिकेशन होना चाहिए समय सापेक्ष में उसकी प्रासंगिकता होनी चाहिए इन सब विषयों को अगर हम लेंगे तो हम विष्णु गुरु थे विश्वरूप फिर हो जाएंगे और देश सोने की चिड़िया थी फिर हो जाएगी शुक्रिया शुभकामनाएं
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प्रयोगात्मक जीवन को लेकर के पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए और उस पाठ्यक्रम में जीवन के सभी पहलुओं पर आधारित अध्याय तैयार करने होंगे और यह किसी वरिष्ठ व्यक्ति द्वारा या अनुभवी व्यक्ति द्वारा ही संभव है और साथ में यूथ हैं जो हमारे जो नवयुवक हैं उनको लेकर 18 हो सकता है लेकिन अनुभवी व्यक्तियों का मार्गदर्शन इसमें बहुत जरूरी होगा
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दिखाओ ऐसा होता है कि आठवीं क्लास के बाद से ही छठी क्लास के बाद से ही बच्चों को कोर्ट ने इस ट्रक को उसके लिए एक्स्ट्रा लैंग्वेज दी जाती है एक्स्ट्रा लैंग्वेज कमरिया की जो 1 घंटे की लैंग्वेज है उसमें आप किसी चीज में मस्ती हासिल करके बाद में लेक्चरर बन सकते हो प्रोफेसर बन सकते हो ट्रांसलेटर बन सकते हो जैसे टूल्स कंपनी हमसे बात कर लो बाबू का फोटो स्टेट वाइज असली घी आपको इंटरप्रेटर एक लिंगी उनके व्हाट्सएप पर आते हैं उनको लेकर जाने होते एक टूट के लाख रुपए मिलते हैं उन्हें 7 दिन का खाना पका है और एक बहुत अच्छा है लैंग्वेज सीखे और जलाएंगे ठीक बात से दोस्ती है वह बहुत महंगी होती हैं
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सिंपल शिक्षा व्यवस्था में एक बहुत बड़ी बात है जोकि बहुत सारे लोगों ने भी यह इस बात पर चिंतन किया पहले भी पहले गुरुकुल शिक्षण पद्धति में एक चीज अच्छी थी कि शिक्षा के साथ-साथ उन्हें कुछ घरेलू काम भी करने पड़ते थे जैसे कुकिंग बच्चे खाने का इंतजाम करते थे भिक्षा मांगते थे खाना बनाते थे सब कुछ सारा लाइफ स्ट्रगल करते थे आज के टाइम में बच्चे कैसे पढ़ते हैं और वह बोर हो जाते हैं तो इसका उपाय यह है कि आप उन्हें शिक्षा के साथ-साथ और भी जिंदगी की काम दे उन्हें सौंपी है उन्हें मार्केट में जाने दें सामान लेने वहां पर वह भाग नहीं सीखेंगे उन्हें कोई सेल्स एंड मार्केटिंग की छोटी-मोटी टेक्निक ते हैं उन्हें पैसों के बारे में ज्ञान दें उन्हें जिंदगी बारे में ज्ञान दें
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आज के वर्तमान शिक्षा प्रणाली परंपरागत शिक्षा प्रणाली से हम जीवन से तभी जोड़ सकते हैं जबकि वर्तमान शिक्षा प्रणाली को हम परंपरागत नजरिए की जगह पर सेट कर दे अगर हम शिक्षा से संबंधित विचारों को अपने जीवन में अपनाएं तभी हम सफल हो सकते हैं अन्यथा सफल होने की संभावनाएं कम हो जाएंगे अगर हम वर्तमान शिक्षा प्रणाली को परंपरागत शिक्षा की जगह पर प्रायोगिक शिक्षा के रूप में अपना आएंगे तभी हम अपने जीवन को व्यवस्थित और मूल्यवान बना सकता है और अपने जीवन से जोड़ सकते हैं
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वर्तमान शिक्षा पद्धति विभिन्न प्रकार के रोजगार हो जगदीश जी से अपनाई गई है इस पद्धति के द्वारा व्यक्ति को एक विशिष्ट कला प्राप्त होती है जिस आधार पर वह किसी विशेष क्षेत्र में अपने आप को सफल बना सकता है और उससे इतर में अपने कैरियर बना सकता है इसलिए वर्तमान शिक्षा पद्धति जीविकोपार्जन के लिए तो उचित है जीवन के लिए समय और समग्र नहीं है जीव को उपार्जन के लिए रोजगार मूलक शिक्षा पद्धति में वर्तमान व्यवस्था की देन है ताकि बेरोजगारी नहीं बड़े जनहित में यह उचित है लेकिन विकास के लिए स्वाध्याय और संपूर्ण शिक्षा प्रणाली समग्र शिक्षा की आवश्यकता है जिससे कि मनुष्य अपने आप को एक सफल नागरिक और भविष्य में एक सफल व्यक्ति के रूप में स्थापित कर सके धन्यवाद
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