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योग और ध्यान दोनों अलग-अलग प्रक्रिया है योग में ध्यान नहीं लगा सकती योग में हमको प्राणायाम आसन करने होते हैं एक्सरसाइज करनी होती है ध्यान में हमको स्थान बंधुओं के अपने हृदय में यदि आपको एक्सरसाइज करती हुई और एक टाइम में एक ही चीज पर
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नमस्कार एक बहुत ही अच्छा प्रश्न आया है योग में ध्यान कैसे लगाएं सर्वप्रथम तो यह दुष्कर कार्य है कठिन है किंतु निरंतर अभ्यास से यह धीरे धीरे धीरे धीरे धीरे इसमें आप पारंगत हो जाते हैं इसके लिए सर्वप्रथम सर्वप्रथम आपको ऐसे स्थान का चुनाव करना होता है जो बहुत ही शांत पूर्ण हो इसके बाद अपने लिए आप एक राशन व्यवस्था कर सकते जो सुविधाजनक हो ना तो अधिक गद्देदार वरना अधिक ठोस और अपनी पीठ कमर गर्दन सीधी करके किसी भी सुख पूर्वक आसन में बैठकर आप किसी भी मुद्रा में हाथों को रखा आंखों को बंद करके और अपने अंतर में आप देख सकते हैं स्वास्थ्य में ध्यान इस की सबसे सरल विधि एक सर्वप्रथम जो अभ्यर्थी होते हैं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान करें हर आने वाले स्वास्पो जाने वाले स्वास्थ्य को महसूस करें उसकी काउंटिंग करें उसकी गणना करें प्रारंभिक अभ्यास में आपको यही करना है फिर धीरे-धीरे जैसे-जैसे आप का अभ्यास पक्का होता जाएगा आप किस क्षेत्र में जो है प्रगति होती जाएगी और साथी आपका नाम और मेडिटेशन में पारंगत होते चले जाएंगे
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आप अपने युग में ध्यान कैसे लगाएं देखिए ध्यान के लिए मैं आपको जैसा कि आप लग रहा है कि आप फर्स्ट टाइम या प्रारंभिक स्तर पर ध्यान के लिए गाइडेंस चाहते हैं तो इसके लिए मैं यही कहूंगा कि ध्यान के साथ-साथ प्राणायाम बहुत जरूरी है अगर आप प्राणायाम में स्थिरता बना पाते हैं प्राणायाम पूरे कंसंट्रेशन के साथ कुछ देर बैठ कर लगातार कर पाते हैं प्राणायाम में अपने मन की एकाग्रता सांसो पर बना पाते हैं तो आप ध्यान जल्दी कर पाएंगे और ध्यान में जल्दी एकाग्र हो पाएंगे ध्यान के लिए आप ओमकार उच्चारण का सहारा ले सकते हैं जैसे आपने 11 बार ओमकार का उच्चारण किया और फिर उसके बाद कम से कम 5 से 7 मिनट 10 मिनट आप आंखें बंद करके बैठे और अपना ध्यान उस ओंकार की बायो रिटर्न्स पर या निराकार उसको जो उससे धोनी के साथ-साथ उसका जो चित्र है जिसको आकार के अंग सॉरी तो उस पर आप लगाइए तो आप देखेंगे कि आपका धीरे-धीरे कंसंट्रेशन इंप्रूव होगा इसके साथ-साथ आप जिस भी इष्ट देवी देवता को मानते हैं जो भी आपके गुरु हैं उनको मानसिक तौर पर आंखें बंद करके उनके चित्र पर अपनी कल्पना से उनको ध्यान लगाइए या फिर आप जो भी गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हो या आप जॉब कर सकते हैं उसको आंख बंद करके मन ही मन सोच के साथ सामान्य तरीके से आंखें बंद करके कुछ देर दोहराना है मन ही मन तो इस तरह आप धीरे-धीरे ध्यान की प्रारंभिक स्तर पर आप जा सकते हैं जैसे जैसे आपका मन एकाग्र होगा तो आप फिर अपने ध्यान को आप देखेंगे धन कर पाएंगे अपने शरीर को स्थिर कर पाएंगे और मन को स्थिर कर पाएंगे हरि ओम
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नमस्कार आपका प्रश्न है कि योग में ध्यान कैसे लगाएं तो मैं आपको बताना चाहूंगा यूं तो योग में ध्यान की 112 अलग-अलग विधियां हैं परंतु भारतवर्ष में जो सबसे प्रचलित व सरल विधि रही वह विपश्यना ध्यान विधि रहे विपस्सना का अभ्यास करने के पूर्व हमें आनापान सती ध्यान विधि का अभ्यास करना चाहिए हम अपनी श्वास श्वास को देखने का कार्य करते हैं अपनी आती हुई स्वास्थ को देखना एवं जाति विश्वास को देखना इस तरह जब हम अपने स्वास्थ्य को देखते हैं तो हमारा मन धीरे-धीरे शांत होने लगता है एवं विचार विहीन होने लगता है हमारे मन का कार्य है या तू व भविष्य की गतिविधियों में फंसा रहता है या तो आप भूतकाल के क्रियाकलापों में फंसा रहता है परंतु जब हम अपने नाक के अग्रभाग में अपनी बाईं नासिका तथा दाहिनी नासिका तथा ऊंट के ऊपर उठ के ऊपरी हिस्से की तरफ इस त्रिभुज इस त्रिकोण में अगर हम अपने मन को लगाते हैं अपने स्वास्थ एवं पश्चात अर्थात अपने स्वास्थ्य के आना एवं जाने को जब हम देखना शुरु करते हैं तो धीरे धीरे धीरे हमारा मन हमारे भूत एवं भविष्य से हटकर धीरे-धीरे आपकी स्वास्थ अर्थात आप के वर्तमान प्रत्येक में लगता है और आपके वर्तमान में टिकते ही आपकी इस सारे विचार धीरे-धीरे मंत्र पढ़कर शांत हो जाते हैं जिससे हम गहरे ध्यान की ओर अग्रसर हो जाते हैं धन्यवाद
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योग में ध्यान कैसे लगाना चाहिए योग में ध्यान लगाने के लिए पहले आपको योग और ध्यान की व्याख्या समझ लेना चाहिए कि योग का अर्थ क्या होता है योग का अर्थ होता है मेरे भाई आत्मा और परमात्मा का मिलन जिसको योग कहते योग तथा पर था अगर आपके समझ में आता है तो पिछले साढे 5000 साल पहले भगवान श्री कृष्ण के गीता के अंदर धन की महत्वपूर्ण बात बताइए उस धन को लेकर के आप योग करिए तो आपका ध्यान ऑटोमेटिकली लग जाएगा योग में ही ध्यान रखता है और धर्म के लिए ही योग करते प्रयोग की परिभाषा ही हमको मालूम नहीं तो क्या समझ में आ जाएगा योग की परिभाषा पहले जान लो तो प्रॉपर आपके समझ में आ जाएगा अर्जुन से कितना प्रयोग आपके समझ में आएगा तो कोई ध्यान लगाने की आवश्यकता नहीं योग में ही धरती
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ध्यान एक योगा का अंग है आज तक लोग में जिसे हम धारणा ध्यान समाधि एकत्र करते हैं जो अंतरंग योग भी कहलाता है ध्यान लगाने के लिए पहले धारणा होने की आवश्यकता है जिसे हमारे यहां पूजा विधि करते हैं जिसमें कर्मकांड रहते हैं एक कारण हमें धारणा की तरफ ले जाते हैं धारणा अलग और एकाग्रता कंसंट्रेशन अलग होता है धारणा मतलब एक ही चीज के ऊपर ध्यान देना उसके आया हूं आया हूं का विचार करना और बाद में जो भी कुछ हम कर्म करते हैं और सब उसके प्रिंसिपल की तरफ ध्यान देना यही ध्यान होता है इसीलिए धारणा से हम शुरुआत करेंगे तो ध्यान में हम समा जाते हैं और ध्यान के बाद जब यह धारणा ध्यान से दोनों एक रूप हो जाते हैं तो समाधि अवस्था प्राप्त होते हैं जैसे वह देश साधक साधना और सिद्धि ए तीन चीजें एक साथ हो जाएगी तो हमें समाधि का आनंद मिलता है इसे मराठी में त्रिपुटी बोलते त्रिपुटी सांडली आने के साधक उसकी साधना और सिद्धि तीनों एक ही हो जाते हैं
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योग में ध्यान लगाना ही आसान है अब धीरे-धीरे पहले योग की का टेस्ट करें अब कपालभाति ज्यादा से ज्यादा करें अपने साथ जो आपकी दीदी में आपका स्वागत है उस पर फोकस करें आप उस पर ध्यान लगाना चालू करें एक दिन वह होगा जब आप एक ध्यान को अच्छे से कनेक्ट कर सकें
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योग यानि परमात्मा का मिलन जोड़ना परमात्मा से जुड़ जाने का नाम योग्यता उस छूट छूट जाने की जो बिजी है उसे योग की सारी प्रक्रिया कहते हैं कोई क्रिया योग कहता है कोई अलग-अलग योग की विधि ककरिया कहते हैं तो योग में ध्यान लगाने की बात ऐसा नहीं है ध्यान योग का एक अंश है एक पार्ट है यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान समाधि ऐसे 8 रंगों से बना स्थान योग है और इस तरह के जो योग है उसकी योग में हमें ध्यान सातवें चरण पर आता है तो सबसे पहले ध्यान हम डायरेक्ट लगा नहीं सकते हैं इसलिए हमें प्राणायाम करना होता है और योग का एक दूसरा अर्थ है रीडर मेन बैलेंस तो हमारे पास में और हमारे जीवन में रिदम आए और हमारे जीवन में बैलेंस है तो योग की और आप आगे बढ़ सकते हैं उसे सबसे पहले आपके लिए जरूरी है प्राणायाम करना प्राणायाम करेंगे तो उसके बाद प्रत्याहार होगा यानी बाहर जाती हुई व्यक्तियों को आप भीतर अपने भीतर ले जा सकेंगे और उसे उसका जो बाहर जाने का जो आदत है उसे अपने भीतर मोड एंगे और अपने भीतर ही उस ऊर्जा को संभाल कर रखेंगे ऊर्जा को बाहर जाने नहीं देंगे उससे प्रत्याहार कहते हैं कि जो अपना इंप्रेशन फूल है अपनी जो पूरी एनर्जी है उस एनर्जी को भीतर ही उपयोग में लाने की पूरी प्रक्रिया का नाम प्रत्याहार है फिर झरना आएगी धरना का मतलब है हमारा स्वास्थ्य और जो विचार है उसका संबंध है तो श्वास और विचार के संबंध में से हमें पूरी प्रोसेस करते हैं कि स्वास चलता रहे विचार उसी में से बनते हैं तो विचार बने और वह विचार धीरे-धीरे हमारी निर्विचार अवस्था की और हम जाएं उसके लिए हमारा प्रयास लेता है उसे धारणा कहते हैं धारणा ध्यान की बिल्कुल शुरुआत की स्थिति है जैसे कि 10 सेकेंड के लिए हमारे विचार डीजे सारी प्रक्रिया है वह चलती रहे और हम उसे साक्षी भाव से देखते रहे उसे 10 सेकंड के लिए अगर देख सके उसके बिना इनरोल हुए बिना किसी तरह के मेमोरी डाले बिना उसे सिर्फ देखें तो उसको देखने की जो पूरी प्रोसेस है 10 सेकंड के लिए उसे धारणा कहते हैं 100 सेकंड के लिए उसे ध्यान कहते हैं अगर देश और सेकेंड के लिए आती-जाती स्वास्थ्य को देखें और उसमें से पैदा होते हुए विचारों को देखें तो उसे ध्यान कहते हैं और 100 सेकंड से ज्यादा और 4 वर्ष तक हम देखते रहे तो उसे समाधि कहते हैं तो ध्यान के लिए आप जो महर्षि पतंजलि ने बताया है अष्टांग योग उस से शुरुआत करनी होगी और उसी तरह से प्राणायाम की शुरुआत होगी तो धीरे-धीरे आपके मेरी
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जी देखिए योग में ध्यान कैसे लगाएं सबसे पहले मैं आपको बताना चाहूंगा कि योग के कुछ अंग है उसमें आता है इस पर लाश ना बाद में प्राणायामा दशहरा देना ध्यान धारणा समाधि तू ध्यान व योग का एक अंग है जब पासन कर लेते हो जवाब प्रणाम कर लेते हो तो उसके बाद में आप ध्यान में उतरते हो तो ध्यान में तब उतरा जा सकता है जब आप आसन कर लेते हो और आपका गायब हो जाता है उसके बाद मैं आपको आराम से आ पुत्र सेक्टर वास ध्यान में और ध्यान कैसे लगाए मतलब ध्यान कैसे लगाए आपका आसन करना होगा योगासन हमने कर लिया है आपने प्राणायाम आपका कर लिया और उसके बाद आपने बैठ जाना है आप बैठ जाना है आपकी अपनी सांसों के ऊपर आपने कौन सा स्टेशन किया लंबी गहरी सांसे लिए और जो होता है उसे होने दिया बस इसी को ध्यान कहते हैं ध्यानी होने की प्रक्रिया ध्यान करने की प्रक्रिया नहीं है सुबह को बैठ जाना है बस बहुत है उसे होने देना है इसी को ध्यान कहते हैं तो आप शुरू शुरू में आपका ध्यान वैसे नहीं लगेगा लेकिन चैटिंग में आपका की जी आप अपने सांसों के ऊपर फोकस कीजिए विदं बिखेरी सांसे लेते रहिए थोड़ी देर तक और अपने आप आपका ध्यान हो जाएगा थोड़ी देर में और 20 मिनट सब को मिनिमम बैठना 20 मिनट बैठ सकते हैं हम उसके बाद में अच्छा खासा ध्यान हो जाता आपका 20 मिनट में तो आप ही से कीजिए और आपको काफी लाभ होगा इससे लेकिन यह करना है आपको आसान और प्रणाम होने के बाद में नमो नारायण
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आपका क्वेश्चन है योग में ध्यान कैसे करें देखिए ध्यान जो है योग का ही एक पार्ट है तो आपको मैं अब मुद्दे पर चलता हूं कि ध्यान कैसे करें तो ध्यान करने के लिए पहले आपको ब्रह्म मुहूर्त में जागने का प्रयास करें और नित्य क्रियाओं से निवृत्त होने के बाद ध्यान करने का तरीका है ध्यान में बैठने का 3 आसन है जिसे हम वज्रासन सबको सुख आसन पद्मासन होता है यह तीनों आश्रम में किसी भी आसन में अंतर 32 शतक और तीन बार गहरी लंबी सांस लें और शरीर को बिल्कुल टाइट रखें मेरुदंड बिल्कुल भी झुका हुआ ना हो गर्दन बिल्कुल सीधी रेखा में तीन बार गहरी लंबी था आंखें कोमलता से बंद कर दें दोनों हाथ यानी दोनों हाथ के अंगूठे और तर्जनी आपस में मिलाएं यह दोनों उंगली मिलने के बाद यह ज्ञान मुद्रा का निर्माण हो गया अब आइए आपको मैं बताना चाहूंगा कि ध्यान कैसे करते हैं तो धीरे-धीरे आप अपनी आंखों को कोमलता से बंद कर ले उसके बाद आप अपने आते जाते सांस का अनुभव करें और करते चले जाए ऐसा कम से कम 40 से 45 मिनट तक रोज करें अगर करते हैं तो आपका मन और मस्तिष्क बिल्कुल सुनीता के तरफ बढ़ना शुरू हो जाएगा खराब हो जाएगा जब तक सुन्नता के तरफ आपका मन मस्तिष्क और चित्र अग्रसर नहीं होगा तब तक आप फोन नहीं कर सकते क्योंकि धान का सबसे बड़ा दुश्मन चलता है शारीरिक चंचलता मानसिक चंचलता और बौद्धिक चंचलता जब तक इस चंचलता को दूर नहीं करेंगे ध्यान हम नहीं कर सकते तो प्रारंभिक रिया को व्यक्ति किसी भी व्यक्ति के लिए प्रारंभिक रिया नितांत आवश्यक होता है हर व्यक्ति के अंदर चंचलता विद्वान होती है उसे रोकने के लिए इस तरह का क्रिया अभिक्रिया करना पड़ता है अपने शरीर अपने मन और अपने चित्त को बिल्कुल स्थिर करना पड़ता है तब जाकर धान की शुरुआत होती है धन्यवाद
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सवाल है योग में ध्यान कैसे लगाएं ध्यान का तो मतलब है वही की है सब जगह सेंट्रेशन कंसंट्रेशन आफ कहां पर जैसे आप कहां पर लगाते हो जब आपको किसी बुक से बुक कोई पसंद है तो मुंह पर कैसे ध्यान लग जाता है या कोई गेम पसंद है क्रिकेट फुटबॉल या कोई अपोजित सेक्स लाइक लड़का है लड़की पसंद तो पूरा ध्यान कैसे काग्र हो जाता है फंडामेंटली इसके लिए आपको वैसे भी समझना होगा कि ध्यान लगाने से पहले पहले तो आप फिजिकलिटी कॉस्ट ऑफ कंसंट्रेशन रिप्लेसमेंट मतलब आपके ध्यान लगाने का सबसे पहला जो फंक्शन हो सकता है वह है आपके शारीरिक कंडीशन अगर आप को बुखार 101 तो आप लगा पाओगे कुछ काम कर पाओगे नहीं उसी तरीके से ध्यान लगाने के लिए पहले आप शारीरिक तौर पर एकदम स्वस्थ रहना चाहिए और आपको लंबी देते बैठने का आपके शरीर में सुविधा होनी चाहिए जैसे अगर कोई 5 मिनट बैठ जाता है ट्रांसलेट करके तो उसको पैर में नस आ जाता है तो उनको नहीं होना चाहिए इसके लिए पहले तो आपको काम करना पड़ेगा तरीके से मासूम दर्शन का मतलब है आपको योगिक प्रिंसिपल फॉलो करना है फिर हमसे कमासिन का आपको ऐसे अगर सर्फर्स को स्टेप्स है असल में जाने के 2022 के आना है ए बी सी डी डी सी ए बी सी डी ए अवैध अवैध होते हो अभी मैं भी हमेशा चेंज होता है वह हमेशा नया होता है तो अगर आप समूह वीरभद्रासन दो करते हो उसमें अब जब जाओगे उस मोमेंट में ही पूरी तरह से आपकी एकाग्रता आपका मन शरीर और साथियों एकाग्र रूप से एक ही जगह पर होता है आपके आश्रम में जाने इसे हम बोलते हैं इंग्लिश में यू आर नॉट डूइंग वेल बीइंग जो कि इस दिन यहां पराधीन हो तो हमेशा जो एक्सपीरियंस होगा भले एक ही रास्ते पर जा रहे हो तो भी आपको अलग होगा एक ही पेड़ के पास हुआ लगेगी माउंटेन छोटे वाले की ध्यान नहीं करना चाहिए आप सब्जी काट रहे तो कोशिश करो कि आपका पूरा ध्यान नहीं रहा अगर आपका कहीं खेलने जा रहे हो तो शिवप्रसाद में आ गए कुछ और नहीं है कोई रिलेशन नहीं है आज से दो चार हजार तीन हजार साल पुरानी जो फाइंडिंग्स है हमारे भारतीय सभ्यता की सूची यह था कि उनको पता ही नहीं था कि कोई वेस्टर्न कल्चर है कोई अलग कल्चर है उनके उस टाइम पर तो जो इंसान थे हुई सारे एक ही है मैं बोल रही थी मैं कुछ था जो वीडियो बताइए आपका खून मेरा खून का खून कोई फर्क थोड़ी है सबसे नजदीकी सीरियल में किसी ने गलत सोच से जिंदगी जी अलग सरकमस्टेंस पसंदगी जी वहां के लोगों ने मिलकर एक रिलेशन मनाया यहां के लोगों ने वीके का मतलब ही यूनियन है बहुत संघर्ष और एक उसके अंदर उससे बाहर आइए अपने अहंकार को हटाइए अपने हम कार को मारी है जिसके उसे क्रोध द्वेष यह सारी चीजें ए ट्रेड गुस्सा जो आपको जल्दी होता है यह सब जब निकल जाएगा तो बचेगा क्या से प्रेम से प्रेम होगा तो आपके अंदर अपने आप क्यों मन होगा योग होगा जब खुद में योग होगा तो बाकी में भी आप उसी को मिलाने की कोशिश करोगे जो भी होता है वह बाहर से अंदर ही होता है जो हम आज की दुनिया में देख रहे कि सामने वाला हमें कैसे अपने को कितना मार्क्स दे रहा है हमारा आज योग का फंडामेंटल यह कहता है कि हम अंदर से बाहर क्या करते हैं बाकी जो बाहर होगा वह देखा जाएगा हमारे अंदर कुछ विचलित नहीं होना चाहिए कोई संघर्ष नहीं हुआ समानता योग और ध्यान के लिए आप को दर्शन दे पाया हूं मैं ऑल द बेस्ट विशेष योग पाठ थैंक यू
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देखें ध्यान लगाए नहीं जाता है ध्यान एक घटना है क्या बनी है तब होती है जब हम धारणा करते हैं धारणा करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है हम बैठकर अपने बालाजी कलेक्टिविटी हमारे शरीर में जो घटना घट रही है सबसे प्रैक्टिकल है हमारी सांसे वेदर आदि सांसे और जाति सांसो पर अपना ख्याल को दिखाना है सेव करना है आंखें बंद करके कोई भी ध्यान वाले आसन में डालना है सुखासन में बैठ जाइए चाहे पद्मासन में और इस सब उसी समय बैठने के बाद आपने अपनी वेदर आती सांसे हो जाती सांसों की तरह ख्याल करना है धीरे-धीरे आपकी विचार आपके जो मन में है वह कम होना शुरू हो जाएंगे और एक नहीं समझती थी आना शुरू हो जाएगी इसके बाद कुछ दिनों की प्रैक्टिस के बाद और उसको लगातार बाहर बार करने के बाद आपको आत्मसाक्षात्कार हो सकता है और आप आने वाले और अवस्थाओं को प्राप्त कर सकते हैं सदा से हो सकते हैं परमात्मा स्वरुप में एक हो सकते हैं और इसे ऐक्ट्ेस करनी है आपने रोज आपने पद्मासन पर बैठ इसको ध्यान को अपने-अपने धारणा को अपनी सांसो की तरफ लाना है 15:20 मिनट जब भी आप बैठे इसके बाद उसने कि आपने एक सुरुर एक चीज का ख्याल रखना कि आपने प्राणायाम जरूर करना है और उसमें अनुलोम विलोम प्राणायाम तीन-चार मिनट अनुलोम विलोम प्राणायाम करें हर एक फैशन के बाद और दिन में कम से कम भी तीन या चार बार से प्रैक्टिस करें आप पद्मासन में बैठकर अपने सांसों का ख्याल करें 1 मिनट तक और उसके बाद आपने 349 प्राणायाम करना है अनुलोम-विलोम प्राणायाम नमस्कार को शो करें
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लिखित ध्यान लगाया नहीं जा सकता ध्यान लगता है जब आप धीरे-धीरे एकाग्र होने लग जाते हैं और बाहर की चीजों को आप कम से कम देखते हैं और भीतर की और आपकी दृष्टि पड़ती है तो निश्चित रूप से कब जो है आप इस ओर अग्रसर होते हैं हमारे यहां कहा भी गया है अंतर के पट कब खुले जब बाहर के प्रति यानि जब हम बाहर देखना छोड़ देते हैं तो हमारे हम अंदर ही और प्रवेश करते हैं और बाहर की जो दुनिया है यह ग्लैमर है चकाचौंध एक दिखावा है लेकिन जो अंदर का जगत है यह सत्य है यह सनातन है यह दिव्य है यह हमें परम आनंद को देने वाला है जो बाहर की चीजें हैं यह हमें आंशिक रूप से थोड़ी देर के लिए शनि का आनंद दे सकती है लेकिन जो भी चीजें हैं यह हमको अनंत तक ले जा सकती है जो मानव जीवन का जो दिए हैं उस परमात्मा की प्राप्ति उस परमात्मा की प्राप्ति करा सकते हैं
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आयोग में ध्यान की एक प्रक्रिया होती है और ध्यान से पहले कोशिश आते कीजिए के आसन और प्राणायाम को करने की कोशिश कीजिए और अंत में आग लगाने की कोशिश कीजिए क्योंकि जब आप शुरू करते हैं तो आपके बॉडी के विभिन्न भागों विन पार्ट्स भौतिक जाते हैं और आपकी जो पूरी बॉडी है फिर से एक्टिव जाती है और जवाब उसका प्रणाम करते हैं तो बॉडी भी कुछ शांत और इलायची जाती है और आपका जो मन हो जाता है कादर खान की पिक लगा तेल लगाना काफी आसान हो जाता है और बस ध्यान लगाने पूरा ध्यान की शांति को कर पाते हैं और अपने जीवन को शांति की ओर ले जा पाते हैं
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अष्टांग योग में ध्यान सातवां अंग है और उसकी स्थिति तब होती है जब सबसे पहले हम धारणा करना सीख ले भावना से पहले जब हमारी इंद्रियों संसार के विषयों की तरफ उन्मुख रहती हैं बाहर की तरफ गतिशील रहते हैं क्योंकि हम देखें अगर तो पूरे समय हम बाहरी विषयों का ज्ञान प्राप्त करते रहते हैं प्रत्याहार की साधना से जब हम बाहरी विषयों के प्रति इंद्रियों के प्रवाह को रोक लेते हैं तब हम इस स्थिति में आते हैं कि कहीं पर अपने चित्त को एकाग्र कर सके और एकाग्रता अगर लगातार बनी रहे तो उसे ध्यान कहते हैं ध्यान से ही हम इस जगत में अपनी स्वरूप की तरफ यह संसार के किसी वस्तु के प्राप्ति की भी शादी कर सकते हैं इसलिए हम साधारण तय करते भी हैं कि ध्यान से करना ध्यान से ध्यान का मतलब चित्र का एकाग्र होना और चित्त एकाग्र तभी होता है जब वह अपने स्वाभाविक स्थिति यानी कि अपनी चित्त की चंचलता वाली स्थिति से मुक्त होकर एकाग्र की स्थिति में आएं मन को कर देखें आप तो मन में विचारों की अंतहीन श्रृंखला चलती रहती है कभी मन विचारों से सुन नहीं होता और जब मंदिर विचार होता है या नहीं जब मन एकाग्र होता है तो एकाग्रता के साथ ही मन निर्मल निर्मल हो जाता है निर्मल या निर्मल के हैं या अमन के अमन हो जाता है तो ध्यान से हम मन को एकाग्र करना सीखते हैं और एकाग्रता लगातार बनी रहे तो ध्यान और एकाग्रता करने में कुछ बाधाएं हैं तो धारणा और जब इस दोनों की सिद्धि होती है तब हमें समाधि का अनुभव होता है इसलिए ध्यान का अर्थ है एक आग्रह एकाग्र होने के लिए आपको पहले अपनी इंद्रियों के बहिर्गमन को रोकना होगा इसलिए अष्टांग योग में जो आठ अंग है उनका क्रमशः अनुपालन करेंगे तो छुट्टी होगी कई बार क्या होता है हम किसी ने ध्यान कर देते हैं प्राणायाम करने लगते हैं तो फिर हम नहीं मिलता इसलिए आपके साथ का प्रयोग करें तो निश्चित ही ध्यान से आप संसार की वांछित चीजों को तो पा ही सकते हैं साथ ही साथ अपने स्वरूप में भी उपलब्ध होने के लिए ध्यान एक सीढ़ी है उसके बाद स्वरूप के का साक्षात्कार होता है धन्यवाद
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सबसे पहले मैं आपको नमस्कार मेरी तरफ से आपका जो सवाल है पूरी तरह से क्लियर योग में ध्यान कैसे लगाएं कि आप ध्यान के बारे में जानना चाहते हैं कि योग में हम फोकस कैसे करें कि मैं दोनों का ही जूस का मीनिंग दो हो रहा वह दोनों का इमेज ऑफ ने पुस्तक में ध्यान कैसे लगाएं युग में ध्यान लगाने के पहले योग के तरफ उत्तराखंड के पहले आप को आंख बंद करके आज किस-किस टीम दुनिया के बारे में सोचना है क्योंकि आज कृतिम दुनिया में जहां स्वास्थ्य में प्रदूषण खाना में मिलावट चारों तरफ तनाव ऐसे अवस्था में मनुष्य को निरोग एवं चिंता मत रहना असंभव प्रतीत हो रहा है इस असंभव को संभव में बदलता है योग प्रमाण विदाउट मेडिसिन दवा के बिना योग्य कैसा माध्यम है जिसके द्वारा आप निरोग एवं चिंता मत रह सकते हैं इस दुनिया में भी दूसरा कोई और रितिक ने की है तो योग में ध्यान लगाने के लिए पॉइंट आपको मिला है क्योंकि योग में ध्यान लगाने कैसे लगाएंगे पड़ेगा और क्वेश्चन मेरे को दिख रहा है कि योग में योग का एक पाठ है ध्यान उसको हम कैसे लगाएं जैसे युग में 300 यम नियम आसन प्रधान प्रधान मध्यान समाधि उसमें तीन है योग के द्वारा कई जॉइंट संबंधित बीमारी से निजात पा सकते हैं संबंधित बीमारी से निजात पा सकते शक्ति का विकास करके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर आने से प्रवेश करने के लिए रोक सकते हैं यह तीसरा है ध्यान दो आप का सवाल है चंचल मन करता को बढ़ाता है नेगेटिव थॉट को दूर करके पॉजिटिव सोच शुचिता को मस्जिद में रखता है एक आत्मविश्वास बढ़ाता है यह है तो ध्यान लगाने के लिए पहले आपको आसन करना है फिर प्रणाम करना है फिर उसके बाद ध्यान लगाना है ध्यान लगाने के लिए सिर्फ प्रवेश होना चाहिए मौन व्रत होना चाहिए ऐसा जगह में अध्ययन करें जहां थोड़ा ऑक्सीजन भी आए अगर रूम अंधेरा हो ऐसा माहौल होना चाहिए ध्यान कई प्रकार का होता है आप कैंडल जलाकर उसको देखकर भी ध्यान कर सकते हैं दीवाल में गोल शक्ल बनाकर उस पर ध्यान कर सकते हैं अपना स्वास्थ्य पर ध्यान कर सकते हैं उस पर गतिविधि को ले रहे हैं साथ छोड़ रहे हैं उस स्वास्थ्य प्रशासन अभी अपना ध्यान लगा सकते हैं अपना लेवल पर अपना भी ध्यान लगा सकते हैं कई प्रकार का होता है दोनों सवाल के मैंने आपको जवाब देने का कोशिश किया अब मैं कहना चाहूंगा आप अपना जीवन में योग प्रणाम एवं ध्यान को अपनाने वाला देश को निरोग शरीर चिंता मुक्त मन आपको विश्वास भरा दिल बाजुओं मे ताकत जीवन में कुछ कर गुजरने का चाहा दीर्घायु और सुंदर स्वास्थ्य सुंदर निरोग एवं चिंतन के लिए योग स्वास्थ्य बिना धन-दौलत बेकार स्वास्थ्य के बिना धन दौलत बेकार योग अपनाएं यह अंशु सरकार की पुकार और आज का दिन में वर्तमान में इस समय बीमारी पूरा दुनिया का अपना सराउंडिंग अपना सरके में लेने की कोशिश कर रहा है उससे निजात दिलाने के लिए उस निजात पाने के लिए मैं एक ही बात कहूंगा उसको ध्यान से सुने जीवन में इंप्लीमेंट करें लड़ने से पहले हारना नहीं लड़ने से पहले हारना नहीं मरने से पहले मरना नहीं और कोरोनावायरस से डरना नहीं इससे विजय पा सकते हैं उसको पराजय किया जा सकता है और उसको पर आ जा करके पराजित करके हमारा महान देश को मुक्त बनाया जा सकता है धन्यवाद
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आपका प्रश्न है योग में ध्यान कैसे लगाएं तो इसका मतलब यह है कि आप सब कुछ करते हैं लेकिन करने के बाद भी आप उसमें आपका ध्यान नहीं होता है आप कहीं और कुछ सोच रहे होते हैं वह सब कुछ करने के करने के समय तो ऐसा होता है बहुत सारे लोगों के साथ ऐसा होता है कि वह सब कुछ कर लेता है लेकिन करने के बाद भी उसको मालूम नहीं होता उसको उसके बेनिफिट नहीं मिलते हैं क्योंकि वह उस समय कहीं कुछ और ही सोच ना होता है कुछ और ही विचार कर रहा होता है कुछ और ही संकल्प चल रहे होते हैं उसके तो जब भी आप योग करें तो सबसे पहले आप अपने आपको कृपया करके चाहे उत्ता होना चाहिए एक डेडीकेशन होना चाहिए कि हां मुझे मैं जो करने जा रहा हूं या करने जा रही हूं वह मुझे करना है और मुझे पूरी फोकस करके मुझे किस करनी है तो जब आप यह सोचकर आप अपने संकल्प को दृढ़ करके जाएंगे आपकी एक घंटा आधा घंटा दो घंटा जिम्मेदारियों के लिए दे रहा हूं दे रही हूं उसमें यह मेरा अपना समय है और इस समय में मैं कुछ भी नहीं सोचूंगी मैं कुछ भी नहीं विचार करूंगी अपने जो अगर विचार आते भी है उस समय तो आप उसको हटा देंगे आप बोले नहीं तुम चाहो मुझे सिर्फ और सिर्फ अभी योग करने हैं योग में आप योग आसन कर सकते हैं आप प्राणायाम कर सकते हैं और आप मेडिटेशन कर सकते हैं मुद्राएं कर सकते हैं तो आप जब यह सारी चीजें कर रहे हो तो आप अपने आप को बार बार और यह सुझाव दें कि मैं मुझे यह करना है और मैं ही करके रहूंगी डेफिनेटली आप उसमें सफल हो जाएंगे कुछ टाइम बाद और आप कंटिन्यू जब पहनाई हम भी करते रहेंगे ध्यान करते रहेंगे तो आपका सब कुछ आपेक्षित हो जाएंगे सब सही हो जाए
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सबसे पहले योग में आसन और प्राणायाम करने के पश्चात आप सांसो पर निरंतर ध्यान दें आपका ध्यान लग जाएगा
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नमस्कार ध्यान कैसे लगाएं तो आप धारणा का अभ्यास कर ले धारणा का अभ्यास अभ्यास में प्रगति होते ही आपका मन जो है संस्था के साथ एकाद रहो एकाग्र होने लगेगा फिर ध्यान जो है बिना किसी प्रयत्न के ही शादियां होने लगेगा उसके लिए कुछ विशेष करने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी ध्यान लगने के लिए यह जरूरी है कि धारणा का अभ्यास अच्छा हो धारणा की तुलना में ध्यान अधिक सूक्ष्म और दीर्घकालीन होता है ध्यान में आलंबन का एक और रूप से ऐसे निरंतर अनुभव होता रहता है और साधक का मन जो है उस से निर्मित होने वाले या प्राप्त होने वाले आनंद में तल्लीन हो जाता है हो जाता है इसलिए यह कहा भी जाता है कि ध्यान किया नहीं जाता है वह अपने आप हो जाता है हर प्रश्न में हम आपको बताते हैं कि थोड़ा सा शुरू शुरू में मन भटकता है धीरे-धीरे आप अभ्यास करेंगे तो आप उस में तल्लीन होते जाएंगे और ध्यान जो है वह अपनी उसके जवाब जो है अंदर से खुद-ब-खुद मिलते हैं तो आप धरना का ब्याज करके ध्यान की ओर बढ़ेंगे तो हंड्रेड परसेंट आपको बहुत सारा इसका लाभ प्राप्त होगा धन्यवाद
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योग में ध्यान लगाना बहुत याराना जब भी आप योग करें पर देखते जाएं कि कैसे आए जब हम लोग कर रहे हैं तो कैसे हमारा शरीर अपने आप चल रहा है सांस कैसे अंदर बाहर हो रही है उसके बाद में आसन वगैरह करके उसके बाद में प्राणायाम करें और उसके बाद में ध्यान करें स्वास्थ्य पर ध्यान ले जाएं अंदर आतिशबाज आत्मविश्वास का ध्यान करें फिर अपने विचारों पर ध्यान करें जो भी मन में विचार आ रहे हम को देखें कोई भी भाव ट्रेन को भी देखें जो भी कोई विचार आ रहा है उसको रोके ना आने दे जाने दे आप छम करती जाए तो ध्यान अपने आप लग होने लगेगा जब योग करेंगे तो ध्यान अपने आप लगाना नहीं पड़ेगा अपने आप होने वाले
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योग में ध्यान लगाने के लिए आपको यह महत्वपूर्ण उपयोगी होगा क्योंकि अगर आप ध्यान लगाएंगे तो ध्यान तभी आपका लगेगा जब आपका मन शांत होगा शरीर चंचलता दूर होगी तभी आपका ध्यान लगेगा तो उसके लिए आपको किसी केंद्र बिंदु पर या मूर्ति पर ध्यान लगा सकते हैं या अपने देवस्थान पर जहां अपने भ्रमण किया उस पर आप ध्यान लगा सकते हैं और आपको ध्यान लगाने के लिए किसी शांत स्थान पर बैठने की व सकता हो गई जिससे आपको जो मन शांत हो जाएगा तो आपका जो अभ्यास होगा बड़ा परिपक्व हो जाएगा तो प्रयास यह रहे कि ध्यान लगाना है तो एक किसी एकांत में बैठकर आप ध्यान लगाने का प्रयास करें जिससे आप लगातार कुछ देर तक आप बैठ सकते और अगर आपको ध्यान लगाने के पहले हो सके तो गायत्री मंत्र का लगभग आपका साथ सचिव अबार अभ्यास कर सकते हैं महामृत्युंजय मंत्र का अभ्यास कर सकते हैं इसके बाद लगाएं और भस्त्रिका का अभ्यास करें भस्त्रिका कपालभाति अनुलोम विलोम भामरी करने के बाद आकर आप ध्यान लगाएंगे तो बहुत अच्छा लगेगा ध्यान और आनंद की अनुभूति भी होगी आपको
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योग में ध्यान कैसे लगाएं योग में ध्यान कैसे लगाएं इससे ज्यादा इंपोर्टेंट है मैं योग मतदान क्यों लगाऊ चोले गांव में ध्यान अपने आप से पूछे हैं सवाल मैं क्यों लगाऊ क्या जरूरत है मुझे ध्यान लगाने जब तक कोई कारण ना हो तब तक ध्यान नहीं लगाना हां कहते हैं कि यह हमारे मेडिटेशन की जो गुरु हैं यह बोलते हैं कि ध्यान लगाओ इसलिए ध्यान लगा रहा लोग ध्यान लगा रहे हैं सारे ध्यान लगा रहे हैं इसलिए मैं भी ध्यान लगा रहा हूं यह वजह है हमारी जान ले बानी जब तक कोई वजह नहीं होगी तब तक नहीं लगेगा क्यों का उत्तर मिलते ही कैसे लगाना अपने आप आ जाएगा जैसे कि मान लीजिए जंगल में आग लग गई है और आप जंगल के बीच में है अब आपसे कहते हैं कि भागो तो आप यह नहीं पूछा कि कैसे भरना असंभव हो गया क्योंकि क्यों का उत्तर मिल गया ना कि क्यों है भागने जरूरी माली जी एक दीवार दीवार के पीछे खजाना है अब आप मेरे को थोड़ी पूछोगे कि इसको कैसे थोड़ी ना है क्यों तोड़ना है यह क्लियर हो गया रे योग में ध्यान कैसे लगाना है अपने आप पता चल जाएगा ढोकले से तो होना है और तो क्या करना है अल्टीमेट गोल क्या है तो हमारी स्टेशन का जन्म ध्यान में बैठते हैं थॉटलेस होना है एक ऐसी अवस्था है जिसमें ना तो सुख देना दुख है ना भविष्य है ना भूतकाल है विचारों से भी पेड़ पर चल गया ना जागृत अवस्था है ना नीम की अवस्था बीच की अवस्था है बुजुर्ग स्थिति है आजकल तो मेडिटेशन के बारे में इतना कुछ प्रचार हो चुका है करने वाला कर सकता है हजारों तरीके बस आपको यह क्लियर हो जाए कि मैं क्यों करूं मुझे क्या आवश्यकता आन पड़ी है ऐसे हजारों तरीके उनमें से जो तरीका पसंद हो अपना लेना इसमें पूछने वाली क्या बात है और अगर यार मेरी जो लेक्चर है अगर आपको पसंद आता है तो प्लीज लाइक शेयर किया करो अच्छा लगता है गुड फीलिंग होती कमेंट भी किया करो प्लीज और फोन कर सको तो बहुत अच्छा है मैं फोन नंबर है 90 57540 3759 037 540 375 90 57540 375
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आपका फेस नहीं जोड़ने ध्यान कैसे लगाएं तुम ध्यान कैसे लगाएं अगर इसके बारे में पूछ रहे हैं तो मेरा सलाह यह होगा आपको कोई गुरु अगर है तो गुरु के शरण में जाएं और वहां से लगाने का तरीका सीखे तो अच्छा लगा पाए लेकिन आप को समझाने के लिए मैं यह बात बता दूं जिस तरह कछुआ का उदाहरण में जिस तरह बाहर की दुनिया से अगर कोई भी अच्छी आती है तो वहां से बचने के लिए कुछ वजह से अपना भाई-बहन बहिरंग जो स्टनल और जान से जैसे आप पैर हो गला गर्दन होने को सारा चीज को अंदर कर लेती है बाहर की स्थिति से बचने के लिए तो उसे भरने के लिए हिसाब से हमारा पंच इंद्रिय अपना काम में लगे रहते हैं तो आपने अपने ऑफिस से बस्ती से जौनपुर में लगा रहता है आप कुछ देखने के लिए अच्छा लगता है वह उसी के ऊपर टिका रहता है टेस्ट जो जिसमें अच्छा हमको लगता है वह चीज में हमारा मन हमेशा रहता है और सुन जो चीज में जो बात हम को सुनने अच्छा लगती है तो वही चीज में हमारा मन लगा रहता है तो हमारा इंद्रियां हमारे कंट्रोल में नहीं रहती जब आम आदमी के बारे में बात कर रहा हूं तो यह जो होते हैं उनको बस करने के लिए जिस तरह कछुआ अपना भाई रंगों को अपने अंदर संभाला था उसी तरह हमारा इंद्रियों को अगर सैया में लाते हैं मैं कंट्रोल में लाते हैं मन को कंट्रोल करके लाते हैं तो सारा जो जितना बेस्ट वस्तु इंद्रोका उनसे उधर करके हम अपने अपने मन के अंदर अपने शरीर के अंदर हो कोई भी एक जगह हो कोई ईश्वर में हो किसी में भी हम अगर अमन का निवेश करते हैं हमारा इंद्रियों को वीडियो करके मतलब वहां से लेकर एक ही जगह पर अगर हम एक चीज पर हो एक परमात्मा में हो कोई भी ईश्वर में हो या आइब्रो सेंटर में हो कहीं भी जगह में शरीर के अंदर कोई भी जगह अगर हम अपना ध्यान भी चेक करते हैं तो वह होता है ना होता है और उसके बाद धरना अगर ज्यादा समय तक चले वही एक ही चीज पर हमारा मन टीका रहे लगा रहे अनवरत लगा रहे तो उसके बाद जो स्थिति याद है वह मृत्यु होती है ध्यान होती तो इसमें आपका सिखाते हो जाती है और अब मन की शांति मिलती है और शारीरिक तनाव बढ़ता है बहुत सारा फायदा इसका है धन्यवाद
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ध्यान लगाने के लिए सबसे पहले आपको त्राटक से स्टार्ट करें और त्राटक के बाद जो आपके मस्तिष्क के बीचो बीच की जगह है वहां आपको अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं या दूसरा तरीका यह क्या आप अपनी अपने अंगूठे को अपनी थोड़ी पर लगा ले और जो छोटी उंगली है जो सबसे छोटी उंगली होती है तर्जनी उंगली उसको आप गौर से देख कर रहे देखते रहे धीरे-धीरे आंखें बंद करके उसके टिप को अपनी आंखों के अंदर सवाल है और उसको लगातार अब उस पर ध्यान केंद्रित करते रहे आकर बंद करके
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आदि खेलों में ध्यान कैसे लगाएं तो मैं जो मानती हूं लाइफ में जहां पर आपको फोर्स फुली ध्यान लगाना पड़े वह ध्यान ही नहीं नहीं तो आपको सबसे पहले देखी योग मेडिटेशन हमें जब भी करना होता है सबसे पहले हमें अपने जो इमोशनली हम इंबैलेंस है उसको पहले बैलेंस करना है क्योंकि देखिए अगर मन में विचार चल रहे हैं दुख तकलीफ निराशा 5k पेनफुल मेमोरीज है आपके पास कोई और हम उस कंडीशन में अगर योग साधना या मेडिटेशन करना चाह रहे हैं तो हम कभी भी ध्यान नहीं लगा पाएंगे तो योग करने से पहले आपको अपना इमोशनली वैलनेस की तरफ जाना होगा थोड़ा सा आपको सिर्फ दो इनके अपने ध्यान दीजिए और फोर्सफुली कुछ भी नहीं करना है इसमें क्योंकि जहां हम जबरदस्ती ध्यान को खींच कर लाएंगे वहां पर आप ध्यान लगा ही नहीं पाएंगे तो आप योग साधना शुरू करने के लिए आप एक ऐसा समय सुनिए जो प्रिफरेबली मॉर्निंग होता है अर्ली मॉर्निंग इसलिए उस समय आपको एक शांति का माहौल ऐसा मिल जाता है कि आप ध्यान लगा पाते हैं और सेल्फ एनालिसिस कर पाते हैं जब आप अपनी दैनिक दिनचर्या से थोड़ा सा दूर और टेंशन से दूर होते हैं तो सुबह का वक्त या अगर आप शुरू में सुबह नहीं कर पाएंगे तो आप कोई भी ऐसा टाइम सुने दिन में आपको 10:15 मिनट कोई डिस्टर्ब करने वाला ना हो और आप आराम से बैठ सकें एक ऐसा स्थान जो शांतिपूर्वक को साफ सुथरा हो क्या सबसे फ्री हूं और ऐसे स्थान पर बैठकर सिर्फ अपनी आंखें बंद कीजिए और आप अपनी सांसो पर अपना ध्यान केंद्रित कीजिए मन भटके बार-बार भटके गा अक्सर भटके गा लेकिन उस वक्त कर लेना जाकर आपने सिर्फ उसे वापस अपनी सांसो पर खींच कर लाना है और अब देखेंगे धीरे-धीरे ऑफिस चीज दिमाग सही कर लेंगे और धीरे आपको ध्यान लगाना नहीं पड़ेगा खुद-ब-खुद आपका ध्यान लगना शुरू हो जाएगा इसी तरह की बहुत सी जानकारी के लिए आप मुझे यूट्यूब पर सब्सक्राइब कीजिए जिन्होंने छावन मास्टरमाइंड जहां पर आपको अमेजिंग लाइन तकनीक और जीवन का सार कहानियों के रूप में मिलेगा और आप और अच्छे से लाइफ को अपनी जिंदगी को समझ पाएंगे थैंक यू सो मच
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युग में ध्यान लगाने के लिए पद्मासन में या सुखासन में बैठकर आंखें बंद करें और आंखें बंद कर अपनी श्वास को आंतरिक दृष्टि से देखें स्वास्थ्य आर्य समाज आर्य बस इसी पर हमारा पूरा का पूरा ध्यान केंद्रित रहेगा जिससे मारीशस जल्दी नार्मल होती परम ज्ञान के लिए अग्रसर होते हैं एक कोई विचार आता है तो उसको आने दो जाता है उसको जाने दो विचारों को रुकना नहीं है इसके जैसी आएगी धीरे-धीरे के विचार आना बंद हो जाएंगे और हमारा मन निर्विचार हो जाएगा और हमारा मन पूरी तरह से ध्यान में लग जाएगा और एकाग्रता एकाग्रता की तरफ हमारा मन बढ़ने लगेगा इस तरह से मारा ध्यान में पूरी तरह से मन लग सकता है
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अलार्म राम जी की आपका ध्यान कैसे लगाएं और आप सुबह उठकर के सुबह अगर आप 5:00 बजे उठ जाते हैं तो फ्रेश होकर के योग के लिए गर्मियों में सबसे पहली टाइम है आप उठ करके किसी खुली जगह पर बैठ जाए चटाई वगैरा या दरी बिछाकर बैठ जाएं और पहले अपने हड्डी को सीधा करके कम से कम 2 मिनट ओम का उच्चारण करने के बाद आप जो है कपाल भारती करें अलोम विलोम करें भांबरी करें फर्स्ट का करें जब आप लोग का उसके बाद शांति शांति शांति ओम कर के हाथों को हथेलियों को रगड़े और आंखों पर लगाकर आंखों हल्का दबाव देखे आपको धीरे-धीरे योग करते टाइम आप आंखें बंद रख सकते हैं बाघ ने जब ओम शांति शांति बोल के हाथों को अपने आंखों में आते-आते लगाएं और युग में धन लगाने के बाद रही तो आप हो या के भूखे जो दो भगोडे उनके बीच में अगर आप अपना मन से करते हैं थोड़ी देर बाद चले जा रहे हैं चले जाते रहेंगे तो आपका ध्यान हो जाएगा और आप योग में आपका ध्यान लग जाएगा क्योंकि बहुत सारी समस्याएं आती है दिमाग में चलती जवा हम लोग पूजा करते हैं योग करते हैं मेडिसन करते हैं उन्हें रोकने का धीरे-धीरे लगातार का प्रयोग करेंगे आपके पास क्या यही होता है आपका दिन शुभ हो
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दी कि अगर आप युग में ध्यान लगाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको योग के प्रति अच्छी सोच रखनी होगी और आपका ध्यान योग के प्रति केंद्रित होना चाहिए और आपके अंदर पोस्टिक सोचो और आपको योग कोई भी लक्ष्य समझना है लक्ष्य समझकर हम अगर इस कार को करते हैं तो हम सफल होंगे और हमें इस कार के अलावा कोई और काम नहीं करना है या नहीं हमें उस पर केंद्रित करना है और इसे किस ढंग से किया जाए इसके बारे में सोचना होगा
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