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हेलो देसी कोई भी संस्थान हो मीडिया संस्थान हो या जो भी संस्थान जो भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं इंडिया को रिप्रेजेंट करते हैं उसकी बात करते हैं तो उनकी लिखित सबसे फर्स्ट जो रिस्पांसिबिलिटी है जिम्मेदारी है वह है अपने देश को अपने नेशन को सब करना उसकी सेवा करना और उसके लिए काम करना जो हमारे नेशनल इंटरेस्ट है जो भारतीय हित हैं उनके पक्ष में रहना और जो भी कीजिए इंडिया को आगे बढ़ा सकती हैं वह काम करना और जो भारत की समस्याएं हैं चाहे वह राष्ट्रीय समस्याएं हो या प्रादेशिक समस्याएं हो या कहीं की लोकल समस्याएं उनको एड्रेस करना उन को संबोधित करना और उनकी उन समस्याओं की पहलुओं पर विश्लेषण करना और यह बताना किन समस्याओं को कैसे दूर किया जा सकता है या इन समस्याओं के लिए सरकार ने की क्या योजनाएं हैं क्या नीतियां हैं क्या पॉलिसीज हैं तथा यह पॉलिसी यह योजनाएं किस तरह से इन समस्याओं को इन मुद्दों को दूर कर सकती हैं तो जो भी सरकार की योजनाएं हैं जो भी उसके लिए सरकार के दिशा निर्देश हैं वह किस तरह से इंप्लीमेंट हो सकते हैं और अगर इंप्लीमेंट नहीं हो रहे हैं अगर वह काम जमीन पर नहीं उस समस्या का समाधान या वह काम जमीन पर ग्राउंड रियलिटी पर नहीं हो रहा है तू क्यों नहीं हो रहा है और समस्या को कैसे कैसे समाधान और उसका सलूशन निकाला जा सकता है यह चीजों पर मीडिया संस्थानों को बात करना चाहिए उनका काम होना चाहिए जो भी नेशनल इंटरेस्ट हैं उनका हर तरह से सर्व हो सके तो उनका यह काम होना चाहिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का यही मतलब है कि अगर आप मीडिया को यह कहकर मेंशन करते हैं यह कह कर कह कर जो है संबोधित करते हैं कि मीडिया न्यूज़ चैनल या न्यूज़पेपर लोकतंत्र का चौथा किलर हैं तो फिर ऐसा तो यह प्लाजो कि उसके उसको पूरे देश को संभालने का काम करता है करते हैं चाहे वह न्यायपालिका हो एग्जीक्यूटिव यानी कार्यपालिका हो संसद हो या आपका न्यायालय हो या मीट क्या हो तो यह सभी जब लोकतंत्र के स्तंभ हैं तो इस तंबू को काम है कि बिल्डिंग को खड़ा रखना स्तंभों काम है कि उनके लिए काम करना उन मजबूत बने रहना अगर स्तंभ मजबूत हैं किसी भी लोकतंत्र के तो वह लोकतंत्र कभी को लेफ्ट नहीं हो सकता या डैमेज नहीं हो सकता और वह अधिक से अधिक सालों तक बना रहता है और अच्छी तरह सरवाइव करता है वहां पर रहने वाले लोग जो हैं उनकी समस्याएं जो है या जो भी उनके उनकी अच्छाई के लिए उनके बैटमैंस के लिए काम होता रहता है अगर यह चारों स्थान सही से काम करते रहते हैं अगर दिखी कार्यपालिका सही से काम करती रहती है संसद सही से काम करती रहती है या न्यायपालिका काम करती रहती इसी तरह चौथा स्तंभ हमारा जो मीडिया है यह भी अच्छी तरह से काम करता रहता है तो यह जाहिर है ड्यूटी 24 दे कि हमारा लोकतंत्र जो है नई ऊंचाइयों को छू सकेगा और यहां की जितनी भी सारी समस्याएं हैं चाहे वह गरीबी हो बेरोजगारी हो या सोशल जस्टिस शनि सामाजिक न्याय हो या जो भी समस्याएं हमारे देश में आज हैं 250000000 गरीब लोग हैं हमारे यहां और बेरोजगारी की समस्या है जो कि बहुत सालों से बनी हुई है कितने विकेट से कितने दशकों से वह उस समस्या का समाधान यह चारों स्तंभ मिलकर चारों पिलर जो है वह मिलकर कर सकते हैं वह संसद हो यानी विधायक का हो या कार्यपालिका हो पालिका हो या मीडिया इन चारों को मिलकर साथ में समाज को मिलाकर समाज के लिए सही से सही दिशा में काम करना तो यहां पर यह देखना है कि अगर जो भी अगर जो भी स्तंभ सही से काम नहीं कर रहा है वह स्तंभ को जो विद्वान है जो इंटरपोल से जो बुद्धिजीवी हैं उनको पर उनको उसकी एक समालोचना करनी चाहिए एक क्रिकेट हाईलाइट क्रिटिसिजम करना चाहिए कि कौन सी थम सही से काम नहीं कर रहा है अगर कार्यपालिका सही से काम नहीं करती है तो लोग इसकी आलोचना करते हैं अगर न्याय अगर न्यायपालिका यह गर्मी काम नहीं करती है तो बुद्धिजीवी आकर 11 डिस्को चलाई घूमर सुनाएं कि ऐसा क्यों होता है और हम ऐसे मीडिया संस्थानों का समर्थन करें जो किसी भी निष्पक्ष होकर बात करते हैं जो पार्सल इंपार्शियल्टी दिखाते हैं जो किसी के पक्ष में झुका वर्जिन मीडिया संस्थान का जिन प्रिंट के पास का उनको थोड़ा सा अवॉइड करें और जो जो मीडिया संस्थान का निष्पक्ष होकर बात करते हैं या एक हल्की-फुल्की सब की विचारधारा कहीं ना कहीं झुकी हुई रहती है कोई लेफ्ट को समर्थन करता है कोई राइट को और कोई किसी धर्म विशेष को कोई किसी धर्म को लेकिन जो अगर लैस मीनिंग है कम झुकाव वाला है उसको हमें समर्थन करना चाहिए तो ऐसा है कि लोकतंत्र तभी सक्सेज हो सकता है अगर यह सारे संस्थान जितने भी संस्था ने वह अपने अपना काम ईमानदारी ट्रांसपेरेंसी अकाउंटेबिलिटी रिस्पांसिबिलिटी के साथ करें
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