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जिसके पास पैसे हैं पावर है लोग उसकी ज्यादा सुनते हैं क्योंकि जिसके पास पैसे हैं वह पैसा फेक के हर एक चीज में सोचता है कि मेरा काम जल्दी और हमारी सरकार भ्रष्ट है और भ्रष्टाचार ज्यादा होने का है पैसे वालों लोगों को भाव ज्यादा दिया जाता है भाई इसलिए सब चीजें हैं तो मेरे ख्याल से इसीलिए हमारा सिस्टम है भ्रष्ट है इसी कारण से दिक्कत होती है धन्यवाद
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देखिए अगर हम भारत की जो आबादी है उसको 3 पार्ट में डिवाइड करें तो हम क्या सकते हैं उच्च वर्ग मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग या गरीब पर अभी के भारत में गरीब रथ की सबसे ज्यादा आबादी है 508 परसेंट लोग जो है कम से कम जो है वह गरीब वर्ग में आते हैं और इस वजह से उनका वोट बैंक का सबसे ज्यादा है लेकिन जो अमीर वर्ग है उनकी आबादी तो बहुत कम है 75 परसेंट भी नहीं होगी हो सकता 12 परसेंट भी हो लेकिन जो सरकार को जो पैसा आता है इलेक्शन लड़ने के लिए तो पॉलिटिशंस करते हैं करते हैं उनका भी ध्यान रखना है गरीब लोगों का ध्यान रखना है क्योंकि वह 70% वोट है उनका पर उनको करना गलत करेंगे तो कैसे इलेक्शन जीतेंगे और जहां से मध्यम वर्ग का सवाल आता है बहुत पैसा है देने के लिए और ना ही उनके पास में उतना बड़ा वोट बैंक है जो गरीबों के पास में है और इसी वजह से जो है सरकार ने जो है WhatsApp मध्यम वर्ग के बारे में विचार नहीं करती हैं और केवल अमीर और गरीब वर्ग के बारे में विचार करते हैं
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सीधी सी बात है मध्यम पर ना सरकार को वोट दे सकती है ना नोट दे सकती है क्योंकि यह दोनों चीजें सरकार एक सरकार को चलाने के लिए बहुत इंपॉर्टेंट है वोट बैंक जो सरकार का है वह गरीबों से आता है वह लोग नीचे वाले वर्क से आता है और जो नोट है जिससे कि सरकार की अपने काम चलते जिसे की पार्टी चलती है यानी कि उनके कैंपेन उनके और उनके खरीदने के तरीके हैं यह सब कुछ चलता है यह सब उनको इंडस्ट्रियल एरिया है कि मुझे वाले जो वर्क वाले होते हैं मध्यम वर्ग इन को कुछ नहीं दे सकते हो उतनी बार दे सकते हैं जिससे कि उनका कोई इनके मेजोरिटी या कुछ हो सकती है इसलिए मध्यम पर एक वर्कर एंड की तरह से होते जी की तरफ से जिसकी कोई इंपॉर्टेंस नहीं है सरकार की नजरों में बस उनको कुचलकर सरकार आगे चाहती है या तो श देती है जो कहते हैं जो कि नीचे वाले वर्ग वाले लोगों के लिए उनके जो स्कीम्स होते हैं वह करती है या फिर ऐसे लॉज निकालती है जिससे कि इंडस्ट्रियलिस्ट को फायदा होगा कि मध्यम वर्ग सरकार के लिए कोई महत्व नहीं है
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सरकार मध्यम वर्ग के ऊपर इसलिए विचार नहीं करती है क्योंकि मध्यमवर्ग टूटा हुआ है बिखरा हुआ है और जो एससी एसटी है उनमें एकता है उनको अगर उनका वोट बैंक क्या है फिक्स एकदम उनको अगर हाथी पर वोट मारना है तो वह सीधे जाकर हाथी को वोट देते हैं इसलिए जितनी भी सरकारें हैं को सबसे अधिक एससी एसटी वालों पर ध्यान देती अगर मध्यमवर्ग जिस दिन काबिल हो गया जिस दिन मध्यम वर्ग में एकता गई मध्यम वर्ग का बिल तो है लेकिन उसके अंदर दिखता नहीं है जिस दिन एकता आ जाएगी उस दिन सरकार मध्यम वर्ग के ऊपर ध्यान देगी धन्यवाद
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सरकारी मध्यम वर्ग के बारे में विचार क्यों नहीं करती उन्हें अनदेखा क्यों करती होती क्योंकि हमारे भारत देश में गरीबी रेखा के नीचे रिपोर्ट के हिसाब से 25 से 30% गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन यापन 15 से 20 के ऊपर 15 20% उच्च मध्यम वर्ग इस तरह से अगर देखा जाए तो अमीर वर्ग 2 सुपर रिच फैमिली और पर ट्रैक्टर घराने से संबंधित है और वह 3 से 5% ने कहा जाता है कि 3% और 97% पीपल कोट पैंट सिर्फ देने वाला है तो 50 से सब्जी है गरीब वॉशिंग मशीन फोन कीबोर्ड इसके अलावा उच्च मध्यम वर्ग और उनको फंडिंग करता है मतलब चुनाव के लिए लड़ने के लिए उच्च मध्यम वर्ग की फंडिंग नहीं करता लेकिन सुपरहिट जो कम से कम 500 500 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं वह चुनाव की छलनी करते हैं उनका भी एक वजन होता है राजनीतिज्ञों के पास बीच में रह गया उसके लिए सोचने के लिए सरकार के पास कोई भी कारण नहीं लगता है कि वह चुनाव में कैसे असर करता हूं फिर वह अक्सर बुद्धिजीवी वर्ग को तेल और अपनी आय को इस तरह से मेहनत करते हैं बचत वही करते हैं तरफ से उसको पर सरकार का ध्यान कम जाता है सिर्फ उसको वह समझते हैं कि यह हमें कुछ देने वाले नहीं है सिर्फ वोट दे सकते हैं इसलिए उनके लाभ के लिए सरकार कंप्रेस सकती है उनके हिस्सा कम यह व्यक्ति लेकिन वर्तमान सरकार ने उनको एक बार मध्य मैच के लिए और नौकरी पेशा लोगों के लिए एक बार अवश्य ध्यान देना पड़ेगा क्योंकि सबसे बड़ा बस यही गरीबी रेखा के नीचे जो है वह तो उनको वोट बैंक है लेकिन उस वह भी सबसे बड़ी वोट बैंक किसी भी प्रकार की होती है यह अलग बात है कि सरकार ने उसको पर ध्यान नहीं देती बुद्धिजीवियों का इतना ज्यादा वह ध्यान नहीं रखती नौकरी पेशा लोगों का इतना ज्यादा ध्यान नहीं रख पाती लेकिन सवाल है कि सरकारी मध्य मध्य के बारे में विचार क्यों नहीं करती क्योंकि सिर्फ वोट देते हैं ना ही वह कोई संगठित क्षेत्र से असंगठित क्षेत्र में के स्वरों एकदम हिट सुपरहिट से मिली है तो एकदम गरीबों का दाता कम
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जी हां मैं आपकी बात से पूरी तरह से सहमत हूं कि कोई भी सरकार जो सत्ता में आती है वह कभी भी मध्यम वर्ग के बारे में क्यों नहीं सोचते है क्यों नहीं विचार करती है क्यों हमेशा मध्यम वर्ग को अनदेखा कर दिया जाता है जबकि कोई भी सरकार गरीबों के लिए जरूर कोई ना कोई योजनाएं बनाती है अमीरों का समर्थन जरुर करती है पर मध्यम वर्ग के लिए क्यों ऐसी कोई योजना नहीं बनाई जाती क्यों उनकी सहायता नहीं की जाती बल्कि मध्यम वर्ग में भी कई सारे ऐसे लोग हैं जो बेरोजगारी है या फिर पैसे की वजह से या फिर महंगाई की वजह से कुछ ना कुछ समस्याओं को झेल रहे हैं पर फिर भी उनके लिए कोई भी सहायता नहीं है और भेजती सरकार तो यह बात आपकी सही है कि हमारे देश में ज्यादातर लोग मध्यम वर्ग से हैं पर फिर भी उनकी सहायता के लिए कुछ सरकार है नहीं करती हैं तो यह सूची चाहिए सरकार को और मध्यम वर्ग के लोगों को अनदेखा ना करके बल्कि उनके बारे में भी कुछ ना कुछ योजनाएं बनाई नहीं चाहिए उनके लिए भी कुछ न कुछ राहत दया सुविधाएं देनी चाहिए ताकि वह अपनी जिंदगी को आसान बना सके
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सरकार सारे वर्गो को ध्यान में रखकर करती है जैसे के एक लग्जरी आइटम के ऊपर में ट्रक चालक से लगाया हुआ है खाने-पीने का आइटम तो उन्होंने कम टैक्स लगाया हुआ डिपॉजिट इनकम ज्यादा इनकम टैक्स है किसका ज्यादा है उन पर ढाई लाख तक इनकम टैक्स इनकम इनकम टैक्स नहीं है तो ऐसा नहीं है कि सरकार कौन देखा करती है भाई के वह सबका ध्यान रखती है और उनकी हिस्से में वह सब के घर आकर अट लीस्ट बिजली नहीं पूछेगी तो ऐसा होता है तो वह मध्यम वर्ग को अनदेखा नहीं करती है लेकिन उनको सो सबका ध्यान रखती है
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सरकारी मध्यम वर्ग को लेकर विचार इसलिए नहीं करती हैं आपके जो मिडिल क्लास है वह ऑलरेडी संपन्न है और जब चुनाव होते हैं तो मिडिल क्लास का इंटर फोटो की तरफ नहीं होता है वह कैंडिडेट को देखकर वोट करते हैं वह पार्टी को देख कर वोट नहीं करते वह डलहौजी को देख कर वोट नहीं करते वह कैंडिडेट के कैरेक्टर कैंडिडेट क्या उनके लिए रिलाएबल है कैंडिडेट रश्मिरथी इन सारी चीजों को इन सारी चीजों पर अगर सारे पैरामीटर पर कंटेंट बरकातहू मॉडल का सपोर्ट करती है दूसरा मिडिल क्लास में जो लोग आते हैं वह हाइली एजुकेटेड इसलिए वह जब अपने वोट का चुनाव करते हैं तो एक अच्छा कैंडिडेट देखकर चुनाव करते हैं इसके अलावा अगर बात की जाए जो दूसरी क्लास है जो अब BPL फैमिली इसमें जो लोग आते हैं स्पेशली और एक पर्टिकुलर जो SC ST का वोट बैंक स्टेट बैंक ऐसा है कि बहुत ज्यादा है जो हमारे देश के नेता हैं उनको अपनी बातों में अपनी बातों से इसलिए अनफ्रेंड कर लेते हैं जाति के नाम पर उन को भड़काकर उनसे पूरा वोट बैंक ले लेते हैं हालांकि उनके मेले के लिए प्रश्न का भी नहीं करते तो सरकार को कहीं ना कहीं लगता है कि मतलब और पहले से ही संपन्न मध्यम वर्ग के चुनाव में वोट देता है तो कैंडिडेट को देखकर चुनाव में वोट देता है उस सिंबल को देखकर नहीं देता इसलिए मध्यम पर सरकार का फोकस थोड़ा कम रहता है और उन्हें मालूम है कि जैसे मुस्लिम वोट हुआ है SC ST गुड हुआ यह पोस्ट किसी भी पार्टी कूलर पार्टी के तरफ पूरा ट्रांसफर हो जाता है तो इसलिए ज्यादातर पार्टी इन्हीं गुणों पर फोकस करें
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आपने मध्यम वर्ग का जिक्र किया कि सरकार के बारे में विचार क्यों नहीं करती कोई काम नहीं करेगा ऑल इज वेल कश्मीर मुद्दे पर आप पर आतंकवादियों के मुद्दे पर काला धन स्विस बैंक में था उसका दोनों को परेशान किया नुकसान भी हो गए तो मैं जरुर आपको देता मैं आपको परेशान किया तो काम तो आपने किसी
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हमारे देश कि केंद्र सरकार आज ऐसा लग रहा है कि मध्यम परिवार और गरीब तबके के जितने भी लोग हैं उसे भूलते जा रही है क्योंकि उनके विकास के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहे पढ़े लिखे युवा बेरोजगार बैठे हैं उन्हें नौकरियां नहीं मिल रही किसान हमारे देश में आत्महत्या करने को मजबूर हैं उनकी हालत दयनीय होती जा रही है लेकिन सरकार मुझे लगता है उद्योगपतियों की मदद करने में लगी हुई है तो सरकार को जल्द ही इस दिशा में कुछ ना कुछ सोचना चाहिए क्योंकि भारत की अधिकांश जनता आया तो मध्यमवर्गीय है या फिर गरीब तो अगर उनके विकास के लिए सरकार नहीं सोचेगी तो आने वाले लोकसभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा सत्ता गवा कर चुकाना पड़ सकता है
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मध्यमवर्ग को कभी भी किसी भी सरकार ने प्राथमिकता नहीं दी है और इसका जिम्मेदार भी मुझे लगता है मैं खुद की वर्क हमेशा चुनाव में आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और वह डालते हैं किंतु मध्यम वर्ग की दिलचस्पी हमेशा बदलती रहती है कभी वह वोट डालने में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं और वोट डालने जाते हैं और कभी वह वोट को डालते ही नहीं है उसका इतना मानते ही नहीं है और ना ही मध्यम वर्ग में कभी भी आगे आकर अपनी परेशानियां अपनी समस्याएं सरकारों को बताई है सरकार के सामने हमेशा भारत का गरीब वर्ग शिक्षक के रूप में रहा है क्योंकि वह बड़ी जनसंख्या में हमारे देश में मौजूद है और सरकार चाहती है कि उनका वोट नहीं मिले इसलिए उनकी जो भी परेशानियां हैं उनकी जो भी समस्याएं हैं उन पर हर सरकार का फोकस रहता है और सरकारी चाहती है और उन्हें सुविधाएं दी जाए ताकि वह वैसे ही सरकार को इतना खुश देखता है कि सरकारें हमेशा उनका ध्यान रखती है मध्यम वर्ग ही ऐसा है जो अनदेखा रह जाता है मध्यम वर्ग में भी ऐसा नहीं है कि बहुत कम जनसंख्या है काफी बड़ा वर्ग आज मध्यम वर्ग में आता है छोटे व्यापारी छोटे से थोड़े बड़े व्यापारी और नौकरी पर हेलो कहां की जनसंख्या है मध्यमवर्ग कि मुझे लगता है सरकारों के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए नहीं तो मध्यम वर्ग की वजह से भी बांट सकते हैं
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