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नमस्कार आपका प्रश्न है जिससे इंसान में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती क्या वह इंसान जानवरों के समान है देखिए कहीं ना कहीं इंसान और जानवरों में एक ही फर्क है कि व्यक्ति तोड़ सकता है अपने बुद्धि का इस्तेमाल कर सकता है जानवर उसका इस्तेमाल एक लिमिट तक कर सकते हैं इसलिए जो व्यक्ति सोचने समझने की ऊपर ध्यान नहीं देता मैं कहीं ना कहीं जान बन जाता है धन्यवाद
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आपका प्रश्न राजस्थान में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती है इंसान जानवरों के समान है ऐसा कहा जाता है कि वे एक ही मिट्टी और पशु में कोई फर्क नहीं है क्योंकि इंद्रिय चुस्ती संतानोत्पत्ति स्वार्थपरता के जानवरों में भी होती है मनुष्य को ऐसा माना जाता है कि विवेकशील प्राणी है और सही गलत की पहचान है उचित अनुचित की पहचान है मान अपमान की पहचान है सही गलत की पहचान है और अगर व्यक्ति के आचरण व्यवहार से होता है कि वह एक ही है एक ही व्यक्ति और एक समान है
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दोस्त आपका क्वेश्चन है कि जिस इंसान में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती क्या इंसान जानवरों के समान है बिल्कुल नहीं उसे आप जानवर कैसे कह सकते हैं यह जरूरी नहीं कि हर सभी लोग तीर बुद्धि वाले ही हो और दूसरी बात कोई रीजन हो सकता है कभी चोट लग जाती है सर में तब सोच समझ नहीं पाता है दिमाग कमजोर एक हिसाब से इसको पागल जैसे लोग पागल बोलते हैं सोचने समझने की शक्ति नहीं होती तभी तो लोग पागल हो जाते हैं ऐसा नहीं है कि वह जानवर जैसा हो जाता है कोई कोई न कोई दिक्कत जरूर आ जाती है ऐसे थोड़ी ना ऐसा कोई होता है और मंदबुद्धि के बच्चे हो जाते हैं लेकिन कोई ना कोई गुड जरूर होता है हम के अंदर या तो अचानक में पागल हुई है किसी कारणवश किसी दुर्घटना बस तब उनके अंदर इंसान समझने की शक्ति नहीं रह जाती है या फिर कितना भी कोई मंदबुद्धि हो या फिर ध्यान रखने कुछ न कुछ रीजन अवश्य होता है उसको आप जानवर नहीं कर सकते हैं वह भी एक इंसान है उसको ऐसे इंसान हूं कि आप हेल्प करिए उसको प्यार दीजिए और उसके प्रति अच्छी भावना रखें हर व्यक्ति कुछ ना कुछ करने लायक होता है तो देखिए उसके अंदर आखिर कुछ ना कुछ गुण तो अवश्य होगा उसी हिसाब से उसको वर्क दीजिए और अभी तक तुम मुझे नहीं मैंने नहीं कभी नहीं देखा कि ऐसा कोई व्यक्ति जिसके अंदर कुछ भी सोचने समझने की शक्ति ना एक मंदबुद्धि बालक को भी अगर आप प्यार से समझा देंगे तो वह भी कुछ ना कुछ तो समझ ही लेता है नहीं होता तो आपकी भाषा है आपकी भावनाओं को समझ लेता है ऐसे थोड़ी ने जो पागल घूमते रहते हैं अगर उसे कुछ लोग कुछ बदतमीज लोग होते हैं उसको मार देते हैं पीट देते हैं किसी और से वह पागल हुए हो चुके होते हैं तो वह सब नहीं मारने शुरू कर देते हैं इससे क्या बाहर निकल कर आता है कि वह समझते हैं कुछ ना कुछ भले ही अच्छा बुरा नहीं समझ पाते लेकिन कुछ ना कुछ तो समझती हैं तो ऐसे इंसानों की आप सभी जो अच्छे अच्छे इंसान है जो है हेल्प करना चाहते हैं वह लोग हेल्प करें उनकी ना कि उनको दूध कारें और जानवरों से इस प्रकार हम पर या जानवर उसको भी तो प्यार करते हैं तो सब प्यार भरे उनको प्यार से कीट करिए वह भी समझदार हो जाएंगे तो आशा करते हैं आपके समझ में आ गया होगा धन्यवाद दोस्त
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देखी दो तरीके के लोग होते हैं जिसमें सोचने समझने की शक्ति नहीं होती वह जानवर नहीं होता तू रीजन सो सकते हैं एक इंसान खुद जानबूझकर नहीं समझना चाहता एक इंसान जिसका थोड़ा मेंटल यीशु होता है और एक इंसान जो सोचने समझने की शक्ति होती है लेकिन दिमाग में जो नहीं देता तू देखी सोचने समझने की शक्ति अगर नहीं है तो सामने वाले के साथ कैसा रिएक्ट कर रहा है यह चीज मेंशन करती है कि वह इंसान जानवर है यह नहीं है सोचने समझने की शक्ति कभी-कभी किसी की एक एक्सीडेंट में चली जाती है या किसी डिप्रेशन की वजह से चली जाती है यह घर ऑफिस में क्लेश की वजह से चली जाती है या फिर कम हो जाती है लेकिन हम इस इंसान को जानवर नहीं बोल सकते हम उसके अंदर उस चीज में सुधार कर सकते हैं जिसमें सोचने समझने की शक्ति नहीं होती उसके रिजल्ट मैंने आपको बता दिए हैं कि क्या क्या रियल सो सकते हैं वह इंसान जानवरों के समान नहीं होता क्योंकि जानवरों को आप यह नहीं बोल सकते कि उस पर सोचने समझने की शक्ति नहीं होती जानवर को आप उसमें टीच करते हैं कुछ भी सिखाते हैं तो वह बिल बहुत जल्दी कैच कर लेता है मंकी डॉगी एलीफेंट बहुत जानवर ऐसे हैं जो हमारे लिए बहुत बेनिफिशियल है डॉगी को यह पता होता है कि वह जिस फैमिली में रह रहा है उसके फैमिली मेंबर कौन-कौन से हैं उसका फैमिली मेंबर का बीएड क्या-क्या है तो आप इन चीजों को जानवरों के ऊपर नहीं हो सकते यह नहीं कह सकते कि अगर आप किसी गाय को बुलाते हैं बुलाने के 10 तरीके होते हैं तो गाय समझ जाती है कि आप उसे क्यों बुला रहे हैं सिंपल सी बात है उसको कुछ खिलाने के लिए बुला रही है आप गाय के ऊपर पानी डालते हैं तो वहां से मुंह बुनकर जाती है तो आप प्लीज यह मत कहिए कि जिस में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती वह जानवर के समान होता है कुछ जानवर होते हैं जानवर कहने लायक होती है पर हर कोई जानवर जानवर कहने लायक नहीं होता नहीं सोचने समझने की शक्ति तो वह इंसान के माइंड के ऊपर डिपेंड करता है कि वह दिमाग से सोचना ही नहीं चाहता कि उसके अंदर वह शक्ति ही नहीं है या फिर उसके अंदर वह शक्ति थी खत्म हो चुकी है वह सारे रीजन सो सकते हैं आप उनसे इंसान का ट्रीटमेंट करवाइए उसको प्यार से समझाइए प्यार से डिलीट कीजिए और अगर तब भी शायद उसके में दिमाग में वह चीजें नहीं आती है तो आप ही समझ लीजिए कि वह इंसान का दिमाग काम करना बंद कर दिया गया है थैंक यू
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ऐसी कोई बात नहीं है कि संसार में सोचने से मैंने क्षमता नहीं हुआ है जानवर ऐसा हम नहीं कर सकते हैं किसी आदमी के बुद्धि विवेक बहुत तेज होती है तेजी से सोचते हैं कोई-कोई लोग सीधे खाते में धीरे-धीरे सोचते हैं लेकिन हमारी सोच अच्छे विचारों से प्रभावित होते हैं यदि हमारी सोच अच्छे होंगे तुम्हारे विचार अच्छे होंगे जिनके सोच अच्छी नहीं है इसका मतलब है कि वे अपने विचारों में अच्छे करने के लिए कोशिश नहीं करते हैं ध्यान नहीं देते हैं जिसने इंसानों को सही सोच सही कर्तव्य करना चाहिए
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बहुत अच्छा प्रश्न है जिस इंसान में सोचने की शक्ति नहीं होती है क्या वह इंसान जानवरों के समान है ऐसा नहीं बोल सकते हैं कि वह इंसान जानवरों के समान है पर हां जिसके अंदर सॉक्स सोचने की शक्ति नहीं होती है वह पिछले जन्म में किसी को बहुत टॉर्चर किया होता है उसको बहुत ज्यादा टॉर्चर करने के कारण उसका जीवन जानवरों की तरह हो गया था मना मनुष्य जानवर की तरह बिहेव करना शुरू करता है इस कारण ही इस जन्म में उसको सोचने की शक्ति कम है इसलिए उसकी भी 1 जानवरों की तरह हो गया पर जानवर के समान नहीं है वह वह कर्म भोग भोग रहा है इसलिए उसको पहले क्या करना है कि उसको प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में जाकर राज्यों का मेडिटेशन पर आकर उसको थोड़ा लोंग टाइम मिल टेशन करें तो उसके सोचने में सोचना की शक्ति बढ़ जाएगी और उनके अंदर थोड़ा परिवर्तन आना शुरू हो जाएगा क्योंकि राज योगा मेडिटेशन से हमारे कर्मों का हिसाब किताब सब तो होता है धन्यवाद
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आपने कहा जिस इंसान में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती क्या मैं इंसान जानवरों के समान है नहीं है तो वह भी मनुष्य डोटामिन मनुष्य की चारणवाला उसके बीजों का जो आंख और एक मुख और एक विवेक और बुद्धि आप ने यह कहा कि जिन लोगों के पास सोचने समझने की शक्ति नहीं होती है नहीं सर संतान में कोई इंसान ऐसा नहीं है जिसके पास सोचने समझने की शक्ति ना लोग सोचना समझना नहीं चाहती क्योंकि कोई सोचते हैं कि जिस चीज से हमें कोई फायदा नहीं उसके विषय में सोच कर क्या करना या जहां उनके सामने आर्थिक समस्याएं आती हो सोचना बंद कर देते हैं गेट जहां लोगों के सामने कोई नई चीज आती है तो वह दूसरों को बेवकूफ या बेवकूफ बनाने वाला इंसान समझ जाते हैं इस तरह की विभिन्न क्रियाएं प्रक्रियाएं उनके द्वारा प्रकट होती है और यह क्रिया योग प्रक्रियाएं यह प्रकट करती हैं कि उनके पास सोचना और समझना तो है लेकिन वह नकारात्मक विचार रखते हैं नकारात्मक सोच रखते हैं नकारात्मक सोच के कारण वे लोग जो है किसी दूसरे की भावनाओं को नहीं जानते दूसरों की महत्व को नहीं समझते दूसरों के द्वारा किए गए उपकार को नहीं समझते और दूसरों के द्वारा उनके साथ इंसानियत का 2 परचे उन्हें दिया गया उनको नहीं समझते तो ऐसे लोग जानबूझकर नहीं करते या समझना नहीं चाहते तो वाकई इंसान इंसान होकर भी पशु समान हम यह कहें कि ऊपर सुई है कि जो सब कुछ समझ कर भी नासमझ बने या अंजान बने कैसे लोगों का भविष्य जीवन अंधकारमय होता
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जो इंसान में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती वह कोई ऐसा इंसान नहीं है कोई भी ऐसा इंसान नहीं है छोटा बच्चा है उसको गोदी में लेकर उठा लोगे तो उसको पता है कि आप गिर जाऊंगा मैं तो वह फट आप का कॉलर पकड़ लेगा ठीक है बच्चा गोदी में है 6 महीने का है उसका पकड़ोगे तो फटाफट कलर पकड़े हो सकता है कि जब चोट लगी मुझे जो आदमी कह रहा कि मुझे सोचने समझने की शक्ति नहीं है झूठ बोला आपसे कोई इंसान ऐसा नहीं जिस इंसान का जीवन है क्यों सोच सकता है समझ सकता है ईमानदारी से काम कर सकता है
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जिस इंसान में सोचने समझने की क्षमता नहीं है तो हम उसकी तुलना में जानवरों से नहीं कर सकते हैं इंसान शिर्डी में जो व्यक्ति जन्म लिया है वह इंसान हालांकि उसकी सोचने और समझने की क्षमता कम है फिर भी वह तो इंसान
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इंसान मेरा सोचने समझने की शक्ति नहीं तब तो पागल हो जाता है वह संवेदनहीन कहलाता है जानवर के अंदर भी सोचने की शक्ति होती है अभी मालूम रहता कि घर कहां पर है मुझे क्या खाना है कहां मिलेगा सुबह सोचने से बिल्कुल बोल नहीं पाता है वह घर इंसान के अंदर इन दोनों चीजों की कमी से
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जी नमस्ते आप का सवाल है कि जिस इंसान में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती है क्या वह इंसान जानवरों के समान है तो यह कहना बिल्कुल तार्किक पूर्ण होगा बिल्कुल सही है वास्तविक है क्योंकि जानवर ही ऐसा कार्य करते हैं आपने देखा होगा जो भी इंसान बिगड़ सोचे समझे जो भी कार्य करता है जो भी फैसला करता है एकदम से बिगड़ सोचे समझे कार्य नहीं करना चाहिए यदि कोई व्यक्ति करता है तो वह जानवर के समान है ऐसा नहीं नहीं ऐसा बताते हैं लोग क्योंकि इंसान में बुद्धि होती है और बुद्धि का यूज किया जाना अति आवश्यक है किसी भी महत्वपूर्ण कार्य के लिए यदि कोई व्यक्ति अपना यूज नहीं कर रहा है बुद्धि का तो कोई जानवर के तुल्य माना जाएगा इसमें कोई संकोच नहीं है क्योंकि आपने देखा होगा जानवर बगैर सोचे-समझे कहीं भी किसी भी रास्ते में चल जाता है कहीं भी बैठ जाता है कहीं दूर जाता है धन्यवाद
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नमस्कार मैं नीचे कुमार इंप्रिंट एंथिमलाई पहुंच आज आपके साथ जुड़ा हूं और आप का सवाल है कि जिस इंसान को सोचने समझने की शक्ति नहीं है क्या वह इंसान जानवरों के समान है इसमें कोई दो राय नहीं ऐसे क्या आपको विवेचना नहीं देती आपको सोचने की शक्ति क्षमता और वह एक दूसरे से कंपैरिजन का कांसेप्ट नहीं रखती वह उसमें इशू यही आ जाता है कि जब अगर आप किस चीज को नहीं तुलना कर पाते हो तो आप मैं और एनिमल्स में कोई डिफरेंस नहीं होता नहीं उठाओगे तो इसलिए ज्ञान अपने आप में परिपूर्ण है जब आप ज्ञान ज्ञान होता है आपको तो आप उसमें सही और गलत का निर्णय कर पाते हैं यहां यदि ज्ञान नहीं है तो सिर्फ आप स्वार्थ की भावना समझते हैं कि मुझे से क्या नुकसान है या मुझे से क्या फायदा है आगरा को किसी से डर लग रहा था उस बैठक करेंगे और अगर आपको डर नहीं लग रहा है आपको उससे कोई लेना देना नहीं है तो आप उतना ही उसका वाइट कर देंगे ज्ञान का होना बहुत जरूरी है और ज्ञान ही आपको सोचने समझने की शक्ति देता है और ज्ञान ही आपको सही और गलत का निर्णय देता है जान यानी एजुकेशन मस्त है एक और वही एजुकेशन ही एक इंसान को और एक जानवर को सिगरेट करता है अपडेट करता है वेरीफाई करता है कि कितना खून है एजुकेशन का मतलब यह सर्टिफिकेट का मंडल बांध लेना आपके पास तुलनात्मक निर्णय ले भाई सही है अगर आशा करता हूं यह जवाब आपको सहायता करेगा आगे बढ़ने में खुश रहने में मुस्कुराने में और जिंदगी के मजे हिंद जय भारत
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इस संसार में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती क्या वह इंसान जानवरों के सम्मान में यह बात सत्य है कि सोचने समझने और तर्क करने की शक्ति केवल इंसानों के पास ही होती है वह अच्छा बुरा सोच सकते समझ सकते परंतु जानवरों में तर्क शक्ति और सोचने समझने की शक्ति का अभाव होता है इसलिए यह उपमा दी जाती है कि वह सोचने समझने की शक्ति नहीं होती तो वह इंसान जानवर के समान है लेकिन वह इंसान तो है उसकी पूर्ति की तुलना जानवरों से की जा रही है उसके शरीर की नहीं इसलिए क्या बात सत्य है कि सोचने समझने की शक्ति इंसानों में ही है जानवरों में नहीं धन्यवाद दोस्तों को
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ओम शांति जिस इंसान में सोचने की समझने की शक्ति नहीं होती जानवरों के समान भैया ऐसा कुछ नहीं है जब आदमी सो जाता है तो भी सोचता रहता है और वह सोच से उनके सपने बन जाते और वह सपने में भी सोचता है तो यहां पर सोचना हो ना वह तो पॉसिबल है ही नहीं समझना होना ही हो सकता है अभी इस धरती में जिसके पास पैसे नहीं है ना मान लो कि तुम्हारे पास एक भी रुपया नहीं है ना तुम्हारे में आप है ना तुम्हारे पास ना कोई आपका साथी दार होता है ना आपका रहने का घर होता है तो आदमी का जीवन होने के बाद भी वह पशु के समान इधर-उधर ठोकर खाता है कि दोस्तों जिसके पास लक्ष्मी नहीं पहले वह पशु समान है दूसरा जिसके पास ज्ञान नहीं वह पशु के समान है इतरा जो ज्यादा सब कुछ होते हुए भी जिसके पास लक्ष्मी दी है जिसके पास ज्ञान भी है लेकिन वह सोया रहता है कुछ करता नहीं है किसी को हेल्प करने की भावना नहीं या खुद को और आगे बढ़ने की भावना नहीं है तो वह भी पशु के समान है ओम शांति
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विकी ऐसा नहीं है कि जिस इंसान में सोचने से शक्ति नहीं है वहां जानवरों के समान है को देखिए कुछ ना कुछ सब के अंदर कारण होती है हमारे यहां सोसाइटी का यह मानना होता है जो कि मैं सोसाइटी में बहुत सी बातें हैं जो कि मैं खराब होती है वह समझ नहीं पाते तो एक दूसरे से गवार लोग जो होते वह बोलती है कि गाय का मूत्र पीना चाहिए खुद नहीं पीते हैं लोग बोलते हो कि हम सब कुत्ते का भी है कुल्लू का है सब उसी तरह डाइजेस्टिव सिस्टम जब हमारे इंटरनल पेट में जो हम खाते हैं जो पैसा बनता है सुबह-शाम बनता है जो भी हमारे पेट में जो होता है वह भी रिचा एक अंदर होता डंकन द्रव्यों का मुर्गे करना उसके अंदर होता है यह समझने वाली बात है उसी तरह के कुछ नहीं सकती कम नहीं होती वह बंदा वहां पर समझ नहीं पाता बच्चों को समझेगा नहीं बच्चे को उसके को देखेगा कुछ भी मतलब सोच नहीं पाएगा कुछ भी मतलब समझ नहीं पाएगा उसके मतलब रिक्स नहीं दे पाएगा तो सबसे पहले उसको समाज के बीच रखे हैं को अच्छी जगह पर रख देना कि इधर-उधर गंदी बातें हो रही हैं गंदे लोग हैं वहां पर ना रखें तो अगर कोई अननोन परसेंट जो सोचे नहीं पा रहा कुछ भी नहीं कर पाया तो टाइम दे उसको बोले उसको बताएं उसको दिखाएं कुछ अच्छा के लिए दिखाएं अच्छे माहौल में रखो उसको तू दिखे कुछ कर लेगा वह भी एक अच्छा गाना पीपल जैसा सोचने लगेगा समझने लगे तो कोई भी चीज दिखाओ नहीं होता हर एक कचरे का एक दिन आता है हर एक कचरे के डिब्बे का भी रिक्वायरमेंट होती है इसका अपना आर्डर होता अपना काम हो तो कोई भी चीज दुनिया में बेकार नहीं है कोई भी चीज दुनिया में बेकार नहीं है तो हर एक चीज की इज्जत करें जो भी इंसान ऐसा है तो उसको समझाया कोशिश करें उसकी इज्जत सम्मान करें कुछ ऐसे प्यार से चेक करें अपने भाई बहन की तरह अपने घरवालों की तरह और फिर देखिए वह रास्ते पर आएंगे सही रास्ते पर अच्छा सोचेंगे जब कोई इंसान इंसान इंसान और जानवर जो किसी को भी कंट्रोल रखें अच्छा बोले किसी को अच्छा मोटिवेट करें खराब ना बोले अच्छा सोचते हैं अच्छा सोचने को मजबूर करें अच्छी बातें करो अच्छे से बातें बताएं
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जी हां जिस इंसान की सोचने और समझने की शक्ति नहीं होती वह इंसान जानवरों के समान ही हैं क्योंकि अगर उस सबसे पहले इंसान को भगवान ने बनाया और भगवान ने जो बुद्धि की शक्ति है वह इंसानों को ही दिए कोई भी जानवर आप देख लो ना तो वह बात कर सकता है ना विचार-विमर्श कर सकता है चले उसको खाने की बुद्धि दी गई है इसलिए अगर मानव में बुद्धि ना हो तो एक जानवर के समान ही है और कोई भी कार्य करता है तो इंसानों जैसे नहीं कर पाता या तो वह आतंकवादी होगा या कोई आकृति कार्य जरूर करता होगा जिसके कारण आने वाले समय में आने वाले उसका यह जीवन समाप्त होने के बाद उसको जानवर की योनि की मिलेगी तो कोई भी होनी उसको मिल सकती है जैसे उसके करते होंगे जैसा उसने काम किया होगा जैसे उसमें पाप किया होंगे तो मुझे लगता है कि इंसान में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती है तो वह इंसान जानवरों के समान है
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नहीं वह इंसान जानवरों के समान तो नहीं हो सकता है क्योंकि जानवर भी वही करते हैं जो उनकी इच्छा होती है जैसे कि शेर को अगर आप पालक या गोभी या कोई सब्जी फिर आना चाहोगे तो नहीं खाएगा खाएगा मासी लेकिन आपने पूछा जिस इंसान में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती क्या वो इंसान जानवर के समान है कुछ जानवरों से भी बदतर है क्योंकि उससे आप जो चाहो करा सकते हो उसमें कुछ पता नहीं है कि क्या सही करना है क्या गलत है क्या मेरे लिए ठीक है ठीक नहीं है इसलिए जानवरों से भी नीचे की कैटेगरी में आता है
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आप इतने दिन इंसान में सोचने समझने की शक्ति नहीं होती क्या वह इंसान जानवरों का समान है तो मैं बताना चाहूंगा कि कुछ हद तक हम कह सकते हैं कि वह जानवरों के ही समान है इंसान अपनी बुद्धि अपनी सोचने समझने की शक्ति से ही इंसान के रूप में जाना जाता है कि नहीं जाता है और भी क्योंकि जानवर भी कुछ न कुछ समझ पाते हैं हमारे इशारों को जानवर भी समझते हैं और कुछ न कुछ भी समझ पाते हैं जो भी किया गया है जहां तक बात रही इंसान की जमीन का सोचने समझने की शक्ति खत्म हो जाते हैं तो यह बात तो सच है कि वह इंसान जानवरों के समान हो जाता है वह बुद्धि से तो जानवर का समर्थन देगा लेकिन बुद्धि रूप में बुद्धा
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