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यह सामने प्रश्न पूछा कि भारत के अंदर बेरोजगारी का मेन मुद्दा है और चना आ रहा है उस विषय पर कोई कोई भी सरकार हिंदुस्तान की मतलब मतलब ही इस्तेमाल कर दी कि लोगों को शिव परिवार देखता है वह शिकार उनको विश्वास के साथ चलती है उस पर वह कार्य नहीं करते हैं कोई भी सरकार हो या कोई नेता केवल आज की धूल जागरूकता होने के बावजूद लोग लोगों को इस प्रकार से चला जाता है कि वह फिर भी दोबारा होने के बहकावे में आ जाते हैं उनकी सरकार द्वारा की जाती है विशाल भारत का युवा युवा वर्ग जो है बेरोजगार है परेशान है अशिक्षित है जो शिक्षण को रोजगार नहीं है क्या शिक्षित बेरोजगार मजदूर किसान को देखने वाला कोई नहीं है बस चुनाव आता है तो असली भारत गांवों में बसता है असली भारत गांवों में बसता है भारत के किसान अन्नदाता है अरे नेता जी अन्नदाता की हालत की स्कूल की जो माली हालत है उसको देखने वाला कोई नहीं मैं गरीबों के दुखड़े जब वही गरीब है गरीब गरीब बच्चे आगे पढ़े पढ़े लिखे उनकी समस्याओं से अवगत हों कोई ऐसा कोई समस्या भारत को नरेंद्र मोदी साहब भी है लेकिन उद्योगपतियों को समर्थन करते हैं कि कोई काम करने को तैयार
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अपने देश के अंदर जो अभी फिलहाल तो ऐसी कृष्ण चल रही है एजुकेशन सिस्टम है वह सिस्टम एक कॉमन सिस्टम है उसके अंदर कोई स्पेशल पर्टिकुलर टेकरी नहीं बनाने की शुरुआत सारी बुक्स की जाती है इसके कम पर जो फॉरेंस में है उसको फिर उस में इंटरेस्ट नहीं है यहां के संचालक विजय category-wise से क्या होता है कि नहीं चल रहा है 4 की भर्ती होती है कि भर्ती में पहले ऐसा था कि टेंट वाले चलते उसका दृश्य और अभी इस समय डॉक्टर किया हुआ पीएनजी की आवाज हिंदी क्लास की भर्ती में जाता है उसका रीजन कि हमारे यहां तो बैलेंस बनना चाहिए एजुकेशन का और जो जवाब का वह दोनों बैलेंस एंड बैलेंस नहीं है सेकंड कि हमारे यहां प्राचीन से जो हमारी जो पहले की जो सभ्यता थी जो हमारी तो हिंदू शब्द जो संस्कृति थी उसमें जो संस्कृति के अंदर देश की संस्कृति क्या कारण हो सकता है जिस कारण उसको इंटरेस्टेड वह कला सिखाई जाती व्यवस्था हम लोगों को किसी हो गया लेकिन पढ़ने के बाद आगे क्या करना उसका कोई गाइडेंस नहीं है और उसके हिसाब से कोई जवाब भी नहीं देते कि भी चपरासी की नौकरी में भी ग्रेजुएशन पीएचडी करे हुए भी चपरासी की नौकरी में जा रहे हैं तो हमारे यहां नहीं हो पा रहा है इसका सबसे बड़ा कारण है
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बड़े ही प्रशंसनीय प्रशंसक मारूंगा बहुत सुंदर प्रश्न आपने पूछा है कि हमारे देश में सब त्याग रोजगार बन गया उसका कारण कोई भी व्यक्ति अस्पष्ट आपको नहीं कर पाएगा इस कारण मैं आपको आखरी में बताऊंगा ढेर सारी कोचिंग संस्थान को चुके हैं कॉलेज स्कूल खुल रहे हैं और इनका जिले एकमात्र पैसा कमाना गांव देहातों से छोटे शहरों से कदमों से जो विद्यार्थी हैं वह महानगरों में पहुंच रहे इस आस में कि बड़े किसी कोचिंग संस्थान में दाखिला लेने के बाद उनकी नौकरी लग जाएगी उन को जॉब मिल जाएगी सरकारी नौकरी में चले जाएंगे सरकारी नौकरी के प्रति आकर्षण भारतीय युवा मानस के भीतर व्याप्त हो चुका है यह सबसे बड़ा कारण जो भटक भाव शिक्षा संस्थान खुल गए हैं डेढ़ सौ शिक्षण संस्थान ढेर सारी स्कूल कोलकाता स्कूल खुलना चाहिए थे कॉलेज कॉलेज कॉलेज कॉलेज कॉलेज बड़ी-बड़ी पूरे भारत में स्वतंत्र 500 विश्वविद्यालय थे 500 कॉलेज थे और लगभग 23:00 के आसपास विश्वविद्यालय थे आज 7:30 सौ के आसपास उच्च विद्यालय हैं और कॉलेज कितने हो गए करीब करीब 30 हजार के ऊपर कॉलेज स्कूल की बहुत कम होते थे अब लाखों की संख्या में स्कूल खुल चुके हैं जो प्राइवेट स्कूल है वह अभिभावकों को लूट रहे हैं वह शिक्षा नहीं देते और शिक्षा के लिए कहते ही कोचिंग लगा लो उसका मूवीस में यूनिफार्म भेजते हैं बस से वह भेजते हैं जूते मोजे भेजते हैं बेड बिस्तर टाइप्स थे शॉपिंग मॉल टाइप का खोल कर रखा है प्राइवेट स्कूलों में बच्चे की रैंक कमाए शिकायत करें तो कहते हैं कोचिंग लगा लो कोचिंग पढ़ने वाला कौन है कोचिंग पढ़ाने वाली टीचर पढ़ाता है इस प्रकार से व्यवसाय बन चुका कोचिंग संस्थानों का जो गोरख धंधा धड़ल्ले से चल रहा है आज के समय में सबसे ज्यादा कमा कर देने वाले अगर कोई बिजनेस है तो कोचिंग संस्थान सबसे विद्वान बहुत विद्यार्थी बहुत कोचिंग विद्यार्थी बहुत कॉन्पिटिशन बहुत बढ़िया सरकारी नौकरी प्रति जनमानस आपको ध्यान होगा यदि आपको 50 60 साल की उम्र के हैं 50 55 की उम्र के भी है तो या फिर अपने घर में अपने दादा या अपने पिता से आप पूछ कर देख सकते हैं इस देश में नौकरी करने वाले लोग बहुत कम थे पियस उसमें जो सरकारी कंपनियां है जो सरकारी उपक्रमों में भर्तियां कर रही थी उस समय कितनी नौकरियां नौकरी करना नहीं चाहते क्योंकि यह देश शुरू से शुरू से स्वरोजगार करने वालों का देश रहा है यह देश व्यापारियों के देश विदेश व्यापार की संस्कृति उस समय पश्चिम में 3 लोग प्रश्नों में 3 लोग नौकरी आने करना चाहते हैं नौकरी मिल जाते थे लेकिन लोग ज्वाइन करते थे नौकरी के लिए बुलाया जाता था घर में निकला इस साल बाद यानी कि आज की परिस्थितियों में लोगों ने देखा कि उस समय जिस व्यक्ति ने नौकरी पकड़ लिया आज भी एक अच्छी कंडीशन में है तो सोचते हैं कि मेरे बच्चे की नौकरी में जाए सरकारी नौकरी में जाए जो विद्यार्थियों देखते हैं कि जिसके पास सरकारी नौकरी थी वो आज एक बहुत ही अच्छी आर्थिक स्थिति अच्छी जीवन स्तर पर पहुंच चुका है इसलिए ब्लॉक री करना चाहते हैं उस देश में रोजगार के विश्व व्यापार की दशा अनुकूल दशा है वह निर्मित करनी पड़ेगी इज ऑफ डूइंग बिजनेस लाना पड़ेगा व्यापार करने की सुगमता लानी पड़ेगी कार्य करने की जो अन्य क्षेत्र है उन्हें सुगम बनाना पड़ेगा तभी इस स्थिति को सुधारा जा सकता है उच्च शिक्षा जो है उसको रोजगार यह पूरी तरह से बन चुकी है शिक्षा रोजगार बन गई है सबको गलत है और रोजगार बन्ना ठीक है रोजगार तो लोगों को मिलता है तो शेर का शिकार बन चुकी विद्या दान देने की वस्तुओं के व्यापार की वस्तु नहीं इस देश में एक समय 900000 गुरुकुल हुआ करते थे कार्ल मार्क्स और लिखा है इस देश में बच्चा बच्चा गणित में बच्चा बच्चा भाषा में बच्चा बच्चा तर्कशास्त्र मदर्स दर्शन में यूरोप किसी भी देश के आगे उस समय 5:00 से 2:30 सौ साल पहले 3:30 सौ साल पहले यूरोप के दास में कौन ऐसा लिखा कार्ल मार्क्स में जब देखा लॉर्ड मैकाले ने जब देखा तब उसने ब्रिटेन की संसद में कहा भारत सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यूरोप अखिलेश यादव उपस्थिति हमें आज निर्मित करनी पड़ेगी तभी इस दशा को सुधारा जा सकता बहुत-बहुत धन्यवाद
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शिक्षा संपूर्ण रोजगार का साधन नहीं है अपनी जगह महत्वपूर्ण है लेकिन बड़ी आर्थिक सफलता के लिए सेवा सत्कर्म के मार्ग पर आधारित संगठित पर लगा रखना पड़ेगा सीखने हेतु संपर्क करें 98375 35360
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हमारे देश में शिक्षा का विकास रोजगार बनाया गया है वह तो बहुत अच्छी है लेकिन इसके लिए स्पेशल एक टीम बनाई जाए जो कि शिक्षा विभाग पर जाकर समय-समय पर हम को संभाला जाए ताकि रोजगार कि मुझे शिक्षा भी ज्यादा से ज्यादा दें ताकि हमारा देश शिक्षित बन सके
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BP हमारे देश में शिक्षा जो है बिल्कुल अभी एक बिजनेस बन गया है पहले के जमाने में क्या होता था कि शिक्षा होता था कि किसी को विद्या देना किसी को विद्वान बनाना शिक्षा बच्चे स्कूल में पढ़ाई के लिए क्या करना चाहिए सुधारने के लिए पहले तो हमारी गवर्नमेंट स्कूल का डिमांड ज्यादा हो गया है और शिक्षक बिजनेसमैन गया तो हमारी गवर्नमेंट स्कूल का सुधार हो जाएगा गवर्मेंट स्कूल में पढ़ाई होगा
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