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नमस्कार मैं वोकल एक्सपर्ट अशोक वशिष्ठ आपका प्रश्न है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति क्यों करता है प्रधानमंत्री क्यों नहीं कर सकता देखिए हमारे यहां तीनों संस्थाएं हैं संवैधानिक ठीक है विधायिका विधायिका मांग संसद एक है न्यायपालिका और एक है कार्यपालिका विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका तीनों के तीन प्रमुख है विधायिका का प्रमुख है राष्ट्रपति अभी की ना कोई भी कानून संसद में बनता मनी संसद के दोनों सदन किसी भी विधेयक को पारित करते हैं तो हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास भेजते हैं राष्ट्रपति स्पर्श हस्ताक्षर कर दी तो वह कानून बन जाता है विदाई का माने कानून बनाने वाली संस्था तो विधायिका का प्रमुख राष्ट्रपति एक है कार्यपालिका कार्यपालिका का संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है लेकिन उसका कार्यकारी प्रमुख प्रधानमंत्री है मंत्रिमंडल का मुखिया धानमंत्री सरकार का मुखिया प्रधानमंत्री होता है उसकी भी नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं इसके बाद आ गई हमारी न्यायपालिका न्यायपालिका में पंचायत से लेकर परगना जिला स्थित राज्य और उसके बाद पूरे देश के लिए एक का सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश होता है वह न्यायपालिका का सर्वोच्च अधिकारी है उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति करता है जबकि प्रमुख में भी वह कार्यकारी प्रमुख उसके ऊपर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की नियुक्ति को दो राष्ट्रपति करते हैं तो और राष्ट्रपति जिस व्यक्ति की नियुक्ति करते हो उसकी नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश वह व्यक्ति प्रधानमंत्री मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति नहीं कर सकता क्योंकि मुख्य न्यायाधीश न्यायपालिका का सर्वोच्च अधिकारी है यही कारण है
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नहीं ऐसा नहीं है नहीं ऐसा नहीं है प्रधानमंत्री नहीं करते प्रधानमंत्री ही उसको अरे घमंड करता है यार मंत्री की सलाह से ही राष्ट्रपति न्यायाधीश जाते कॉलेज
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति क्योंकि वह सबसे सर्वोच्च पद होता है और राष्ट्रपति पद से नीचे होता है इसलिए राष्ट्रपति ही नियुक्त करता है राष्ट्रपति की सीन लगती है और वही करता है जो भी कार्य होते हैं उससे संबंधित धन्यवाद
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गुड किल आदि मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कॉलेजियम का वरिष्ठ जो पुलिस होते हैं उनमें से होती है और वृश्चिक राशि की कुर्सी पर बैठते हैं
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सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है क्योंकि यह प्रावधान भारत के संविधान के अनुच्छेद 214 चार पंखे 217 में उल्लेख किया गया है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति ही करेगा
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नमस्कार माननीय राष्ट्रपति जो होता है वह सुप्रीम कोर्ट डिसीजन का कानून होता है जिला मंत्री होती है वैसे भी आपको जानना चाहिए कि हमारे देश के राष्ट्रपति है सर्वोच्च इसके अंतर्गत प्रधानमंत्री भी मंत्री पद सर्वोच्च न्यायालय उसका मुखिया होता है राष्ट्रपति हाईकोर्ट का मुखिया होता है डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का मुखिया होता है हाईकोर्ट से चलती है क्या होता है उसी को राईट है तू किसकी नियुक्ति करेगा कि नहीं करेगा इसलिए माननीय राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश हाईकोर्ट राज्यपाल होता है जो होता है राष्ट्रपति राज्यपाल देश में राष्ट्रपति डोकरी होता है
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति ही क्यों करते प्रधानमंत्री क्या है इसमें करते हैं
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भारत का राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति आर्टिकल 124 के तहत करता है तथा सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश की सलाह से राष्ट्रपति द्वारा की जाती है जांच की प्रधानमंत्री की नियुक्ति भी राष्ट्रपति करता है यह नियुक्ति इसलिए करता है क्योंकि उस ट्यूशन के आर्टिकल 124 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की और आर्टिकल 214 से 237 में हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति द्वारा की जान मंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है क्योंकि यह कौन स्टेशन में प्रावधान तेरे
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देखिए राष्ट्रपति जो है वह हमारे देश का प्रथम नागरिक है और हमारा तो देश है हमारे देश का जो शासन है और राष्ट्रपति के नाम से चलता है ना कि प्रधानमंत्री के नाम से चलता है हां प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के पास 7 प्रकार की शक्तियां हैं लेकिन उन शक्तियों का जो प्रयोग है वह प्रधानमंत्री करता है और प्रधानमंत्री भी अगर कोई जैसे कोई भी काम कर रहा है कोई बिल बना रहा है या कोई आदेश ला रहा है तो उसने लास्ट में जाकर के राष्ट्रपति की अनुमति चाहिए बिना राष्ट्रपति की अनुमति क्यों नहीं कर सकते तो बड़ा कौन हुआ बड़ा राष्ट्रपति है ना कि प्रधानमंत्री यहां उनकी शक्तियों का प्रयोग प्रधानमंत्री करता है लेकिन बड़ा कौन है राष्ट्रपति है इसलिए राष्ट्रपति हुई अधिकार दिए गए हैं तो किस संविधान से अधिकारी मिले हैं सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश है उसके अलावा जो से हाईकोर्ट के न्यायधीश है और राज्यपाल है सभी स्टेट के हमारा जो केक है केक का जो होता है ना कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल जो भारत सरकार और जो आदर्श स्टेट होते हैं उनकी उनके जो ऑडिट करता है ठीक है उसके अलावा लोकसभा का जो अध्यक्ष होता है इन सब की नियुक्ति राष्ट्रपति के दिया द्वारा की जाती है क्योंकि संविधान में राष्ट्रपति को अधिकार दिए हैं ना कि प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति बड़ा है राष्ट्रपति से बाकी सब छोटे हैं
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जी यह बात बिल्कुल ठीक है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति देश के महामहिम यानी कि राष्ट्रपति द्वारा की जाती है राष्ट्रपति की जब भी मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं तो इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों साथी साथ भिन्न भिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से इसका परामर्श करते हैं उसके बाद यह देव संतुष्ट होते हैं तो फिर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का वारंट जारी करते हैं लेकिन जो आपका यह सवाल है कि उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री क्यों नहीं कर सकता तो इसके पीछे कतर किया है कि सुप्रीम कोर्ट में जो कार्य मुख्य न्यायाधीश होते हैं सामान्य तौर पर उनके द्वारा ही अपने के बाद के जो वरिष्ठ न्यायाधीश होते हैं उनमें से जो भी कार्यभार ग्रहण करने के दिन से वर्ष था जिसकी सबसे अधिक वर्षा होती है यहां पर वरिष्ठता का आशय उम्र से नहीं है पुस्तक आशा है कि सबसे ज्यादा अनुभव किसका है उस न्यायाधीश की को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में उसका नाम प्रस्तावित करते हैं जिसको की फिर कानून न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री के समक्ष रखा जाता है और आवश्यक प्रक्रिया के बाद उस व्यक्ति का नाम देश के प्रधानमंत्री के द्वारा राष्ट्रपति को संदर्भित किया जाता है राष्ट्रपति फिर सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों साथी साथ भिन्न भिन्न राज्यों के मुख्य न्यायाधीशों से विचार विमर्श करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं इस प्रकार या एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत संवैधानिक व्यवस्था के तहत सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति प्रत्यक्ष तौर पर राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है जबकि उनकी नियुक्ति में अप्रत्यक्ष तौर पर प्रधानमंत्री कानून मंत्री न्याय मंत्री और कंपनी मामलों के मंत्री साथी साथ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जो उस वक्त पद ग्रहण किए होते हैं उनकी भी भूमिका महत्वपूर्ण होती है आशा है आपको पूर्ण जानकारी मिल गई होगी
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कार्यपालिका न्यायपालिका व्यवस्थापिका तीनों अलग-अलग है तीनों को ही अलग अलग दी गई है जो होती है सबसे पहले दिन से ले ले फिर हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट से सबसे ऊपर की दो कोर्ट मानी जाती है उसको सुप्रीम कोर्ट माना जाता है और राष्ट्रपति जो होती है वह भी ऐसी कंडीशन में क्षत्रिय सुप्रीम कोर्ट का जो नदी है उसको अगर शपथ दिलाने वाला काम है तो वह राष्ट्रपति कर सकता है क्योंकि प्रधानमंत्री को भी उसके पास बहुत सारे काम होते तो ऐसी कंडीशन में राष्ट्रपति ही करेगा
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का राष्ट्रपति करता है क्योंकि राष्ट्रपति सबसे देश का मुखिया होता है और संविधान में उसी को पावर दी गई है प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर जरूरी है
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देखिए भारत जैसे देश के जो राष्ट्रपति हैं उन्हें भारत का पहला जो व्यक्ति है जो प्रथम है जो पूरे भारत का शासन व्यवस्था जीवन के अंतर्गत शक्तियां दी गई हैं वह प्रधानमंत्री को नहीं है जिसे के जितने भी ऊपर न्यायपालिका में व्यवस्थापिका में उस चीज पर जिन लोगों को भी प्रकार से बड़े स्तर पर जो पद हैं उन पर केवल राष्ट्रपति को ही पावर दी गई है कि वही केवल उनको का सफर दिलवाना और वह पद पर उनको आशिकाना है इसके अलावा प्रधानमंत्री कोई नहीं प्रदान की गई है प्रधानमंत्री को देश की पूरी व्यवस्था जो है वह संसद के हाथ में भी दे सकते हैं सारी ओ के माध्यम से शासन करते हैं
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नमस्कार मैं उसे शर्मा एडवोकेट आपका सवाल है सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति ही क्यों करता है प्रधानमंत्री क्यों नहीं कर सकता देखिए जो आर्टिकल 124 है भारतीय संविधान का अनुच्छेद 124 उसका सब दोस्तों यह कहता है कि जो सुप्रीम कोर्ट के जज है और जो राज्य की जो हाईकोर्ट है उनसे परामर्श लेने के बाद राष्ट्रपति अपने साइन और सील के साथ सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों की नियुक्ति करता है निधि अपने हस्ताक्षर मुद्रा सहित सभी जजों की नियुक्ति करता है यह आर्टिकल 124 का शब्दकोश तू कहता है देखिए भारत का जो प्रथम नागरिक होता है वह राष्ट्रपति होता है राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति भारत में सबसे बड़ी है और यदि हम भारत मिशन उठाकर देखते हैं तो बहुत सारे अनुच्छेद राष्ट्रपति की पावर के बारे में राष्ट्रपति की नियुक्ति के बारे में राष्ट्रपति के जो ब्लास्ट में किन-किन को नियुक्त करेगा उनके बारे में बात करते हैं जबकि प्रधानमंत्री के बारे में बहुत कम अनुच्छेद में वर्णन है तो यदि हमें देखें कि भारतीय संविधान में राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति बहुत बड़ी है जबकि प्रधानमंत्री की संवैधानिक स्थिति की बड़ी नहीं है एवं संविधान के साथ से देखें तो उसको संविधान राष्ट्रपति जी को संवैधानिक दर्जा बहुत बड़ा मिला हुआ है सुप्रीम कोर्ट के जज इन हाई कोर्ट के जज और जितनी भी बड़ी दुनिया है संवैधानिक जो पद है उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति ही करता है प्रधानमंत्री के पास मालिया पावर ज्यादा है लेकिन यदि संवैधानिक पावर की बात की जाए संवैधानिक पावरित की बात की जाए तो वह राष्ट्रपति के पास है इस वजह से और राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक है प्रधानमंत्री जो नहीं है तो अब सुप्रीम कोर्ट के जज भी बहुत बड़ी पोस्ट होती है सुप्रीम कोर्ट के जो जैसे होते हैं वही बहुत बड़ी पोस्ट होती है तो वह राष्ट्रपति के लेवल की पोस्ट होती सुप्रीम कोर्ट के जज भी एक तरह से देखा जाए तो सुप्रीम कोर्ट के जज को नियुक्ति कौन करेगा अब प्रधानमंत्री के पास प्रधानमंत्री कैसे कर देगा प्रधानमंत्री आवास पावर ही नहीं है और वह इक्वल पॉलीमर सुप्रीम कोर्ट के जज राष्ट्रपति तो इस वजह से भारत का प्रथम नागरिक होने के नाते यह पावर राष्ट्रपति को दी गई है ना कि प्रधानमंत्री को मुझे लाइक कीजिए फॉलो कीजिए धन्यवाद
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भारत के संविधान के अनुसार जुडिशरी का है रेजिडेंट है ना कि प्राइम मिनिस्टर इसलिए सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति अपॉइंटमेंट प्रेसिडेंट के द्वारा ही होती है ना कि फ्रॉम मिस्टर केदार
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य देश की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है क्योंकि यह संविधान में राष्ट्रपति का एजी सिक्योरिटी पीएम तक जो है वह राष्ट्रपति का होता है
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सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश होते हैं और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ करने होते हैं और निष्पक्षता और उनके उच्च मानदंड बने रहे राष्ट्रपति
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भारत के संविधान के अनुसार अनुच्छेद 124 में यह लिखा हुआ है कि भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के सजेशंस के अनुसार ही केवल राष्ट्र राष्ट्रपति जो है मुख्य न्यायाधीश भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कर सकते हैं इस इसीलिए सिर्फ राष्ट्रपति ही कर सकते हैं और कोई नहीं कर सकता
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विजय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद है वह कांस्टीट्यूशनल है संवैधानिक पद है और जो भी अपॉइंटमेंट होगा वह संविधान के थ्रू होगी तो संविधान में परमिशन है राष्ट्रपति के थ्रू करने का प्रधानमंत्री के तूने धन्यवाद
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सर आपका सवाल है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री हिंदुस्तान के जो सुप्रीम कोर्ट अच्छा सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश होंगे उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति ही करेगा और दूसरा कारण यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति एक राजनीतिक नियुक्ति नहीं है इसलिए भी प्रधानमंत्री नहीं कर सकते धन्यवाद
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इन सबके लिए देश के संविधान को समझने की आवश्यकता है देश के संविधान में व्यवस्थाएं हैं हमारी एक एग्जीक्यूटिव हैं और एक है देश के मुखिया तो जो राष्ट्रपति हैं वह संवैधानिक मुखिया हैं और जो प्रधानमंत्री हैं वह चीफ एग्जीक्यूटिव में मुख्य कार्यकारी अधिकारी कह सकते हैं उनको तो दो ऐसी संस्थाएं जो संवैधानिक संस्थाएं हैं जैसे सुप्रीम कोर्ट है इलेक्शन कमीशन है कैग है यह तो संस्थाएं है यह संवैधानिक संस्थाएं हैं इस पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता बिल्कुल भी यह सरकार से अलग होती है ना इनको सरकार तनखा देती इनको भारत की संचित निधि से तनखा मिलती तो ऐसी संस्थाएं जो प्रधानमंत्री के अंदर में नहीं है सरकार के अंदर में नहीं है वह सो गई संवैधानिक तौर पर राष्ट्रपति के अंदर में होती क्यों प्रधानमंत्री गलत कर सकता है चुनाव के लिए किसी भी काम के लिए लेकिन संविधान की रक्षा के लिए राष्ट्रपति को संवैधानिक मुखिया बनाया गया तो इस तरह की जितनी भी पोस्ट या यूपीएससी के चेयरमैन राष्ट्रपति अप्वॉइंट करते हैं तो जितनी भी संवैधानिक संस्थाएं जुड़े हुए हैं हमारी टॉप लेवल की उन सब की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है लेकिन ऐसा नहीं कि राष्ट्रपति मनमाने तरीके से करता है राष्ट्रपति की सलाह के लेख मंत्रिपरिषद है जहां प्रधानमंत्री होते हैं हमारे उनके कैबिनेट होती है प्यार करती हैं को अपनी करते हैं सारे प्रोसेस करती हैं और राष्ट्रपति उस पर मोहर लगाते हैं उनको फाइंड कर देते हैं वैसे तो प्रधानमंत्री ही कहते हैं सारे जितने भी संस्थाओं को हैं लेकिन संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति करते हैं इसलिए जितनी भी नियुक्ति है राष्ट्रपति के नाम से
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति क्यों करता है प्रधानमंत्री क्यों नहीं कर सकता लेकिन भारत का राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होने के नाते वह संविधान का प्रमुख हुआ करता है और उसका जो पद है राष्ट्रपति का सर्वोच्च सर्वोच्च पद हुआ करता है आता है सामान्य परिचय सामान्य परिस्थितियों में प्रधानमंत्री मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति हेतु वरिष्ठता के आधार पर राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति को वर्षिता के क्रम में प्रचुर राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है और राष्ट्रपति प्रधान मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है कहने का साया है प्रधानमंत्री वरिष्ठता के आधार पर प्रधान न्यायाधीश मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का प्रस्ताव राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है और उस प्रस्तुत उस प्रस्ताव पर राष्ट्रपति विचार करके मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति क्या राष्ट्रपति किया किया करता है
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नमस्कार आपका प्रश्न है राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति ही क्यों करता है देखी राष्ट्रपति जो है वह राष्ट्रपति जो हुआ एक संवैधानिक पद है और यह तीनों परियों का प्रमुख होता है मूल रूप से राष्ट्रपति जो होता है वह नगर न्यायपालिका कार्यपालिका विधायिका तीनों के अंतर्गत आता है यह प्रमुख होता है इसलिए राष्ट्रपति को इसका अधिकार है कि वह राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है धन्यवाद
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