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देखिए मैं धन्यवाद करना चाहूंगा जिस तरह का प्रश्न आपने पूछा यह प्रश्न अपने आप में बहुत ही अद्भुत है और इसके ऊपर विचार होना चाहिए भारतवर्ष में जहां तक मैं अपने क्योंकि मैं जिस धर्म से बिलॉन्ग करता हूं और जिस माहौल जी पर चल रहा हूं उसमें कॉल जी की ही चीजों का में विवेचना करना चाहूंगा उससे मैंने पढ़ी हुई है परंतु मुझे विश्वास है कि दूसरे धर्म में भी सेमी चीजें होंगी पहले हम क्या करते हैं जाति और धर्म को दो भागों में जाकर विभाजित कर देते हैं की जाति क्या है और धर्म क्या है धर्म को विवेचना करते हैं धर्म की विवेचना करें धर्म अपने आप में इतना पूछा कि इतने कम शब्दों में इसकी विवेचना कर पाना ही अपने आप में एक कठिन कार्य है क्योंकि अगर आप धर्म के ऊपर डिस्कशन कर रहे हैं जाओगे तो शायद कई दिन बिक जायेंगे और यह डिस्कशन मेरे विचार से धर्म एक ऐसा सन्मार्ग है एक ऐसी सशक्त शक्ति है जो कि आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने में सहायता प्रदान करती है सहायता प्रदान करने के साथ-साथ आपको एक रास्ता दिखाती है जब आप अकेले होते हो तो आप का साथ देती है यह आत्मविश्वास पैदा करती है कि कोई तो है मेरे साथ और एक ऐसी शक्ति प्रदान करती है कि कोई भी नहीं होगा मेरे साथ तो भी ऊपर वाला होगा मेरे साथ तो धर्म अपने आप में एक ऐसा पूर्ण चीज है एक ऐसा शब्द है जो स्वयं ही सत्य है हर किसी को किसी ना किसी चीज के लिए जरूरत पड़ती है आगे बढ़ने के लिए 1 मार्च दर्शक की जरूरत होती है धर्म को एक मार्गदर्शक है वह पाते वो किताब है आप कह सकते हो जिसको पढ़ कर आप सन्मार्ग पर चल सकते हो अब हम आते हैं जाति पर जाति क्या है जाति देखिए अगर मैं रामायण के काल में जा कर के देखो तो शाम बाल्मीकि जी क्या थे और बाद में वह क्या बने ऐसे महर्षि बने कि स्वयं माता सीता ने जा कर के उनके यहां अपना समय व्यतीत कर और लव कुश ने उनसे शिक्षा दी स्वयं राम जी ने उनको नमन करा श्रम रामचंद्र जी क्या थे क्षत्रिय थे उन्होंने कई वर्षों तक अपने राज्य का संचालन किया राज के संचालन में हम सभी को पता है कि इनॉमिक्स आती आती है तो उन्होंने वैश्विक धर्म का भी पालन किया विष्णु मंत्र क्या है क्षत्रिय थे और उन्होंने क्या करें विश्वामित्र जी ने शिक्षा प्रदान करें और वह एक महा ऋषि है समय से कई दाम पर मिल जाते हैं कि स्वयं श्री राम ने लंका का अधिपति लंकेश के उपरांत उन्हीं के छोटे भाई विभीषण को बना दिया था वह एक राक्षस कुल के थे केवट जो कि आगे चलकर भगवान श्याम राम ने उनको राजा जी केवट क्या करके पुकारा धर्म का विश्लेषण करें तो हमें एक ही बात में बोल देते हैं जाति और धर्म धर्म एक अलग विषय है और जातीय कलर है जाती मेरे अनुसार लोगों ने अपनी सुविधा के लिए बना ली कि हम पीड़ित पीडी हमारी इसी जाति के हिसाब से चलती रहे और जिससे उस जो सुख और वह हम प्राप्त कर रहे हो वैसे ही चलता रहे अब कई लोग यह कहते हैं कि हम लोगों को 4 जातियों में विभाजित किया ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र यह जो जातियों में विभाजित किया गया था यह लोगों के कार्यों के अनुसार विभाजित किया गया था और यह इसलिए था कि अगर आप यह सोचो कि अगर हमने जो जिस तरह हम काम करेंगे उस तरह की चीजों में हम चले जाएंगे अब वहां पर क्या हुआ धीरे धीरे जैसे-जैसे वंशावली आगे बढ़ती चली गई राजा का बेटा राजा हो गया वकील का बेटा वकील हो गया व्यास का बेटा मैं सो गया वैसे-वैसे जातियों में परिवर्तन होता चला गया उन्होंने एक जाति के रूप दे दिया और जाति का रूप देने का एक अब इसके बेनिफिट डे के हर एक चीज के हैं और फायदे भी दोनों चीजों के नुकसान भी दोनों की जो बेनिफिट था वह यह था कि लोगों को जो है इसके स्पेशलाइजेशन आ जाएगा और स्कूल सेट आपको अपने बेटे को देते हुए और सिखाते हुए खुशी होगी तो आप उसे चुप आओगे नहीं तो वह आगे बढ़ने की प्रक्रिया शुरू हो जाती नुकसान क्या हुआ कि आगे जाकर के यह जातियां भी कई सारी जाते हैं / हो गई जो आपस में ही कई सारे विभिन्न विषयों पर विवादास्पद तरीके से लड़ने लगी और पतन का कारण भी हो रहा है मनुष्य के पतन का कारण में जाति का एक प्रमुख योगदान है और यह जाति यही एक ऐसी जाती है जो कि रामराज्य की स्थापना ना करने देने के लिए सर्वप्रथम महत्वपूर्ण है और मैं इसको इसलिए कहता हूं कि जब श्रीराम ने अपने टाइम पर इस तरह की चीजों को नहीं माना और उन्होंने स्वयं रामायण में वाल्मीकि जी ने लिखा है वाल्मीकि कृत रामायण की सारी चीजें उन्होंने लिख दी है और उन्होंने स्वयं कई सारे एग्जांपल भी उसमें दे रखे हो तो फिर आज की डेट में हम लोग हां मैं यह जरूर कहूंगा कि रामराज की स्थापना के लिए सबको समान अधिकार देना बहुत जरूरी है जब आप सबको समान अधिकार दोगे और सब की तरक्की के लिए एक समान है और अच्छा एक वातावरण उत्पन्न करोगे तो राम राज्य जरूर आएगा और भारत का उत्थान अवश्य होगा धन्यवाद
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