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देखिए आपका जो प्रश्न है उसका आंसर है संविधान की मसौदा समिति के समक्ष प्रस्तावना का प्रस्ताव किसने रखा था इसमें संविधान के मसौदा समिति के समक्ष प्रस्तावना का प्रस्ताव जवाहरलाल नेहरू ने रखा था
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सर आपका सवाल है संविधान की मसौदा समिति के समक्ष प्रस्तावना किसने प्रस्तावित किया तो सर मैं आपको बताना चाहूंगा नेहरू द्वारा प्रस्तुत उद्देश्य संकलन में जो आदर्श प्रस्तुत किया गया था उसकी उद्देश्य का जवाहरलाल नेहरू ने प्रस्तुत की थी और हमारे संविधान 42 वें संशोधन 1976 द्वारा यह संशोधित उदेशिका निम्न प्रकार है हम भारत के लोग हैं भारत एक संपूर्ण प्रभुत्व समाजवादी और पत्नी रिपेक्स और लोकतंत्र मार्ग गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समक्ष नागरिकों सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय विचार अभिव्यक्ति विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता दी शब्दों का यूज किया गया था और 26 नवंबर 1949 को दत्त द्वारा इस अधिनियम विधान को अधिकृत और आत्म अर्पित किया गया था और प्रस्ताव नहीं कुछ मुख्य बातें हैं संविधान की प्रस्तावना को संविधान की कुंजी खा जाता है धन्यवाद
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संविधान का अर्थ होता है सरकार की बनावट ढांचे तथा संगठन का निर्माण का नाम प्रत्येक सरकार को चलाने के लिए योजना स्वरूप की आवश्यकता पड़ती है सर काम के लिए कुछ लिखी थी और लिखित नियम सिद्धांत देगी तथा कार्यक्रमों की आवश्यकता पड़ती है जिसे हम संविधान भी करते हैं संविधान की मसौदा की समिति 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा द्वारा एक प्रारूप समिति का गठन किया गया था जिसमें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष बनाए गए थे इसमें काफी सोच समझकर समिति का निर्माण किया गया था उससे फरवरी 1948 में प्रकाशित किया गया था डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 4 नवंबर 1948 ईस्वी को संविधान का प्रारूप संविधान सभा के सामने पेश किया गया था डॉक्टर अंबेडकर को भारत के संविधान का जन्म भी माना जाता है जिसमें संविधान के प्रारूप का पर संविधान सभा में 144 दिनों तक विचार होता रहा उसमें 2473 संशोधन पेश किए गए थे 26 जनवरी 1949 को नया संविधान अंतिम रूप से स्वीकार कर लिया गया था इस विकृति संविधान में 395 अनुच्छेद 22 भाग और 8 अनुसूचियां थी भारत के नए संविधान का उद्घाटन 26 जनवरी 1950 को किया गया था इस दिन से नवनिर्मित संविधान सारे भारत में लागू कर दिया गया था तब भारत गणतंत्र बन गया इसी कारण 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं भारत के संविधान का प्रस्तावना का अपना महत्व होता है जिसमें जनता का संविधान प्रस्ताव प्रस्तावना के लिए यह संविधान बहुत ही आवश्यकता होती है हम भारत के लोग पास्ता बना से शुरू की गई है जिसमें सविधान के प्रस्ताव को पढ़ने के लिए भारतीय संविधान के आदर्श एवं उन आंखों की झलक मिलती है भारतीय संविधान के उच्च आदर्श एवं को मूल्य मूल्य जैसे नया स्वतंत्रा बंधुता राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को देखने को हमारे संविधान में मिलती है प्रस्तावना से सरकार कब शुरू हुई थी अधिक लाभदायक माना जाता है भारत में लोकतंत्र की स्थापना होगी या एक गणराज्य धनराज राज्य बन गया जिसमें हमारे पास था प्रस्तावना में भारत का धर्मनिरपेक्ष राज्य का गया है 1976 में प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया राज का कोई भी धर्म अपना अपना नहीं मान सकते हैं धर्म के आधार पर या अपने नागरिक के बीच भेदभाव नहीं करना चाहते हैं सभी लोगों को अपना अपना धर्म आने का अधिकार माना गया है भारत में लोकतंत्र स्थापना में सबसे बड़ा योगदान भारतीय संविधान का है
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भारत की संविधान के प्रस्तावना सेवा पूछा है कि क्या अभिप्राय में बताना चाहूंगा कि भारत संविधान का प्रस्तावना जो बनाए गए थे उद्देश्य प्रस्ताव पर आधारित है और प्रस्तावना के सर्वप्रथम कमेटी की संविधान में शामिल किया गया था जिसके बाद कई देशों ने इसे अपनाया था संविधान विशेषज्ञ जो नानी पालकी वालों ने संविधान की प्रस्तावना को ही संविधान का परिचय पत्र कहा था जिसमें हम भारत के लोग से शुरुआत होती है और पूरा संविधान जोबन लिखा हुआ है उसका फर्स्ट पेज प्रियम बल के रूप में जाना जाता है
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पिज्जा हट लाल नेहरु थे जिन्होंने प्रेम बल को प्रपोज किया ड्राफ्टिंग कमेटी के आगे वह जवाहरलाल नेहरू जी थे जिन्होंने प्रेम बल को प्रपोज किया जवाहरलाल नेहरू
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