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देखे दलितों को आरक्षण दिया गया है यह कोई गलत बात नहीं है लेकिन उन दलितों को आरक्षण का लाभ मिलना मिलना चाहिए जो गरीब देखिए गरीबी के आधार पर आरक्षण होना चाहिए आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण होना चाहिए तभी हमारा देश आगे बढ़ेगा आप ने दलितों को आरक्षण दे दिया उसमें जो मुख्यमंत्री है उसको भी आरक्षण का लाभ मिलता है जो एससी एसटी मायावती जी को भी लाभ मिलता है बताइए मायावती जी को पैसे की कौन सी कमी है विधायक सांसद जो sc-st से आते हैं उनको भी आरक्षण का लाभ मिलता है एक कलेक्टर अपने बेटे का फीस नहीं भरता है और एक चपरासी को अपने बेटे का फीस भरना पड़ता है यह दुर्भाग्य है हमारे देश का हमारे देश को अगर आगे बढ़ाना है तो आरक्षण को हमेशा के लिए खत्म करना होगा आरक्षण तभी खत्म होगा जब sc-st समुदाय के लोग एक दिन भारत बंद करेंगे और वह बोलेंगे कि हमें आरक्षण नहीं चाहिए वह भी 90 नंबर के पढ़ने के 90 नंबर के लिए पढ़ने के लिए तैयार होंगे पड़ेंगे और 90 नंबर जब लेकर आएंगे तब आईएस पीसीएस बनेंगे उसके बाद हमारा देश भी आगे बढ़ेगा तो इसके लिए जो एजुकेटेड एससी एसटी के लोग हैं उनको आगे आना पड़ेगा क्योंकि उनकी प्रतिभा को दबाई गई है उनको 30 नंबर के लिए पढ़ने के लिए मजबूर किया गया है यह कांग्रेस पार्टी ने मजबूर किया है उनको हिम्मत करके आना होगा तभी हमारे देश का विकास होगा और sc-st समुदाय के विकास का विकास होगा सभी धर्मों का विकास होगा इसलिए अपना महत्वपूर्ण वोट भारतीय जनता पार्टी को दें ताकि हमारा देश सबका साथ सबका विकास वाले मंत्र से आगे बढ़ सके और कुछ अच्छा काम हो सके धन्यवाद
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दलितों को इतना आरक्षण इसलिए दिया गया था जब हमारा देश आजाद हुआ था उस समय दलितों की हालत बहुत ही बदतर थी उसी कोई रिस्पेक्ट नहीं थी वह बस यूं ही जिंदगी जी रहा था गुलामों की तरह आते जाते लोग का दंगा हुआ था उसे हमारे समकक्ष हमारे बराबर ऊंची जाति के बराबर लाने के लिए उसे आरक्षण दिया गया ताकि वह भी समाज में हमारे साथ मिल कर सके लेकिन आरक्षण संविधान बन रहा था तो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने इसे सिर्फ और सिर्फ 10 साल के लिए लागू किया था लेकिन बाद में यह आरक्षण अब तक चलता आ रहा है और इस आरक्षण के चक्कर में सारा देश का सत्यानाश हो रहा है आप लोग हमारे समाज में हम सभी देखते हैं कि एक ब्राह्मण परिवार को की सबसे टॉप में रहता है क्या वह गरीब नहीं होता है उसे नौकरी की जरूरत नहीं होती है उसे कपड़े खाने भूख नहीं लगती है वह मर रहे हैं मोदी क्या कर रहे दलित को जिस जो अवस्था आती पहले वह अवस्था ब्राह्मणों की आ चुकी है कुछ ब्राह्मणों से कोई सुविधा नहीं है मेरे ख्याल से इस आरक्षण को पूर्ण रुप से समाप्त कर देना चाहिए और नहीं करेगा उसको बहुत ही भारी मतों से हार का सामना करना पड़ेगा अगली बार क्योंकि इसके विरोध में तारे दलित खड़े हो जाएंगे और उसका निश्चित रूप से हार होना ही है इसलिए किसी भी पॉलिटिकल पार्टी में खत्म करने का हिम्मत नहीं हो रहा है इसे खत्म करना बहुत ही जरूरी है मन हमारा भारत देश का भविष्य सब जानते हैं बहुत ही अंधकार में होने हैं
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दलितों को इतना आरक्षण क्यों दिया गया है इसका क्या कारण है अमर भारत में आरक्षण क्यों खत्म नहीं होता तो देखिए भारत में आरक्षण खत्म तो नहीं होगा अभी तो नहीं होगा घर पर लोगों में भेदभाव करने वाले लोग रहेंगे तब तक रहेगा और आपस में आरक्षण क्यों किया गया है तो पार्टी फंडामेंटल राइट्स में ही रिजर्वेशन चित्र तू है जिसे भी नहीं कर सकता और क्यों दिया गया है क्या कारण है अभी बहुत तारीफ उसमें भी और अभी भी बहुत सारे लोग हैं कि मिलना बहुत जरूरी था लेकिन एक कॉपीराइट सुनके देने से इंकार कर कर रहे थे इनको आर्थिक सामाजिक राजनीतिक न्याय चाहिए था समानता का युद्ध सफलता मिले सम्मान मिले सामाजिक आर्थिक राजनीतिक न्याय मिले तो आगे बढ़ सके उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके और जिनके बल पर राजनीतिक राजनीति में आकर अपना अपना अपना काम कर सके और जनता के सवाल सामने रख सके और उस जो बैकवर्ड क्लासेस का प्रतिनिधित्व कर सके और आपके खतना क्यों नहीं होता तुम्हें कितने भी ऐसी के लिए कह रहा है उसके लिए 15 15 उर्दू पर्टिकुलर एक समाज के लोगों के लिए पर्टिकुलर जाति के आधार पर भेदभाव करने वाले लोग तब तक भारत में रिजर्वेशन रहेगा उसे कोई दिक्कत नहीं कर सकता
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दलितों की स्थिति हमारे समाज में काफी ज्यादा दयनीय है इसी वजह से उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए हमारे देश में आरक्षण की व्यवस्था की गई है और इसी इसी वजह से खत्म नहीं किया जा रहा है क्योंकि अभी भी जो भी दलित है या फिर पिछड़े वर्ग के लोग हैं वह समाज की मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाए हैं तो जब तक वह बाकी लोगों के समकक्ष नहीं आते तब तक मुझे लगता है हमारे देश में आरक्षण जारी रखना चाहिए
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दलितों को आरक्षण इसलिए दिया गया था क्योंकि यह जब हमारा देश आजाद हुआ था उस समय दलितों पर बहुत ज्यादा शोषण होता था बहुत ज्यादा अत्याचार होता था और कोई भी दलित ऐसा नहीं था जो कि पढ़ा लिखा हो और अपने परिवार को ढंग से संभाल पाए इसीलिए हमारे देश में दलितों को ऊपर लाने के लिए उन को बढ़ावा देने के लिए कॉन्स्टिट्यूशन में आरक्षण डाला गया था और बी आर अंबेडकर जी ने जिन्होंने कॉन्स्टिट्यूशन का गठन किया था यह चीज़ कही थी कि हमारे देश को 10 साल के लिए आरक्षण की आवश्यकता है और उसके बाद उसे हटा देना चाहिए क्योंकि यह दलितों को 10 साल काफी है ऊपर आने के लिए आरक्षण देकर और उसके बाद हम को आरक्षण की आवश्यकता नहीं होगी परंतु वह आरक्षण आज तक चलता चला रहा है और उसे किसी भी पॉलिटिकल पार्टी ने हटाने का प्रयास नहीं किया है और ऐसा इसलिए क्योंकि सभी पार्टी समझती हैं कि अगर उन्होंने पॉलिटिक्स आरक्षण को हटाने की प्रयास किया तो उनको बहुत ज्यादा विरोध झेलना पड़ेगा और लोग उनका सहयोग नहीं करेंगे और वही काफी लोग हो सकता है तुमको अगली बार सत्ता में भी आने ना दे और उनके ऊपर बहुत ज्यादा विरोध जताया जाएगा इसीलिए कोई भी पॉलिटिकल पार्टी इस तरह का फैसला नहीं लेना चाहती है कि वह आरक्षण हटा दें और उसके बाद देखें और दलितों को भी आरक्षण इतना मिल चुका है इतने समय से आरक्षण मिल रहा है अब काफी हद तक दलितों को आप ऊपर की पोस्ट पर देखते हैं और दलित भी आम लोगों की तरह आम कास्ट बाकी आम रास्तों की तरह आराम से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो मुझे लगता है आरक्षण का जो आधार था जातिवाद वह नहीं होना चाहिए था और अब आरक्षण को जातिगत से हटाकर लोगों की आर्थिक स्थिति के ऊपर कर देना चाहिए तभी जाकर हमारा देश आगे चलकर कोई प्रगति कर पाएगा और एक तरह से यह चीज फिर भी होगी क्योंकि अगर कोई इंसान आर्थिक रुप से सशक्त नहीं है तो उस को आरक्षण मिलना चाहिए और वही जो जातिवाद आधार बनाया हुआ आरक्षण का और वह बिल्कुल भी सही नहीं है और उसको हटा देना चाहिए
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10 को पूरे देश में दलितों की स्थिति स्थिति बहुत ही सोचनीय कि समाज में दलितों को बहुत ही नहीं की नजरों से देखा जाता था और उन्हें बहुत ही बुरी तरह से रखा जाता था उन्हें कोई भी कार्य नीचे से नीचे करने को कहा जाता था और उन्हें एक अच्छी अच्छी तरह उनके साथ व्यवहार किया जाता था उन्हें जानवर की तरह समझा जाता था और उनकी कोई भी रिस्पेक्ट नहीं की कोई इज्जत नहीं थी उन्हें बस एक जीवन मिला था जो लोग जी रहे थे उनकी स्थिति बहुत ही दयनीय शोचनीय थी इसीलिए हमारे संविधान में उनको संतुष्ट बनाने के लिए समाज में से भेदभाव मिटाने के लिए दलितों को स्वावलंबी बनाने के लिए आरक्षण की शुरुआत की गई और जब आरक्षण शुरु किया गया संविधान में जब इसका प्रावधान रखा गया तब इस इस साल के लिए रखा गया था वह कहां गया था कि 10 साल बाद इसकी समीक्षा की जाएगी कि दलितों पर यह सुविधा है या यह जो आरक्षण हमने की उससे मिला पहुंचा है या नहीं फिर उसके बाद इसे देखेंगे और उसकी समीक्षा करके उसके बारे में सोचा जाएगा लेकिन 10 साल के बाद भी आज इतने सालों बाद भी आरक्षण हमारे देश में खत्म नहीं हुआ है क्योंकि आरक्षण को दलितों ने अपनी सुविधा का साधन बना लिया है जब किसी एक परिवार के सदस्य को आरक्षण मिला और उसने आरक्षण का लाभ उठाया तो उसके बाद उसकी कई पीढ़ियों ने उस आरक्षण का लाभ उठाना जारी रखा इससे जो वाकई में भगत मंडली थे उन तक इसका लाभ नहीं आज भी हमारे देश में ऐसे कई परिवार है जिनको आरक्षण की जरूरत है इसलिए आरक्षण खत्म नहीं हो रहा है
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आज के दलितों को आरक्षण क्यों दिया गया देखा जाए तो जब वह संविधान लिखे गए थे जब संविधान लिखा गया था उस समय तो हमारे समाज में दलित लोगों को ज्यादा आगे नहीं थे और मैंने कोशिश की थी कि 10 सालों के लिए आरक्षण नहीं मिले आरक्षण खत्म क्यों नहीं अभी के अभी जो हमारी सब भारत में जो मौजूदा हालत है कि कोई भी सरकार इस आरक्षण को खत्म करेगी तो अगले इलेक्शन में उनको जो है दलित का वोट नहीं मिलेगा तुझे सब कुछ बोल बैंकिंग हो चुका है कि दिखाइए तो लोग सोचते हैं कि अगर यह हटाते हैं आरक्षण को वोट नहीं मिलेगा इसलिए जो है कोई भी सगाई से खत्म नहीं करना चाहते हैं तो बेसिकली जो आरक्षण को 10 सालों के लिए बनाया गया था और 10 सालों के अंदर से खत्म करना था बेवफा निकली बनाया जाता हूं
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