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बहुत ही अच्छा सवाल है आपका हमारे भारत में जातिवाद का जहर फैला रखा है नेताओं ने उसे कैसे रोकना है आप अपने आसपास देखें चीजों को अगर तो जो भी नेता इस तरीके की हरकतें करते हैं जो 20 तरीके की चीजें फैलाते हैं धर्म के नाम पर जात के नाम पर तो कहीं न कहीं अगर देखा जाए तो उसका पूरा का पूरा जो प्रणाम होता है वह हमारी आम जनता भक्ति है और इसकी पूरी जिम्मेदारी भी आम जनता ही है क्योंकि मैं आपको बता दूं कि इस तरीके की जातिगत भावनाओं को भड़काने वाले लोग इस तरीके का जहर घोलने वाले लोग केवल चंद लोग हैं कुछ ही लोग हैं जो हम जनता को आपस में लड़ आते हैं जनता को तोड़ते हैं और वह मुट्ठी भर लोग संगठित हैं सबसे बड़ी चीज जनता में संगठन की कमी है जनता संगठित नहीं होती है जनता कुछ जो भी परेशानी होती है जो भी चीजें जनता को परेशान करती है जनता बहुत सारी चीजों पर ध्यान देना बंद कर देती है चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता है जनता को सारी चीजें रखनी चाहिए चुनाव आने के बाद जैसे ही चुनाव आता है चुनाव के समय ही अपना जो मताधिकार का प्रयोग करती है जनता उसको बटन दबा कर के यह बता देना चाहिए कि उसकी ओरिजिनल औकात क्या है जात के नाम पर भड़काने वाले लोग बहुत ही कम है संगठित है मैं फिर बता रहा हूं संगठित हैं वह उन को तोड़ना होगा हम विरोध करने वाले बहुत सारे लोग हैं हम संगठित नहीं है हमें संगठित होना पड़ेगा आप संगठित होंगे तभी कोई आपके घर में शहीद नहीं लगा पाएगा आप लोगों को आपस में लड़ा नहीं पाएगा एक बात सोचो इस समय कोई दंगा भड़कता है उस समय किसी राजनेता को आपने बीच में उतरते देखा है पब्लिक को रोकते हुए नहीं मरता कौन है आम जनता एसी कमरों में बैठ बैठ कर अपनी कुर्सियां गर्म करते हैं अपनी सरकारें चलाते हैं और आम पब्लिक आपस में लड़ते झगड़ते रहती है पता चलता है कि हम जिसके घर ईद की सेवइयां खाने जाते हैं और जो हमारे घर दिवाली की मिठाइयां खाने जाता है हम उसी दूसरे एक दूसरे के लिए युवक गर्दन पर तलवार रख कर के खड़े खड़े हो जाते हैं धर्म के नाम पर जाट के नाम पर जो जहर घोल रखा है कि जनता को समझ नहीं होगी हमको समझ नहीं होगी यह चीज नहीं करना है आखिर आपको भी यही रहना है हमें भी यही रहना है मैं आपको कुछ लाइनें बताता हूं कि कोई भी राजनेता इस तरीके की जातिगत शब्दों का इस्तेमाल करता है धर्म के नाम पर भड़काता है आप उसको करारा जवाब दीजिए एकत्र होकर के संगठित होकर के आप उसको उसकी ओरिजिनल औकात बताइए कि हम लड़ने वाले नहीं हैं हमको आप लड़ा नहीं सकते हैं गलत हो रही चीजों का अपने आसपास गलत होरी चीजों का विरोध करिए आप संगठित होकर की करेंगे आपकी ही भलाई है उसमें मैं आपको बताता हूं कि कुछ लाइनें हैं कि कब तक के मजे भी नशा बटेगा कब तक कि मुझे भी समा बांध लेगा यह मंदिर यह मस्जिद सी वालों की जद में पता नहीं ना होगा तो क्या बात यह गा पता नहीं ना होगा तो क्या बाट आएगा मेरे लाइनों पर आप गौर फरमाइए ध्यान दीजिएगा हमें आपस में लड़ाने वाले एक नेता हमारे सुख-दुख में खड़े नहीं होते हैं मैं आपको बताता हूं कि आते हैं चुनाव के मंजर कभी-कभी यह पंचवर्षीय जीव हमारे गांव में जीवन तलाशने आते हैं कभी-कभी हमने तो इनकी रो हमें भूल हुई सजा दिए मारा इन्होंने पीठ में खंजर कभी-कभी आप ध्यान रखें मेरे प्यारे देशवासियों कभी भी आपको कोई लड़ाने की कोशिश करता है आप उसको मुंह तोड़ जवाब दीजिए करारा जवाब दीजिए उसे और कोशिश करिए कि आपको कोई लड़ा नहीं सके आपकी जो बॉन्डिंग है एक दूसरे के साथ में हमेशा बनी रहे उसको कोई ब्रेक न कर सके कभी पर जो भी ऐसा करने की कोशिश करता है आप उसको समझाइए अपने मताधिकार का प्रयोग करिए ऐसी जगहों पर ऐसे कैंडिडेट के साथ जो इस तरीके की भावनाएं नहीं भड़काता हो तेरा है मेरा है यह चीजों में बांटा ना हो नहीं तेरा है ना मेरा है हिंदुस्तान सभी का है धार्मिक भावनाओं को भड़काने से एक दूसरे को नीचा दिखाने से वह केवल और केवल अपना विकास करता है आप विकास की दर से पीछे हो जाते हैं किसी भी धार्मिक भावनाओं में भड़काया गया किसी भी जाति के तरीके से बढ़ाया गया दो लोगों और दो समुदाय और दो गुटों के बीच संघर्ष हो जाते हैं वह संघर्ष उन दोनों को ही इसे कर देते और उसमें उल्लू सीधा होता है उस राजनेता का जिसने चिंता ही होती है तो किसी भी जाति का हो किसी भी मजहब का हो किसी भी धर्म से तालुकात रखता हो उसको किसी भी राजनेता की धड़कावे में नहीं आना चाहिए हिंदुस्तान की समग्र विकास में हिंदुस्तान की भूमि को हर समुदाय की हर जात के हर वर्ग के लोगों ने अपने खून से सींचा है तब जाकर कि भारत बना है आज और भारत की स्थिति में खड़ा है आज अपने खून पसीने की कमाई लगाई है कितने कांटों का ताज पहना है लोगों ने उनके पैरों में बेड़ियां और हाथों में अकड़ जंजीरों से बांधा गया उनको मारा गया हजारों वर्षों की उनके बलिदान की कथाएं गुरु ने बच्चों ने हर किसी ने बलिदान दिया है महिलाओं ने जौहर किया है महिलाओं ने बलिदान दिया है आत्म सम्मान के साथ लेकिन कभी किसी ने समझौता नहीं किया कभी कोई लड़ाई नहीं आज के समय में क्या है भाई भाई की गर्दन काटने के लिए तैयार हो जाता है एक धर्म के लोग दूसरे धर्म के लोगों का सर काटने के लिए तैयार हो जाते हैं हमको समझ नहीं होगी इसकी केवल और केवल जिम्मेदारी जाती आम पब्लिक पर कोई एक आदमी आपके भविष्य को तय नहीं कर सकता है एक आदमी 100 लोगों के चार लोगों के लाख लोगों के भविष्य को तय नहीं कर सकता हजार लाख लोग 10 लाख लोग उस आदमी का भविष्य तय करते हैं कि हम ऐसे राजनेता बनाना है क्या नहीं जनता के सेवक का मतलब यह नहीं होता कि वह आपस में लड़ाई आपस में दोनों को जात के लोगों को दो समुदाय के लोगों को जनता के सेवक का मतलब होता है जनता की सेवा करना जनता को कोई कष्ट ना हो आपस में अगर प्यार बढ़ाना है एक दूसरे की भावनाओं को समझना होगा एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना होगा जितना सम्मान हम आपको देते हैं उसका सम्मान आप हमें दें हम किसी मदद के सिद्धांत किस जात से अगर हम तालुकात रखते हैं और उन दूसरे मजाक दूसरे धर्म और दूसरे समुदाय के लोगों को जितनी इज्जत देते हैं उतनी इज्जत श्रम पाने के हकदार होते हैं हम आपका जितना सम्मान करते हैं आप इतना सम्मान हमें दे दूसरों को दे इतना प्यार हम आपसे दिखाते हैं इतना लगाओ आपसे दिखाते हैं उतना लगाओ आप हमसे जरूर दिखाएं हम आपसे दिखाएंगे आपसी प्यार से ही हम एक दूसरे को समझ सकते हैं एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं एक दूसरे की आंतरिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ ना करें एक दूसरे को समझने की कोशिश करें और किसी के बहकावे में किसी के बहकावे में मत आएं अपने साथ-साथ अपने घर का विकास अपने समाज का विकास अपने देश के विकास पर ध्यान दें बहुत-बहुत धन्यवाद आपका जय हिंद जय भारत
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लेके जातिवाद का जहर नहीं होना चाहिए जातिवाद पे कभी भी बहुत दिमाग ना चाहिए कभी भी यह नहीं होना चाहिए जातिवाद बोला क्योंकि यहां हर मुसलमान भी रहते हैं यहां पर हिंदू भी रहते हैं यहां पर दलित भी रहते हैं अब चंद्रशेखर जो है वह उसमें तो उसको मिल गई है दिल्ली की जातिवाद से कभी भी राजनीति नहीं करनी चाहिए
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जातिवाद का तो आप पार्टी कूलर जो क्षेत्रीय पार्टियां भरी हुई है ना क्षेत्रीय पार्टी को ज्यादा बढ़ा दिया यूपी के अंदर वह भी आपके अंदर राष्ट्रीय जनता दल बना हुआ है इन्होंने एकता सरकार किन लोगों ने एजुकेशन लोगों के लिए
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यह बात बिल्कुल सही है कि आज भारत में बहुत सारे नेता ऐसे हैं जो जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं और उसका मुख्य कारण यही है कि भारत की जनता उनके असली चेहरे को नहीं देखती है और उनकी बातों में आ जाती है नेता भोले भाले लोगों को बेवकूफ बनाना अच्छी तरीके से जानते हैं और अपने भाषणों के माध्यम से एक दूसरे में लड़ाई लगवाने से पीछे नहीं हटते हैं उन्हें बस वोट बैंक की राजनीति करनी आती है और यही चाहते हैं कि एक समुदाय के लोग उन्हें ज्यादा पसंद करें और उन्हें ही वोट दें ताकि वह चुनाव के समय जीत हासिल करके सत्ता में आ सके लेकिन लोगों को यह चीज सोचनी चाहिए कि कौन सा नेता उनके लिए सही है और कौन सा नहीं वैसे नेता जो जातिवाद की बात करते हैं एक धर्म के लोगों को दूसरे धर्म से लड़वाने का काम करते हैं या दो जातियों के बीच में फूट पैदा करते हैं इस तरह के नेताओं से लोगों को बच के रहना चाहिए और इन्हें कभी भी चुनाव के समय वोट नहीं देना चाहिए क्योंकि अगर इस तरह की मानसिकता वाले नेता जीतेंगे चुनाव और बड़े-बड़े पदों पर पहुंच जाएंगे तो यह जनता की भलाई नहीं करेंगे यह सिर्फ खुद के बारे में सोचते हैं और जनता में फूट डालकर शासन करने की नीति यह भली-भांति जानते हैं तो ऐसे नेताओं से हमें बचना चाहिए और इन्हें कभी भी जीत नहीं दिलवाना चाहिए और आपस में हमेशा प्रेम पूर्वक रहना चाहिए चाहे हम किसी भी जाति किसी भी धर्म से क्यों नहीं आते हो आज हमारे देश में हिंदू मुस्लिम के दंगे इतने ज्यादा बढ़ गए हैं और इसका मुख्य कारण है नेताओं का भड़काऊ भाषण और लोगों की नासमझ बहुत सारे लोग नेताओं की भाषण में आ जाते हैं और छोटी सी बात का बतंगड़ बना कर एक दूसरे को मारने पर उतारू हो जाते हैं तो इस तरह की चीजों से हमें बचना चाहिए और अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करके हर एक चीज को सही तरीके से सोचना चाहिए कि क्या सही है और क्या नहीं तभी जाकर हमारे देश में जो जातिवाद की समस्या बढ़ रही है उसे कुछ हद तक रोका जा सकता है
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बिल्कुल आपने सही कहा हमारे भारत में
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