चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
प्लीज सबसे पहले जो इंपॉर्टेंट होता है कि सरकारी स्कूलों को बढ़ाने में सरकारी और कर्मचारी और अमीर व्यक्तियों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूल क्यों नहीं पाते सरकारी स्कूल अच्छी कंडीशन उनकी नहीं है तब तक जो शादी नहीं कर सकती दूसरी बात आती है कि जो प्राइवेट कोचिंग बंद कर दिया अपने स्कूल की चढ़ाई ट्यूशन को ज्यादा महत्व देते हैं
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए और मेरा तो यही एक सजेशन रहेगा कि सबसे पहले आप एग्जाम कब और इस तरह से ना बढ़ाएं बच्चों के ऊपर कि उनके बीच मार्क्स आने की दौड़ में वह लोग चीजों को समझना भूल जाए और सिर्फ लडकिया फिर सिर्फ एक बार फोन करके उस चीज को आगे एग्जाम में लिख दे परंतु और उसको समझने की कोशिश ना करें उसे क्या क्या यूज हो सकते हैं अपनी लाइफ में उस चीज की कोशिश नहीं करते हैं बच्चे तो यह प्रणाली में यह चेंज होना चाहिए कि बच्चे सिर्फ एक मार्क्स लाने के लिए ना पड़े परंतु वह चीजें समझने के लिए पढ़ें क्योंकि अब यह चीज आजकल हमें बहुत सारे स्कूल में देखने को मिलती है स्पेशली प्राइवेट स्कूल्स में देखने को मिलती है कि मां बाप और बच्चे मां बाप को टीचर अपने बच्चों पर मार्क्स लाने के लिए अच्छा स्कूल करने के लिए और क्लास में फर्स्ट आने के लिए स्पेशल इतना ज्यादा जोर डालते हैं कि वह खेलना और उनकी ग्रोथ में बिल्कुल रुकावट आ चुकी है और आप छोटे छोटे बच्चों तक को देखेंगे कि वह ट्यूब जाते हैं और अपनी क्लास में अच्छा करने के लिए उनके बीच में कंपटीशन हो चुका है और जो कि नहीं होना चाहिए और यही वजह है कि बच्चे आजकल बहुत ही प्रेशर मैंने आने लगे हैं प्रेस पर रहने लगे और जहां बचपन में बच्चे हैं और खेल कूद कर या फिर वक्त चीजों को आसानी से समझ कर आगे पढ़ते थे वही आज कल बच्चे सिर्फ चीजों को राइट कर या फिर जितना जल्दी लौट कर सकते हैं वह कर के आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं अच्छे मार्क्स आने की कोशिश करते हैं और इसका सिर्फ यही वजह है कि शिक्षा प्रणाली में बच्चों के ऊपर इतना ज्यादा स्ट्रेस डाला जाता है इतना टेंशन उनके ऊपर होता है अच्छे नंबर लाने का टीचर्स की तरफ से मेरी तरफ से की ब्लू कम चीजों को समझने की कोशिश भी नहीं करते और सिर्फ अच्छे नंबर लाने की कोशिश करते हैं जिसकी वजह से उनको अंदर रब जो एक कच्ची से समझने के लिए इंटेलिजेंस होनी चाहिए बूथ लेवल कम होता जा रहा है और मैं यही सजेशन देना चाहूंगी कि बच्चों को समझाइए ना कि उनको सिर्फ मार्क्स हटाने के लिए कोर्स करें
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने के लिए 20 21 सुन मेरे हिसाब से तो अभी गवर्नमेंट ध्यान में दे रही है जिसकी कोई भी टीचर है बहुत सारे ऐसे टीचर आ गए जिनको खुद पता नहीं है नॉलेज को खुद नहीं है और जो क्या बच्चों को पढ़ाएंगे 20 मिनट में भेजता का अच्छा नहीं रहेगा कोई भी स्टूडेंट का तो जीत भेजो वह कमजोर हो जाता हमेशा उनको डर लगने तक वापस भेज रेस्टोरेंट नहीं है आगे पढ़ाई में कभी प्रॉब्लम होती है तो उसके लिए बेहतर टीचर्स की आवश्यकता है जो कि बच्चे की मानसिकता को समझ के बेहतर तरीके से उन्हें पढ़ा तो मैं तो नॉलेज टेस्ट होने के बाद भी कोई टीचर्स का सिलेक्शन हुआ है जो कि अभी हो रहा है हाल ptet टेस्ट टेस्ट को अच्छी तरह से ले कोई भी इस में कंप्रोमाइज नहीं बताया था कि बच्चों के भविष्य का सवाल है कोई भी कमेंट नहीं बचा कैसे टेस्ट किया जाए और तभी कोई भी जो क्वालीफाई टीचर है उनको ही पढ़ाने का अवसर दिया जाए कि उनको ही स्कूल में भर्ती किया जाए तो इस चीज का चुनाव का नतीजा और शिक्षा प्रणाली में जो अभी की प्रणाली है हमेशा हम जो है लटके पढ़ते कोशिश को सिर्फ याद करते हैं तो उसे उस को याद करने से अच्छा है अधिक हम समझा के प्रेक्टिकल नॉलेज करके हम अगर करते हैं प्रैक्टिकल नॉलेज बच्चों को सिखाते तो वह हमेशा के लिए याद आ जाता है और काफी बेहतर होता है उसके लिए तो अगर करती है तो कमेंट तो शिक्षा प्रणाली में सुधार होने के चांसेस हैं
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
मेरे सबसे भारतीय शिक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी कमी जो है वह कमीशन की कमी जैसे की हम IIT जॉब PMT नहीं होने देते नए-नए क्योंकि इससे आईआईटी और पीएमटी की वैल्यू खत्म हो जाएगी लेकिन इस चक्कर में पूरी भारतीय शिक्षा प्रणाली की व्यवस्था ही खत्म हो रही है क्योंकि हमारे यहां करोड़ों विद्यार्थी के बीच में एक सीट होती है तो यह बहुत ही खतरनाक होते हैं जबकि अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में हजार बच्चों के 1 सीट होती है तो उन लोगों के लिए पढ़ना बहुत आसान होता है इसीलिए उन लोगों में पढ़ाई के बाद भी कौन सा अच्छा है पढ़ने के साथ भी और हम अपने उसको स्कूल कॉलेजों को विदेशी विदेशी यूनिवर्सिटी से कम पर करें ना कि आपस में IIT अच्छा आ जाए जपले अच्छा मेरे सबसे तो ID को बनाए रखो और जो इटली और हर तबके के कॉलेजों उनको खत्म करते जाओ केवल ID होना चाहिए 80 से ऊपर भी कुछ होना चाहिए जो कि हर्बल वगैरा को कंपेयर कर सके जैसे कि मैं स्कूल में देखते हैं इस स्कूल आजकल स्कूलों में व्यवस्था सही होती जा रही है धीरे-धीरे क्योंकि स्कूल में फंक्शन है क्योंकि स्कूलों को खोलने के लिए कोई बहन नहीं है किसी की तरीका आप कोई भी स्कूल खोल सकते हैं दूसरी बात यह कि हम जो सिलेबस पढ़ाते हैं वह सारे इंग्लिश में ही होना चाहिए एक कंफ्यूजन लगवाती कंज़र्वेटिव तरीके का सिलेबस है हम उसे अपनी भाषा में कर सकते हैं इंग्लिश में हिंदी में नहीं तो इंग्लिश में कर सकते हैं हिंदी प्लस इंगलिश में जिस से क्या होगा कि बच्चे दिमाग खुलेगा अपने को तमिल भाषा में कोई देखेगा तो जल्दी सीख पाएगा क्योंकि हमें निर्माता चाहिए काम करने वाला नहीं इसीलिए हमें अपनी भाषा में ज्ञान देना ही होगा
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
आज की शिक्षा कुछ है हाई लेवल तक पहुंचाने के लिए जो है हमें पहले स्कूलों की जो निर्माण है जरा से करना चाहिए जहां पर जो हर बच्चा जाना चाहिए और इसके लिए जो है हम बच्चों से पहले बड़ों को शिक्षित करने की जरूरत है और बच्चे कुदरती तौर पर जो है खुशमिजाज होते हैं और वे आबादी का ऐसा हिस्सा होता है जिनके साथ काम करना सबसे आसान होता तो फिर यह पढ़ाने के लिए जो है माहौल को बेहद खुशनुमा बनाना चाहिए और एक मुश्किल काम जो यह यह हो जाता है कि आज हमारे पास जो है ऐसे कई वैज्ञानिक और चिकित्सक प्रमाण मौजूद है कि जिन से साबित होता है कि अगर आप एक खुशनुमा माहौल में होते हैं तो आपका शरीर और दिमाग जैसे विशेष तरीके से जो काम करता है अगर आप एक भी जो है पल भी ना उत्तेजना चिड़चिड़ा हो तो चिंता बेचैनी और उस के रहते हैं तो अगर आप जो है सहज रूप से खुश रहते हैं तो कहा जाता है कि बुद्धि का इस्तेमाल करने की आपकी क्षमता एक ही दिन में जो है ऑफिस भी पढ़ सकते तो ऐसा माहौल होना चाहिए शिक्षा का की जो है हर बच्चा गरीब से गरीब बच्चा भी और हमेशा में बच्चा वीडियो है पढ़ाई को जो है शिक्षा को जो है हम अपनी इंडस्ट्री अपनी रुचि से पढ़े और और यह जो स्कूलों में जो पीस होती है उसमें जो फीस होती उनको भी जो है थोड़ा कम कर देना चीकू की जिसे जो है अमीर बच्चे तो पढ़ पाएंगे और यह गरीब बच्चे भी जो है पढ़ पाएंगे
Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!