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मुझे ऐसा लगता है कि शरद पवार का जो मास्टर स्टॉक था हुई यह रहा कि मेरी मेरी अपनी सोच है जब भाजपा शिवसेना और कांग्रेस इन चारों दलों को सरकार बनाने वाले जादुई आंकड़ा नहीं छू सके तो यह स्पष्ट था कि खरीद-फरोख्त होगी जिस प्रकार कर गोवा में और दूसरे राज्यों में बीजेपी ने लोकतंत्र को एक तरह से कहना चाहिए कि धत्ता बताते हुए जो दूसरे और तीसरे नंबर पर थे उन्हें सरकार बनाने के लिए राज्यपाल आमंत्रित कर रहे हैं और वह सरकार बनाने हैं जबकि सबसे बड़ा दल सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है ऐसे ही पूरे देश में माहौल बना हुआ था महाराष्ट्र में जो स्थिति बनी उससे सभी लोगों को ही था यहां पर और बीजेपी ने तो स्पष्ट दावा किया था वह शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे लेकिन जब शिवसेना ने शिवसेना और बीजेपी की जब अंदरूनी लड़ाई जब सड़क पर आई उस समय लगने लगा कि अब बीजेपी हमेशा कुछ न कुछ नया करेंगे और इसी रणनीति को भेजने के लिए मुझे जहां तक लगता है कि शरद पवार शरद पवार एक प्लान तैयार किया और उस प्लान में बीजेपी के अमीषा फंसे हुए उन्होंने यह देखा कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए लालायित है और वह किसी भी हद तक जा सकती है तो उन्होंने अजित पवार के माध्यम से बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बातचीत में लगाया और मुझे ऐसा लगता है कि अजीत पवार ने बीजेपी से संपर्क कर शपथ ग्रहण भी हो चुका था इसके बाद लगी रहा था शरद पवार जी को कि अगर ऐसा नहीं करेंगे तो अंडर ग्राउंड विधायकों की खरीद-फरोख्त चलेगी जिसमें रांका पर कांग्रेस के विधायक टूट सकते हैं जा सकते हैं तो अजित पवार सी सरकार बनने और दूसरी तरफ उधर उद्धव ठाकरे जिस दिन आप देखें कि बीजेपी के मुख्यमंत्री ने शपथ ली तो उद्धव ठाकरे के खिलाफ कई अखबारों ने और कुछ लिखा कि यह नहीं बन पाए तो उद्धव ठाकरे को एक मलाल और दूसरी तरफ शरद पवार जी ने अजीत पवार को पार्टी के विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया उनके हटाते ही दूसरे जो विधायक थे वह सारे सकते में थे उन्हें पर जब भतीजे को बाहर किया है तो हमारा क्या हश्र होगा तो उनमें टेटस होता आ गई और जो शरद पवार लाना चाह रहे थे उसके बाद उधर शिवसेना में खलबली कि हमारे विधायक न टूटे कांग्रेसमें खलबली हमारे विधायक ना टूटे सब एकदम खुश होकर मजबूर हो गए जिसके बाद फिर एक शक्ति प्रदर्शन जो अजीत पवार ने समर्थन दिया उसी अजित पवार के साथी 50 विधायक परेड में उपस्थित हुए कांग्रेश और शिवसेना का आंकड़ा बनके 162 हो गए जो उनकी रणनीति के तहत वह कामयाब रहे अजित पवार की घर वापसी भी हो गई शिवसेना के नेतृत्व में सरकार ने शपथ भी ले ली और जो अपने को धुरंधर कहना चाहिए कि रणनीतिकार बताते थे उनकी रणनीति भी फ्लॉप होगी और पूरा गेम शरद यादव ने शुरू किया शरद पवार ने शुरू किया और शरद पवार ने ही अंतिम रूप दिया शिवसेना के उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाकर और महाराष्ट्र प्रदेश में शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनाकर और वह अपनी रणनीति में कामयाब रहे
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