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दीक्षित धर्म जो है वह आपको सारे ही धर्म अगर आप उनके बिल्कुल बेसिक पर चले जाए तो उनका एक ही मतलब होता है वह सारे धर्म जो है आपको एक ही चीज दिखाते हैं और वह एक दूसरे से प्यार करना दूसरों को माफ कर देना दया भाईचारा यह सारी चीजें सारे ही धर्म है वह सिखाते हैं इसके अलावा जो धर्म है एक तो वह आपको आईडेंटिटी देता ऑर्डिनरी में तो पहचान देता जैसे कि मैं हिंदू हूं मैं मुसलमान हूं इसके अलावा धन वह है जब जो आपको एक चीज देता है खूब देता है उम्मीद है जब आप अपनी जिंदगी में बहुत परेशान होते हैं क्या कुछ समझ में नहीं आ रहा होता कहां जाएं क्या करें चाहे वह आपके रिलेशनशिप हो जाए वह घर की फाइनैंशल सिचुएशन हो तो आप क्या करते आप उस धर्म के आप जिस भी धर्म के हैं और आप जिस पर भगवान को मानते हैं उसकी तरफ मुख मोड़ते हैं एक सपोर्ट के लिए मोड़ ऑफ मेंटल सपोर्ट के लिए कि हां कुछ हायर पावर है जो इस सिचुएशन को संभाल सकते हैं जो मैं नहीं संभाल पा रहा हूं
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धर्म का अर्थ है धर्म का अर्थ है तीर और कुछ नहीं धर्म का अर्थ है मैं मुर्ख नहीं हूं मुझे धर्म का अर्थ इस मैकेनिकल और कंडीशन नहीं है उसके अलावा भी कुछ हूं
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नमस्ते दोस्तों मेरी यानी डॉक्टर प्रिया झा के तरफ से आप सब को दिन की बहुत सारी शुभकामनाएं हम जिस घर में पैदा होते हैं वह अलग है और जो लोगों का धर्म है वह अलग है लेकिन लाइफ में आपका जो धर्म होगा वह इस पर डिपेंड करता है कि आप कौन से धर्म को अपनाते हो अभी के बहुत सारे लोग होते हैं जो हिंदू होते हैं लेकिन हिंदू होने के बावजूद वह दूसरे धर्म को मानते हैं प्यार करते हैं इज्जत देते हैं वहीं पर कहीं लोग होते हैं जो हिंदू नहीं क्वेश्चन है और वह उसको बुद्धिज्म पसंद है मतलब उसको आदि के बुद्धिज्म तू क्रिश्चियनिटी नहीं है लेकिन उनको उनका धर्म अच्छा लग गया और अगर वह उसको प्रैक्टिस करना चाहते हैं धर्म यह होता है कि जो इंसान नहीं एक्चुली बनाया है और हर एक धर्म जो है वह घूम घुमा फिरा कर सेन सीजी कह रहा होता है कि शांति से रहिए खुश रहिए और खुशी बाटी है दूसरों को तंग मत कीजिए तो धर्म यह है लेकिन आपके नजरिए से अच्छा बुरा क्या है पर्सनली धर्म उसे कहते हैं सबके आंखों में जो है उसके डेफिनेशन चालू होता है लेकिन घुमा फिरा कर जो है रियालिटी हर धर्म का हर फेथ का वह एक ही होता है तो हां यही है
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ढिशुम का मतलब क्या है धर्म जैसा में दिखता है समाजिक आईडेंटिटी बन गई है जैसे हमारी और अलग-अलग तरह की आइडेंटिटी नगर में पुरुषों और स्त्रियों पढ़ा हूं छोटा movieswep.in धर्म एक आईडेंटिटी है एक हमारी ही एक्सचेंज संधि को कि सचिन है जिसकी वजह से कुछ भी धर्म के बारे में अपने धर्म के बारे में कोई सुन नहीं सकता कि मैं ठीक हूं एक्सटेंशन है खून खौल जाता है मैं हिंदू तुम्हें हिंदुओं के बारे में कुछ नहीं सुन सकता हां मुझे इन वो की परवाह हो या ना हो लेकिन क्योंकि मैं अपने आपको इंतजार करता हूं हिंदू नेचर में कुदरत में सारी लाइफ़फॉर्म्स जानवर पेड़ पौधे वनस्पति चलो जीते हैं और हम हमारे को सरस शब्द शब्द लाइफ नहीं है सब धर्म शेख
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तरुण से तात्पर्य है जड़ विचारों के साथ में पुष्प उत्पादन किया जाए जिसको माना जाए जिस पर चला जाए वह धर्म में सभी धर्म में से एक से सिद्धांत से भरे हुए सभी धर्म कहते हैं कि सच्चाई के रास्ते पर चलो ईमानदारी से कार्य करो निष्ठा पूर्वक कार्य करो मानवता का हित करो परोपकार की तारीख को सभी धर्म ऐसा कहते तुम मेरे चाचा धर्मों के नामों में अंतर हैं बाकी धर्मों के मूल कर्तव्य मूल विचार है संभवत नहीं किंतु हां आज दुर्भाग्य का विषय है कि हम उसके कारण से विभिन्न धर्मों के क्षणों में पड़े हुए हैं हमने मानता तो बंद कर दी और हम धर्म के जूता नंबरों में अधिक होता है अशिक्षा के कारण यदि किसी भी धर्म के मूल में जाएंगे आप उसका पालन करेंगे तो वहां पर आप यह पाएंगे मानवता के लिए कार्य करना ही सबसे बड़ा धर्म में मानव की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म में मानव के प्रति सद्भाव रखे मानवता के प्रति सद्भाव रखे कि हमारा सबसे बड़ा धर्म है उसका मैं पालन करना चाहिए यह मैं एक बात अवश्य करना चाहता हूं देश भक्ति से बढ़कर में किसी धर्म को नहीं मानता मैं किसी जाति को मानता ना मैं किसी अन्य को मानता देशभक्ति अवश्य होनी चाहिए और हम भारत के लोगों को जब विशेष तौर से होना चाहिए क्योंकि मैथिलीशरण गुप्त कभी नहीं यह बात निश्चित रूप से कही है जो भरा नहीं जो भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं वह हृदय नहीं वह पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं देश भक्ति ही सबसे बड़ा धर्म है मैं तो इसी को सबसे बड़ा धर्म मानता हूं
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धर्म का महत्व इतना ही है कि वह हमें जो है अपने जीवन का जो लक्ष्य है अपने जीवन का लक्ष्य क्या है हमारी संस्कृति कहती है कि और जो जियो यहां पर जन्म लेता है वह अपनी मुक्ति के लिए और विश्व के अक्षय के लिए कार्य करता है जो अच्छा कार्य करते करते जो मुक्त हो जाता है बादशाह कार्यक्रम आई धर्म है ऐसा मेरा विचार और भारतीय जनमानस इसी का पालन करता है सदैव बाकी वर्तमान में जो धर्म की रूपरेखा है रूप से नफरत हो गई है हमें वसुदेव कुटुंबकम की भावना से यदि हम काम करते हैं तो वही धर्म है ऐसा मेरा स्पष्ट विचार है
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लिखित धर्म के मायने फिल्म होता है क्या होता है धर्म के मायने जिंदगी होती है धर्म के माने इंसानियत होता है अब इनसे जो मतलब है धर्म का इल्म से मतलब यह है कि धर्म हम को सही और गलत को पहचानने का तरीका सिखाता है धर्म हमको इंसान के के साथ इंसानियत का हक अदा करने का तरीका बताता है धर्म हमको सच बोलना सिखाता है तो यह चीज है धर्म धर्म के अंदर में अगर धर्म नहीं होता तो किताबें नहीं होती ज्ञान नहीं होता और ज्ञान हमको किसी से मिला है ज्ञान हमको धर्म से मिला है और धर्म देने वाला कौन है परमेश्वर है वह परमेश्वर ने ज्ञान को धरती पर उतारा जिसके जरिए हमें ज्ञान मिला यही वह ज्ञान है जिसके जरिए से हम सही और गलत में फैसला कर पाते हैं तो मेरी नजर में धर्म का यही मतलब है
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धर्म क्या है धर्म स्वतंत्रता का नाम है धर्म स्वतंत्रता आप कुछ भी कर सके कहीं भी जा सके कहीं भी आ सके कुछ भी कह सकें कहीं भी बोल सके कुछ भी बोल सके कहीं भी रह सके यही धर्म है इसमें कुछ लोग यह कहते हैं कि स्वतंत्रता वैसी जिससे किसी को नुकसान ना हो नहीं हर तरह की स्वतंत्रता यही धर्म धर्म का हिंदू मुस्लिम सिख इसाई से कोई लेना देना नहीं असल में वास्तविकता में 2 धर्म है आज की दुनिया में एक वह जो हकीकत में स्वतंत्रता और दूसरा वह जो लोगों ने बनाया या समय नहीं बनाया है समय के साथ लोगों ने डेवलप किया अब मैं अगर कह रहा हूं कि स्वतंत्रता तो उसके पीछे कारण है वह यह है कि आप भगवान नहीं सभी को रचा है कोई एक है सर्वशक्तिमान है जिसने सबको बनाया जीव-जंतु पेड़ पौधे जानवर बगैरा तो उदाहरण के तौर पर को लीजिए जैसे हम बोलते हैं कि किसी को मारना अधर्म है नहीं शेर हिरण को मारता है तो क्या अब जाकर शेर को कहेंगे कि आप ना प्लीज ऐसा मत करिए ना उसको दर्द होता है उसको मत खाइए और को भगवान ने वैसा ही बनाया है हर किसी को भगवान ने उसके जैसा बनाया अगर कोई आपको मार नहीं आता है तो वह अपना धर्म कर रहे हैं आपको अगर अपने आप को बचाना अपना धर्म करिए धर्म का मतलब सिर्फ और सिर्फ स्वतंत्रता से होता है किसी भी हाल में किसी भी रूप में क्योंकि स्वतंत्रता ही वह चीज है जो भगवान ने सब को दी है और भगवान ने सब को स्वतंत्र बनाया भगवान ने किसी जानवर को पालने के लिए नहीं बनाया कुत्ते को भी आजा घूमने की बिल्ली को भी आजाद घूमने के लिए बताएं तो धर्म मतलब स्वतंत्रता किसी भी सूरत में आशा है कि आपको यह जवाब पसंद है जय हिंद जय भारत
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सर धर्म का मतलब मत निकालिए सर धर्म का अर्थ समझ ले धर्म का अर्थ है दूसरों की सेवा करना गरीबों की मदद करना असहाय ओं का सा असहाय ओं को सहारा देना और अगर कोई बुरी पश्चिम फंसा हुआ है तो उसकी मदद करना हमेशा लोगों की हेल्प करना और इंसानियत से अपने को ही धर्म कहते हैं यह नहीं कि आप हिंदू हैं तो यह होगा मुस्लिम है तो आप मीट खाएंगे ऐसा किसी भी धर्म में नहीं होता है जीवो पर दया कीजिए और जो आपकी जिंदगी की जो सिद्धांत हैं बस वही धर्म में कुछ भी धर्म नहीं है जिस तरह से आप अपनी लाइफ को जीते हैं और अगर आपको लगता है कि यह मेरे मेरे लिए बहुत अच्छा है मैं जो करता हूं बहुत अच्छा अगर आपकी अंतरात्मा की आवाज देती है तू वही आपके भीतर में आप उसे ही कीजिएगा बस यही कहना चाहूंगा कि इंसानियत से रहिए और सबको प्यार दीजिए प्यार बांट दिए प्यार दीजिए गिव रिस्पेक्ट गिव रिस्पेक्ट रिस्पेक्ट डीसी के साथ जय हिंद
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धर्म एक बहुत महत्वपूर्ण विषय यूं तो धमकी कहीं परिभाषाएं दी गई हैं किंतु किसी भी यह परिभाषा को सर्वमान्य नहीं माना जा सकता है धर्म समय परिस्थिति स्थान व्यक्ति विशेष के अनुसार बदलता रहता है धन की परिभाषा समय के हिसाब से बदलती रहती है परिस्थिति के हिसाब से बदलती रहती है यदि किसी धर्म में अहिंसा को परम धर्म माना गया है अहिंसा परमो धर्मा कहते हैं तो सर्वमान्य नहीं है हमेशा लिए सत्य नहीं है परिस्थिति विशेष में हिंसा को ही धर्म माना गया है जैसे यदि कोई एक सैनिक है और उसकी सीमा पर उसके देश की सीमा पर कोई घुसपैठिए आतंकवादी होश ना चाहता है तो उसको हिंसा करना ही होगा किंतु उसी से अनेकों यदि वह घर पर अपनी पारिवारिक जीवन में तो उसकी उम्मीद नहीं की जाती कुकर में किसी परिवार के सदस्य किसी को मृत्युदंड दे या जान से मार दे इसका अर्थ क्या हुआ जम्मू सीमा पर था तो उसने किसी व्यक्ति को मारा उसका घर मध्य प्रदेश के अंदर है अपने परिवार के संबंधियों के बीच में तो उसे ऐसा नहीं करना चाहिए ऐसे ही हर एक फील्ड में किसी भी विषय में बताएं धमकी प्रवाह सुनिश्चित रहती नहीं है लेकिन रिसोर्ट का फिल्म जग्गू समझे कैसे धर्म क्या है धर्म यह होता है कि एक ऐसा कृत्य जो व्यक्ति करें मानवता के हित में हो जिससे इंसानियत अपने अस्तित्व में रहे हमारे अंदर मानवीय गुणों का मूल हो कर उड़ा है दया है प्रेम है लोगों का सम्मान करना है सत्कार करना है सबसे प्रेम से बात करना है एक दूसरे का सहयोग करना है ना सिर्फ इंसान जाति का बल्कि जीव मात्र के हित के बारे में सोचना है इस साल के धर्म की विषय होती और इनको धर्म कहते हैं और जो इनके अपोजिट चलता है उसे अंदर कहते हैं बिल्कुल संक्षेप में कहा जाए तो मानवीय कृत्य जो किसी को भी हट ना करें किसी को तकलीफ ना दे ऐसा करना ही धर्म है
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धर्म का अर्थ क्या है धर्म क्या है यह सवाल बहुत ही अच्छी दिखे सबसे बड़ी बात यह है कि मैं इस धरती पर क्यों आया हूं सिर्फ कमाने खाने के लिए जी नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं हम इस धरती पर आए हैं लोक कल्याण के लिए लोगों के हित में कुछ करने के लिए आए हैं लोगों की भलाई करने के लिए आए हैं चाहे कोई भी इंसान महापुरुष हो जो धर्म प्रधान हो जाए और गौतम बुध हो गया महावीर हो गए हो क्या श्रीकृष्ण हुए हो जो भी हुए हो आप किसी किसी को भी उठा कर देख सकते हैं और एग्जांपल क्या किया अपने जीवन में लोग कन्या कि लोक कल्याण तू ही कि तू हमारा जो परम धर्म है और लोग कल्याण होना चाहिए हम लोगों को सेवा करने के लिए यहां पर आए हैं ठीक है आशिकी लोग यह भूल चुके हैं कभी आप लोगों को हेल्प करके देखिएगा उसमें जो खुशी मिलेगी जो आपको आनंद मिलेगा वह किसी काम से कई गुना वह छोटी कि वह अपने से होगा तो हमारा परम उद्देश्य परम धर्म है लोक कल्याण लोगों के हित में कुछ करें वही हमारा परम धर्म है
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धर्म का अर्थ है परमात्मा को धारण करना और जो परमात्मा को धारण करता है वह उसके साथ एक हो जाता है इसी तरीके से जूनून भी परमात्मा को धारण करा उस सब को एक धारा में ले आना ही धर्म है बुद्ध ने धारण किया तो बुद्ध धर्म में आ गए जीसस में धारण करा तो जीसस धर्म में आ गए धर्म किसी जाति विशेष का नहीं होता धर्म है यूनिवर्सल परमात्मा को धारण करना धर्म है ब्रह्मांड को धारण करना धर्म का अर्थ है परमात्मा से एक हो जाना किसी विशेष जाति को लेकर नहीं विशेष जाति को लेकर वह समूह होता है धर्म नहीं होता सीखे बहुत-बहुत प्रेम आपको आनंदित रहें खुश रहें और जो जीवन जीने आए हैं वही जीवन जी है ना की जीवन कथा
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देखिए धर्म का मतलब होता है वह गुण या क्वालिटी जो धारण करने योग्य है उसे धारण करना चाहिए इसे धर्म कहते हमारे हिंदू धर्म के उदाहरण से समझते हैं जैसे सच बोलना एक अच्छी आदत है पूरे विश्व को हमेशा सदैव सच बोलना चाहिए और यह एक ऐसी चीज है जो सब को धारण करनी चाहिए तो यही हमारा धर्म हुआ कि हम सच बोलें दूसरा उदाहरण लेते एक विद्यार्थी होता है विद्यार्थी का धर्म होता है कर्म होता है कि वह पढ़ाई करे उसकी क्वालिटी होनी चाहिए अच्छे से पढ़ाई करें माता पिता की सेवा करे गुरुजनों का आदर करें यह एक विद्यार्थी का गुण है क्वालिटी है जो उसमें होना ही चाहिए तो इसको जब जो धारण कर लेगा ना तुम बोलेंगे कि हां यह धर्म कर रहा है जैसे चूड़ी ना करना एक अच्छी आदत है तो पूरी दुनिया को यह सब गंदी आदत पर मैं किसी को भी यह गंदी आदत नहीं धारण करनी चाहिए जवाब चोरी नहीं करेंगे तो समझ लीजिए कि आप अपने धर्म को फॉलो किया सिंपल वर्ड्स जो गुण जो क्वालिटी धारण करने योग्य हैं उन्हें धारण कर लेना ही उनको फॉलो करना ही धर्म कहलाता है हमारे हिंदू धर्म में अब दूसरे धर्मों में जाओगे ना तब पता चलेगा कि ट्यूशन कहता है कि वो कहता है कि मुसलमान बनो वरना आपको जन्म जन्म जन्म में डाल देंगे नर्क में डाल देंगे वगैरा-वगैरा इन हमारा धर्म है वह ताकि इंसान बनो मनुष्य को मनुष्य के उस दिन आप सच बोलोगे नहीं करोगे माता-पिता का आदर करो कि गुरुजनों का आदर करो कि पढ़ाई करोगे आगे बढ़ो और समाज को आगे बढ़ाओ के पिन वन टो विश्वम आर्यम जो सरस्वती महर्षि दयानंद सरस्वती जी का जरिया बना रहा है उस पर आप काम करोगे तो यह घर में जो भी good-quality सिंपल बता रहा हूं कि जो भी good-quality अच्छाई धारण करने योग्य है उसे धारण कर लेना ही धर्म कहते हैं आपने मेरा जवाब सुनाएं के लिए धन्यवाद
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आदित्य धर्म क्या है और धमकी तो बहुत सही परिभाषा लेकिन आप की परिभाषा बताना चाहूंगा किसी भी वस्तु के स्वाभाविक गुण को सिद्ध करते हैं मतलब होता है उसका दाम कहते हैं बुझी अग्नि का धर्म होता है उसकी गर्मी होती है और गर्मी होती का कोई पता नहीं है कुरान कहता है नामली कि ज्यादातर कुरान जो होते हुए कहते कि मुसलमानों बाइबल के साथ होते हैं वह कहते हैं
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देखिए देखिए धर्म शब्द अपने आप में एक बहुत बड़ा शब्द है बहुत से शब्द के लिए जितनी की जाए उतना कम है ना कर पाए हो इसका अंत है इसका कोई पार नहीं है तुम मेरे समझ से अच्छा जीवन जीने की प्रेरणा दे कोई एक अच्छा इंसान बना उसको एक जिम्मेदारी उसको एक जिम्मेदार नागरिक है और अपने समाज के प्रति परिवार को पूरा बोध और कर्तव्य इसको बोलते हैं करना चाहिए
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धर्म का होता है धारण अर्थात जिसे धारण किया जा सके धर्म कर्म प्रधान है गुणों को जो प्रदर्शित करें वह धर्म है धर्म को घुन भी कह सकते हैं यहां उल्लेखनीय है कि धर्म शब्द में गुण अर्थ केवल मानव से संबंधित नहीं पदार्थ के लिए भी धर्म शब्द प्रयुक्त होता है यथा पानी का धर्म है बहना अग्नि का धर्म प्रकाश सुषमा देना और संपर्क में आने वाली वस्तु को जलाना व्यापकता की दृष्टि कौन से धर्म को गुण कहना सजीव निर्जीव दोनों के अर्थ में नितांत ही उपयुक्त है और धर्म सर्व भौमिक होता है पदार्थ हो या मानव पूरी पृथ्वी के किसी भी कोने कोने में बैठे मानव यह पदार्थ का धर्म एक ही होता है उसके देश रंग रूप की कोई बाधा नहीं है धर्म सर्वकालिक होता है यानी कि प्रत्येक काल में युग में धर्म का स्वरूप वही रहता है धर्म कभी बदलता नहीं है उदाहरण के लिए पानी अग्नि आदि पदार्थ का धर्म सृष्टि निर्माण से आज पर्यंत सामान धर्म संप्रदाय में मूलभूत अंतर है धर्म का अर्थ जब गुण और जीवन में धारण करने योग्य होता है तो वह प्रत्येक मानव के लिए समान होना चाहिए जो पत्थर का धर्म सार्वभौमिक है तो मानव जाति के लिए भी तो इसकी सार्वभौमिकता होनी चाहिए अतः मानव के संदर्भ में धर्म की बात करें तो वह केवल मानव धर्म है हिंदू मुस्लिम ईसाई जैनिया बहुत आदि धर्म ना होकर संप्रदाय समुदाय मात्र है
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