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निगोही किसान की है म्हारी एक्शन का भार है कि मात्र भूमि है उसका सबसे प्रमुख स्तंभ है हमें मान कर चलते हैं किसान के जगह इस दुनिया के अंदर कुछ भी संभव नहीं है पर रही सही की बात सहित एक दर्जन अलग होता है और किसान एक अलग होती है किसान अन्नदाता अन्नदाता को हम शहीद नहीं कह सकते हैं बातों को सही करेंगे तो यह उसका अपमान हुआ किसान तुम्हारे पूर्वज के शहीद नहीं कहा जाता
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बालों की झटक आपने बात करेगी तो किसान की अगर खेत में या काम करते हुए उसकी मृत्यु हो जाने चाहिए वह हो जाती है तो सरकार ने उसकी टेंशन की गेम चाहिए उसके परिवार वाले हैं उसको मुआवजा भी रहती है और कुछ को एकदम ज्यादा तो बड़ी बात नहीं करते हैं उसको एक शहीद का दर्जा क्यों दिया रचित किसान जो है ना उसी से ही हमारा सब कुछ चलता है कि हमारे देश को भी चलाता है तो सरकार में किसान के प्रति ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना चाहिए
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किसी कारण से किसी किसान की मृत्यु हो जाती है तो क्या उसे शहीद का दर्जा मिल सकता है बिल्कुल मिलना चाहिए मेरे हिसाब से मिलना चाहिए क्योंकि किसान हमारा अन्नदाता है हम अन्नदाता के नाम से पुकारे जाते हैं परंतु एक गुमनामी मौत मरते हैं हमें सरकार की तरफ से कोई विशेष लाभ भी नहीं मिलता है हम लोगों को दिक्कत होती है अगर हमारे साथ कोई दुर्घटना होती है तो हमें रोड ऊपर अकेला छोड़ दिया जाता है सरकार प्रशासन हम को अनदेखा करती है जबकि हम लोग हमें दाता हैं हम लोग देश को पालते हैं लोगों को पालते हैं और कृपया व्यवस्था वाला यह देश जहां पर सबसे ज्यादा बुरी हालत हम किसानों की है तो हम को शहीद का दर्जा मिलना ही चाहिए
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आज किसी कारणवश किसान की मृत्यु हो जाती है तो शहीद का दर्जा मिल सकता है मैं आपकी बात से सहमत हूं और किसान जिनका एक का अहम रोल है हमारे भारतीय समाज में वह कितने कड़ी मेहनत करके धूप में हर एक मोसम में बिना मौसम के सोचते हुए हमारे लिए अनाज कब जाते हैं हम लोगों से अनाज को खाते हैं सही-सही दो प्लीज एक इस्लाम धर्म है इसको अगर कोई जो कोई भी लोग जो मरते हैं पहले जो रिलीज रिलीज के लिए उन्हें उसे जो सही बोलते हैं पर अगर ऐसे ना मनले भारतीय समाज में सही उपयोग होता है जो लोग अपने आप मतलब कि भारत के लिए या अपने कंट्री के लिए ट्राई करते हैं जैसे एग्जांपल में देना शहीद भगत सिंह फौजी आर्मी वाले होते हैं जैसे नेवी एयरफोर्स जॉब करते हैं नहीं दिया जाता
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