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इस बारे में ज्यादा सलाह तो नहीं दे सकता लेकिन साइंटिफिक स्टडी यह कहती है कि भारतीय शौचालय में बैठने से कॉन्स्टिपेशन की जो समस्याएं हैं l हिंदुस्तानी में ज्यादा पाई जाती है क्योंकि वहां पर इस तरह से बैठा जाता है भारतीय शौचालय में कि वहां पर आपको प्रेशर लगाना पड़ता है जबकि वेस्टर्न शौचालय जो होते हैं उनमें आपको एक सेटिंग सिस्टम कि जैसे बैठाना बैठना पड़ता है और वहां पर आपको ऑटोमेटिकली थोड़ा प्रेशर जेनेरट हो जाता है l जब आप इंडियन टॉयलेट में बैठते हैं तो वहां पर आपको प्रेशर राइज करना पड़ता है क्योंकि आपकी जो जब आप फोल्ड हो कर बैठते हैं तो आपकी आंत और यकृत के बीच में जो जो कनेक्शन होता है वह बंद हो जाता है l जब वह बंद हो जाता है तो आपका जो जहां से आप का एग्जिट होता है पूरा कि पूरी गंदगी तो वह सिस्टम जो ब्लॉक हो जाता तो उसके लिए आपको प्रेशर लगाना पड़ता है l सेम चीज अगर आप वेस्टर्न में देखे तो आप बैठते हैं सारे के सारे कनेक्शन ओपन होते हैं तो आप आराम से अपने आप को साफ कर सकते हैं l तो मुझे लगता है कि अगर इस चीज में देखा जाए तो सच में वेस्टर्न टॉयलेट काफी ज्यादा अच्छे हैं l और हमें यह चीजें थोड़ी एक्सेप्ट करनी चाहिए कि वेस्टर्न टॉयलेट को किस तरह से हमें यूज़ करना चाहिए अगर आपके पास इतनी अवेयरनेस नहीं है तो आप इंडियन टॉयलेट यूज कर सकते हैं लेकिन कोशिश कीजिए वेस्टर्न टॉयलेट की भी आदत डालने की l इसमें कहीं से भी किसी तरीके पश्चिमीकरण की बात नहीं है या फिर मैं आपको इंस्पायर नहीं कर रहा हूं देसी चीज ज्यादा अच्छी है l लेकिन जो चीज हकीकत है वोह हकीकत है l कल को आप को जाकर बीमारियों से अच्छा तुम्हें एक सलाह दूंगा कि आज आप जाकर ऐसे काम किए जिससे कल को आप को बीमारी पैदा ना हो और यह चीज आप खुद एक्सपीरियंस करेंगे l अगर आपने वेस्टर्न और इंडियन टॉयलेट में बैठे होंगे तो क्या आपको कहां पर ज्यादा परेशानी होती है, कहां पर आपको ज्यादा सुविधा लगे l हो सकता है कि शुरुआत में को थोड़ा ओड लगे लेकिन प्रैक्टिस से ही चीजें आती हैं शुरुआत में ओड को तब भी लगा हुआ जब इंडियन टॉयलेट में पहली बार बैठे होंगे, धन्यवाद l
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देखिये, मुझे लगता है यह पर्सन टू पर्सन वरी करता है l कोई लोगों को भारतीय शौचालय में ज्यादा अच्छे लगते हैं, कुछ लोगों को वेस्टर्न अच्छे लगते हैं l लेकिन अगर क्म्फोर्ट की बात की जाए, आराम की बात की जाए तो मुझे लगता है कि जो वेस्टर्न शौचालय हैं वह भारतीय शौचालय से बहुत ज्यादा कंफर्टेबल है l और स्पेशली वह लोग जो जिनको आर्थराइटिस की प्रॉब्लम होती है, बैठने में दिक्कत होती है तो उनके लिए मुझे लगता है कि सब से कंफर्टेबल अगर कोई टॉयलेटस तो वह आपकी वेस्टर्न टॉयलेट से ठीक है l और हमारे देश के अंदर अब मोस्टली वेस्टर्न टॉयलेट का प्रचलन हो गया है l आप कहीं भी जाएंगे तो आपको मोस्टली वेस्टर्न टॉयलेट से मिलेंगे और जो इंडियन टॉयलेट से वह पिछले टाउन वगैरह में मिल जाती हैं l अब वहां से भी ओब्सोलेट हो रही है l तो मुझे लगता है व्यक्ति को सबसे ज्यादा कम्फर्ट कहीं मिलता है वह मेरी जो पर्सनल ओपिनियन इसके क्वेश्चन के बारे में यही है कि वेस्टर्न टॉयलेट में जो है वह ज्यादा कंफर्टेबल है l
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देखिये, काफी पर्सनल सवाल है यह क्योंकि अगर आप इंडियन टॉयलेट यूज करना चाहते हैं या वेस्टर्न टॉयलेट यह कंप्लीटली आपकी पर्सनल प्रेफरेंस होगी l हाँ, जो फायदा है वह यह कि इंडियन टॉयलेट में जिस पोजीशन में बैठा रहता है वह पोजीशन और काफी बेटर होती है एस कोम्पर तो वेस्टर्न पोजीशन l और बल के आज के वेस्टर्न ठीक क्यों होता है जैसे कि जो बड़े बुजुर्ग होते हैं, जो विकलांग होते हैं माफ़ कीजिएगा दिव्यांग लोग होते हैं या फिर और कुछ प्रॉब्लम होती है उनके लिए वह ज्यादा बैटर रहता है l तो आप इंडियन टॉयलेट यूज कर रहे हैं या वेस्टर्न टॉयलेट यह कंप्लीटली आपके ऊपर डिपेंड करेगा l बाकी हो सकेगा तो इंडियन टॉयलेट ही उसे कीजियेगा वहा कोई प्रॉब्लम नहीं है तो कि वह सादा मेरे हिसाबसे ज्यादा बेटर रहता है l
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तुम पर मरने से पहले भारतीय शौचालयों में यह होता है कि आप ऐसा कहा जाता है मेरी शॉप में चुनावी है कि बहुत अच्छा क्रिएट होता है वहीं पर जो पश्चिमी जो होते हैं उनमें ऐसा नहीं होता पैसेंजर ने कहा जाता है तो उन्हें यह नहीं होता लेकिन अगर आप पर सफाई का ध्यान रखिए अगर आप तो उसने ऐसा निर्देशन का ध्यान रखिए दो जो बच्चे ने उतारा पर होते हैं तो अपने माइंड में बसते हैं और वेस्टर्न स्टाइल अपने माइंड में भेजते हैं तो दोनों ही बेहतर है लेकिन निर्भर करता है जिस तरह की फिजिकल बॉडी आपकी है जिस तरह क्या बात हुई थी उस करते हो उसके लिए आपको क्या प्रॉब्लम है आप दोनों नहीं इस्तेमाल कर सकते हैं मैसेज जिनके घरों में 2 वर्ष होते हैं वह कोशिश करते हैं कि उनके पास दोनों ही तरह के पार टॉयलेट मौजूद हो घर में चोरी होना भी चाहिए जैसी जिसकी जरूरत है जरा संभल कर चल अगर आप घर में बड़े बूढ़े होंगे तो वह इंडियन में नहीं जा पाएंगे हम को आवेदन के समस्या आएगी तो गोरखपुर में जाना पड़ेगा तो यह समस्या आती है लेकिन दोनों अपनी जगह व्यस्त इंडियन BP
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देखिए अगर भारतीय शौचालय पश्चिमी शौचालय के बीच के पुरम तुलना करें तो उसमें सबसे अच्छा शौचालय जो है वह भारतीय शौचालय क्योंकि भारतीय शौचालय भक्तमाल करते हैं तब आपका बॉडी का कोई भी ऐसा काम नहीं होता है जो कि टॉयलेट सीट को छूता है तो कहा ना कहां पर आपको जो है इन्फेक्शन का रिश्ता था वह भी कम हो जाता है सिर्फ यही नहीं आया आपका प्रोस्टेट ग्लैंड जो है वह यूजीलैंड होता है या बढ़ता है जवाब टॉयलेट पर होते हो तो खाना खाकर आप भारतीय शौचालय इस्तेमाल कर रहे हो तो उसके और चांद से हिंगलाज मेंट ऑफ प्रोस्टेट ग्लैंड कि वह भी कम होंगे और सिर्फ वही नहीं अगर हम देखें तो भारतीय शौचालय होता है उसे एलिमिनेशन में बहुत बिजी होता है बहुत सरल होता है बहुत फास्ट होता पूरी तरीके से कम की राधा तो यह Facebook टेक्निशन से हमको प्रबंध करता है जो कि एक बहुत ही बड़ा फैक्टर होता है कोलोन कैंसर परमेश्वर इंफ्लेमेटरी बोर्ड इसके बीच में सिर्फ यही नहीं आप पेंट करता है नशे खींचना जो कि बिजली होता है और अगर हम देखें तो आपने लड़कियों के लिए भी और जो है वह अच्छा है क्योंकि और कोटिंग जो है वह फाइट करता है पर ईश्वर यूटरस पर जब टॉयलेट इस्तेमाल करते हैं और अगर हम डिलीट को वोट करते हो तो खाना कहां पर यह रिपेयर करता है नाचो डिलीवरी के लिए तो यही कारण है कि भारतीय सर चले जो है वह मशीन शौचालय से अच्छा है और अगर तुलना की जाए तो भारतीय शौचालय इस्तेमाल करने से पश्चिम शौचालय के थे
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देखिए अभी यह सवाल तो अभी आप को सब को अपने आपको पर डिपेंड है आपको किस में कंफर्टेबल लगता है वह आप ही बोल सकते या अभी जिसका हर लोगों का नजरिया अलग होता है l तो मुझे लगता है कि आप पश्चिमी शौचालय थोड़ा आप आपको कंफर्टेबल फील कर आएगा और भारतीय शौचालय में थोड़ा जो बुजुर्ग लोग हैं वह कंफर्टेबल रहते हैं क्योंकि वह पहले से पहले ही यूज़ करते आ रहे l तो पश्चिमी शौचालय का बहुत बड़ा है जो इंप्लीमेंटेशन पूछो उनको पता नहीं होता है नोर्मल्ली तो यह कॉमन सी बात है l तो यह आप ही पहले आपको यह हर किसी का नजरिया अलग है l तो उसमें हम कुछ हम लोग कुछ मुझे बहुत कोई डिफरेंस नहीं है नजर नहीं आता है l कुछ लोगों को पश्चिमी शौचालय पसंद आएगा क्योंकि आजकल के जो नए शौचालय बना है बनाया जा रहा है वह पश्चिमी शौचालय बनाए जा रहे हैं, वह जो इंप्रूवमेंट हो रहा है भारतीय शौचालय से तो बहुत सारे घर में आप देखेंगे पश्चिमी शौचालय तो l
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देखिये, यह दोनों को ही यह दोनों के ही अपने-अपने एडवांटेज और डिसएडवांटेज है l अब हम भारतीय शौचालय की बात करें तो एक तो अगर हाइजीन के मामले में या फिर आप इंफेक्शन वगैरा से बचना चाहते हैं तो मेरे सबसे भारतीय शौचालय जो होता है वह बहुत ज्यादा बैटर होता है l क्योंकि जो है आपका डायरेक्ट स्किन कांटेक्ट जो है वह सिरेमिक के साथ नहीं आता है l तो उस हिसाब से बहुत बेहतर होता है मगर एक चीज है कि जो बुजुर्ग लोग होते हैं उन्हें भारतीय शौचालय उसके इस्तेमाल कर l
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देखिए इस सवाल का आंसर मतलब हर एक के लिए अलग अलग होगा क्योंकि यह व्यक्ति पर डिपेंड करता है देखा जाए तो अभी भारत के लोगों के लिए मतलब भी पश्चिमी शौचालय है जिसे हम कमोड कहते हैं वह आ चुके हैं असली मतलब अलग यह होता है कि वह एक बैठने का पोषण वहां पर अलग होता है तो फिर मेरे हिसाब से देखा जाए तो बाहर के लोग जो है तो जिनको मतलब अभी पैर की कुछ कमजोरी आ गई है इस ए गुड के दुख रहे हैं तो उनके लिए जो पश्चिमी शौचालय है वह अच्छा है क्योंकि वह मुझे बाहर के शौचालय से बैठ नहीं सकते उनको वह प्रॉब्लम आती है तो इसलिए उनके लिए अच्छा है बट कुछ लोगों के लिए इतने सालों से वही आदत है और फिर मतलब हम को पानी यूज करने का आदत है तो आई थिंक उनके लिए भारतीय शौचालय ही ज्यादा बैटरी लगता है क्योंकि उनको अभी कहीं हो देश में गए तो उनको प्रॉब्लम आ जाता है kick बैटरी मतलब पर वश में सोशल की आदत नहीं होती है इसलिए तो मुझे तो लगता है कि हर व्यक्ति के ऊपर होता है मतलब किस को कौन सा शौचालय अच्छा वीडियो
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