चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
ठीक है मैं इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं हूं कांग्रेस पार्टी के अंदर राहुल गांधी इलेक्ट्रो करके आए हैं और किसी भी और व्यक्ति ने उनके खिलाफ इलेक्शन नहीं लगा अगर कोई उनके खिलाफ इलेक्शन लड़ता और उसके बाद में वह जीते तो आओ तो भी उनको यह लक्षण माना जाता है और अगर किसी व्यक्ति ने उनके खिलाफ इलेक्शन नहीं लड़ना तो फिर उसमें मैं नहीं समझता हूं कि उसमें किसी तरीके का गैर तांत्रिक किया रुपया लोकतांत्रिक देश वासियों की बातें कर हमको भी ध्यान रखना चाहिए उनके खिलाफ में भी किसी ने लक्षण नहीं लगा था और इस वजह से मैं नहीं समझता कि यह कहना उचित है कि राहुल गांधी की शादी लोकतांत्रिक लोकतांत्रिक है यह बिल्कुल उचित नहीं है
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
देखिए ऐसा बिल्कुल नहीं है कि राहुल गांधी की पहली गैर लोकतांत्रिक है उनकी शैली थोड़ी भिंड जरूर है लेकिन वह ऐसा नहीं है कि वह लोकतंत्र की बात ना करती हो बिल्कुल लोकतंत्र की बात करती है मजबूत विपक्ष होना आवश्यक होता है किसी भी देश में जब आपके सामने पार्टी अच्छी वह तो एक प्रतिपक्ष के रूप में उभरकर आना भी आवश्यक होता है तो कांग्रेस ऑफिस में है अभी जब वह एक मजबूत विपक्ष बनने का कार्य कर रही हो मुझे लगता है कि राहुल गांधी समय के साथ परिपक्व होते जाएंगे हां यह बात आप जरूर है कि उनको उनके कमेंट पर काफी होता उनका मजाक उड़ाया जाता है उनकी बातों से उनको बिल्कुल सीरियस नहीं लिया जाता लेकिन यह बात भी सच है कि हमारे पास कोई ऑप्शन नहीं है अगर प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी जब तक अच्छा काम करेंगे तब तक जनता उनका सम्मान करेंगे तब उन्हें प्राइम मिनिस्टर देखेगी हो सकता है क्लियर प्राइम मिनिस्टर बन जाए लेकिन उसके बाद आप्शन क्या है अभी 2019 में तो केवल ऑप्शन प्राइम मिनिस्टर का एक ही दिख रहा है कोई ऑप्शन है ही नहीं लेकिन उसके बाद क्या उसके बाद कभी न कभी तो राहुल गांधी के नंबर आएगा और हमें यह बात थोड़ी सी माननी चाहिए शायद अगर अच्छा से नहीं आए तो राहुल गांधी भी मारे प्रेमी से हो सकते हैं तो उनकी शैली पर मुझे कोई सवाल नहीं है हां उन्हें अपने आप पर काम करने की बहुत ज्यादा जरूरत है क्योंकि वह क्या बोलते हैं क्या करते हैं यह थोड़ा सा सोशल मीडिया में कुछ उनकी नेगेटिव इंपेक्ट जाता है प्राइम मिनिस्टर मोदी अभी अच्छा काम कर रहे हो और मुझे लगता है कि अक्षय कंपटीशन दोनों में देखने को मिल सकता है 2019 में तो शायद नहीं दिखी मिलेगा क्योंकि इतना जल्दी कांग्रेस इंप्रूव नहीं कर पाई अपने आपको लेकिन हां अगर अभी 2018 में होने वाले चार पांच लोग विधानसभा चुनाव होने वाले राजस्थान मध्य प्रदेश कर्नाटक काफी बड़े बड़े विधानसभा चुनाव में कुछ बराबर की टक्कर होती है कहीं दो तीन जगह कांग्रेस जाती है तो काफी अच्छी टक्कर देखने को मिलेगी 2019 चुनाव में धन्यवाद
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
जी हां मैं यह बात को मानता हूं अमित जाकर ही नहीं हम भी लोग टीवी देखते हैं और उनके भाषण को सुनते हैं राहुल गांधी को यह पता ही नहीं है तो उनके द्वारा बोला गया बाग के या बोली गई बात हमारे देश के हित में है या नहीं वह तो सिर्फ एक विशेष पार्टी और विशेष लोगों के खिलाफ बोलने का एक एजेंडा चलाते हैं जैसा कि राहुल गांधी के भाषण से पता चलता है कि उन्होंने तुझसे मोदी का विरोध करना है क्या उसका परिणाम कुछ भी हो राहुल गांधी कितनी बार ऐसी बातें कर जाते हैं जो हमारे देश के लिए हानिकारक है और इस बात का फायदा हमारे पड़ोसी ऐसे मुल्क उठाते हैं जो हमारे साथ दुश्मनी रखते हैं इससे भारत की छवि खराब होती है राहुल गांधी को यह पता ही नहीं है कि किस भाषा में और क्या बोलना चाहिए उन्हें सिर्फ अपनी राजनीति से मतलब है और उनकी बातों में आकर अनेकों लोग उनके पक्ष में खड़े हो जाते हैं क्योंकि मूर्खों की कमी हिंदुस्तान में भी नहीं है राहुल गांधी एक जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
नहीं मैं इससे सहमत नहीं चाहते हैं कि आप अपने दूसरे पक्ष वाले का अर्थात अपने विपक्ष वाले का क्वालिटी को नहीं देखता है तो हमेशा ही मानते हैं कि राहुल गांधी की रैली
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
राहुल गांधी जिस से जिस पार्टी से बिलोंग करते हैं वह भारत की सबसे पुरानी लोकतांत्रिक पार्टी है और उस कांग्रेस पार्टी ने सबसे ज्यादा भारत की सत्ता पर शासन किया है और वह पूरी तरह से लोकतांत्रिक है फिर आप इस तरह के व्यक्तिगत और गलत आक्षेप लगाते हैं तो यह गलत है जनता तक गलत मैसेज पहुंचता है आज आप की पार्टी सत्ता में है तो आप हो काम करिए जिसके लिए आप चुने गए हैं इस तरह से विपक्ष के नेताओं पर आक्षेप लगाना और उन्हें नीचा दिखाना गंदी राजनीति है जो जनता को भी गलत सोचने पर मजबूर करती है और इस लोकतंत्र की व्यवस्था को बिगाड़ने में सहायक होती है जनता चाहती है कि वह निष्पक्ष और अच्छा नेता चुने और वह उसके लिए विकास करें उसका साथ देश की भलाई के काम करें अगर आप लोग ऐसे ही एक दूसरे पर आक्षेप कर रहेंगे तो जनता क्या करेगी जनता का क्या होगा इसलिए यह चीज गलत है ठीक है कई बार राहुल गांधी के कई निर्णय ऊपर अक्षय को दे रहे हैं उन पर उंगलियां उठती रही है लेकिन उन्हें यह लोकतंत्र कहना मुझे सही नहीं लगता है नेताओं को आपस में अच्छे बंद करने चाहिए और जो कहां मनाने के लिए अपने हाथ में भारत के लिए भारत की जनता के लिए उन पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करके उनको पूरा करना चाहिए ताकि देश का विकास हो जनता की भलाई हो जिसके लिए उन्होंने उसे चुना है तो यह चीजें थोड़ी गलत हो रही है जो समाज में भी गलत संदेश दे रही है तो नेताओं को अपने पद का अपनी गरिमा का जो उन्होंने पद लिया है जनता से उसका ध्यान रखते हुए इन चीजों को छोड़कर दूसरी चीजों पर ध्यान देना चाहिए
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
मेरे हिसाब से राहुल गांधी के लोकतांत्रिक है क्योंकि जब भी हो चुनाव आते हैं 5 वर्ष तक कुछ नहीं करते हैं उनकी सरकार एचडी वीडियो 70 वर्षों में आज तो उन्होंने देश को कुछ खास आगे नहीं उठाया लेकिन जब से मोदी जी आए 5 साल में तो देश विकसित करते हैं कि हर बार चुनाव में घोषणा कर देते हैं कि जनता को बेहतर हजार रुपए देंगे और कई तरह की घोषणा कर देते हैं लेकिन को बताना चाहूंगा कि जनता अनपढ़ नहीं है जनता पार्टी लिखी है जनता सब जानती है अब जनता खुद ही भलाई नहीं देखती अजंता देसी वाला देखने लगी है और यही कारण है कि मोदी जी एक बार मुझसे दोबारा प्रधानमंत्री बने धन्यवाद
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
राहुल गांधी जी कि यदि शैली की बात करें तो राहुल गांधी जिस परिवार को ब्लॉक करते हैं वह एक ऐसा परिवार है जो कि पूरा पॉलिटिकली है चाहे आप जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी राजीव गांधी सोनिया गांधी यह सब इनके ही खानदानी है यही मां पिता दादा दादी यह सब है तो यह सभी का पॉलिटिक्स तालुकात है उसके बावजूद राहुल गांधी की जो अभी तक की छवि थी उनकी जो सैलरी थी वह उनको पप्पू बोला जाता था यानी कि इतने में जोर नहीं हुए थे इतने अच्छे बैकग्राउंड के बावजूद इस उम्र में इतने एक्सपीरियंस के बावजूद मैं चोर नहीं हुए थे बचकानी हरकते बचकाने भाषण थे लेकिन अभी कुछ समय से आप देखिए राहुल गांधी की सैलरी में बहुत ही ज्यादा एक चेंज आया जस्ट अपोजिट हो गया है बहुत ही परिपक्व हो वह बिल्कुल बदल गई है उनकी भाषा उनकी जो भाषणबाजी करते हैं जो बोलने का ढंग है जो काम करने के लिए तरीका है वह सब बिल्कुल बदल गया है जहां तक बात हमेशा जी तो कहना काहे की राहुल गांधी की शैली गैर लोकतांत्रिक मुझे नहीं लगता कि राहुल गांधी की शादी गैर लोकतांत्रिक है इसलिए आपसे नहीं लगता बेशक हो सकती है अगर आप बिल्कुल अंडरग्राउंड चतुर्थ देखे तो बेशक हो सकती है लेकिन यदि आप किसी चीज को कंपेयर करें अमित शाह जी की या BJP के अन्य नेताओं के तो उनकी जो कार्य शैली है वह मुझे लगता है ज्यादा गैर लोकतांत्रिक है क्योंकि राहुल गांधी और पार्टी की कांग्रेस पार्टी जो है वह पोजीशन में अपोजीशन पार्टी का काम होता है भारतीय सरकार के लिए अच्छा तभी है जल्दी से स्ट्रांग और अपन पार्टी का काम ही है कि उनकी कमियां निकालना खामियां निकालना है तो हुई वह चीज कर क्योंकि BJP से व पोजीशन में थी तो उनके भी बयान किसी प्रकार थे जो कि अगर सरकार आने के बाद कंपेयर करें तो बिल्कुल अपॉजिट जब विपक्ष में कुछ कह दे सरकार आने के बाद कुछ
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
सनी जी गैर लोकतांत्रिक कैसे उनकी पार्टी में तो डिसीजन भी लोकतांत्रिक तरीके से ही होते हैं मतलब कि अगर कांग्रेस की कर बात करो मुझे बखूबी आता जिससे समरांगण उसके हाथ में पूरा पूरी सत्ता थी उस वक्त जब बारी आई थी कि कौन PM बनेगा तो अवश्य ही वह सोनिया गांधी बनना भी नहीं चाहती थी बट सबको बता दे सोनिया गांधी बनेंगे बट नहीं उन्होंने मनमोहन सिंह को बनाया वहां पर भी सब ने वोटिंग किया कि अगर वह नहीं तो कौन हो सकते है कौन आ जा सकता है और राहुल गांधी को भी नहीं बनने दिया किसी और नेता को भी मौका नहीं मिला मनमोहन सिंह को मौका मिला कर कीबोर्ड जॉब करते थे उस पोस्ट को वहां पर आपस में ही उन लोगों ने जो वोट वगैरा किया था उनकी पार्टी के डिसीजन सब लोग कैसे होते हैं तो फिर वह गैर लोकतांत्रिक माना कि वह सहमति नहीं लेते हैं सब की और इस तरह से काम करते हैं वह कई मामलों में राहुल गांधी को देखा है उन पर हालांकि मजाक बहुत बनता है लेकिन वह थोड़े बोल्ड कभी-कभी बचकाने डिसीजन तो ले लेते हैं पर वह बोलें तो कभी कभी हो भी सकता है कि उनकी कुछ ऐसी चीजें सामने आए हो जो लोग जो गैर लोकतांत्रिक हूं लेकिन कंप्लीटली उन पर इस तरह के एलिवेशन लगाना मुझे नहीं लगता वह काफी काफी ठीक से इंसान है मतलब बेताब मुझे नहीं पता बट युवराज है कांग्रेस की ओर से तो इस वक्त अध्यक्ष बने हुए हैं तो मुझे बता गैर लोकतांत्रिक है वह अपनी जगह ठीक है अपनी तरह सही से काम करते बस थोड़ी सी और अगर वह बोल लेते हैं तो वह और अच्छा लगेगा हम पर
Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!