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आपका सवाल है हमें जिंदगी में कैसा रहना चाहिए हमें जिंदगी में परिस्थिति के हिसाब से चलने वाला रहना चाहिए जिंदगी में नहीं पता कब कैसी स्थिति आ जाए कब कैसी परिस्थिति आ जाए और उस परिस्थिति में नहीं पता किस तरीके से सरवाइव करना पड़े तो यह समय के ऊपर डिपेंड करता है सपोर्ट के लिए आप कॉलेज के स्टूडेंट हो और आप बहुत अच्छे फैमिली से बिलॉन्ग करते हो आप जब भी घर से आते हो या तो फ्लाइट से आते हो या तो एसी टिकट से आते हो और जब भी कॉलेज से घर जाते हो तो आपका इसी ट्रेन में टिकट होता है तो आप उस से जाते हो क्या फ्लाइट से जाते हो लेकिन अचानक एक दिन कॉलेज बंद करना पड़ा और उसी दिन आपको घर जाना पड़ा आपके पास टिकट भी नहीं है और घर जाने के लिए कोई ऐसी बस भी नहीं है आप जा नहीं सकते हो सिर्फ ट्रेन है उस ट्रेन से आपको जाना है टिकट नहीं है अगर आप परिस्थिति के हिसाब से डरने वाले व्यक्ति रहोगे तो आप सीधे जाओगे और जनरल का टिकट लोगे जनरल में बैठकर 14 15 घंटा 20 घंटा स्ट्रगल करके घर पहुंच जाओगे क्योंकि आपको घर जाना जरूरी आपके घर किसी का तबीयत खराब हो गया है और वह आपको याद कर रहा है कब पहुंच जाओगे सपोर्ट करिए आप बहुत अमीर परिवार से बिलॉन्ग करते हो आपका कोई रिश्तेदार गरीब है आप उसके यहां जाते हो और आपने तो बहुत अच्छा खाना पीना खा अगर आप परिस्थिति के हिसाब से डरने वाले व्यक्ति रहोगे तो आपके रिश्तेदार आपको जो खिलाएंगे वह खा लोगे और उनकी प्रशंसा भी करोगे आपको जहां सुनाएंगे वहां सो जाओगे अगर उनके घर ऐसी नहीं है एक पंखा है तो पंखे में सो जाओगे और पंखे में सोने के बाद आप उनकी प्रशंसा करोगे तारीफ करोगे उनकी आलोचना नहीं करोगे कोरोनावायरस से पूरा हिंदुस्तान प्रभावित हुआ 21 दिन का अचानक लॉन्ग डाउन कर मोदी जी ने किया अब कुछ लोग घर में रहने की आदत कि नहीं है घुटन हो रहा है परेशानी हो रही है और वह लोग सरकार के दिशानिर्देशों को तोड़ रहे नियम कानून को तो और देखिए कुछ लोग हैं जिनको घर में रहने की आदत नहीं है लेकिन वह आज सरकार के दिशा निर्देश का पालन कर रहे हैं घर में ही चौबीसों घंटा रह रहे हैं तो जो घर में रह रहा है परिस्थिति के हिसाब से डालने वाला व्यक्ति है मैं भी घर में रहने वाला व्यक्ति नहीं हूं लेकिन मैं 24 घंटा घर में रहता हूं रूम में रहता हूं क्योंकि मुझे पता है कि मेरी अगर जिंदगी सुरक्षित रहेगी तो मैं लाखों-करोड़ों लोगों की जिंदगी सुरक्षित कर पाऊंगा मुझे अपनी चिंता कम है लेकिन करोड़ों लोगों की चिंता ज्यादा है इसलिए मैं अपनी जान बचा रहा हूं मैं रूम में रहता हूं ऐसा होना चाहिए हर इंसान को परिस्थिति के हिसाब से चलने वाला व्यक्ति होना चाहिए पुत्री आप आईएएस अधिकारी बन गए और आप ऐसे आईएएस अधिकारी हो जो जमीनी स्तर के हो कभी आप अचानक मार्केट में निकल गए किसी को पता भी नहीं है कि आप आईएएस अधिकारियों साधारण रूप से दुकान पर से अपने सामान खरीदा तो आपको पता चल जाएगा कि मांगा बेच रहा है आप किसी पुलिस वाले से बात करोगे जो पुलिस वाला आपको कभी नहीं देखा है तो आप उस आपको उसके बारे में पता चल जाएगा कि भ्रष्टाचारी है कि चोरी कर रहा है सब कुछ करिया बाइक लेकर गए और आपने कुछ थोड़ा सा दिक्कत कर दिया तो पुलिसवाले आप पर चालान काटेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि आप पर चोरी हो रही है तो हमेशा अपने आप को किसी भी स्थिति में किसी भी परिस्थिति में डालने वाला व्यक्ति बनाई है जब आप ऐसा व्यक्ति बनेंगे तो आपको जिंदगी में कभी कोई दिक्कत नहीं होगी धन्यवाद
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