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712 विधियों से दिया जा सकता है और तमबीडीए डिस्कॉम साइंटिफिक कहेंगे साइक्लोजिकल की दूसरी विधि एवं आध्यात्मिक है सच कहती है कि मानव का मर जाने के बाद में कोई वजूद नहीं रहता है क्योंकि वह उसके शरीर पंच भौतिक शरीर को जला दिया जाता है इसलिए कुछ नहीं रहता बे भूत और आत्मा अधिक कोई शिकार नहीं करते साइकोलॉजी यह कहती है कि आदमी को यह भूत और यह आत्मा वर्क कुछ नहीं होते देखकर में जो तुमको एहसास होता है तुम कहते हो कि मुझे भूत दिखाई दिया या मुझे डर लगा यह सारे आपके जैसे सपने बुरे सपने आते हैं मुझे बुरी बुरी आत्माएं सपनों में दिखाई देती हैं भूत दिखाई देते हैं चुड़ैल दिखाई देती है सपने में दिखाई देता है जब जिंदा आदमी जो चीज को काम नहीं कर पाता साइकोलॉजी कहती हूं मृत आत्मा कुछ नहीं कर सकती ऐसा क्योंकि उसको तो शरीर भी नहीं हुई पुष्कर चल चुका साइकोलॉजी कहती है कि मानसिक धारणा देश की बनी हुई है आपकी वैसा ही आप को मूर्त रूप दिखाई देता है देखो एक पेड़ के नीचे से आप निरंतर बचपन से गुजरते रहे हैं गांव में चर्चा चलती है अक्षर और एक व्यक्ति कुछ मीठा खाकर गया है वहां से और उसकी ठोकर लगी और उसको गिर पड़ा अचानक ही उल्लू बोलने लगा रात का निराशा है वह घबरा गया और वह कहने लगा अरे वह तो बहुत हल्ला मच गया अब सीमा कुछ दो या तीन व्यक्ति पीछे कभी फीचर में कोई घटना घट जाती है तो निश्चित रूप से प्राप्त हो जाएगा किस पेड़ पर एक भूत रहता है और लोग उसके नीचे उतरकर गुजरेंगे साइकोलॉजी कहती कि जैसे ही कोई व्यक्ति उस पेड़ के पास आता है रात के अंधेरे में उसका मन कपड़ा नहीं लगता है यह साइकोलॉजी है और ना चाहते हुए ना होते हुए भी उस पेड़ पर तो गया वह स्थान भूतों का क्या यह साइकोलॉजी की भाषा है आध्यात्मिकता कहती है कि मानव की एक आयु निश्चित होती है जो समाज का जन्म होता है उसकी आयु फिक्स हो जाती है मानना है यह कार्य करने हैं अब किसी से झगड़ा हो गया और उसमें उसको चाकू मार दिया या गोली मार दी असम भाई ग्रुप से उसकी शादी हो गई और क्योंकि विधाता नहीं जूस के लिए उम्र तिथि मालूम 80 साल की उम्र दी थी और उसकी लड़ाई हो गई 26 साल की एज में दो लड़कों में आपस में चाकूबाजी हो गई यार बोली चल रही हो उसकी साल की 25 साल की उम्र उसको लिख रखी थी अब बताइए वह 64 साल का हो गुजारे गा आध्यात्मिक योनि में गुजारना होगा इसलिए ऐसी असामयिक मृत्यु होती है जो एक्सीडेंट में होती है अर्जुन की लड़ाई झगड़े के कारण से होती है भीम वाले लोग प्रेत योनि में विचरण करते रहते हैं ऐसा आध्यात्मिकता कहती है लेकिन यह देखो साधारण मृत्यु को नहीं करेंगे आप जो जनरल मृत्यु है जो स्वाभाविक रूप से मृत्यु हो रही है कोई व्यक्ति बरसों से रोग से पीड़ित है और उसकी मृत्यु हुई है तो वह स्वाभाविक गुण है यह अकाल मृत्यु नहीं है अकाल मृत्यु वह कल आएगी जो एक्सीडेंट में हुई है इसी कड़ी में हुई है गोलीकांड आदि में हुई है या किसी की हत्या कर दी गई है मैं तो करिश्मा मेरा मानना अलग है मेरा मानना यह है कि यह सब पूर्व की ओर धर्मों का परिणाम है इस जन्म में जिस व्यक्ति ने जिस पत्नी को गोली मारी है हो सकता है कि अगले या तो उसने उसको गोली मारी थी या वह अगले जन्म में उसको गोली मारेगा बहुत सारे कर्मों के परिणाम अपने आप ही मिलते रहते हैं आप जो कर चुके हैं उसका परिणाम पर है या दुख करेंगे उसका भी आपको प्रणाम स्वाभाविक रूप से ही मिलेंगे मेरा मानना यह है तो अब यहां पर आपको अपने विवेक से सोचना चाहिए कि यथार्थ में क्या है मैं साइकोलॉजी का जवाब मानने वाला हूं मेरा मानना यह है कि भूत आत्मा दुखी होते हैं मैंने इनका वजूद कभी नहीं देखा नहीं देखा ना महसूस किया रमेश को दावे से तो नहीं कह सकता यथाशक्ति क्या है बाकी आप अपने अनुभव के आधार पर भी इसका कंप्लेन कर सकते हैं हर व्यक्ति की अपनी अपनी अलग-अलग धारणाएं होती हैं अलग-अलग विचार होते हैं और वह अपने विचारों को अपनी धारणा के अनुसार ही प्रस्तुत करता है
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