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अपने किसी व्यक्ति के किसी धर्म जाति से शादी करना आधारभूत तरीके से हमारा जो है तो है वह मलेश्वर होना चाहिए और दूसरी कोई भी गलत नहीं है कुछ भी गलत नहीं है घर में किसी औरत जाति के लोगों से शादी करते हैं मैंने खुद जो है शादी की है मेरी पत्नी खुश है शादी से पहले दूसरी जाति धन्यवाद
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आजकल के समाज में यह सवाल बेमानी हो चुका है यह सवाल 50 साल पुराना था आज तो यह नॉर्मल चीज हो गई है लोग कर ही रहे हैं इसे कोई दिक्कत नहीं है धन्यवाद
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किसी दूसरे धर्म या जाति के व्यक्ति से शादी करना चाहिए जल्दी देखिए आपके ऊपर आपको लगता है इंसान तो इंसान में कोई फर्क नहीं है ठीक है और आपके घर वाले दोनों के घर वाले महान है तो शादी कर लेनी चाहिए लेकिन यहां सामाजिक तौर पर बड़ी बाधाएं हैं और सामाजिक तौर पर चक्र पढ़ते हैं जातिवाद के ऊंच-नीच के पैसे के इन बातों का आता है जो करें अच्छा करें घरवालों से कंप्रोमाइज करके करें बॉडी तो जिस्म तो शरीर तो रो तो वही है सबकी चाहे किसी जाति कौन सी जाति है जिसके कोई रंग नहीं लगा हुआ कौन सी जाती है जिसके पास पैसा नहीं इसलिए यह फालतू की बातें हैं जो हमारे एशिया में ही ज्यादा चलती है
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आपका सवाल है किसी दूसरे धर्म के जाती है भक्ति से शादी करना चाहिए कि नहीं लेकिन गलत या सही की बातें यहां पर यह है कि आप जो है आपकी मैच्योरिटी कितनी है आप कितना किसी और को अपनी लाइफ में शामिल कर सकते हैं किसी और के तौर-तरीकों को ऑन कर हंस हंस खानपान कपड़े बात करने का तरीका उनकर रिचुअल्स जो होता है उनका जो पूजा करने का तरीका या फिर जावेद यार उनका जो हम बोलते हैं उसको आप कितना अप में शामिल कर सकते हैं वह ज्यादा इंपोर्टेंट क्वेश्चन या फिर ब्राह्मण और ब्राह्मण ओनली अबाउट आप किसी और के धर्म को और उससे संबंधित जो बातें हैं उसको अपना सकते हैं या नहीं शादी प्यार तो आप कर लेते हैं लेकिन बाद में आपको पता चलता है कि आप इटालियन है वह नॉन वेजिटेरियन है आपको साड़ी वाली लड़की पसंद है पर वह मिनी स्कर्ट पहनती है आपको शराब पसंद शराब पीते हैं तो यह सारी चीजें जो होती हैं नास्तिक है फिर पूजा करना नहीं करना यह जो भी चीजें होती हैं जिनको हम कहते हैं एडजस्टमेंट जो करना पड़ता है वह कंपैटिबिलिटी पर बहुत ही बड़ा उसका असर पड़ता है तभी शादी है जो है वह टिकते नहीं है रिश्ते टूट जाते हैं जो क्वालिटी और जो एक्टिविटीज है दूसरे धर्म की दो प्रजाति के उसको क्या आप अपना सकते हैं आपका क्या दूसरे पर्सन अपना सकता है कि बंटी अगर आप अपनाएंगे तो आप चाहेंगे आप कभी दूसरा अपना आफ व्हेयर थे ना आधा आप चलेंगे आधा वह चलेंगे वह खराब कर पाते हैं करवा पाते हैं बिजली तो तब ठीक है अगर नहीं कर पाते तो आगे जगह काफी प्रॉब्लम सा सकते हैं तो काउंसलिंग प्लीज कनेक्ट ऑन कविता पानी M.Com
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विकी जैसे कि आज की चर्चा का विषय है कि किसी दूसरे धर्म या जाति के व्यक्ति से शादी करना सही है या गलत था को बताना चाहेंगे यह डिपेंड करता है पर्सन टो पर्सन वैसे अगर जनरल बात करी जाए माली दूसरी जाति की हम बात करें तो कोई अगर ब्राह्मण जाति का है और वह अगर किसी खास में शादी करता है या कोई खास थे तो वैसे में शादी करता है यहां पर हर एक जाति के अपने अलग ट्रेडिशन सोते हुए कस्टम्स होता है तो दूसरे व्यक्ति को जो दूसरे परिवार में जाता है शादी हो कर दो उसको वहां के कस्टमर के कोडिंग अपने को डालना पड़ता है और हर बार थोड़ी सी दिक्कत है आती है क्योंकि हर एक एक अष्टम सर्ग हैं अगर आप अपनी ही जाति में करते हैं तो आपको पता होती है कि किस तरह से आप क्या कस्टम वह निभाएंगे क्योंकि आपने अपने परिवार में देखा होता है कि माफ की मां किस तरह से उस में कार्य करती हैं किसी फेस्टिवल पर यह आपके पिताजी क्या क्या कार्य करते हैं तो आप पता होती है जबकि दूसरी जाति में जवाब करते हैं तो आपको पता नहीं होता कि किस तरह से वहां पर कार्य होने हैं अब अगर बात करी जाए दूसरे धर्म में शादी होने की तो मान लीजिए हिंदू जाति का कोई व्यक्ति है उसने मुस्लिम में शादी कर लिया मुस्लिम इसाई में कर ली तो वहां पर तो पूरा पूरा डॉक्युमेशन हो रहा है पूरा कल्चर ही अलग हो रहा है जैसे पहले मैंने बताया जाती मैं तो होली मान लीजिए अगर वैसे बना रहे हैं तो ब्राह्मण ही बना रहे हैं कैसे बना रहे होली सब मना रे लेकिन होली मनाने के तरीके थोड़े बहुत ऊपर नीचे हो सकता है लेकिन यहां पर क्या है धर्म में कर रहे हैं तो शायद हिंदू होली मना रहे हैं लेकिन मुस्लिम तो ईद मनाएंगे तो यहां पर पूरा पूरा ट्रेडिशन ही चेंज हो जाता है पूरा कल्चर चिल्लाता है अब वह कांटेक्ट करने वाली बात होती है ड्रेस करने वाली बात होती है कितने अच्छे से आप एड्रेस कर सकते हो और आपकी जिस परिवार में शादी हुई है वह कितने अच्छे से आपको एड्रेस करने देते हैं और करवाते हैं तो उसी पर डिपेंड करता है आजकल तो वैसे भी एकल परिवार के प्रति ज्यादा हो गई है तब तो तेरा प्रॉब्लम नहीं होती लेकिन जहां पर पहले संयुक्त परिवार होते थे और सहयोग परिवारों में जाकर शादी करनी होती थी वही उनके साथ है ना होता था तो उनके साथ जो कंपैटिबिलिटी सोते थे वह बहुत ज्यादा होते थे धन्यवाद
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हेलो फ्रेंड्स देखिए अगर हम जाति की बात करें तो जाति से इतना कोई फर्क नहीं पड़ता अगर आप एक ही धर्म की दो अलग-अलग जातियों से शादी करते हैं तो लग लग जाती अगर शादी करती है तो कोई दिक्कत नहीं है कि जब डोली सॉन्ग के रहने का तरीका होता है वहीं जैसे ही होता है जो उनके रिचुअल्स होते हैं वह सब एक जैसे नहीं भी है तो शादी करने से पहले वह सारी बातें जान ले कि वह जहां इज्जत शामली से जुड़ने जा रहे हैं वह फैमिली कैसी है कैसे रिचार्ज को फॉलो करती है क्या हम उनके साथ एडजस्ट हो पाएंगे नहीं हो पाएंगे यह सारी चीजें को ध्यान में रख ले और उसके बाद डिसाइड करें कि शादी करनी चाहिए नहीं करनी चाहिए शादी देखिए एक-दो दिन का फैसला तो यहां अपने एक बार शादी कर ली तो फिर तो पूरी लाइफ गुजारिश गुजारनी पड़ती है तो फिर उसके बाद पछताने का टाइम होता के बाद अगर आप दूसरे कास्ट में शादी कर रहे हैं एक बार देख लीजिए कि आप उनकी फैमिली के साथ एडजस्ट कर सकते हैं कि नहीं कर सकते हैं अगर आप कर सकते हैं आपका जो हस्बैंड है या जो भाई है वह एडजस्ट पहले आपको कॉर्पोरेट करेंगे तो फिर से कर सकते कोई प्रॉब्लम नहीं और धर्म की बात तो धर्म में देखी धर्म में मैं आपको मना ही करूंगा क्योंकि जिंदगी जब हम दूसरे धर्मों में जाते हैं तो जो रिचुअल्स है जो भगवान है वह बिल्कुल चेंज हो जाता है हमारे पूरे रहने सहने का तरीका क्यों हो जाता है तो वह किसी भी इंसान के लिए सड़े नगर इतना चेंज है उसकी लाइफ में तो वह मोबाइल से बातें प्रॉब्लम तो करेगी ना तो दूसरे धर्म में शादी कर कर सकते हैं आप अगर आपका प्यार बहुत ही ज्यादा है आप नहीं रह सकते यहां पर आप अलग रह रहे हो फैमिली सो जाओ और शादी के बाद भी अलग रहेंगे तो कर सकते लेकिन अगर आपको फैमिली के साथ रहने तो आपको खुद को पूरी तरीके से बदलना पड़ेगा ना आप कस्टमर एक तरीके से खत्म हो जाएगा और आपको नया रूप लेना पर अब दूसरे धर्म में शादी करके अगर आप इन सारी चीजों के लिए तैयार है तो आप बिल्कुल दूसरे धर्म में शादी की थी लेकिन एक बार सोच कर आना क्योंकि शादी बार-बार नहीं कर सकते हो नहीं टूट सकती है बार-बार एक बार सोच लीजिए कि आप एडजस्ट कर सकते ही नहीं कर सकते अगर कर सकते हैं तो बिल्कुल कीजिए दूसरे धर्म में शादी
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सही या गलत का निर्धारण आपके और आपके समाज के संस्कारों के आधार पर होता है जब किसी दूसरी जाति या धर्म के व्यक्ति के साथ आप विवाह करते हैं तो निश्चित तौर पर दोनों के संस्कार दोनों की परवरिश में थोड़ा फर्क होता है अगर आप आत्मीय रूप से इतने व्यस्त हैं कि आपका धर्म मानवता से जुड़ा हुआ है तो निश्चित ही और संस्कारों के आधार पर आने वाली विभिन्न पाओं को आप स्वीकार कर पाएंगे लेकिन अगर संस्कारों की मान्यता के आधार पर ही आप सही और गलत का फैसला करते हैं तो निश्चित ही आपको समस्या आने वाले हैं क्योंकि प्रकृति का भाव बन नहीं पाता जैसे आपने कहा कि किसी दूसरे धर्म या दूसरी जाति के व्यक्ति से तो यह कह कर के ही आपने उस एकता को चुनौती दे दी जिस एकता के लिए विवाह का बंधन स्वीकार किया जाए और विवाह में अगर एकत्र का भाव पैदा नहीं हुआ तो दोनों साथ रह कर के भी कभी एक साथ नहीं हो पाते और एक तू का भाव घर पैदा हुआ तो निश्चित ही इसी बाहों के लिए विवाह को संस्कार विवाह संस्कार को समाज में स्वीकार किया गया है
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किसी दूसरे धर्म या जाति के व्यक्ति के साथ शादी करना सही है या गलत है आज के कल्चर के हिसाब से देखा जाए तो कोई दिक्कत नहीं है ठीक है कोई भी कभी भी कहीं भी किसी को भी साबित करता धर्म में जाति में अत्यंत लिया गया उसमें पिकनिक लीडर बना दिया मन की फैमिली की दोनों का ही काम है
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किसी दूसरे धर्म या जाति के व्यक्ति से शादी करना सही है या गलत इस शादी नहीं हुआ जो है वह पर्सनल विचार होते हैं दो परिवारों के बीच 2 सामाजिक खत्म कर दो जाती पात्रों को जोड़ने का काम करती है तो जाकर शादी होती है तो विवा करते हैं उसको अब तक जितनी भी बात करते हैं अब तो हस्बैंड वाइफ जो है वह उनकी निश्चल अंडरस्टैंडिंग कितनी अच्छी है मां तू कितनी अच्छी है उसके ऊपर डिपेंड करता है इसी तरह से हम पल भर में विवाह जो है उसमें भी एक दूसरे के धर्म को मानते ना इज्जत देना दोनों धर्म को वह जरूर इसमें होना चाहिए लेकिन अंतत धर्मी विवाह में हिंदू और मुस्लिम के भी हो सकते हैं हिंदू और पश्चिम के भी हो सकते हैं और कोई भी विभिन्न बौद्ध धर्म के गुजराती पात्र मिलते हैं और विवाह करते हैं तो उन्हें आगे काफी तकलीफों का तो सामना नहीं करता लेकिन एक दूसरे के साथ एडजस्ट बहुत ही करना पड़ सकता है क्योंकि दिनभर मम्मी अलग-अलग तरह के रहन-सहन खान-पान और अलग-अलग तरह के जवाहर होते हैं तो वह उन्हें कपल के ऊपर डिपेंड करता है कि वह कैसे एडजस्ट कर पाएंगे इसलिए अगर पूरी तैयारी के साथ पूरी कोशिश कर और एक दूसरे को अधर्म को और जाति को मानदेय कर अगर हम फोन लगाते हैं तो उसमें कोई खराबी कि नहीं है और सुखी रह सकते हैं ऐसी बात नहीं है विवाह करने खाएगा तू होता है कि हम सुखी रहे हम अपना परिवार आगे बढ़ाएं और दो जग में यादव जाति विशेष को हम बताएं कि विभाग कर दो बंधन होता है वह अलग पर विश्वास सहकारिता सहकारिता और प्रेम के ऊपर होता है इसलिए 80 प्रेम विश्वास और अंडरस्टैंडिंग वही कोई भी जिला की न्यू होती है धन्यवाद
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क्योंकि दूसरे धर्म या जाति के व्यक्ति से शादी करना सही है या गलत में कोई गलत नहीं है बात चाहिए अगर दोनों एक दूसरे को चाहते हैं दोनों के परिवार एक-दूसरे को जाते हैं और विवाह शादी के लिए रजामंद एंटरकासना में किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं होती है और यह अच्छा भारत में कई लोगों ने इस प्रकार की शादी विवाह की है मेरे को चित्र नहीं बिस्तर में सफल जीवन जी रहे इसके लिए है कि दोनों को एक दूसरे के धर्म को मानना पड़ता हम दोनों परिवार किए जा सकते
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आपका प्रश्न है कि किसी दूसरे धर्म या जाति के व्यक्ति से शादी करना सही है गलत है गलत वाली कोई बात नहीं है इंसान के तौर पर सब एक है यह हमने अब बना दिया है कि यह हमारी जाति का है या दूसरे धर्म का है क्या दूसरे धर्म वाले क्या अब कुछ अलग नहीं है हमसे खाली एक तरीका अलग अलग है कि अगर कोई इस ट्रेन से जा रहा है उसके इंतजार है पहुंचेंगे तो सब एक ही जगह मतलब तो आप यह वाली सोच ही गलत हो गई है कि हमारे धर्म का नहीं है यह हमारी जाति का नहीं है जब आज की जमाने में तो कम से कम चेहरों में तो मैं यह नहीं देख रही हूं कि कोई किसी से जाति विशेष से द्वेष रखे और शादी विवाह में कोई प्रॉब्लम आ रही है ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि यहां तो ज्यादातर सब अपने मनपसंद से ही शादी करना चाहते हैं तो फिर वह कोई भी धर्म का हो और पढ़ाई कम से कम यह भेदभाव तो मिठाई देती है कि सिर्फ यह देखना है कि इंसानियत है कि नहीं सामने वाले में वह सबसे बड़ा धर्म है और किसी भी जाति का हो किसी भी धर्म का हो अगर मन में यह बात भी है तो इसको मन से निकाल कर और सब एक ही धर्म है और एक ही जाति के हैं उसमें धर्म में कोई भेदभाव नहीं है भगवान ने अगर इस धर्म का बनाया है तो उसको भी भगवान ने बनाया हमको भी बनाया है किसी से द्वेष नहीं रखे और यह जाति वाली और धर्म वाली बात को दिल से निकाल कर आराम से किसी से भी शादी करना सही है मेरे ख्याल से तो गलत नहीं है थैंक यू
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देखिए यह जाति और धर्म यह सब इंसानों ने बनाए क्योंकि एक परिवर्तन की ओर जाते हैं आपने सुनाओ कि किसी ने अपना धर्म बदल लिया वह हिंदू सिख क्रिश्चियन बन गया इस्लाम में चला गया तो धर्म और जाति किसने बनाई इंसान ने बनाया तो शादी हम करते हैं तो एक इंसान से करते हैं उसकी कोई जाति नहीं होती और हिंदू कल्चर में या और भी कल्चर में तो यह भी रिवाज है कि जिस लड़की की शादी होती है उसका सरनेम हो जाता है तो उसके हस्बैंड का सरनेम यानी कि उसकी बीयर और एग्जाम खुली अगर आप गुप्ता है अरे एक कोई लड़की है जो शर्मा है उससे अगर आप शादी कर रहा है तो उसको शादी की बात करता हो लिखने लगती है या समाज का ढांचा है हमारा सामाजिक भाइयों कैसी है कि हम लड़कियों की जाति जो है पहले पति के पहले पिता के नाम से चलती है और पति के नाम से चलती है जाति और धर्म कुछ नहीं होता हम इंसानों नहीं चाहती हो का भी निर्माण किया है और धर्म का भी किया तो इंसान जब प्रकृति हमें बनाती है या भगवान के लीजिए एक इंसान के रूप में मनाते हैं भगवान ने इंसान जानवर पशु पक्षी पेड़ पौधे चीज बनाई है तो उसी तरह से हमें इंसान बनाया आप हमें इंसानों ने आपस में ना जाती धन बाटा यहां तक कि भगवान को भी बांट दिया अल्लाह गॉड और वाहेगुरु और भगवान और यीशु प्रभु जाने क्या क्या किसी दूसरे जाति या धर्म की बात नहीं आप अपनी मनपसंद ने पसंद से आपको जीवन बिताना है आपको जो भी पसंद है और आपको जो पसंद करते हो मुझसे शादी करना बिल्कुल सही चाहे वो किसी भी जाति क्यों किसी को थैंक यू सो मच
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किसी दूसरे धर्म या जाति के व्यक्ति से शादी करना सही है या गलत दोस्तों एक धर्म एक हो और यह शरीर देखो तो आप शादी कर सकते हो कोई दिक्कत नहीं है कहने का तात्पर्य यह है कि इंसान इस संसार के अंदर आकर के अलग-अलग जाति में बनता है अलग-अलग धर्मों के मंत्र लेकर के आया था और फिर हम लोगों ने उनका या आने के बाद में एक धमाकेदार स्वागत किया है और स्वागत करने के बाद भी उनको अलग-अलग जातियों के हिसाब से उसको बड़ी द्वारा तो इसलिए दोस्तों मैं आपको कहता हूं कि जाति धर्म से बंदर नहीं होते हैं क्योंकि जो दो मिलते हैं और परवरदिगार का आदेश हो तो कोई गलत बात नहीं है इसलिए दोस्तों इसमें किसी भी धर्म से जाति से शादी हो सकते हो अपना हमसफर सुन सकते हो और जीवन व्यतीत करें धन्यवाद
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यह कहां लिखा हुआ है किसी दूसरे धर्म या दूसरी शादी तो दो इंसानों की विचारों का मिलन है अब आप दोनों के विचार मिलते हैं तो जिसमें धर्म और जाति को समझदारी से काम लेते हुए उन्हें अलग करके आप दोनों विवाह कर सकती
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किसी दूसरे धर्म और जाति की शादी करना सही है या गलत है तू लेके मेरे हिसाब से जहां तक मैं जानता हूं कि अपने जाति धर्म से रहता है क्योंकि दूसरे जाति धर्म में यदि मिलता है आपकी सोच आपकी सब कुछ मिलता है तो ठीक है लेकिन बहुत सारे मैंने देखा है कि वो लोग जो होते हैं अलग टाइप के जो दूसरे जाति के लोग होते हैं धर्म के वह मानते हैं कि उनके लिए जो मतलब मांसाहारी या बगैर बहुत सारी चीजें होती हैं बोलते हैं ईश्वर द्वारा बनाया गया है उनके लिए परमानेंट है को समझाने पर उन लोगों को मानते भी नहीं है इन्हें उनके लिए नहीं है तो ऐसे लोग शादी करना बिल्कुल मुझे जायज नहीं लगता है उनके एक्शन में झंझट हो जाएगी फिर तुम्हें लगता है कि बैठे हो कि आप किसी को भी अपने ही धर्म जाति में शादी करनी चाहिए बहुत ज्यादा उचित होगा जिन्हें को आसानी से गुजारने के लिए
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किसी दूसरे जाति भेद किसके शादी कीजिए कोई दिक्कत नहीं होता है हम इंसान एक ही होता है ठीक है कोई जात पात नहीं प्यार के बीच में प्यार एक बहुत खूबसूरत चीज होता है थैंक यू
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