चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
महोदय आपने पूछा क्या भगवान के नाम पर मंदिर बनाकर व्यवसाय किया जा रहा है नहीं ऐसे भाव तो नहीं है क्योंकि हर आदमी के हर जगह पर अपने भाव मंदिर बनवाना हमारे प्राचीन सभ्यता हमारी संस्कृति है ईश्वर के प्रति धन्यवाद देने का एक माध्यम है मंदिर बनवाना पुराने समय में जब राजा आपके यहां संतान नहीं होती थी और संतान की प्राप्ति होने पर राजा संकल्प करते थे कि हम आपका एक भव्य मंदिर बनाएंगे जिसमें हजारों लाखों लोगों को अन्य दान होगा गरीबों की सेवा होगी तो मंदिर पहले सेवा का माध्यम हुआ करते थे तब से यह परंपरा चली आ रही है आज भी मंदिर जो है सेवा का माध्यम है मंदिर व्यवसाय नहीं है मंदिर आस्था का केंद्र बिंदु है और जितने भी बड़े बड़े मंदिर है क्योंकि वह बहुत बड़ी संख्या में भक्त आते हैं वह दान देते हैं तो वहां से बहुत से गरीबों का भला होता बहुत से ऐसे सामाजिक उत्थान के कार्य चलते हैं जो हमें प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देते लेकिन मंदिरों का उद्देश्य सिर्फ सेवा ही है क्योंकि भगवान कभी भी आपसे लेते नहीं हो भैया और संसारी आदमी को क्या दे पाएंगे भगवान के मंदिर पर जो चढ़ावा आता चाहती आती है वह लोगों की आस्था मन्नत पूरी होने पर उनकी अपनी शिक्षा से आता है कोई मंदिर वाली तो कहते नहीं है कि भैया इतना पैसा चलाओ इतना दान करो यह आदमी दान करना उसकी संस्कारों में है उसके व्यक्तित्व में है कि हमारे सनातन धर्म की एक बहुत गहरी संस्कृति आई है बहुत गहरा सत्चरित्र बलिदान करना हमारे यहां धर्म के चार चरण बताएं उन मतदान कलयुग में प्रमुख मंदिर जो है व्यवसाय के लिए नहीं बनाएगा मंदिर सेवा के लिए बनाए गए और सेवा ही हो रही है आज कोरोनावायरस के समय लगभग सभी मंदिर ट्रस्ट ओं ने अपना बहुत बड़ा योगदान दिया व्यवसाय कर रहे हो हजारों लाखों लोगों को ट्रस्ट कहां से आता है यह सब इस चढ़ाई का जो पैसा उसी का तो सदुपयोग हो रहा है गरीब कन्याओं के विवाह होते हैं साधु संतों की सेवाएं चलती है लंगर चलते हैं गुरुद्वारों में मंदिरों में भोजन चलते हैं यह सब कहां से हो रहा है धार्मिक आयोजन होते हैं सब कहां से होता है मंदिर के रखरखाव मंदिर के कर्मचारी पुजारी हजारों तरह के खर्च होते हैं कहां से आता है सब आम आदमी के चढ़ावा से जो आता है उसका बका दक पोस्ट बना हुआ है खर्चे का लेन-देन का हर चीज़ का हिसाब होता है मंदिर व्यवसाय के केंद्र नहीं मंदिर सेवा के केंद्र मंदिर धार्मिक आस्था का विषय है हमें इस तरह से नहीं सोचना चाहिए धन्यवाद
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
कोई भगवान के नाम पर मंत्री बनाकर व्यवसाय नहीं किया जा रहा है आपका देखने का नजरिया गलत है या आप किसी आतंकवादियों के मानसिकता में आप फंसे हुए हैं धन्यवाद
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
क्या भगवान के नाम पर मंदिर बनाकर व्यवसाय किया जा रहा है जी हां भगवान के नाम पर मंदिर बनाकर व्यवसाय किया जा रहा है और इमली हर जगह हर पुलिस पर हर स्टेट में और मुसली हर कंट्री में जहां-जहां मंदिर खोले गए मस्जिद खोले गए चीज हो गई अब
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
क्या भगवान के नाम पर मंदिर बनाकर व्यवसाय किया जा रहा है यह कुछ हद तक यह बात ठीक है सौ परसेंट तो नहीं है यह आस्था का विषय है इस गांव के मंदिर ना वीडियो तो भी भगवान का नाम लो भगवान को अच्छे काम करो अच्छे इंसान बन के रहो समाज का भला करो समाज के लिए अच्छा करो तो वह भी ठीक है लेकिन सभी मजा तो खराब नहीं है सभी मंदिरों में गंदा नहीं वह बात अलग है यह बहार पहचानते हैं अगर भगवान से रुपए मांगते हैं विजय चौहान भगवान के चरणों में हम फूल चढ़ाएं फूल माला पहना मान सम्मान करें और आशापुरी बनाए रखें जो हम चाहते हैं जो असली विषय होता है पर फिर भी स्तर पर जो लाल समक्ष लोग हैं व्यवसाय कर रहे हैं तो उनकी संविधान की भरी है जो करेंगे सो भरेंगे तो क्या वह अरदास
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
भगवान के नाम पर मंदिर बना करके व्यवसाय किया जा रहा है कुछ लोग ऐसे हैं जो इसको थोड़ा बिजनेस के नजरिए से देख रहे हैं जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए क्योंकि यह जो मंदिर वगैरह है यह तो सब धर्म का काम है और इसमें जो इसमें बिजनेस से रिलेटेड लोग उनको भी इसमें सहयोग देना चाहिए और ऐसा हो नहीं रहा है लोग मंदिर को अपना एक बिजनेस बनाने का व्यवसाय तो बना रहे धीरे-धीरे उचित नहीं है इसके जो प्रतिशत मात्रा है वह धीरे-धीरे बढ़ रहे पहले नहीं थी लेकिन अब धीरे-धीरे उस को इनक्रीस किया जा रहा है धन्यवाद
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
क्या भगवान के नाम पर मंदिर बना कर लो शायद किया जा रहा है देखिए पसंद नहीं कर सकते हैं सब मंदिरों में ऐसा हो रहा है कुछ मंदिरों में देखा जा रहा है गति को हम दूसरे घर से सोचें तो हमारे देश का बहुत बड़ा सोने का हिसाब भगवान को चलावे क्यों भक्त लोग हम भी लिख देते हैं चढ़ावा करते बहुत बड़ा धन जो है ऐसा वह मंदिर में हम के रूप में भगवान के चरणों में भर्ती स्तर से काफी मंदिरों में जो घटना हुआ है और गोल्ड चांदी कटा हुआ है उसका वशीकरण सिद्ध नहीं हो पा रहा है और बिल्कुल व्यस्त है कचोरी में पड़ा हुआ है मतलब इसको कहते हैं कि हमारे श्रद्धा और भक्ति और आस्था की वजह से कुछ मंदिरों में जो धन जमा हुआ है अगर उसका सदुपयोग किया जाए तो हमारे देश की जो अच्छा लगता है वह बहुत ही आगे बढ़ चुकी है अब मंदिरों को व्यापार कुछ और कुछ मंदिर जो हमसे बातें करते हैं हम श्रद्धा और आस्था की मंदिर भगवान शिव दर्शन लाभ लेते हैं और हमारी मनोकामना पूर्ण करने की भगवान से प्रार्थना करें इसलिए हम यह तो नहीं कह सकते कि सभी नंगी व्यापार कर रहे हैं लेकिन कुछ कुछ अभी ऐसा हो रहा है देखने आ रहा है और हम महसूस करते धन
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
जी हां दोस्तों आज भगवान के नाम पर मंदिर बना कर बिजनेस किया जा रहा है जितनी जितनी ज्यादा मंदिर है उसने ज्यादा उतने दर्द जितने ज्यादा भगवान उतने जाते मंदिर जितने जानेमन दे पैसे उतने ज्यादा इनकम साथ मंदिर में जाएं कहीं भी जाएं किसी और को छोड़कर बाकी हर सेक्टर में चाय को गॉड के नाम पर पैसे लिए जा रहे हैं और यह प्रेम है जो कि नहीं होना चाहिए बिजनेस किया जा रहा है भगवान कथा बिजनेस बन चुके हैं इस जमाने में
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
जी यह क्वेश्चन के आंसर एकदम अब खुद ही आंसर देती हैं क्योंकि भगवान के नाम पर मंदिर बना जान दिया जा रहा है और उससे व्यापार वाला अब बड़े-बड़े जितने भी मंदिर है रामेश्वर मंदिर और भी जितने सारे भारत के उत्तर पश्चिम पूर्व में कितने मंदिर हैं वहां पर जाकर देख लीजिए पर चंदा के चढ़ावा कैसे चलो तरह तैयार रहते हैं सोना चांदी रुपया पैसे आते हैं और वहां पर लोग एक मतलब एक टैंकर की तरह बनाता है मतलब जब गड्ढा खोदकर किसे उसमें सब पैसा कटता है वो पैसा किसको जाता है पैसा उस मंदिर के जो मठाधीश होता है जो मुख होता है वह लेता है उस पैसे सुबह-सुबह ऐसी करते हैं मंदिर बनाकर व्यवसाय किया जा रहा है आप देखेंगे जी का मंदिर बड़े बड़े बन रहा है आजकल तो बाबा कह लीजिए पंडित के नीचे सब लोग अपने-अपने मंदिर को व्यवस्था है बना लीजिए हम तो करना नहीं है जो भी जाएगा ₹100 101 501 बाबा ले लीजिए बाबाजी चला दो पिक्चर चला दो तुम्हारी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी एक मजदूर ₹300 8 घंटे दिन में कुदाल भागता है तो कम आता है और बाबा लोग का क्या है मंदिर में क्या है घंटे में गए जिनमें ना वाला रहेगा तो लाखों रुपए गिर सकता है
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
भगवान के नाम पर मंदिर बनाकर व्यवसाय किया जा रहा है जी हां बिल्कुल अब जो भगवान के मंदिर है वह एक दुकान की तरह हो गए हैं एक वेबसाइट ठिकाने हो गए हैं जहां पर लोग हैं पैसे कमाते हैं दान पात्र हैं वह गले हैं मैं लोग कैसे चढ़ाते हैं और अच्छी कमाई करते हैं वाकई में जो भारत का जो हिंदू धर्म में है बिल्कुल धंधे हो गया मंदिर एक दुकान की तरह हो गए हैं इसमें कोई शक नहीं है अब लोगों को लूटा जा रहे हैं और जो पुजारी वगैरह है वह इतने घटिया घटिया काम करते हैं जिनकी व्यक्ति कल्पना तक नहीं कर सकता है इतने नीच और क्रूर काम करता है तो यह सारे बिल्कुल मंदिर अंधे हो गए हैं उन्हें पैसे बिल्कुल मत चढ़ाओ क्योंकि भगवान को पैसे की आवश्यकता नहीं है कि भगवान ने जिस धरती को उत्पन्न किया जिसमें सबकुछ पैदा हो सकता है पैसा क्या चीज है उस भगवान को पैसे की आवश्यकता नहीं है कलारी को सर्व समर्थ है वह सर्वशक्तिमान है वह अनंत ब्रह्मांड का अधिपति है उसको पैसों की आवश्यकता कहां पड़ेगी यह तो एक छोटी सी धरती है जिसमें पैसा यह सब कुछ पैदा हुआ है बहुत आनंद बंधुओं का परम पिता है इसके अनुसार में करोड़ों धर्मांध स्थित है उसे पैसों की आवश्यकता नहीं है वह सर्वशक्तिमान है तो पैसे भेजे मंदिर में कभी नहीं चलाएं
Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!