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देखो के लिए आंसर अपने मन के अकॉर्डिंग होता है अगर हम यह करें सोशल दृष्टि से तो पुलिस की छवि कोई अच्छी नहीं है इंडिया में पहली बार दूसरी बात यदि अपना खुद का ले तो अच्छे ही लोग होते हैं ऐसा नहीं है कि पुलिस मैं पर्सनल अगर मेरी बात करो तो पुलिस की छवि मेरी नजर में खराब है नहीं मेरा एक्सपीरियंस अच्छा भी रहा है और भी लोग हैं मैं आपको भी यही कहूंगी अच्छे भी लोग हैं उन्हें बहुत सैक्रिफाइस करना पड़ता है पुलिस वालों को और आधार सैक्रिफाइस करके यदि कोई आदमी तो गलती कर दे तो उसे माफ किया जाता है पहली बार दूसरी बात हमारे उनके पास बहुत सारे संसाधन नहीं है पुराने ढर्रे पर चली आ रही है लोग अच्छे चाहते हैं लेकिन अकॉर्डिंग टू टाइम धीरे धीरे से जो होती है तो लात पैदा होती है आदमियों में दूसरी बात जो काम करने का तरीका है वह उनकी जो लो है ना जी वह भी उन्हें कौन फेल कर देती है कई बार तू कई चीजें हैं उसमें अच्छाई और बुराई जैसे हर डिपार्टमेंट में होती है वह पुलिस में भी है पुलिस इन सब से कोई ज्यादा अलग नहीं है
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पुलिस की छवि ऐसी ऐसी कही तो बहुत ईमानदार होते हैं और कई बहुत लालची है जो पैसे के पीछे भागती है और कोई ऐसे ईमानदार है पूरे देश भक्ति गीत क्या करते हैं पूरी बनी चंदन सिंह
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पुलिस की बात करें तो पुलिस को पूरे देश की बात करें हर स्टेट में अलग अलग सिस्टम है पुलिस कई बार तो अपनी मन मर्जी चलाती है जो बेगुनाह है उनको गुनहगार साबित करते हैं तो कई स्त्री की घटनाएं भी नहीं होनी थी पुलिस ने जो अपनी ड्यूटी है वह जिम्मेदारी पर ही भारी बीमारी चाहिए और रही बात आम आदमी की बात है अगर आप पुलिस थाने में जाता है उसका सुननी चाहिए उसके दुकान में नहीं चाहिए उसके साथ अच्छे से पेश आना चाहिए ज्यादातर मैं आपको बताऊं तुझे तकरीबन खराब रहती है लेकिन पुलिस अधिकारियों ने अपने आप को सुधारना पड़ेगा और पब्लिक कन्वेंट और पब्लिक के लोग पब्लिक के साथ ही लोगे बताओ इनका देखनी है इसलिए पुलिस की नजर में
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हमारे मन में पुलिस के प्रति छवि खराब है क्योंकि पुलिस ओं को मैंने देखा हुआ है भ्रष्टाचार करते हुए खुलेआम भ्रष्टाचार करते हुए हम यह नहीं कह सकते हैं कि सभी लोग भ्रष्टाचारी विचारधारा के होते हैं लेकिन हां पुलिस विभाग भ्रष्टाचार से लिप्त है और गरीबों को प्रताड़ित करने में पीछे नहीं हटता है करने से तो अमीर आदमी अगर मिल जाए गाड़ी से फोर व्हीलर से जा रहा है अगर उसको रोकेंगे अगर वह पॉलीटिशियन है तो उनकी औकात नहीं है सालों के लिए वो कुछ बोल सके लेकिन हां अगर कोई आम आदमी मिल जाए गरीब व्यक्ति मिल जाए तो उसे पैसे लेते हैं 500 दे दो 1000 दे दो यार एक क्या सिस्टम है यार तुम गरीबों की मदद के लिए किसानों की मदद के लिए सबके मदद के लिए पुलिस विभाग में आए हो इंसाफ करने के लिए पुलिस विभाग में आए हो गलत तरीके से केस मुकदमा बनाकर किसी की जिंदगी खराब करवा कर देते हैं लोग और कोर्ट में मैटर चला जाता है तो 10 साल 20 साल में उसका उसका समाधान होता है उसके ऊपर जजमेंट आता है तो हमारे देश में न्यायिक व्यवस्था जो है यह बहुत खराब है इसके ऊपर भी प्रधानमंत्री जी को विचार करना चाहिए कि कोर्ट में जो मैटर गया उसमें क्या 18 साल के युवा है या 17 साल के युवा हैं जिन को गलत तरीके से फंसाया कर कोर्ट में मैटर भेज दिया गया और वह बेचारे तारीख पर तारीख देखते रहते हैं और उनका पड़ा कैरियर बर्बाद हो जाता है तो न्याय व्यवस्था को सुधारना होगा हमें हमारे देश के क्योंकि देर से जो न्याय मिलता है वह सबसे बड़ा अन्याय होता है तो पुलिस व्यवस्था को सुधारना होगा पुलिस लोगों से निवेदन करता हूं किसी भी आम आदमी को परेशान मत करिए सब का हेल्प करिए मदद करिए और कुछ अच्छा कार्य करिए धन्यवाद
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अगर पुलिस की इमेज की बात करें तो सबसे पहले अगर पुलिस बोलती है जो इमेज जाता है किसी भी नाम वाले व्यक्ति के मन में मेरे मन में भी आता है जो कि एक तरफ के लोग जो कि लोगों की बातें नहीं सुनते हैं वैसे ही मैं जाता है एक ऐसी बात नहीं है हर जगह जो पुलिस डिपार्टमेंट है उसमें अलग-अलग तरीके के लोग हैं कुछ लोग अच्छा काम करते हैं आज उनको उनके काम से जाना जाता है अब वह घर की बात करें हर एक स्टेट में SSP है ऐसे इंस्पेक्टर हैं जो कि अपना काम बिल्कुल इमानदारी से करते हैं कुछ लोग काम करते हैं बस और कुछ लोग बिल्कुल भी काम नहीं करते जो करप्शन और जो इन सभी चीजों के बीच में फंस जाते हैं तो लोग उन्हीं को याद करते हैं जो बेहतर काम करते हैं तो इमेज जो है लोग इस काम से बनता है तो बिल्कुल बेहतर काम करेंगे पुलिस तो उनकी इमेज अच्छी रहेगी
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मेरे मन में पुलिस के लिए कुछ ज्यादा अच्छी छवि नहीं है ऐसा नहीं है कि एक गंदी मछली तालाब को गंदा कर देती है यहां पर बहुत सारी गंदी मछलियां हैं
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