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हिंदू धर्म का बहुत ही पुरानी संस्कृति को दर्शाता है बहुत सारी चीजें हैं वह मुझे एक बहुत तक बातें करना चाहता हूं मंडुक्य उपनिषद नाक के बारे में और आप जानते हैं कि और किसी को तीन और लोगों ने सारी सृष्टि की उत्पत्ति और यह चीज हम लोगों ने करीब 5000 साल पहले मंडी परिषद में लिखा था पूरी सृष्टि की रचना हुई थी मैं इसको इंग्लिश में ट्रांसलेट करो कि इसका मतलब है पिक बैंक स्टार्टेड सुपरमैन नाथ का मतलब हुआ ॐ के उच्चारण से ऐसी बात है कि मुझे काफी कॉल करती है कि हम लोग इस बात को 5000 साल पहले कहते थे
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देखिए ऐसा बिल्कुल भी नहीं अगर आपने पौराणिक हिंदू पुराण जो 18 पुराण है हिंदू धर्म में अगर आप लोग में से किसी एक भी पुराण का अध्यन किया है जैसे कि शिव पुराण विष्णु पुराण जो आपने देखा हो कि हिंदू धर्म तो बहुत ही रोचक और दिलचस्प जो है घटनाओं से भरा पड़ा है ऐसी ही कुछ घटना है जो मैं यहां पर उनका जिक्र करना चाहता हूं जिनमें से एक पहली घटना यह है कि जब पर्यावरण की शुद्धि के लिए दक्ष प्रजापति ने एक बहुत ही बड़े महायज्ञ का आयोजन किया तो वहां पर सभी देवी देवता जो है एकत्र हुए थे भगवान विष्णु ब्रह्मा जी और वहां पर भगवान शिव भी आए थे तो उसमें होता क्या है कि सभी देवी देवता रगरत प्रजापति दक्ष के सम्मान में जो है उनका अभिवादन करते हैं उनको नमस्कार करते हैं लेकिन जोश भगवान शिव वह अपने स्थान से खड़े हो नहीं होते और ना ही कोई सम्मान जैसी कोई बात वह करते हैं प्रजापति दक्ष के लिए तो यह बात उनको बहुत बुरी लगती है प्रजापति दक्ष को वह मन ही मन यह सोचते हैं कि उनके जो जो पिता है ब्रह्मा जी चलो वह तो उनके पिता है बाकी सभी देवताओं के सम्मान में खड़े हुए उनका अभिवादन किया है और जो शिव है इन्होंने जो उनके दामाद है फिर भी उन्होंने उनके सम्मान में खड़े नहीं हुए उनका विवाद ने किया तुमको वह बात बहुत बुरी लगती है तो वहां पर काफी कहासुनी होती है प्रजापति दक्ष जो है भगवान शिव के लिए काफी जो है अब शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जो कि उनके जोगण होते हैं जो नंदी महाराज होते हैं भगवान महाराज उनके बात बहुत बुरी लगती है अब नंदी और प्रजापति दक्ष में काफी गरमा गरम बहस शुरू हो जाती है वहां पर नंदी जो है कई शराब भी देते हैं प्रजापति दक्ष के साथ कुछ और भृगु ऋषि थे और कॉफी कहीं किसी धर्म को भी शराब देते हैं इतना होने पर जो है वहां से भगवान शिव चले जाते हैं अब भगवान से वहां से चले जाते हैं जब वह कैलाश पर्वत पहुंचते हैं तो वहां माता पार्वती उनसे पूछते हैं कि आप तो बड़ी जल्दी आ गए क्या हो गया जो कहे वह सारी घटना का वृतांत सुनाते हैं विस्तार से उनको बहुत बुरा लगता है तो फिर जो है माता पार्वती है वह आती है वहां पर या तुम्हें और अपने पिता जो कि उनके पिता थे प्रजापति दक्ष उनके पिता को वह कहती है कि आपने इस तरह से उनके पति का जो है मान किया है यह आपने अच्छा नहीं किया उन पर काफी गुस्सा होती है लेकिन इतना कहने पर होने पर भी जो है प्रजापति दक्ष रुकते नहीं और लगातार जो है वह भगवान शिव के जो है लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते रहो करते रहते हैं और यह बात सहन नहीं होती है माता रानी को वहीं पर अग्नि में जो है अपना अग्नि कर लेती है वहां पर और जिससे जब यह बात भगवान शिव को पता चलते तो बहुत गुस्सा होता है तो वह अपने रुद्रावतार वीरभद्र को वहां पहुंचते हैं और वीर वीरभद्र महायज्ञ में पहुंचकर जय प्रजापति दक्ष का सिर धड़ से अलग कर देते हैं फिर वही था देवता सभी चिंतित होते हैं फिर वह देवता शिव के पास जाते हैं कि भाई उनका जो है वापस लौटा दीजिए हमको पहले जैसा कर दीजिए तो शिव कहते हैं आप आने के बाद वहां पर के कोई ऐसा तो नहीं हो सकता जो सर एक बार कट गया वह दोबारा से वही सर नहीं लग सकता है किसी दूसरे जानवर का सर जरूर लगा सकते हैं वह भगवान विष्णु को जो है भी होते हैं वहां लेकिन वह वीरभद्र से कहते हैं कि भैया जाइए किसी जानवर का जो भी आपको पहले मिल जाए उसका सर कलम कर के लिए तो बकरे का सिर लेकर आते हैं तो फिर बकरे का सर जोड़ते हैं उसके दो उसके बाद में जो है वह प्रजापति दक्ष जो है वह आज मुख हो गए तो एक बहुत ही काफी रोचक किस्सा है दूसरे किस समय एक और जोड़ना चाहता हूं एक बार की बात है कार्तिकेय भगवान जो है वह पहली संतान थी माता पार्वती और शिव की और वह जो है वहां से घर से जो है ज्ञान का प्रचार प्रसार वेदों का प्रचार करने के लिए वह साउथ में आ जाते हैं दक्षिण भारत में आ जाते हैं वहां पर वह जो कबीले के लोग होते हैं जो बहुत ही जो ज्ञान से अनभिज्ञ रहते हैं वहां पर लोगों को जो है शिक्षा का ज्ञान देते हैं वेदों का ज्ञान देना शुरू कर देता है तो माता पार्वती जो है बिल्कुल अकेली रह जाती है तो वह क्या करती है कि मिट्टी के मिट्टी का एक बनाती है एक बच्चा बनाती है जिसको वह अपना पुत्र मानने लगती है और वह उसमें अपनी शक्ति से प्राण सूख कर रोक देती है तो 1 बच्चे का रूप ले लेता फिर वह उस बच्चे से कहते कि मैं स्नान करने के लिए जा रहे हैं और जब तक मैं ना लौटा आप नहीं खड़े रहना जैसे ही हो स्नान करना चाहती उसके कुछ देर बाद भगवान शिव की वहां जो है आ जाते हैं और दरवाजे पर छोटे बच्चों को खड़ा हुआ काफी आश्चर्यचकित होते हैं उससे उसका परिचय पूछते हैं तो जो बच्चा बच्चा कहता कि मुझे मुझे कुछ नहीं पता है मेरा परिचय कौन है मैं क्यों हूं बस मुझे मेरी माता नहीं आ रुकने के लिए कहा है और बोला कि जब जब तक मैं ना हो किसी को अंदर मत आने देना भगवान शिव का आग्रह करते लेकिन वह नहीं जाने देते भगवान शिव कहां से क्रोधित होते हैं तो अपने त्रिशूल से उस बच्चे की गर्दन उड़ा देते हैं उस बच्चे की गर्दन काट कर कहीं दूर अंतरिक्ष में चली जाती है जैसे ही माता पार्वती स्नान करके बाहर आते देखते कि वह बच्चा उसका बच्चा जो है वहां पर बिना सर के उसका दर्द पड़ा हुआ है मृत पड़ा हुआ काफी क्रोधित होती है क्रोध में मेरा क्रोध देखकर बाकी सभी देवता वहां पर गणेश खतरा हो जाता है वह भी काफी भयभीत हो जाते हैं फिर देवताओं के समझाने पर ब्रह्मा जी विष्णु जी के समझाने पर माता जो पार्वती जय उनका गुस्सा शांत होता है और वह कहते हैं कि मेरा बच्चा मुझे वापस भगवान् शिव कहते ठीक हो जाएगा तो भगवान विष्णु को कहते हैं कि किसी भी जानवर का अगर आपको सिर सिर से मिलता है तो वह लेकर आ जल्दी आ जाइए तो वह एक हाथी के बच्चे का जो है सर लेकर आते हैं वहां पर और फिर वह उस बच्चे की दर पर लगा देते हैं तो इससे उनका जो नाम है वह गजमुख हो गया था पहले आज मुखवा था वह बकरे का लाया तो तो यह गजानन हो गए थे उसी शहर में गजमुख बन गया था और सभी देवताओं ने उनका नाम रखा है कि गणपति जी होंगे और सभी देवताओं ने उनको अपनी शक्तियां दी जिससे आज भी सभी देवताओं की पूजा कर डालना करने से पहले भगवान गणपति की सबसे पहले पूजा की जाती है सामान्यता हिंदू धर्म के भगवान गणेश की आरती का कर कर ले पहले तो सभी देवताओं की आरती उसी में सम्मिलित हो जाती है तो एक बहुत ही दिलचस्प किस्सा था ऐसे ही बहुत अनगिनत किस हिंदू धर्म में जो है बहुत ही अनगिनत किससे जो है रोचक किस्से है अगर आप पुराणों बहुत ध्यान ढंग से तन्मयता से पड़ेंगे तो आपको ऐसे बहुत से रोचक किस्से मिलेंगे समय का अभाव है नहीं तो मैं यहां पर और भी बहुत सारे ऐसे किसको का आपके सामने वर्णन करता धन्यवाद
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हिंदू धर्म की कुछ दिलचस्प बातें हैं कि ब्रह्म परब्रह्म और पूर्ण ब्रह्म में अंतर आज तक किसी ने प्रमाण के साथ नहीं बताता है जो कि वर्तमान में अब केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने पूरे प्रमाणों के साथ जानकारी दे रहे हैं कि ब्रह्म कौन है और ब्रह्म कौन है और पूर्ण ब्रह्म क्या है यदि आप भी जाना चाहते हैं देखें रोज शाम 7:30 बजे साधना चैनल पर और अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पुस्तक गीता तेरा ज्ञान अमृत इस पुस्तक को निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं बिना किसी डिलीवरी चार्ज थी केवल आपको अपना नाम पता मोबाइल नंबर हमारे व्हाट्सएप नंबर 74 9680 1823 पर भेजना है 15 से 20 दिनों के बिना किसी डिलीवरी चार्ज हो जाता है
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