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हाय गुड मॉर्निंग इससे अच्छा कदम कुछ और नहीं हो सकता है क्योंकि इससे बहुत सारे चीजों में बचा हो जाएगा लोग जो ऐसे ही दर उधर कट मारके गाड़ी चलाते हैं और इसकी वजह से एक्सीडेंट वगैरा होते रहते हैं वह सारे चाहिए नहीं तो बहुत ही अच्छा नहीं है मैं क्योंकि मैंने देखा है रेड लाइट होती है उसके बावजूद भी लोग खास करके निकल जाते हैं इमरजेंसी है कि नहीं है इसमें थोड़ा सही से देखना चाहिए कि इमरजेंसी है या क्या है उस हिसाब से थोड़ा इस को मेंटेन करने की आवश्यकता है ठीक है बहुत अच्छा है नहीं लेकिन उसके साथ-साथ और भी चीजों को थोड़ा बदलने की आवश्यकता है और इसमें जो फाइन लगाए हुए हैं चालान का वह थोड़ा सा ज्यादा लगाया हुआ है वह इसलिए क्योंकि इन्होंने जो बहुत सारे फॉरेन कंट्री का एक दिया था डाटा की वहां की जो प्रति व्यक्ति आयु है उसके हिसाब से जो वहां का चालान है वह ठीक है वहां के लिए यहां की जो प्रति व्यक्ति आय हैं उसके हिसाब से यहां तो चालान होता है वह तो पूरा ही उसकी चली जाएगी जो मंथली आए होती है चालान में उसके चली जाएगी फिर उसके पास कुछ पैसे बचेंगे नहीं तो फिर वह क्राइम नहीं करेगा तो और क्या करेगा तो इसमें चालान का जो अमाउंट है उसे थोड़ा सा संशोधन करने की आवश्यकता है सख्ती बरतना अच्छी बात है लेकिन जो चालान का अमाउंट इसमें तय किया गया है उसमें थोड़ा संशोधन करने की जरूरत है वह बहुत आवश्यक है धन्यवाद
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देखिए ट्रैफिक के नियम तोड़ने पर अगर शक्ति बढ़ती है फाइंस बढ़ते हैं तो यह अच्छा कदम है और एक लेकिन थोड़ा सा सोचा जा सकता था कि क्या इतना फाइन बढ़ाना जरूरी है या थोड़ा कम कर देते तो अच्छा रहता आशा दूसरी बात भाई खाली फाइंड बनाने से यह दिक्कत परेशानी खत्म नहीं होगी और दिक्कत परेशानी क्या थी देख परेशानी यह थी यामीन मुद्दा यह था कि भाई लोग एक्सीडेंट में पूरे भारतवर्ष में बहुत मारे जाते हैं आपको बताएं 1 दिन में करीब 400 लोग पूरे भारतवर्ष में हमारे रह जाते हैं या मर जाते हैं रोड एक्सीडेंट में जिसमें अधिकतर लोग 18 से 35 साल के उम्र के होते हैं अब सोच के जवान आदमी या औरत आगर रोड एक्सीडेंट में चली जा रहे हैं तू ही कितनी बड़ी है ना आप चिंता का कारण है ऐसा नहीं होना चाहिए जो अपनी गलती से जाते हैं दूसरी ओर बाकी कारणों से जाते हैं अपनी गलती होती कि मैं बिना हेलमेट के गाड़ी चला रहा हूं मैं रॉन्ग साइड में गाड़ी चला रहा हूं यह सारी अपनी गलती हो गई दूसरी गलतियां क्या है जिस पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए था और सरकार ने इन बातों पर तो चलो ठीक है लगाम कस दी कि वह आपको हेलमेट पहन के चलाने आपको रॉन्ग साइड नहीं चलाना है ना यह सब तो देख लिया और फाइन बढ़ा दिया लेकिन दूसरी अहम बात जो सरकार को देखनी चाहिए कि जो सरकार ने नहीं देखी वह यह था कि भाई क्या रोड से ठीक-ठाक है भाई रोड पर हमारा सिग्नल काम करता है या नहीं करता क्या ज़ेबरा क्रॉसिंग दिखता है या नहीं देखता क्या रोड पर गड्ढे भरे गए हैं या नहीं भरे गए या गड्ढे अभी भी है क्या कहीं पर अगर खुदाई होती है तो वहां पर हालात कैसे होते हैं उसको मैनेज करने के बारे में किसी ने सोचा है उसको कैसे ठीक से किया जाए ताकि वहां पर कोई गड्ढे में गिर ना जाए कोई एक्सीडेंट ना हो जाए कोई हादसा ना हो जाए इसके लिए सरकार ने क्या किया है यह देखना बहुत जरूरी था बल्कि सबसे पहले छूट तो देखना चाहिए था उसके बाद या उसके साथ हमें यह लगाम कसनी चाहिए थे कि मैं यहां पर हेलमेट नहीं पहनेंगे रॉन्ग साइड चलाएंगे वगैरह वगैरह तो आपको ज्यादा फाइंड देना पड़ेगा तो दोनों एंगल को दे देते तो ज्यादा बेहतर रहता अभी मेरे हिसाब से इन्होंने खाली सरकार ने खाली है क्या इंदल को देखा है कि वह चलो फटाफट साइन बड़ा तो मैं खाली फाइन बढ़ाने से सलूशन हल नहीं होती थोड़ा बहुत असर पड़ेगा लेकिन हमें तो यह देखना है कि क्या एक इंसान सिर्फ है रोड पर जाने के लिए ट्रैवल करने के लिए चाहे वह पैदल ट्रेवल कर रहा हूं ऑटो में हो टू व्हीलर में हो कार में हो बस में हूं कैसे भी ट्रेवल कर रहे क्या व्हाट्सएप है या नहीं है क्या सरकार को कुछ करना चाहिए या नहीं करना चाहिए देखने के बाद है यह सबसे ज्यादा जरूरी है
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ट्रैफिक रूल तोड़ने पर सबसे बड़ी क्या यह सही कदम है जी हां एकदम सही कदम है उसमें पब्लिक का ही हेल्प सही रहता है और उनके फायदे के लिए नक्शा
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आपका सवाल है कि ट्रैफिक रूल बढ़ने पर शक्ति बढ़ी है यह बहुत अच्छा फैसला है सरकार का और हमारे देश में ट्रैफिक रूल बढ़िया होना चाहिए ट्रैफिक रूल जब बढ़िया हो जाएगा तो लोग अनुशासन में रहेंगे और अनुशासन में रहेंगे तो अनुशासित व्यक्ति ही नए भारत का निर्माण करेगा हम लोग चर्चा करते हैं कि बेंगलुरु में ऐसा है आप बाइक से जाते हो फोर व्हीलर से जाते हो ऑटोमेटिक चालान कट जाता है और चालान आपके घर आ जाता है तो वैसा रूल रेगुलेशन पूरे हिंदुस्तान में होना चाहिए हम लोग चर्चा करते हैं कि सऊदी अरब का कानून बड़ा सख्त है वहां जो भी गलत कर्म करता है गलत काम करता है उसको फांसी होती है तो हमारे देश में अगर कानून बढ़िया बन जाएगा तो लोग गलत काम करने से डरेंगे जब गलत काम करने से डरेंगे तो देश ऑटोमेटिक तरक्की करेगा तो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का जितना भी फैसला हो रहा है यह भारत की तरक्की के लिए हो रहा है भारत को अनुशासित बनाने के लिए हो रहा है कि भारत अनुशासित बन जाएगा तो फिर देखी दुनिया में भारत का परचम लहराएगा मैं आपको बता देना चाहता हूं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ब्लॉक अमीर पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप को पीछे छोड़ दिया आज के डेट में दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दुनिया के शक्तिशाली व्यक्ति सोचिए यह हम सभी भारत वासियों के लिए गर्व गर्व की बात है जो दुनिया का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति है क्या उसका फैसला गलत हो सकता है नहीं और जो भी फैसला करेंगे हम लोगों को यही मानकर चलना है कि यह देश हित के लिए फैसला है बस उसका समर्थन करना है ट्रैफिक अच्छा बनाया जा रहा है हम समर्थन करेंगे अगर धारा 370 हटाया गया तो हमारे देश की भलाई के लिए हटाया गया है अगर भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर बनवा आएगी तो देश की तरक्की के लिए बनवाई कि अगर मोदी जी किसी मुस्लिम व्यक्ति से मिलते हैं तो हमें उसका विरोध नहीं करना है हमें यह मानकर चलना है कि मोदी जी देश की तरक्की के लिए काम कर रहे हैं मोदी जी किसी धर्म या किसी जाति के लिए कार्य नहीं कर रहे हैं मोदी जी के लिए 125 करोड़ देशवासी मायने रखते हैं और अपने देश को वह सर्वोच्च स्थान पर रखते हैं तो देश से पहले उसके बाद पार्टी है उसके बाद बोलोगे तो कहने का तात्पर्य है मोदी जी ऐसे देश भक्त हैं जिनका हमें साथ देना चाहिए क्योंकि मोदी जी के नेतृत्व में ही हिंदुस्तान का गौरव और हिंदुस्तान का सम्मान बढ़ा है अभी और ज्यादा बढ़ेगा धुन हिंदुस्तान फिर से विकसित देश बोला जाएगा फिर से सोने की चिड़िया बोली जाएगी फिर से विश्व गुरु बोला जाएगा भारत धन्यवाद
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बिल्कुल सही कदम है क्योंकि ट्रैफिक रूल्स जो लोग फॉलो नहीं करते उन्हीं पर शक्ति होनी चाहिए बस में चाहिए और एकदम सही कदम में भारत के लोगों को बहुत ही लापरवाह हैं सोचते हैं कामचोर हैं निकम्मे हैं अगर इनको का सख्ती से नहीं सुधारा जाए तो सुधारते भी नहीं हो सकता है मेरी बातें कड़ी लगे यह सही है बहुत ही बना डीड लोग हैं इन पर शक्ति बहुत जरूरी है धन्यवाद नमस्कार
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ट्रैफिक रूल्स में जो नियम बनाए गए हैं यहां सही कदम है क्योंकि जितनी दुर्घटनाएं होती है उस पर कुछ कंट्रोल होगा दूसरा जो लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं उनके लिए सबसे अच्छा होगा इससे दुर्घटना में कमी आएगी
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सफीपुर छोड़ने पर शक्ति बढ़ी क्या यह सही कदम है इसके लिए दो पहलू हैं हम इसको दोनों पहलुओं पर विचार कर सकते हैं पहला पहलू यह है कि ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर शक्ति बढ़ी है उसमें चालान की रकम का बढ़ोतरी होने से आम जनता में जो ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करने के लिए जागृत चालान के डर से जागृति आई है और वह कौन से सो गए हैं कि हमें ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करना है ताकि हम चालान से बच सकें और इसके दूसरे पहलू पर विचार करें तो इसके पीछे विरोध भी बहुत हो रहा है क्योंकि बहुत सारी तकलीफों का सामना दीपक आम जनता कर रही और सड़क की हालत हो या सड़क के किनारे एनफोर्समेंट घूमते हुए थे जो पशुओं का जमावड़ा हो या पुलिस प्रशासन द्वारा इसी तरह से कम पैसे लेकर वो सब जो होता है इसकी संभावना हो जाती है वैसे अगर हम पॉजिटिव हुए हैं देखे तो जनजागृति थोड़ी बड़ी है और लोग का फिटनेस को ओबे करने के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन विरोध भी उतना ही हो रहा है कि सहेली विस्तार में कम से कम हेलमेट का प्रयोग छोटे शहरों में उसको छोड़ देनी चाहिए या करावे का हमारा विचार से इसलिए कुछ न कुछ से मॉडिफिकेशन हमारे कानून ने करने कि आगे चलकर भविष्य में जरूरत पड़ सकती है और सरकार विचार करेगी क्योंकि संसद में जो कानून पास हुआ मोटर व्हीकल एक्ट तो सभी राज्य सरकारों में इसका किसी रूप में पालन नहीं किया इसका मतलब कि यह दंड की रकम जो है वह काफी ज्यादा है और बहुत ज्यादा बुरा आम जनता के पढ़ने की ज्यादा संभावना है
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विकी बहुत ही अच्छा क्वेश्चन है आपका की ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर शक्ति बढ़ी क्या यह सही कदम है बिल्कुल सही कदम है मेरे हिसाब से सरकार के बहुत ही अच्छा कदम है लेकिन इस पर मांग बढ़ा दिया जो पैसों का मानव बढ़ा दिया यह बहुत ही गलत कदम है इस पर जो है इतना पैसा चार्ज एक आम आदमी के लिए नहीं होना चाहिए आप अभी मान लीजिए कोई इमरजेंसी में जा रहा अचानक किसी ने हाथ दे दिया कि गाड़ी में बैठा लो बहुत अच्छा कोई चोट लग गई रूल्स गलत है और उस तोड़ना तो बिल्कुल गलत है इस पर सावधानी और गलती से हो जाती है तो उसे उस पर कोई भी कदम ना लिया जाए उसे माफ कर दिया जाए और अगर जानबूझकर हो जबरदस्ती घुस रहा है तू दिखता है क्या तो शराब पी के कुछ कार्रवाई करनी चाहिए हमरा के हिसाब से
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गुड आफ्टरनून हां यह सही है कि अगर आप ट्रैफिक रूल्स तोड़ते हो तो आप खुश रखते रक्तदान भी जरूरी है क्योंकि होता क्या है जब लेडीस ड्राइव करते हैं जानबूझकर देखा गया है कि जनता के पीछे से हाकिंग करते हैं या ऐसे कट करते हैं कि फिर वह प्रॉब्लम हो जाती है तो आई रियली फील की ट्रैफिक रूल्स थोड़े तक होना चाहिए फुटपाथ पर ड्राइविंग अलार्म नहीं करनी चाहिए और जिस जेबरा क्रॉसिंग लाइन से उसके अंदर गाड़ियां पार्क करनी चाहिए यह सब गवर्मेंट देखना जरूरी है ऐसा मुझे लगता है धन्यवाद
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ट्रैफिक रूल तोड़ने पर शक्ति बढ़ी क्या सही कदम है देखिए जहां तक मुझे लगता है अगर मेरी राय में सुनी जाए तो यह कदम सही है लेकिन थोड़ा एक्सट्रीम पड़ गया मतलब हां थोड़ा जुर्माना में चाहिए था क्योंकि उस जुर्माने में ना लोगों को पता चल गया था सर्वप्रथम आएंगे हम निकल जाएंगे तो थोड़ा एक्स्ट्रा तो जरूरी था लेकिन इतना ज्यादा भी नहीं किसी 200 से हजारों हजार पड़ता तो सीधे 10,000 यह नहीं सही है इतना ज्यादा नहीं बढ़ाना चाहिए था कि आतंक होने लग गया लेट अभी तक बहुत कुछ लोगों का बहुत ज्यादा कट गया है लेकिन बाकी लोग रूल फॉलो करने की कोशिश करने लग गए हैं अच्छी चीज है यह मौका देख नियमों का डर होना चाहिए जरूर जल्ला होता है वह काहे के लिए बने अगर हमें उनसे डर ही नहीं लगता मैं उनको तोड़ने में मजा आ रहा है घर तो फिर उनको बनाने का क्या मतलब है वह आपको एक डिसिप्लिन सिखाने के लिए बनते हैं और रोड पर आपने देखा है उसकी वजह से ही कई चीजें हो जाती है कहीं एक्सीडेंट होते हैं और अगर आपने हेलमेट नहीं लगाया या फिर कोई ऐसा बंदा गाड़ी चलाते हुए आ गया जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है उसे सीखा नहीं है सही से बस चला रहा है तो सोचे कितने लोगों की जान ले सकता है तो यह सब चीजें हैं तो उसके लिए सही है अच्छा किया गया इतना क्यों नहीं होना चाहता होना चाहता मतलब मुझे लगता है जितना भी किया गया उसका पचास साठ परसेंट होता तो ज्यादा सही रहता थैंक यू
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ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पड़ सकती है क्या यह सही कदम है ट्रैफिक रूल में जो सख्ती बरती गई है क्या यह सही कदम है यह इस पर विचार शेयर करने के लिए कहा गया है तो मेरा तो यह मानना है बिल्कुल सख्ती बरती जानी चाहिए बिल्कुल बरती जानी चाहिए नहीं बात क्यों बरती जानी चाहिए क्यों नहीं बरती जानी चाहिए विषय आने से पहले यह बहुत जरूरी है समझना कि हम इंसान को कि जब गाड़ी खरीदते हैं तो क्या मुझे यह पता नहीं होता है बाइक खरीदे फोर व्हीलर खरीदे तो रूल्स क्या है नियम क्या है कानून क्या है और उसको चलाने के क्या रूल से तरीके कोई भी वाहन जब सीखते हैं तो क्या बिना सीखे चलाने लगते सीखना पड़ता है समझना पड़ता है कैसे बैलेंस रखा जाए कैसे किया जाए कैसे चलाया जाए और जब वह सीख लेते हैं तो गाड़ी उसी हिसाब से चलाते ट्रेन होते हैं तो चलाते हैं तो जैसे आप बाइक सीखते हैं फोर व्हीलर सीखते हैं और चलाने का गुड जानते हैं तभी आप चलाते हैं ना उसी तरह से यह सीखना समझना भी बहुत जरूरी है कि मैं जब रोड पर अपनी गाड़ी निकालता हूं तो उसके नियम क्या है कानून क्या है कायदे क्या है यह एक सुविधा है आपने खरीदी उसके लिए रास्ते बनाए जाते उस पर चलना होता उसकी एक नियम सब पता होता कागज सही से रखना है सारे नाम बताओ फिर भी हम लापरवाही बरतते फाइन एक करो रोज सजाए कुछ भी हो जाए उम्र कैद हो जाए कुछ भी हो जाए एक विषय ही अलग है हम करेंगे ऐसा क्यों ऐसा बिल्कुल नहीं करेंगे नियम कानून से चलना अनुशासन इंसान को उस देश को हर किसी को महान बनाने के लिए एक बहुत बड़ी चीज होती अनुशासन जानते हुए भी नॉलेज होते हुए भी फिर भी हमारी आदत सी बन गई है चीजों को अपने मन मुताबिक मनमाफिक करने की मनमौजी करने की किसी चीज का डर होना चाहिए क्या होना चाहिए एक अनुशासन डर आपको अनुशासन की वजह से भी आता है और इधर जैसी बात नहीं है नियम कानून का पालन करना एक अपने आपको वाइल्ड व्यक्ति कर सकता नियम कानून का कायदे से चलना जीवन में जो रूल्स बने है इस को फॉलो करना एक महान व्यक्ति ही कर सकता है उपद्रवी व्यक्ति ने अज्ञानी व्यक्ति नहीं कर सकता इलेक्ट्रेट व्यक्ति नहीं कर सकता अनपढ़ गवार नहीं कर जो करता है नियम को फॉलो नियम कायदे के साथ चलता है इसका मतलब वह पढ़ा-लिखा समझदार है और सच में वह अनुशासित व्यक्ति महान है वह इंसान जो गाय देखो कानून को समझता है उस मुताबिक अपनी चीजों को रूट गाड़ी चलाते हैं नियम कानून क्या कहता है सब पता होते हुए भी हम इलेक्ट्रेट की तरह व्यवहार करते हैं शान समझते हैं नियम कानून को तो जब मन हो गया निकल लिए जैसे निकल लिए कुछ भी कर ली है दाएं बाएं कुछ भी कर ली चीजों को पढ़े लिखे हैं और तरीका जानते हैं उसको अपनाना चाहिए अनुशासन आप और हम अपनाएंगे हमारे आने वाला जन्नत से भी वही अपना है आज क्यों इतनी बड़ी समस्या है और इसलिए कि हमारे पहले भी जो लोग थे वह भी ऐसी तेरा मनमानी क्या करते होंगे उनको देखकर हमने सीखा हम को देखकर और बच्चे सीखें तीज कब चाहिए अच्छा में गीत डंडा क्यों चलाना पर डंडे उठाने की जरूरत क्यों पड़ी एक रुपए भी फ्रेंड की जरूरत नहीं थी अगर हम अनुशासन में अव्वल होते अगर हम इज्जत और प्रतिष्ठित से इस चीजों को देखते रॉयल होते होना है नियम कानून कानून का पालन करना वायल वायल व्यक्ति का काम रिट्रीट व्यक्ति ऐसा नियम कानून तोड़ेगा इलिटरेट पढ़ा लिखा भी होते लिफ्ट जाहिल है गवार क्योंकि यह शान की बात हो ही नहीं सकता एक डंडे की भी जरूरत नहीं ₹1 के दंड की जरूरत नहीं है अगर हम अनुशासित होते और गलती पर कोई रोक देना तो मेरे लिए वह करोड़ों रुपया से बढ़कर संभल के चलना अनुसार होना चाहिए इसलिए अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो यह दोस्त हराना बिल्कुल जायज नहीं है इस शक्ति की शक्ति क्यों क्यों लगाई जा रही है इतनी शक्ति इसलिए कि हम क्षेत्र हो चुके हैं मानने को तैयार नहीं बातों से समझने के लिए रात का भूत बातों से नहीं मानते यही स्थिति यह हो गई है तो यह इसलिए हो रहा रही बात त्रुटि हो जाए कहीं से मिस्टेक हो गई तो वहां अनुशासन में अगर 99% है उसमें एक कोई पर्सेंट या कुछ लोग मिस्टेक कर दिए कहीं पर तो वह एक अलग विषय था तब फिर इतनी शक्ति होती भी नहीं यहां तो 99% लोग अनुशासन का पालन करने करना ही नहीं चाहते जब तक उन पर डंडा ना चले ही इसलिए हुआ है और इसलिए ऐसा जरूरी समझा जा रहा है इसलिए ऐसा करना पड़ा यह अवेयरनेस की चीजें हम आपको जागना होगा सरकारें तो नियम कानून बनाएंगे हम चाहे दर्द भर भर के भी अनुशासन ही बने रहे शाहनगर समझने वाले ऐसा भी करते रहेंगे कितनी बनेगी कानून कितने बनेंगे बनते रहेंगे टूटते रहे नगर चीजें अच्छी हो अगर हम आओ यार हो यह शक्ति रखी रह जाएगी डब्बे की जरूरत नहीं पड़ेगी इसकी यह होना चाहिए कि हम लोगों को आज से इस वक्त से संकल्प लेना होगा कि अनुशासन के हिसाब से रोड पर अपनी गाड़ी को लेकर चले अगर चीजें नहीं है तो उसको सुधार के चक्कर पेट्रोल नहीं रहेगा तो गाड़ी कैसे चलेगी तेल नहीं रहेगा गाड़ी के अंदर नहीं हुआ तो गाड़ी कैसे चलेगी मन बनाते हैं ना चलने के लिए उसी तरह से चलने के लिए अपनी हर चीजों को अपडेट रखना चाहती तो हमने चलाने के लिए जिसके लिए सफल शक्ति कोई बहुत जरूरी चीज नहीं है कोई उसकी जरूरत नहीं है गलत है सही है यह तो बात का विश्व की जरूरत क्यों पड़ी इसलिए जरूरत पड़ी कि हम अधिकांश लोग अनुशासन में नहीं थे रोड पर गाड़ी चलाते हैं नियम को फॉलो नहीं करते हैं गाड़ी का कागज पर जो भी है कागजात वह सही नहीं रखते जैसे कैसे मनमानी मनमर्जियां करते दिक्कत है हम ही लोगों को झेलनी होती सरकार का क्या वह तो एक सिस्टम डिवेलप करती है हम लोगों के लिए हमें लोगों का पैसा है और सभी लोगों को फिर दंड भी देना पड़ता है वह तो हमारे पैसे पर काम कर रही सरकारी व्यवस्था है और हमें लोगों पर सख्ती बरती जाती क्यों इसलिए कि हम अवेयर नहीं है नियम कानून को नहीं समझते इतनी बड़ी आबादी है देश में रास्ते उसे मृत है उसी पर सब को चलना है तो कानून के हिसाब
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मेरा यह मानना है कि ट्रैफिक रूल्स जो है वह किसके लिए बनाए गए हैं कि आम लोगों में जागरूकता आए कि उसे ऐसा बोला जाता है कि ट्रैफिक रूल्स का हमने सख्त कर दिए सरकार ऐसा बोलती है कि हमने ट्रैफिक रूल्स सख्त कर दिए हैं तो उसके कारण आकस्मिक की संख्या कम होगी पूरी गलत बात है कि यह ट्रैफिक रूल्स को फॉलो नहीं करते उससे काफी सारे अकस्मात होते यह मैं मरता था कि मानता नहीं हूं क्योंकि हमारे देश में जिस तरह का ट्रैफिक है और मैं बताना चाहता हूं कि एक अनमैनेज्ड ट्रैफिक हमारे देश में कई जगहों पर तो वहां पर ट्रैफिक सिग्नल नहीं होते हैं ट्रैफिक पुलिस नहीं होते हैं तो उसका क्या दौर मैंने उसके बारे में कुछ सोचा है आइए जो ट्राफिक रूल सा नए बनाए गए सख्त बनाए गए हैं इसमें जो जुर्माना भरना पड़ता है आपको उसकी रकम काफी बढ़ाई गई है और जो पहले ₹100 में उजाला था वह उसकी जगह पर 1000 2000 5000 कर दिया है तो मेरे ख्याल से यह बात है एकदम गलत है क्योंकि आप एक बार किसी और से हजारों रुपए लोगे तो आपको क्या पता की दूसरी बार वह गलती नहीं करेगा और आपको लाना है लाना है कुछ उसमें कुछ बदलाव लाना है तो मैं बताना चाहता हूं कि डॉर्मेंट को उसके बारे में थोड़ी जागरूकता फैलाने पड़ेगी क्योंकि आप लोगों पर सीधे एक ट्रैफिक रूल लगा दोगे और शक्ति के कदम लोगे तो लोग सामने आपको जवाब देंगे वह मेरे ख्याल से गवर्नमेंट को यह नहीं करना चाहिए पर पहले आ गवर्नमेंट को लोगों में जागरूकता लाने की कोशिश करनी चाहिए जिसके कारण लोगों में अगर थोड़ी भी जागरूकता आएगी उनको लगेगा कि हां मेरे लिए यह सही है मुझे नहीं करना चाहिए अगर रेड सिग्नल है तो मुझे वहां पर रुकना ही है चाहे कुछ भी हो जाए चाहे कितने सेकेंड बाकियों मुझे रुकना ही है वहां पर तो गड़ा की लोगों में एक अवेयरनेस आएगी तू ही मेरे ख्याल से ऐसा लगता है कि ट्रैफिक रूल्स लोग लोग होंगे वह फॉलो करेंगे आवरणा गवर्नमेंट अगर शक्ति करेगी तो सामने जवाब में लोग भी उतने ही साथ हो जाएंगे और गवर्नमेंट को पहले यह सोचना चाहिए कि हम लोगों को अच्छे रास्ते दे पा रहे हैं हम लोगों को अच्छी सुविधा दे पा रहे हैं तभी जाकर गवर्नमेंट को हक बनता है कि लोगों पर इस तरह के आज तक ट्रैफिक रूल्स लगा दे रही है वह पर्याप्त मात्रा में है क्या नहीं वह सरकार को देखना चाहिए ना कि यह आरजू बना की रकम बढ़ाने से लोगों में जागरुकता आएगी और लोग यह ट्रैफिक रूल्स फॉलो करें कि मुझे लगता कि यह सही कदम है और सरकार को पहले खुद सोचना चाहिए कि वह कितना दे पा रही है लोगों को और सामने आ लोगों की भी मैं एक बात पता चला कि लोगों की भी मीटिंग होती है कि हम भी अपना शरीर है अपना बॉडी है तो क्यों हम उनको अकस्मात में दवा दे या फिर हम जागृत हो और लोग भी सतर्क होने चाहिए अपने खुद के प्रति तू ही मेरे ख्याल से यह कुछ अच्छा हो सकता है और इसके कारण ही ट्रैफिक रूल्स तक जाने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी
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देखिए एक तरह से देखा जाए तो यह बहुत ही सही कदम है क्योंकि जब तक ट्रैफिक रूल्स हम फॉलो नहीं करेंगे तब तक जो एक डर का माहौल है सड़क पर जो अकस्मात होते हैं दुर्घटनाएं होती है उसके लिए वह बना रहेगा ट्रैफिक रूल्स इसीलिए बने गए बनाए गए हैं ताकि कम से कम दुर्घटनाएं हो और कभी भी जान हानि ना हो तो ट्राफिक रूल्स कोई ऐसा नहीं है कि उसको अगर फॉलो करेंगे तो हम गाड़ी चला ही नहीं पाएंगे इतना हक भी नहीं है लेकिन हम एक आदत सी हो गई है कि जब मन चाहे हम ट्रेफिक रूट्स को तोड़ देते हैं ना तो हेलमेट पहन लेंगे ना तो अपनी साइड में गाड़ी चलाएंगे ना कोई जो स्पीड लिमिट है उसको फॉलो करेंगे और भी कई सारी चीजें है जिसको हम नजरअंदाज करके ही ड्राइविंग करते हैं तो यह ट्रैफिक रूल्स पर जब शक्ति बढ़ेगी यह तोड़ने पर अगर जो उसके तोड़ने पर जो हमें दंड मिलता है उसको बढ़ाया जाएगा यानी कि 100 200 500 की जगह पर 5000 10000 हो जाएगा तो यह बहुत ही कठिन हो जाएगा लोगों के लिए इन रूल्स को तोड़ना क्योंकि अब तक आप बच्चों को गाड़ी दे देते थे कि चलो ठीक है पकड़ा गया तो ₹200 सो ₹200 देकर छूट जाएंगे लेकिन अगर अब ₹5000 या ₹10000 दंड है लाइसेंस के बिना नेट चलाने के तो फिर कोई भी मां बाप अपने 18 साल से कम वाले यानी कि जिनके पास लाइसेंस नहीं है ऐसे बच्चों को यह लोगों को अपना भी कल कभी नहीं देंगे तो इससे देखी आप कितनी कितनी सावधानी यह बढ़ती जाएगी और कितनी हद तक यह समस्या है जो अकस्मात जीएम बच्चे कर देते हैं कई बार और रोक बच्चों की जान भी जाती है तो बहुत शोर हो जाएगा बहुत हद तक यह सब तो यह मुझे तो लगता है कि बहुत सही कदम है कोई कोई चीज है इसमें गलत है यानी कि अगर आपको सिटी में हेलमेट पहना है तो उसके लिए कुछ रूल्स में थोड़ी सी आपको छूट देनी चाहिए क्योंकि सिटी में लोग इतने इतने थोड़े-थोड़े डिस्टेंस पर आवाजाही करते रहते हैं तो फिर इसमें थोड़ी छूट मिल जाए तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जो हाइवे पर हेलमेट है वह तो बहुत ही सरल यानी कि एकदम मस्त होना चाहिए ठीक है और ज्यादातर मैं सोचता हूं कि 80% मेरा मानना है कि यह बहुत सही कदम उठाया गया है लोगों की सेफ्टी के लिए
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ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के कारण ही एक्सीडेंट बहुत ज्यादा होते हैं और जाम की समस्या भी ज्यादा होती है तो जाम से भी छुटकारा मिले और दुर्घटनाएं भी कम गठित हो इसके लिए शक्ति बढ़ाने अच्छी बात है हालांकि फिलहाल जितना ज्यादा फाइन लगाया गया है उतना ज्यादा फाइन उचित है नहीं नियमों की कड़ाई से पालन करवाया जाए यह ज्यादा जरूरी है फाइन बढ़ा देना समस्या का समाधान नहीं है और ज्यादा फाइन बढ़ने से समस्याएं सुलझी नहीं है बल्कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है जैसे किसी गलती के लिए अगर आपको 25000 फाइन किया जाता है तो अब 500 ₹1000 देकर छूटने में ही अपनी भलाई समझेंगे तो अगला इंसान भी 500 1000 की लालच में आपको छोड़ देगा भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है फाइन को कम करना चाहिए शक्ति जरूर करानी चाहिए धन्यवाद
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देखी मुझे ऐसा लगता है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने पर शक की जो बड़ी है वह दोनों ही पक्षों के लिए ठीक है इसलिए ठीक है क्योंकि ट्रैफिक नियम का पालन लोग नहीं करते आ रहे हैं आ हमारी यह हैबिट है पालन नहीं करना और अगर इसके लिए कुछ ऐसा कदम उठाया जाए जिस वक्त है तो मुझे लगता है कि शायद लोग पालन करेंगे क्योंकि यह चीज है पेट में डालनी चाहिए हम ही वह लोग हैं जो विदेश में जाकर ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करते हैं हम ही वह लोग हैं जो विदेश में जाकर सिंघम नहीं खाते हैं ताकि फाइन ना भरना पड़ जाए हम ही वह लोग हैं जो विदेश में जाकर शौचालय में जाकर ही टॉयलेट करते हैं खुले में सड़क में कोई विरोध नहीं करते हम ही वह लोग हैं जो वहां पर बाइक भी अच्छे से चलाते हैं अपने देश में और अपने देश में आकर और ट्रैफिक लाइट को फॉलो नहीं करते कोई नियम है जो हमें सच में उस जगह पहुंचा सकता है हमारे ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करने की संख्या को बढ़ा देता है एंबुलेंस पहुंचने के लिए अगर एक अच्छा तरीका निकाल देता है तो उसमें कोई बुराई नहीं है हां स्पाइन थोड़ा ज्यादा है तो मुझे लगता है कि कभी अगर कोई व्यक्ति गलती से ट्रैफिक पार्क कर दे तो उसके लिए सच में बहुत बड़ी परेशानी क्यों की नियमावली में पैसे या फाइन इतना ज्यादा कर दिया गया है कि अब आपके पास गलती करने की गुंजाइश ही नहीं है अगर आप लेट होते हैं ऑफिस के लिए कभी और आपने उसके लिए ट्रैफिक सूट तोड़ा तो शायद आप के महीने भर की सैलरी जो है आपको देनी पड़ सकती है तो इसलिए अब आपको एक्स्ट्रा क्वेश्चन रखना पड़ेगा ट्रैफिक रूल तो दोनों ही तरफ से एक तरफ जहां भी ठीक है कि पैसे बड़े हैं तो हो सकता है लोग पालन करें तो मैं थोड़ा साइकिल हूं आपकी विचार में जाना था तो आप बताइए क्या होना चाहिए कमेंट बॉक्स में धन्यवाद
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जी हां अगर सोचा जाए तो एक हद तक यह बहुत सही है सराहनीय कदम है पर जिस प्रकार से चालान की राशि बढ़ाई गई है यह उपयुक्त नहीं है बहुत ज्यादा है और इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है हालांकि वह नियमों का पालन करना सीख रहे हैं पर डायरेक्ट किसी को डराकर अगर कोई काम किया जाए तो उतना सफल नहीं होता जिसको प्रेरणा देकर अगर किया जाए तो अगर आप डरा कर उनको करना चाह रहे हैं तो ठीक है मगर यह जो चालान की राशि है वह थोड़ी कम होनी चाहिए बहुत ज्यादा चालान की राशि रखी गई है जो कि आम आदमी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकता ना उसको पी कर सकता है उसकी पूरी कमाई उसी में चली जाती है तो चालान की राशि को बिल्कुल कम होना चाहिए बाकी मैं उसको कहूंगा कि हां एक सराहनीय कदम है इससे लोगों में एक ऐसी आपने उत्पन्न हो यह क्यों नियमों का पालन करने लगे हैं और कोई भी नियम तोड़ने से पहले सोचने लगे हैं तो यह बहुत ही अच्छा कदम है धन्यवाद
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जी बहुत-बहुत नमस्कार मेरा नाम संजीत सोनू है मैं एक यूट्यूब पर हु आर यू ट्यूब में शहडोल डायरी के नाम से मेरा एक चैनल चलता है वह कल में भी मैं शहडोल हरीश के नाम से आप सभी के सामने मत मानना ट्रैफिक रूल्स आप अपने लिए बानो आप अपनी सेफ्टी के लिए हेलमेट पहन लो आप पर कोई शक ना करें आपकी गाड़ी की नॉर्मल तरीके से जांच ना उसके लिए आप गाड़ी के कागज रखो भगवान ना करे कभी ऐसा कुछ हो कि आप कभी एक्सीडेंट हो जाए या फिर आपकी गाड़ी चोरी चली जाए या फिर कुछ एक्सीडेंट में क्षतिग्रस्त हो जाए तो उसे ट्यूशन से बचने के लिए आप इंश्योरेंस करा कर रखें कि आपकी गाड़ी तो कुछ हानि होती है तो आपको मॉनेटरी क्लास नहीं होगा तो आपको सिचुएशन के लिए इंश्योरेंस करा लीजिए आपकी गाड़ी पूरी तरीके से वैलिड है उसके लिए आपका गज रख लीजिए आप सीना तान के रोड पर चले ना आपको कोई कुछ नहीं कोई कुछ भी नहीं बोलेगा हेलमेट आपने अपनी सेफ्टी के लिए पहना इंश्योरेंस अपने-अपने सेफ्टी के लिए रखा है गाड़ी के कागज आपने अपनी सहूलियत के लिए रखा है कोई भी रोके आप सीधा बोलिए ना भाई मेरे पास तब है दिखाऊं क्या दिखाओ दिखा कर आगे बढ़ जाओ शक्ति उसमें शक्ति पर एक रुपए की है साहब आप समझ जाओ बहुत अच्छी बात है अगर भाई समझाया तो जाहिर है गवर्नमेंट की तरफ से क्या है अभी कुछ ऐसा मुद्दा उठाती भाई रोडे सही नहीं है और यह है वह है तब रोडे तो देखे पहले भी नहीं थी फिर कुछ हो गई और अब कुछ नहीं है आगे हो सकता है वह भी सही हो जाए और बिगड़ भी जाए अल्टीमेटली तो उसी हां यह है कि ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी करना इन लॉजिकल अरगुमेंट्स में पुलिस वालों से भी आपके लिए ही प्रॉब्लम क्रिएट कर रही है सारी चीज है तो बेटर है कि आप सारे नियम कानून मानते हुए कागजात वगैरह लेकर चले हेलमेट लगा ले और भी सेफ्टी गियर होते अगर आपको पहन कर चलेंगे तो और भी अच्छा है लेकिन रूल्स रेगुलेशन फॉलो करें एम्प्लीमेंट हुआ है कुछ राज्यों में नहीं भी हुआ है जैसे कि हमारे मध्य प्रदेश में भी नहीं हुआ है लेकिन फिर भी हम लोग फॉलो करते हैं पर्सनली में हेलमेट वगैरा लगा कर चलता हूं और गाड़ी के कागज वगैरह मेरे पास है और फोन में भी आजकल सुविधा आ गई है आपको जी फोन में भी कर ले तारी कागज की जो की कॉपी है वह संबंधित डिपार्टमेंट से करवाकर और आप फोन में भी रख सकते हैं आप फोन में भी दिखाइए कोई दिक्कत नहीं है तो अरुण जाने के लिए शान है मारना है तो अच्छी बात है नहीं तो बेकार के विवाद में पढ़कर आपका इंटरनल खराब करके कुछ मतलब नहीं है थोड़ी-थोड़ी चीजें मान लेंगे अपने आप कितनी जगह लगती है उसके लिए गाड़ी रखे रहिए और कहीं भी जा सकते हो मेरी बातें आपको समझ में आ गई होगी और यह शक्ति वाली बात नहीं है समाजवादी बात है और इसके अलावा भी अगर कोई शंका सवाल या फिर कंफ्यूजन हो तो जरुर बताएं मैं उसको भी दूर करूंगा बहुत-बहुत धन्यवाद
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हेलो फ्रेंड सब में क्वेश्चन किया ट्रैफिक रूल तोड़ने पर सस्ती घड़ी चाहिए सही है तो क्वेश्चन आपने बहुत गलत किया है यह बात सही है कि ट्रैफिक रूल संघे शक्ति से पेश किए जा रहे हैं उसे कड़ाई से पालन किया जा रहा है जिससे किया आम नागरिक को ट्रैफिक में कोई प्रॉब्लम ना हो और जिस के लाइसेंस बैग हैं वही गाड़ी चलाएं और ट्रैफिक नियमों का पालन करें ना कि जिनके पास लाइसेंस धारी नहीं है वह भी गाड़ी चलाएं और ट्रैफिक प्रॉब्लम में डालने जरूर सुने हैं ट्रैफिक के लिए उन नियमों का हम सभी नागरिकों को पालन करना चाहिए
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विकी ट्रैफिक रूल तोड़ने पर जो है गवर्नमेंट ने सके बढ़ा दी है क्या यह कदम सही आप यह सवाल है तो मैं हूं कि यह कदम बिल्कुल सही है सरकार का क्योंकि इससे जुड़े लोगों में एक तू चाहिए समझ जाएगी कि भाई आगरा में ट्रैफिक रूल का चालान जमा कर ट्रैफिक रूल तोड़ते हैं तो हमें बहुत भारी चला देना पड़ता है पहले क्या होता कि शायद पांच सो ₹1000 तक के चैनल अतिथि चिलुकुरी क्या मुकुट करते हैं लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाकर 1000 10000 5000 नियमों के अनुसार कर दिया है यह बहुत भारी है भारी है मैं किसी भी व्यक्ति के लिए खासकर अगर मेरी क्लॉक का बेटी है उसके लिए बहुत भारी है उससे इतने उसकी जी पर बहुत बड़ा असर पड़ सकता है तो वह सिटी वक्त जरूर कल आ जाएगी क्या में जो है आज नियम नहीं धोने चाहिए हमें आप सब कुछ है बिल्कुल आप नियमों के अनुसार करना चाहिए और यहां पर चेतावनी भी जो है लोगों को देना चाहती की क्या प्रतिक्रिया में का पालन कीजिए नहीं तो आपको मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है सरकार का बिल्कुल सही कदम है और मुझे लगता कि लोगों को से आज तक मुझे फिर से करना चाहिए इससे जो लोग हैं जो नियमों को पालन नहीं करते और आर्ट इंस्टिट्यूट को हल्के में लेते हैं उनमें कमी आएगी और शायद उन्हें समझ आएगी कि भाई और ट्रस्ट ग्रुप को अगर फॉलो करें अर्जेंट भेजो है उसने भी जो है कमी आ सकती है तो कुछ समय तक हमें इंतजार करना पड़ेगा और उसके बाद मैं किस्तों की कसम बिल्कुल सही है लेकिन अभी भी मैं क्योंकि 2 महीने बिल्कुल सही स्टेप गया है
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बिल्कुल सही कदम है बिल्कुल सही आप चाहे जहां किसी भी देश में चले जाइए ट्रैफिक मुर्गी कितने तक नहीं सकते हैं कि आप बिना सीट बेल्ट लगाया कि जाएंगे सब कैंसिल हो जाता है आपका लाइसेंस कैंसिल तुरंत चलाएंगे आप ही तो ट्रैफिक रूल बनाए गए बढ़िया-बढ़िया 4 साल 5 साल 10 साल की दवाई विचार मेरा यही है कि जो किया है बिल्कुल सही किया चाहे जिस की सरकार होती होती होती होती किसी की भी होती मेरे कोई फर्क नहीं पड़ा लेकिन यह कदम बहुत अच्छा था सच में थोड़ा सुधार होगा हमारे लोगों की सुबह में जो हुआ है हम लोगों की ही हुआ है इससे हमारा कोई लॉस्ट तो है नहीं धन के अलावा है और धन जा रहा है तो उसमें तो अच्छी बात है हमारी कि हमारी भलाई के लिए मम्मी कहती हैं अगर तुमने खाना नहीं खाया ना तो ₹5 कम से ले लूंगी ठीक है या गलत कहा अगर तुम छत से कूदे ना तुमसे ₹1000 लूंगी क्या गलत का तुमको भी नहीं तुम बच भी जाओगे अभी तो बचेंगे हेलमेट नहीं लगाए ₹10000 जुर्माना ₹50000
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आपका सवाल है कि ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर शक्ति बढ़ी क्या यह सही कदम है तो यह बहुत सही है क्योंकि इससे इंसान की शक्ति के लिए पर किया गया है आपको हेलमेट लगाकर चलोगे तो एक्सीडेंट दुर्घटना में आपका कुछ अलग ज्यादा नुकसान नहीं होगा और जो भी सारे और उसे जो भी कार्य नहीं है मैं वह जनता के लिए इजाजत के लिए क्या-क्या है लेकिन अगर हम इसमें अगर देखें तो अगर माली जी आपके घर पर कोई नहीं है कोई व्यक्ति है कोई औरत अपने घर पर है उसे घर पर कोई नहीं है और कोई बाहर का लड़का आता है जिसके पास जो चोर कपड़े पहने हैं उसके पास नहीं जूते हैं और नहीं कल मैच है और औरत बहुत ज्यादा बीमार है औरत को ज्यादा बीमार है उसे तो 5 मिनट के अंदर ही उसे हॉस्पिटल पहुंचा नहीं है ठीक है लड़का हेलमेट हेलमेट जूते नहीं हो जाएगा वह क्या करेगा उसे एक चाबी चाहिए और बाइक चाहिए जो कि करते हैं वह चाबी और बाइक लेकर उस औरत को तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाएगा तू हॉस्पिटल में लेकर जाने का दौरा देखो लड़का पकड़ा जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी ट्रैफिक रूल तोड़ने के नियम के तहत वेल्मेट हो सके लाइसेंस को सके हेलमेट और लाइसेंस जूते और 17 के जिले में उस औरत की जान जा सकती है सही तो है सही तो नंबर शिखंडी प्रसन्न चाहिए परफेक्ट बट इसके भी इसके कुछ एडवांटेक्स भी है तू मेरे ख्याल से तो यह सही है लेकिन इसके गुण होने चाहिए कि वह उसकी वजह वजह को देखकर भी उसमें छोड़ देनी चाहिए जैसे चरित्रों को छोड़ता है तो उसकी वजह क्या है अगर कोई गहरी होता है जिसे मैंने वह सैंपल दिया था इमरजेंसी का तो सही बताया तो सिर्फ लड़के में कोई क्या-क्या चीज नहीं होनी चाहिए आगरा से कोई जाता है तो उसके लिए एकदम सही है उसके लिए जो कार्रवाई बनाई गई है वह बिल्कुल होना चाहिए
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