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उनके लिए तो पहले तो चिंता को नेगेटिव ग्रुप में देखना नहीं है जो भी समस्या आ रही हैं उसको पोस्ट इस ग्रुप में देखना है कि मुझे जो कुछ नहीं हुआ है वह मेरे लिए अच्छे हो रहा है अगर अब जैसे किसी तरह की समस्या अगर आ गई है इस समस्या को समस्या के रूप में नहीं देखना है देखना है कि यह मेरे लिए अच्छे के लिए हो रहा है मैं कैसे इसको आगे तरफ से दीजिए
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इंसान मात्र की एकता टंडन की है कि वह जब भी खाली रहता है वह या तो अपने पास के बारे में भूतकाल के बारे में अपने भविष्य के बारे में सोचता रहता है हम भूतकाल के बारे में कुछ ज्यादा सोच कर के हम एक भी एक रत्ती भी अंतर नहीं ला सकते हैं जो बीत गया सो बीत गया लेकिन हम वहां जाकर के कुछ ज्यादा परेशान हो जाते हैं उदास हो जाते हैं हमें गुस्सा आता है हमें ग्लानि होती है और लेट करते हैं यह सारी चीजें होती हैं अगर हम साथ में जाते हैं तो हम बेवजह बेतूल हम कुछ भी बदल नहीं पाते हैं उसके बावजूद भी अपने आप को साथ में भूत में खूब दादा हम सोचते रहते हैं जानते रहते हैं समझते रहते हैं और उसी तरह से ज्यादा पास में नहीं हो तो हम टीचर के बारे में सोचते हैं और क्या चिंतित हो जाते हैं हम थैंक यू सो जाते हैं हमें डर लगने लगता उस तरह की चीजें होने लगती है जितना ज्यादा हमारे जीवन में जितनी ज्यादा हम इन डेफिनेट में थे आंसर की मीटिंग है जितना ज्यादा हम दुविधा में रहते हैं हम कुछ एक शक्स की तरफ नहीं बढ़ पाते हैं उतना ज्यादा इसमें हम खा कर चले जाते हैं और यह सब इन सब चीजों से दूर रहने के लिए बहुत अच्छा तरीका है उसको माइंडफुल युग कहा जाता है तो माइंडफूलनेस हम अपने आप को प्रेग्नेंट में ही रख सकते हैं और प्रेजेंट में ही उद्देश्य बढ़ते बढ़ते हम जीवन में अपने मकानों को तार सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं
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चिंता बढ़ी अभागिनी चिंता चिता समान चिंता से चतुराई घटे घटे रूप गुण और ज्ञान आपको छोटी-छोटी बातों में अगर चिंता होती है तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि ईद चिंता का आपका स्वभाव बन गया है और उसको लेकर जब भी आप जीवित रहते हो या उसके साथ जीवन जीना पसंद करते हो तब दुख होना स्वाभाविक है तो क्या चिंता नहीं होनी चाहिए चिंता हो सकती है क्योंकि हम मनुष्य है कोई भी बात को लेकर जब भी आपको चिंता होती है तो आप एक काम कर सकते हैं कि सबसे पहले इसका स्वीकार करें कि मुझे चिंता हो रही है फिर अपने आप को 2 सवाल पूछे कि इस चिंता के लिए क्या मैं कुछ एक्शन ले सकता हूं अगर आपके हाथ में ही नहीं है तो उसके लिए चिंता क्यों करें और अगर ऐसा लगता है कि हां मैं एक्शन ले सकता हूं तो एक्शन लीजिए उसके लिए चिंता करने की क्या जरूरत है तो कुल मिलाकर आप जिस भी चीज को लेकर चिंता करते हैं उसके लिए चिंता करना मुनासिब नहीं है आपके लिए नुकसान कारक है थैंक यू
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लेकिन सवाल में यह है कि बात छोटी से और उसके बहुत चिंता होती है जब आज छुट्टी है तो उसकी चिंता करने की क्या जरूरत है मतलब क्या है उसके ऊपर चढ़कर गिरना विचार करना उसके बारे में सोचते रहना किस के बारे में सोचते हैं हम वर्तमान में रहकर पास के बारे में सोचते हैं हम वर्तमान में रहकर फ्यूचर के बारे में सोचते हैं चिंता की बजाय इसके कि जो मुझे अभी करना है उस पर आप ध्यान देकर इधर-उधर या तो पीछे आगे के बारे में सोचते रहते हैं यह स्वाभाविक है आप सोच सकते ऐसा हो सकता है ऐसा नहीं है कि आपने अपने अपने मन को बोल दिया कि मुझे नहीं सोचना और वह आंख्या लिए सोच नहीं आएगी नहीं ऐसा नहीं होता तो आपको क्या करना है जो हो चुका उस पर ज्यादा कुछ कर नहीं सकते अगर उसको सुधारने के लिए अभी आपके पास मौका है तो उसकी उससे सीख लीजिए उस को सुधारें और आगे बढ़िए बजाय इसके कि आप उस पर चिंतन करते रहे दूसरा ही फ्यूचर को लेकर स्वास्थ्य चिंता करने की जरूरत नहीं है अगर आपको लगता है कि पीछे में ही आगे चलकर ऐसा कुछ होने वाला है और उसकी तैयारी आपको करनी है या उसके लिए कुछ कुछ अपने अंदर परिवर्तन कन्हैया जो भी कुछ करना है तो कीजिए चिंता मत कीजिए आप को काम कीजिए एक्शन कीजिए फालतू में उसके बारे में सोचने की जरूरत नहीं है हम सोचते क्या हैं हम कौन सीक्वेंस के बारे में सोचते हैं हम रिजल्ट का परिणाम के बारे में सोचते हैं तो उसको यू को उसके बारे में सोचने की जरूरत नहीं है उससे मुक्ति पाने के लिए आपको अपना फोकस अटेंशन आज वर्तमान में उस काम पर या अलग-अलग चीजों पर डालना पड़ेगा जो आपको लगता है कि उस समय पर सही है आपके लिए आप वह करिए जब आपका ध्यान बैठेगा तो आपकी चिंता कम होगी खत्म हो जाएगी तो बजाय इसके कि हम आगे का या पीछे का सोचे ध्यान केंद्रित कैसे आज पर अभी पद पर कि अभी आप क्या कर रहे हैं अभी आपको क्या करना है
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संपूर्ण रूप में देख होता है कि वह बहुत ही बड़ा क्यों होता है मैं अपनी वर्तमान कार्य की संख्या कैसे करोगी तो बहुत ही ज्यादा बड़ी है समय का अपने समय का यह हमारी अधूरी पोर्टल उपलब्ध है अगर मुंशी तरफ से माननीय प्रबंधन करें हर किसी को दिन के 24 घंटे में कितने घंटे होते हैं कि आपको रिक्वेस्ट में आप अपने लिए जो इलाज करने का जो समय निकालकर चीजों को थोड़ा सा प्लान देने थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा करके कंप्लीट धीरे-धीरे उसे छोटी छोटी छोटी तोप बनाने का तरीका हम लोग इतने व्यस्त हैं कि हम लोगों से बात करने का मौका नहीं दिखता कैसा होता है कि हम कभी कभी उनसे कहीं ना कहीं कनेक्ट हो जाते हैं ठीक है बड़ा ही भोला के अलावा के टेलीफोन के भी मैसेज के और व्हाट्सएप के जमाने में सामने बात करना थोड़ा सा अजीब लगता है कि आप एक बड़ा बदलाव
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नमस्कार आपका प्रश्न है मुझे हर छोटी बात को लेकर चिंता होती है मैं क्या करेगी किसी किसी का स्वभाव होता है कि बिना कारण ही चिंता करते हैं परंतु आपके चिंता करने से होना कुछ भी नहीं है और चिंता करने से आपको और कार्य करने की अपेक्षा अपने स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकते हैं कि की जरूरत से ज्यादा चिंता आपको नुकसान दे सकती है हो ना वही है जो होना है आप उसको टाल नहीं सकते इसलिए बेहतर यह होगा कि आप किसी भी चीज की चिंता करने के बजाय उसको सुधारने के रूप में परिवर्तन करने के लिए प्रयास तो कर सकते हैं परंतु चिंता करके सिर्फ और सिर्फ अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए ऐसा ना करें बल्कि उसके बेहतर के लिए कोई ना कोई प्रयास और उपाय धन्यवाद आपका दिन शुभ हो
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मुझे हर छोटी बात को लेकर बहुत चिंता होती है मैं क्या करूं लेकिन दोस्तों कभी घम छोटा-मोटा चिंता होना होना चुड़ैल है ठीक है उसमें कोई इतना के जीवन पर प्रभाव पड़ने वाला तो हुआ के लिए एक मुश्किल है इसलिए दोस्तों चिंता कीजिए लेकिन चिंता उतना ही जितना करना चाहिए शुरू कर दीजिए जिसके बारे में सोचते हैं क्या कभी ऐसा हुआ है कि आप इतना सोचा इतना सोचा डिप्रेशन पर आ गया खाना पीना सब कुछ छोड़ दिया और उसके बाद अपने आप को प्रॉब्लम का सलूशन में क्या ऐसा कभी हुआ है जी बिल्कुल नहीं होते तो इसलिए ज्यादा सोचना गलत है उतना ही सोचे जितना आपको जरूरत है एक कलाई अगर उस कला को अब हासिल कर लेते हैं अगर उस कला पर आप काम कर लेते हैं कि मैं ऐसे मुझे सोचना पड़ेगा जहां से मुझे एक सलूशन निकल अम्ल फिक्सेशन आपको निकालना जरूरी होता है जो भी समस्या है नहीं अब क्या होंगे स्किल्ड पर्सन कहलाएंगे एंड क्वेश्चन ठीक है तो आप अपना एटीट्यूड सही कीजिए पॉजिटिव कीजिए डरिए मत कुछ होने वाला नहीं है बिल्कुल सिंपल तरीके से सोचिए बिल्कुल सीधी साधी लाइफ स्पैन करना सीखे ठीक है ज्यादा बाबू भी मत होइए ऐसा कुछ नहीं होगा बस अब अपना फोकस अपना तो क्लियर है आपका जो जीवन का मकसद है उनको अब
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आपका प्रश्न है मुझे हर छोटी बात को लेकर बहुत चिंता होती है मैं क्या करूं सिंपल चीज है हर छोटी बात को लेकर आपको चिंता होती है तो वह चिंता को दूर करिए चिंता को दूर करने के लिए आप खुद को खुद को कॉन्फिडेंस बनाइए यह आत्मविश्वास से भरपूर बनाई है उसके लिए हर रोज सुबह मेडिटेशन करिए योगा परायण करी एक्सरसाइज करिए वह माफ करिए अच्छा रहेगा जब आपने खुद में आत्मविश्वास बढ़ेगा तो आपकी चिंता ही कम होगी और आपको हर प्रॉब्लम का सलूशन मिल जाएगा और आप अपनी फैमिली फ्रेंड सब की हेल्प करें शुभ हो धन्यवाद गुड लक एंड टेक केयर
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उनको first-principles पीना चाहिए या उसको पूछना चाहिए कितने दिन उसके साथ जाना चाहिए और अनुकूल तो फिर कब जाना चाहिए नहीं
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आपका सवाल है कि आपको हर छोटी-छोटी बातों पर बहुत चिंता हो जाती है तो उसके लिए आप क्या करें तू अगर बात छोटी छोटी चीजों पर ही अगर आप सोचना विचार कर लेंगे तो बड़ी बातें आएगी तो आप ज्यादा परेशान हो जाएंगे यह समझना जरूरी है कि बात तो छुट्टी होती है बट हम अपने माइंड में सोच सोच कर को बड़ा कर देते तो हमें उतना ही सूचना है जितना जरूरी है छोटी बात आई है छोटी प्रॉब्लम है प्रॉब्लम में कुछ ऐसा नहीं है क्या आपको बहुत विचार करने की जरूरत है तो उसी समय तुरंत उसका निर्णय करके उसको डिसीजन देकर खत्म करें ज्यादा हम उसको माइंड में रखते हैं ज्यादा हम सोचते तो वह बड़ी बात बन जाती है और प्रॉब्लम बहुत बड़ी दिखती है जो हो रहा है जिस समय जो कर रहे हैं उस पर अटेंशन रखें अगर रहे आसपास के वातावरण से तो आपको छोटी-छोटी बातों पर कभी विचार सागर मंथन नहीं करना पड़ेगा और आपको तकलीफ भी नहीं नहीं होगी आप सब कुछ तो है आसानी से कर लेंगे सारी प्रॉब्लम्स को आप ओवरकम कर लेंगे और आप एक हैप्पी हेल्दी लाइफ जी सकते हैं धन्यवाद
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एक सही बात बोलूं तो आपको छोटी-छोटी बातों में जो कोई भी बहुत ज्यादा चिंता होने लगती है या टेंशन होने लगता है मिंस कि आप ज्यादा सोचते हैं ज्यादा सोचते हैं मैं आपके पास कोई विजन या कोई ऐसी बैकअप प्लान नहीं है आपकी गोल्स के आपकी भजन के आपके मिशन की कोई ऐसी बैकअप प्लांस नहीं है जिसकी वजह से आप चिंता करे क्योंकि आपको पता है कि आगे जाकर कोई रिस्क है आपको पता है कि उस जिसमें मुझे यह रिस्क है वह होगा वह होगा हम जैसा सोचते हैं उस चीज को या बाकी करते नहीं 19 स्टार्ट कर दीजिए उस चीज को कि हां मुझे कल नहीं जो होगा सो होगा और मुझे जो चाहिए वह में बांके रहूंगा एक मिशन और एक गोल होगा तो आप कभी भी ना नहीं सोचेंगे आपको यह टेंशन फ्री हो जाएगा और आपको जो चीज चाहिए वह जो आप कोशिश करनी है उसी चीज में पूरा मन लगाकर काम करेंगे जैसे कि आपको आर्टिस्ट मैंने आपको प्रिंटेड बनाए लगातार पेंटिंग्स मना रहे हैं ना कि किसी का रिसर्च के मुताबिक आप बनाओगे तो आप ज्यादा जल्दी सक्सेस की तरफ दौड़ के तरफ आंखों के बिना रिचार्ज के आपको जो पसंद है वही करें और लोगों का फीडबैक अच्छा नहीं आ रहा है तब भी आप बनाया जा रहा हूं बनाए जा रहे और आखिर तक आप कुछ ज्यादा सैक्रिफाइस करके आप कभी भी सक्सेस होने वाले रिसर्च करके भी आप सक्सेस होने वाले हैं उसमें थोड़ा टाइम लगेगा और इसमें थोड़ा टाइम नहीं लगेगा रिचार्ज वाले प्लान में तो आपको चिंता छोड़ देनी चाहिए आपको जो चाहिए वह चाहिए ही चाहिए रखिए तुझे चिंता छोड़ दीजिए
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शादी की चिंता करना चाहिए ऐसा भी नहीं है कि चिंता बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए और जरूरत से ज्यादा भी करना चाहिए क्योंकि किसी भी चीज का अति जो होता है वह नुकसानदेह होता है तो जैसे आपको आपका फ्यूचर है तो वह आपकी फीचर क्या को चिंता होनी चाहिए नहीं तो आप पूछ कर ले जो है मैं मेहनत नहीं करेंगे और उस को सीरियसली नहीं लेंगे और अर्थव्यवस्था और चिंता कान्हा छोटी-छोटी चीजों के लिए कहां पर है आज पानी नहीं आया है आज बिजली चला गया है आज गाड़ी नहीं मिल रही है आज बस नहीं मिला आज टीचर ने स्कूल में डाल दिया याद पहुंचने डाल दिया तो पता नहीं करनी चाहिए उसे भी हमारे दिमाग पर जो है वो असर पड़ता है और दशहरा हमको फील होता है तो हर चीज जो है एक लिमिट में करना चाहिए वैसे चिंता जो है वह फालतू की चिंता नहीं करनी चाहिए और भेजो जितेन की चिंता होनी चाहिए उसमें करना चाहिए
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